भारतीय संविधान में संशोधन कैसे किए जाते हैं?

संविधान संशोधन की प्रक्रिया-

 

” भारत एक संघीय राज्य है और संघीय संविधान में जिस की प्रकृति कठोरता की होती है नम्रता के गुण लाए गए हैं संघ की परंपरिक विचारधारा के अनुसार या तो संविधान संशोधन की प्रक्रिया सामान्य विधानमंडल से भिंन किसी अन्य संस्था को सौंपी जाती है या संशोधन के लिए कोई विशेष प्रक्रिया को अपनाते हुए एक संघीय राज्य व्यवस्था को स्थापित किया गया है । इसलिए उसमें ऐसे प्रावधान किए गए हैं कि राज्य की शक्तियों को उनकी सहमति के बिना कम नहीं किया जा सकता । इसके कुछ पक्ष इतने केंद्रीय महत्व के थे कि संविधान निर्माता उन्हें संशोधन के दायरे से लगभग बाहर ही रखना चाहते थे। अतः प्रावधानों को कठोर बनाना आवश्यकता था।यही वजह है कि संविधान में संशोधन के लिए विभिन्न तरीके अपनाने पड़े- Amendment process Indian constitution in Hindi

संविधान संशोधन की प्रक्रिया-

  1. – संसद में सामान्य बहुमत के आधार पर।
  2. – संसद के दोनों सदनों में अलग-अलग विशेष बहुमत के आधार पर अनुच्छेद 368 के अनुसार
  3. – विशेष बहुमत तथा कुछ राज्यों की कम से कम आधे विधानमंडल का समर्थन 

1.साधारण बहुमत द्वारा संशोधन-

संविधान में कुछ अनुच्छेद ऐसे हैं जिन्हें संसद के दोनों सदनों में साधारण बहुमत से संशोधित किया जा सकता है ।इस श्रेणी में अनुच्छेद 2, 3, 4, 100 (3), 106, 108, 124 (1), 169, 240, 327 तथा अनुच्छेद 348 को शामिल किया जा सकता है ।इस संशोधन प्रणाली के माध्यम से नागरिकता संबंधी योग्यता राज्य में विधान मंडलों के उच्च सदन की समाप्ति और राज्यों का निर्माण किस राज्य के क्षेत्र में परिवर्तन अर्थात उसे घटना  – या बढ़ाना किस राज्य की सीमा में परिवर्तन करना किस राज्य के नाम में परिवर्तन करना आदि में संशोधन किया जा सकता है ।

संशोधन करने के लिए कोई विधेयक संसद के किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है और एक सत्र द्वारा पारित किए जाने पर उसको दूसरे सदन में भेजा जाता है ।दूसरे सदन विधेयक को पारित करने पर उसे राष्ट्रपति की अनुमति के लिए भेजा जाता है और राष्ट्रपति द्वारा अपनी अनुमति प्राप्त कर लेने पर विधेयक अधिनियम के रूप में बन जाता है । Amendment process Indian constitution in Hindi

2.विशेष बहुमत द्वारा संशोधन-

 संसद के विशेष बहुमत द्वारा किए जाने वाले संवैधानिक परिवर्तन को संविधान संशोधन कहा जाता है इस प्रकार संविधान संशोधन करने के लिए किसी विधेयक को संसद द्वारा विशेष बहुमत से पारित किया जाना चाहिए। विशेष बहुमत से पारित किए गए विधेयक को दूसरे सदन को  भेजा जाता है विशेष बहुमत से विधेयक को पारित कर दे तो उसे राष्ट्रपति की सविकृति के लिए भेजा जाता है राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए बाद विधेयक अधिनियम के रूप में बन जाता है। Amendment process Indian constitution in Hindi



 विशेष बहुमत से तात्पर्य ऐसे बहुमत से है सदन की कुल सदस्य संख्या के 50% तथा मतदान करने वाले सदस्यों के दो तिहाई से कम ना हो सबसे ज्यादा संशोधन इसी विधि से होते हैं ।जैसे मूल अधिकार राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत आदि में संशोधन । Amendment process Indian constitution in Hindi

3. विशेष बहुमत तथा राज्यों के अनुमोदन से संविधान संशोधन-

इस श्रेणी में संविधान के उपबंध आते हैं जो संघात्मक राज्य से संबंधित है इन उपबंध में संशोधन करने के लिए संसद के प्रत्येक सदन के दो तिहाई बहुमत तथा कम से कम 50% राज्यों के विधान मंडलों का समर्थन आवश्यक है । निम्न विषय ऐसे हैं जिनमें इस प्रक्रिया के अनुसार संशोधन किया जाता है –

  • 1.राष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित निर्वाचक मण्डल तथा राष्ट्रपति की चुनाव प्रक्रिया अनुच्छेद 54 व अनुच्छेद 55  Amendment process Indian constitution in Hindi
  • 2.संघ तथा राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विचार अनुच्छेद 73 अनुच्छेद 162
  • 3. उच्चतम न्यायालय के गठन तथा क्षेत्र अधिकार अनुच्छेद 241 भाग 5 का अध्याय 4 भाग 6 का अध्याय 5 
  • 4.संघ और राज्यों की विधाई शक्तियों के बीच शक्तियों का वितरण भाग 11 का अध्याय 1
  • 5. सातवी सूची में वर्णित सूचियों की प्रविष्टि।
  • 6.संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व अनुच्छेद 80 व 81 चौथी अनुसूची 
  • 7.संविधान संशोधन अनुच्छेद 368

संविधान प्रणाली संशोधन की अपेक्षा कठोर है। इसकी कठोरता का कारण है कि संविधान निर्माता यह जाते थे कि संघात्मक व्यवस्था से संबंधित प्रावधानों में परिवर्तन करते समय राज्य दोनों की सहमति प्राप्त की जाए। भारत में संघीय स्वरूप को बनाए रखने के लिए संविधान की या कठोर प्रणाली निर्धारित की गई है।

अनुच्छेद 368 –

संसद अपनी शक्ति के द्वारा और इस अनुच्छेद में वर्णित प्रक्रिया के अनुसार संविधान में उपबंध कर सकती है पहले से विद्यमान उपबंध को बदल या हटा सकती है  Amendment process Indian constitution in Hindi

विशेष बहुमत- दो शर्तें 

1.संशोधन विधेयक के पक्ष में मतदान करने वाले सदस्यों की संख्या सदन के कुल सदस्यों की संख्या के कम से कम आधे होनी चाहिए । Amendment process Indian constitution in Hindi

2.संशोधन का समर्थन करने वाले सदस्यों की संख्या मतदान में भाग लेने वाले सभी सदस्यों की कम से कम दो तिहाई होनी चाहिए। Amendment process Indian constitution in Hindi



संविधान निर्माताओं ने संविधान की गद्दआत्मक तथा उनकी सामाजिक स्वीकार्यता स्थापित करने के लिए संविधान के मूल पाठ में परिवर्तन या उनके प्रावधानों में संशोधन के लिए एक से अधिक ढंग अपनाए हैं । इस तथ्य की प्रशंसा करते हुए प्रोफेसर व्हेयर ने कहा था कि संशोधन प्रक्रिया के विभिन्न ढंग बुद्धिमता पूर्ण है किंतु सामान्यता पाए नहीं जाते ।संविधान के ऐसे उपबंध जिनमें संसद सामान्य कानून बनाकर संशोधन कर सकती है। इस प्रकार के संशोधन तथा सामान्य कानून में कोई अंतर नहीं होता संसद से अनुच्छेदों में जैसे अनुच्छेद 368 में वर्णित प्रक्रिया को अपनाएं बिना हीं संशोधन कर सकती है। Amendment process Indian constitution in Hindi

  • -इस परिवर्तन को संविधान संशोधन नहीं माना जाता 
  • -संसद विधि द्वारा संघ में नए राज्यों को प्रवेश दे सकती है
  •  अनुच्छेद (2)
  • -संसद विधि द्वारा किसी राज्य का क्षेत्रफल बढ़ा सकती है अनुच्छेद 3 
  • -संसद राज्य में विधान परिषद का सृजन या समाप्ति अनुच्छेद 169 कर सकती है 
  • -अनुसूचित क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों का प्रशासन।
  • – कुछ संघ राज्य क्षेत्रों के लिए विधानमंडल व मंत्री परिषदों का गठन ।

संविधान के शेष खंडों में संशोधन के लिए अनुच्छेद 368 में प्रावधान किया गया है अनुच्छेद 368 में संविधान में संशोधन के लिए दो तरीके दिए गए हैं यह तरीके संविधान के सभी अनुच्छेद पर समान रूप से लागू नहीं होते इनमें से 1 तरीके के तहत संसद के दोनों सदनों के विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है ।जबकि दूसरे के तहत संसद के दोनों सदनों में विशेष बहुमत से पारित होने के बाद कम से कम आधे राज्य के विधान मंडलों के समर्थन की आवश्यकता होती है। अमेरिका में यह समर्थन तीन चौथाई राज्यों के विधान मंडल द्वारा होता है यहां नियम दो तथ्य निकलकर सामने आए हैं विशेष बहुमत के अलावा किसी बाहरी एजेंसी जैसे संविधान आयोग किसी अन्य निकाय की संविधान में संशोधन में कोई भूमिका नहीं। संविधान संशोधन पारित होने के बाद इस संशोधन को पुष्टि करने के लिए किसी प्रकार के जनमत संग्रह की आवश्यकता नहीं। संविधान संशोधन विधेयक के लिए आवश्यकता नहीं –

-ऐसे विधेयक को संसद के किसी सदन में प्रारंभ करने के लिए राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं 

-अनुच्छेद 108 के तहत ऐसे विधाएकों से संबंधित गतिरोध दूर करने के लिए संयुक्त अधिवेशन भी बुलाया जा सकता है ।दोनों सदनों द्वारा विधेयक को पारित करने के पश्चात राष्ट्रपति के पास भेजे जाने पर वह ना तो अनुमति देने से इंकार करेगा और ना ही पुनर्विचार के लिए भेज सकता है। राष्ट्रपति अनुमति देने हेतु बाध्य है

1971 में की गई 24 वे संविधान संशोधन द्वारा अनुमति को बाध्यकारी बना दिया गया विश्व के आधुनिकतम संविधान में संशोधन की विभिन्न प्रक्रिया में दो सिद्धांत अधिक महत्वपूर्ण भूमिका में है ।

पहला विशेष बहुमत का सिद्धांत जैसे अमेरिका दक्षिण अफ्रीका रूस आदी के संविधान में इस सिद्धांत का समावेश किया गया है अमेरिका में दो तिहाई बहुमत का सिद्धांत लागू है जबकि दक्षिण अफ्रीका और उस जैसे देशों में तीन चौथाई बहुमत की आवश्यकता होती है । Amendment process Indian constitution in Hindi

दूसरा सिद्धांत है संशोधन की प्रक्रिया में जनता की भागीदारी का । इसे कई आधुनिक सुविधाओं में अपनाया गया है स्विट्जरलैंड में तो जनता को संशोधन की प्रक्रिया शुरू करने तक का अधिकार है । रूस व इटली ऐसे देश है जहां जनता को संविधान में संशोधन करने या संशोधन के अनुमोदन का अधिकार दिया गया है। Amendment process Indian constitution in Hindi


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