ऑक्यूपेशनल थेरेपी के क्षेत्र में करियर

ऑक्यूपेशनल थेरेपी के क्षेत्र में करियर

careers in occupational therapy in hindi

– अच्छी कम्युनिकेशन स्किल टीमवर्क मेहनती रिस्क उठाने और दबाव को सहन करने की क्षमता जैसे गुण इस प्रोफेशन के लिए बहुत जरूरी है अधिकांश काम मेडिकल उपकरणों के सहारे होता है इसके लिए मेडिकल उपकरणों का ज्ञान बहुत जरूरी है occupational therapy एक ऐसा प्रोफेशन है जिसमें छात्रों को संवेदनशील होने से लेकर वैज्ञानिक नजरिया तक अपनाना पड़ता है वर्तमान समय में occupational therapy सबसे तेजी से उभरते मेडिसिन के क्षेत्रों में से एक है इसमें शारीरिक व्यायाम अथवा उपकरणों के जरिए कई जटिल रोगों का उपचार किया जाता है ।यकीनन तेजी से बदलती लाइफस्टाइल के चलते स्वास्थ्य पर कई तरह के प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहे हैं जिनमें शारीरिक तथा मानसिक अस्वस्थता प्रमुखता है इन से निजात पाने के लिए उन्हें विशेषज्ञों की सहायता लेनी पड़ रही है संबंधित विशेषज्ञ विभिन्न विधियों से उपचार करते हुए उन्हें समस्या से मुक्ति दिलाते हैं साथ ही उन्हें मानसिक रूप से भी मजबूत बनाते हैं कई बार डॉक्टर के देख लेने के बाद उनकी जरूरत पड़ती है। careers in occupational therapy in hindi

तो कुछ मामले ऐसे भी होते हैं जिन्हें डॉक्टर के देखने से पहले ही इनकी सेवाएं ली जाती है खासकर मेडिकल और ट्रामा सेंटर इमरजेंसी तथा फैक्चर मैनेजमेंट में तो इनकी आवश्यक विशेष जरूरत पड़ती है ।इससे जुड़े प्रोफेशनल्स को ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट नाम दिया गया है इनका नाम फिजियोथैरेपिस्ट से बहुत कुछ मिलता जुलता है यही कारण है कि मेडिकल तथा फिटनेस के क्षेत्र में इनकी भारी मांग है गौरतलब है कि शारीरिक रूप से और अशक्त होने या खिलाड़ियों में अर्थराइटिस तथा न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर उत्पन्न हो जाने पर occupational therapy की मदद ली जाती है यही कारण है कि ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट को ह्यूमन एनाटॉमी हड्डियों की संरचना मसल्स और नर्वस सिस्टम आदि की जानकारी रखनी पड़ती है । careers in occupational therapy in hindi

गौरतलब है कि occupational therapy का सीधा संबंध पैरामेडिकल से है इसके अंतर्गत शारीरिक तथा विशेष मरीजों की आवश्यकता का उपचार किया जाता है जिसमें स्पाइनल कॉर्ड इंजरी न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के उपचार से लेकर अन्य कई तरह के शारीरिक व्यायाम कराए जाते हैं कई बार मानसिक विकार आ जाने पेन पेपर के सहारे मरीजों को समझाया जाता है।ओकिईपेशनल थेरिपिस्ट मरीजों का पूरा रिकॉर्ड अपने पास रखते हैं इसमें हर आयु वर्ग के मरीज होते हैं अच्छी कम्युनिकेशन स्किल टीमवर्क मेहनती रिस्क उठाने और दबाव को सहन करने की क्षमता जैसे गुण इस प्रोफेशन के लिए बहुत जरूरी है अधिकांश काम मेडिकल उपकरणों के सहारे होता है इसके लिए मेडिकल उपकरणों का ज्ञान बहुत जरूरी है।आक्यूपेशन थेरेपी   एक ऐसा प्रोफेशन है जिसमें छात्रों को संवेदी संवेदनशील होने से लेकर वैज्ञानिक नजरिया तक अपनाना पड़ता है क्योंकि इसमें उन्हें मरीजों के दुख दर्द को समझ कर उसके हिसाब से विचार करने की जरूरत होती है शारीरिक रूप से और सख्त होने या खिलाड़ियों में अर्थराइटिस तथा न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर उत्पन्न हो जाने पर उसने थैरेपिस्ट की मदद ली जाती है। careers in occupational therapy in hindi

occupational therapy से जुड़े प्रमुख कोर्स इस प्रकार है-

बीएससी इन ऑक्यूपेशनल थेरेपी एमएससी इन फिजिकल एंड ऑक्यूपेशनल थेरेपी मास्टर ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी ऑक्यूपेशनल थेरेपी से संबंधित बैचलर मास्टर तथा डिप्लोमा और डॉक्टरल स्तर के कोर्स मौजूद हैं। यदि छात्र बैचलर कोर्स में प्रवेश लेना चाहता है तो उसका फिजिक्स केमेस्ट्री तथा बायलॉजी विषय समूह के साथ 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है बैचलर डिग्री के उपरांत मास्टर और प्रोग्राम में दाखिला लिया जा सकता है कोर्स करने के बाद 6 माह की इंटर्नशिप करनी होती है कई संस्थान अपने यहां प्रवेश देने के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं जिस में सफल होने के बाद विभिन्न कोर्सों में दाखिला लिया जा सकता है जबकि कई संस्थान 12वीं के अंकों के आधार पर प्रवेश देते हैं इसमें छात्रों को थ्योरी प्रैक्टिकल पर समान रूप से अपना पक्ष रखना पड़ता है।

कोर्स के दौरान कई क्लीनिकल तथा पैरा क्लीनिकल विषयों का अध्ययन करना होता है इसमें मुख्य रूप से बायोकेमेस्ट्री  एनाटॉमी  फिजियोलॉजी पैथोलॉजी माइक्रोबायोलॉजी मेडिसिन और सर्जरी आदि विषय शामिल होते हैं  इसके अलावा इन्हें ऑर्थोपेडिक्स प्लास्टिक सर्जरी हैंड सर्जरी रिमिटोलोजी साइकाइट्रिक के बारे में भी जानकारी प्रदान की जाती है । रोजगार की दृष्टि से यह काफी विस्तृत क्षेत्र है यदि छात्र ने मान्यता प्राप्त संस्थान से कोर्स किया है तो रोजगार के लिए उसे भटकना नहीं पड़ता है उसे सरकारी अथवा प्राइवेट अस्पताल में तुरंत नौकरी मिल जाती है  सबसे ज्यादा जॉब कम्युनिटी मेडिकल हेल्थ सेंटर डिटेंशन सेंटर हॉस्पिटल पॉलीक्लिनिक साइकाइट्रिक इंस्टिट्यूशनल रिहैबिलिटेशन सेंटर स्पेशल स्कूल स्पोर्ट्स टीम में सृजित होती है।

एनजीओ भी इसके लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकते हैं यदि आप किसी संस्थान से जुड़कर काम नहीं करना चाहते तो स्वतंत्र रूप से काम करने के अलावा अपना सेंटर भी खोल सकते हैं जहां तक वेतन की बात की जाए तो ऑक्यूपेशनल थैरेपिस्ट को काफी आकर्षक वेतन मिलता है कोर्स की समाप्ति के उपरांत उन्हें शुरुआती दौर में 25 से ₹30000 प्रति माह आसानी से मिल जाते हैं जबकि दो-तीन वर्ष के अनुभव के बाद यह राशि 40 से ₹45000 तक पहुंच जाती है प्राइवेट सेक्टर में सरकारी अस्पतालों की अपेक्षा ज्यादा वेतन मिलता है यदि occupational therapy स्वतंत्र रूप से या अपना सेंटर खोल कर काम कर रहे हैं तो उनके लिए आमदनी की कोई निश्चित सीमा नहीं होती। वह ₹2 लाख प्रति माह तक आसानी से कमा सकते हैं । careers in occupational therapy in hindi

occupational therapy के प्रमुख संस्थान

– ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन मुंबई

– नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर द ऑर्थोपेडिकली हैंडीकैप्ड कोलकाता

-केएमसीएच कॉलेज ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी कोयंबटूर

– पंडित दीन दयाल इंस्टीट्यूट फॉर फिजिकली हैंडिकैप्ड नई दिल्ली

-क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर

– संतोष कॉलेज ऑफ ओकिईपेशनल थेरेपी चेन्नई

– यूनिवर्सिटी आफ मद्रास चेन्नई

– लोकमान्य तिलक मेडिकल कॉलेज मुम्बई।

 इन स्थानों के अलावा भी देश के कई संस्थानों तथा मेडिकल कॉलेजों में आक्यूपेशनल कोर्स उपलब्ध है।

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