अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 22 मई

– अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 22 मई

International day for biological diversity in hindi

– विविधता में ही है प्रकृति की खूबसूरती और सुरक्षा प्रकृति की सभी चीजों में कुछ ना कुछ अद्भुत है अरस्तु का यह कथन बिल्कुल सत्य है इसलिए प्रकृति में मौजूद हर फूल हर जीव हर तत्व का संरक्षण आवश्यक है यही जैव विविधता है प्रतिवर्ष 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाया जाता है इसे विश्व जैव विविधता दिवस भी कहते हैं इसका आरंभ संयुक्त राष्ट्र ने किया था हमारे जीवन में जैव विविधता का काफी महत्व है हमें ऐसे पर्यावरण का निर्माण करना है जो जैव विविधता में समृद्ध टिकाऊ और आर्थिक गतिविधियों के लिए हमें अवसर प्रदान कर सके जैव विविधता की कमी होने से प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़ सूखा और तूफान आंधी आने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है और वर्तमान समय में इसके दुष्प्रभाव दिन पर दिन हमारे सामने लगातार आते जा रहे हैं लाखों विशिष्ट जैविक कई प्रजातियों के रूप में पृथ्वी पर जीवन उपस्थित है और हमारा जीवन प्रकृति का अनुपम उपहार है इसलिए पेड़ पौधे अनेक प्रकार की जीव जंतु मिट्टी हवा पानी महासागर पठार समुद्र नदियां इन सभी प्रकृति की देन का हमें सरंक्षण करना चाहिए क्योंकि यही हमारे अस्तित्व और विकास के लिए काम आती है प्राकृतिक और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में जैव विविधता का महत्व देखते हुए ही जैव विविधता दिवस को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है । International day for biological diversity in hindi

-जैव विविधता दिवस का इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के 26 साल पूरे हो गए हैं इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र ने 1993 में की थी नैरोबी में 29 दिसंबर 1993 जैव विविधता यह निर्णय लिया गया था किंतु कई देशों द्वारा व्यावहारिक कठिनाइयां जाहिर करने के कारण इस दिन को 29 मई की बजाय 22 मई को मनाने का निर्णय लिया गया वैश्विक नेताओं ने भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक जीवित नक्षत्र सूचित करते हुए वर्तमान जरूरतों को पूरा करने के लिए सतत विकास की व्यापक रणनीति पर सहमति व्यक्त की 193 देशों ने इस पर हस्ताक्षर किए थे भारत जैव विविधता सम्मेलन का एक पक्षकार है 29 दिसंबर 2018 को भारत में जैव विविधता सम्मेलन राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण द्वारा आयोजित राज्य बोर्ड की 13वीं राष्ट्रीय बैठक के द्वारा पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत की गई थी । International day for biological diversity in hindi

-उद्देश्य और प्रभाव

इसका उद्देश्य ऐसे पर्यावरण का निर्माण करना है जो जैव विविधता समृद्ध टिकाऊ और आर्थिक गतिविधियों के लिए अवसर प्रदान कर सकें जैव विविधता का तात्पर्य विभिन्न प्रकार के जीव जंतु और पेड़-पौधों का अस्तित्व धरती पर एक साथ में होता है इसकी कमी से बाढ़ सूखा और तूफान की जैसी प्राकृतिक आपदा का खतरा बढ़ जाता है ।

-जरूरी तथ्य

गौरतलब है कि भारत में विश्व का केवल 2.4% भूभाग है इसके 7 से 8% भूभाग पर विश्व की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती है International day for biological diversity in hindi

-विश्व के 11% के मुकाबले भारत में लगभग 44 प्रतिशत भू भाग फसल पर पाई बोई जाती है भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2017 के अनुसार देश में कुल वृक्षारोपण 24.40% है

-भारत में जैव विविधता के 4 हॉटस्पॉट स्पॉट केंद्र है पूर्वी हिमालय भारत म्यांमार सीमा सुंडालैंड्स और पश्चिम घाट

– भारत में जैव विविधता के संरक्षण के लिए जैव विविधता अधिनियम 2002 एक संघीय कानून है यह अधिनियम राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण को एक परंपरागत जैविक संसाधनों और ज्ञान के उपयोग में होने वाले लाभ के समान वितरण तंत्र प्रदान करता है ।

-यह संस्था जैविक संसाधन के उपयोग से होने वाले लाभ की निष्पक्षता और समान बंटवारें जैसे मुद्दों पर भारत सरकार के लिए सलाहकार और विनियामक की भूमिका निभाती है ।

-हमारी जैव विविधता हमारा आहार हमारा स्वास्थ्य हमारे मन के साथ साथ तन पर भी आहार का असर होता है हम अपनी दादी नानी से अक्सर यह सुनते हैं कि ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो उनके आहार में शामिल थी अब उपलब्ध नहीं है इसमें कई तरह की सब्जियां फल और अनाज शामिल होंगे आज के दौर में देखा जाए तो धीरे-धीरे लोगों के भोजन में समरूपता आती जा रही है विविधता खत्म होती जा रही है यही एक बड़े संकट की ओर इशारा है इसलिए इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस को खाद्य और स्वास्थ्य पर केंद्रित किया गया है इसका उद्देश्य खाद्य व्यवस्था को बेहतर बनाना और मानव स्वास्थ्य में सुधार लाना है ऐसा खाद्य और सेहत सबंधित विज्ञान का लाभ उठाने और जैव विविधता और स्वास्थ्य पारिस्थितिकी प्रणालियों पर हमारी खाद्य प्रणालियों पोषण और स्वास्थ्य की निर्भरता के बारे में जागरूकता फैलाना है प्राकृतिक प्रणालियों द्वारा पृथ्वी पर मानव अस्तित्व और कल्याण के लिए प्रदान की गई विविधता का भी उत्सव मनाना है जबकि अन्य सतत विकास लक्ष्यों में जलवायु परिवर्तन और अनुकूलन पारिस्थितिक तंत्र को दुरुस्त करने साफ पानी और कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे आदि शामिल है पिछले 100 साल में यदि देखा जाए तो 90% से अधिक फसल की किस्में किसानों को खेतों से गायब हो गई हैं कई घरेलू जानवर की आधी नस्लों को हमने खो दिया है और दुनिया के सभी 17 मुख्य मछली पकड़ने के मैदान अब उनकी स्थाई सीमाओं जैसे नहीं रहे है। स्थानीय विविध खाद्य उत्पादन प्रणालियों खतरे में है इसकी वजह स्थानीय लोगों में ज्ञान की कमी और उनका विलुप्त होना है एग्रोबायोडायवर्सिटी गायब हो रही है और पारंपरिक चिकित्सा व स्थानीय खाद्य पदार्थों की कमी हो रही है आहार में विविधता की कमी का सीधा असर बीमारी या स्वास्थ्य जोखिम कारकों जैसे कि मधुमेह मोटापा और कुपोषण से जुड़ा हुआ है और इसका परंपरिक दवाइयों की उपलब्धता पर सीधा प्रभाव पड़ता है ।

International day for biological diversity in hindi

-विटले अवॉर्ड जिसे ग्रीन ऑस्कर कहते हैं और उसके भारतीय विजेता वन्य जीव जंतु संरक्षण पर काम करने के लिए विटले सम्मान दिया जाता है अवॉर्ड को ग्रीन पुरस्कार भी कहा जाता है यह सम्मान लंदन की रॉयल जॉयोग्राफिकल सोसाइटी में आयोजित एक समारोह में दिया जाता है पुरस्कार के विजेताओं को 35000 पाउंड दिए जाते हैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहद प्रतिष्ठित पुरस्कार दुनिया के विकासशील देशों में प्रकृति संरक्षण के क्षेत्र में जमीनी स्तर पर असाधारण कार्य करने वाले व्यक्ति को ही जाता है खासकर ऐसे व्यक्ति को जिन्हें संरक्षण कार्य में मानवीय पर्यावरण है या राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है । International day for biological diversity in hindi

-पूर्णिमा वर्मन असम की कामरूप जिले की रहने वाली पूर्णिमा वर्मन पिछले कई वर्षों से गरुड़ पक्षी और उसकी प्राकृतिक आवास को बचाने से जुटी हुई है उन्होंने एक साक्षात्कार में बताया कि मैंने गुवाहाटी के बगल के जिले कामरूप के दादरा और पचरिया गांव में विलुप्त हो रही जीव प्रजातियों की हक में अपना काम करना शुरू करने का फैसला किया काम के सिलसिले में मैंने पहले कहीं सर्वेक्षण किए इसलिए मैंने पाया कि चिड़ियों की प्रजातियां खतरे में थी कि जिन पेड़ों को काटने का प्लान होता था  उन पर काटते समय यह ध्यान नहीं दिया जाता था कि उसमें घोंसले भी हो सकते हैं अक्सर पेड़ों को काटने में अंडे समेत घोंसले भी नष्ट हो जाते हैं पेड़ों की सूखी लकड़ियां टूट कर गिरते हुए घोसले को और अधिक नुकसान पहुंचाती थी यही सब देखकर मैंने पेड़ों पर मौजूद घोंसले की सुरक्षा के लिए उनकी नीचे एक जाल बनाना शुरू किया वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन के लिए काम करने वाले गुवाहाटी के एनजीओ आर्यटन और क्षेत्रीय लोगों के साथ मिलकर मैंने ऐसे कई जाल लगवाए कई त्योहारों मौकों पर असम के लोग पक्षियों की पूजा करते हैं और मुझे इन्हीं पक्षियों का अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा था पक्षी संरक्षण मेरे लिए यह काम इतना आसान भी नहीं था  10000 से ज्यादा आबादी वाले इलाके में में काम कर रही थी सब को अपने साथ साथ लेकर चल पाना बहुत मुश्किल काम था लेकिन नामुमकिन नहीं यह मैं जानती थी कई मर्तबा ऐसे मौके भी आए की कुछ असामाजिक तत्वों ने हमारे पक्षी संरक्षण अभियान को प्रभावित करने की कोशिश की मगर मेरा सौभाग्य कि ऐसे समय मेरे साथ की महिलाओं बच्चों और दूसरे लोगों की ताकत हमेशा उन पर हावी रही। International day for biological diversity in hindi


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