निबंध लेखन का तरीका UPSC

निबंध लेखन का तरीका UPSC

समझे निबंध की भूमिका 

-देश की शीर्ष सिविल सेवा मुख्य परीक्षा हो राज्य की सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में हो अथवा समय-समय पर संपन्न होने वाली अन्य महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाएं सभी में निबंध के प्रश्न पत्र को प्रमुखता से शामिल किया जाता है। ऐसा अकारण नहीं है इसके पीछे एक ठोस वजह है । निबंध लेखन का तरीका UPSC

निबंध लिखित परीक्षा का वह माध्यम है जिसके द्वारा साक्षात्कार से पूर्व ना सिर्फ आपके मस्तिष्क का बारीक परीक्षण कर लिया जाता है बल्कि आपके व्यक्तित्व से जुड़े विभिन्न पहलुओं  तथा चुने गए विषय पर आपका नजरिया और पकड़ आपके व्यवहारिक ज्ञान समझ चिंतन की गहराई और अभिव्यक्ति की विषमता वह सलीके का भी आकलन निरीक्षक द्वारा कर लिया जाता है । निबंध की महत्ता को देखते हुए यह आवश्यक है कि परीक्षार्थी भली-भांति समझे कि प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है । निबंध लेखन का तरीका UPSC

प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध की भूमिका को रेखांकित करने से पूर्व आपको यह अवगत कराना आवश्यक है कि निबंध है क्या हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण विधा के रूप में निबंध को स्थान दिया गया है हिंदी साहित्य में निबंध को उस मालिक और विचार पूर्ण रचना के रूप में रेखांकित किया गया है जिसमें आपकी निजता मौलिकता और व्यक्तित्व की झलक साफ दिखाई दे मौलिकता निजी पन और लेखन की कसावट निबंध की विशेषताएं मानी गई है ।अंग्रेजी में निबंध को ऐसे कहा जाता है जिसका शाब्दिक अर्थ प्रयास या कोशिश है इस आधार पर यह भी कहा जा सकता है कि अच्छा लिखने का प्रयास निबंध है। निबंध लेखन का तरीका UPSC

प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध की महत्वपूर्ण भूमिका को इसी से समझा जा सकता है कि प्रार्थी की सफलता में निबंध में प्राप्त किए गए अंको का निर्णय योगदान होता है अब आप देश की शीर्ष सिविल सेवा परीक्षा को ही ले वर्ष 1988 में गठित सतीश चंद्र कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर वर्ष 1993 में सर्वप्रथम सिविल सेवा परीक्षा में निबंध को शामिल किया गया । वर्ष 1993 से 2012 तक निबंध प्रश्न पत्र पूर्णांक 200 था। जिसे वर्ष 2013 से बढ़ाकर 250 कर दिया गया स्पष्ट है कि इन 250 अंकों में से आपके अच्छे प्राप्तांक निर्णायक सिद्ध हो सकते हैं क्योंकि सफलता और असफलता के संदर्भ में तीन से चार अंको की भूमिका महत्वपूर्ण होती है जिन्हें आप निबंध के प्रश्न पत्र में बेहतर निष्पादन से बढ़त के रूप में हासिल कर सकते हैं। कहने का आशय यह है कि निबंध को परीक्षार्थी द्वारा पूरी गंभीरता से लेना चाहिए तथा नियमित रूप से इसकी तैयारी उसी तरह से करनी चाहिए जिस तरह से आप अन्य विषयों की करते हैं । निबंध लेखन का तरीका UPSC

निबंध की तैयारी में यह व्यवहारिक दिक्कते अवश्य आती है कि निबंध का कोई निश्चित पाठ्यक्रम नहीं होता है इसका फलक भी बहुत विस्तृत और व्यापक होता है इससे घबराने की जरूरत नहीं है आप निबंध की नियमित तैयारी करें स्तरीय अखबारों पत्र-पत्रिकाओं श्रेष्ठ लेखकों की पुस्तकों का अध्ययन भी आपके लिए सहायक साबित हो सकता है अपनी बातों को स्थापित करने के लिए आप आंकड़ों का सीमित प्रयोग कर सकते हैं आंकड़ों की उपलब्धता के लिए समय-समय पर होने वाले सर्वे तथा विषय अनुसार अपने काम के आंकड़ों को संकलित करते रहें इसी क्रम में सेमिनार और परिचर्चा आदि में अवश्य हिस्सा ले । प्रश्न पत्र में पूछे गए निबंध के चयन में विशेष सावधानी बरतें आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, दार्शनिक, राजनीतिक, विदेशी और पर्यावरण जैव विविधता आदि से संदर्भित निबंध पूछे जाते हैं अक्सर विषयों को घुमा कर भी पूछा है । ऐसे में यह अत्यंत आवश्यक है क्या विषय के चयन में सचेतन और सतर्क रहें तथा उसी विषय का चयन करें जिसकी आपको कोई जानकारी हो तथा उसी विषय का चयन करें जिसकी आपको गहरी जानकारी हो उस पर आप की मजबूत पकड़ हो । चुना गया विषय ऐसा हो जिस पर आप सिद्धांत और व्यवहारिक दोनों स्तर से मजबूत पकड़ रखते हो। तो तथा उस विषय को विस्तार देने की शब्द सामर्थ्य और क्षमता आपके पास हो आप उसी विषय को चुने जिसके सुविज्ञ हो । निबंध लेखन का तरीका UPSC

निबंध लिखते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए यथा आप की भाषा प्रांजल हो तथा शैली सदी हुई हो। निबंध में आपकी निजता मौलिकता और व्यक्तिगत नजरिया परिलक्षित होना चाहिए आंकड़ों की भरमार इतनी ना हो कि निबंध का स्वरुप लेख जैसा हो जाए निबंध की निरंतरता पर विशेष ध्यान दें तथा वाक्य विन्यास सरल और सटीक रखें शब्द सीमा का अतिक्रमण ना हो पाए इसके लिए चर्चाओं और विषय के भटकाव से बचें । पूर्णता विषय पर ही केंद्रित रहकर विषय को विस्तार दें और विषय वस्तु से संदर्भित आंकड़े और तथ्य आदि ही प्रस्तुत करें निबंध की शुरुआत बहुत ही प्रभावी ढंग से करें इसके लिए कथनों शक्तियों उद्धरण श्लोकों कविता की पंक्तियों शेर आदि का इस्तेमाल आप कर सकते हैं । यदि संस्कृत का श्लोक लिख रहे हैं तो हिंदी में उसका रूपांतरण या भावार्थ अवश्य प्रस्तुत करें यदि विषय से जुड़ी कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि हो तो उसे आप संक्षेप में अवश्य रेखांकित करें किंतु किस्सा कहानियों से परहेज रखें । निबंध लेखन का तरीका UPSC

यदि चुना गया विषय विशेषज्ञों के द्वारा परिभाषित किया गया हो तो उसकी एक दो परिभाषा अवश्य प्रस्तुत करें ।निबंध कि आप जितनी बेहतर शुरुआत करेंगे उसका उतना ही सकारात्मक प्रभाव परीक्षक पर पड़ता है यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि सिर्फ एक अच्छी शुरुआत एक अच्छी निबंध के लिए पर्याप्त नहीं होती समग्र रूप से अच्छे परिणाम के लिए यह आवश्यक है कि निबंध के मध्य भाग में कसावट बनी रहे तथा निबंध का समापन सारगर्भित हो ।

अच्छा परिणाम प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि आप अच्छी राइटिंग में निबंध लिखें तथा भाषा को निर्दोष बनाए रखें शाब्दिक गलतियां नहीं होनी चाहिए तथा शब्दों का सटीक चयन होना चाहिए बहुत ही कनिष्ठ और प्रचलन से बाहर हो चुके शब्द तथा देशज शब्दों के प्रयोग से बचें। वाक्यों के दोहराव से बचें क्योंकि दोहराव को भाषा का अभिशाप माना जाता है किंतु परंतु तथा और एवं इत्यादि और अस्तु जैसे शब्दों के प्रयोग में मितव्ययी बने क्योंकि इनका आवश्यकता से अधिक प्रयोग भाषा की प्रभाव उत्पादकता को कम करता है शुरू से अंत तक अपने निबंध कि रचना को विशुद्ध और प्रासंगिक बनाए रखें तथा इसका समापन संदेश पूर्ण करें। निबंध लेखन का तरीका UPSC


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