अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस 25 नवंबर

-अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस 25 नवंबर 

-सतत विकास के लिए महिलाओं का विकास जरूरी विश्व में महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा पर रोक और उसके उन्मूलन के लिए विश्वव्यापी प्रयास का नेतृत्व फिर एक बार संयुक्त राष्ट्र ने किया और विश्व के विभिन्न देशों में 25 नवंबर को महिलाओं के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय हिंसा उन्मूलन दिवस के रूप में मनाया जाने का निश्चय किया गया संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की मून ने बताया कि महिलाओं के मानहानि की रक्षा के लिए जो ही फार शी वैश्विक अभियान चलाया जा रहा है उसी अभियान के एक हिस्से के रूप में महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने का अभियान भी बेहद जरूरी है श्री मून ने कहा कि 25 नवंबर को मनाए जाने वाले महिलाओं के विरुद्ध हिंसा उन्मूलन दिवस पर सभ्य समाज के हम सभी निवासियों को महिलाओं और लड़कियों पर हो रहे हिंसा को समाप्त करने का संकल्प लेना चाहिए संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा मानव अधिकार का उल्लंघन है और उसका मूल कारण समाज में महिलाओं के प्रति भेदभाव है संयुक्त राष्ट्र ने अपनी वेबसाइट पर यह उल्लेख भी किया कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा का मामला शिक्षा गरीबी एचआईवी और एड्स के संक्रमण तथा इसके अलावा सुरक्षा और शांति से आम मामलों से भी जुड़ा है महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले की गंभीरता इसी बात से समझी जा सकती है है कि विश्व की 70% महिलाएं संपूर्ण जीवन में कभी न कभी हिंसा का शिकार होती है इस  एक चौकाने वाले तथ्य से यह स्पष्ट होता है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए यह विशेष दिवस कितना जरूरी है । International day for the elimination of violence against women

-यहां से आया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का विचार

डोमिनिक गणराज्य में मीरावेल बहन की निर्मम हत्या हुई थी और इस एक हृदय विदारक घटना के बाद जनमानस को महिला हिंसा के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत महसूस की गई हत्या की यह घटना डॉमिनिक गणराज्य में 25 नवंबर 1960 को घटित हुई उस देश की राजनीतिक महिला कार्यकर्ताओं रिश्ते में तीनों बहनों पैट्रिया मर्सिडीज मीराबेल मारिया अर्जेंटीना मीरावल और एंटोनियो मारिया टैरेसा मीरावल की हत्या डोमिनिक गणराज्य के तत्कालीन शासक राफेल टुजिलो  ने करवा दी थी इन तीन बहनों ने टूजिलों की तानाशाही का कड़ा विरोध किया था इस जघन्य हत्या के बाद महिला अधिकारों के समर्थक और महिलाओं के विरुद्ध हिंसा की घटनाएं रोकने के लिए सक्रिय कार्यकर्ताओं ने वर्ष 1981 से 25 नवंबर की तिथि को की हत्या की बरसी के रूप में मनाया आरंभ किया इसलिए दिसंबर 1999 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर वर्ष 2000 से प्रतिवर्ष 25 नवंबर को महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के विरोध के लिए एक दिवस मुकम्मल किया इस प्रस्ताव पर दस्तखत करने वाले सभी राष्ट्र महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं और डोमिनिक गणराज्य में घटी इस घटना  के फिर से कही भी न दोहराए जाने का संकल्प लेते है । International day for the elimination of violence against women

-अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस का उद्देश्य

महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए प्रतिवर्ष मनाये वाले इस विशेष दिवस का उद्देश्य महिलाओं को हिंसा से सुरक्षा प्रदान करने से अभिप्राय विभिन्न स्तर पर प्रभावी कदम उठाना है यह दिन और सरकारी संगठन अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सरकार के लिए महिलाओं के विरुद्ध जागरूकता प्रदान करता है इस दिन महिलाओं के विरुद्ध हिंसा रोकने की और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता को रेखांकित करने वाले अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं महिलाओं के समूह और संगठन समाज में महिलाओं की स्थिति और इसके परिणाम स्वरूप महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को सामने लाने के लिए रैली सेमिनार पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित करते हैं महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए जो अभियान विभिन्न देशों में चलाए जा रहे हैं और उन्हें यूएन मंच और स्थानीय सरकार की सहायता दिलवाने के लिए निर्णय भी इसी दिन लिए जाते हैं विश्व के विभिन्न हिस्सों में धर्म अथवा रीति-रिवाज के नाम से प्रचलित है जो ऐसे कृत्य प्रचलित है जो महिलाओं को पीड़ा पहुंचाते हैं अथवा महिलाओं की गरिमा को उन्हें समाप्त करने का संकल्प इस दिन किया जाता है महिलाओं के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाएं मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है और इससे निपटने के लिए किए प्रयत्नों के अलावा जन आंदोलन भी जरूरी है। International day for the elimination of violence against women

-महिलाओं के खिलाफ हिंसा व्यापक चिंता का विषय

अंतर्राष्ट्रीय महिला उन्मूलन दिवस पर महिलाओं के खिलाफ हिंसा की व्यापकता पर भी गहनता से विचार जरूरी है सच तो यह है कि हम जिस एक सभ्य समाज में रह रहे हैं वहां महिलाओं के खिलाफ हिंसा देश और समाज चिंता का संबब है आज विश्व में लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा जिसे वायलेस अगस्त वूमेन एंड गर्ल के नाम से भी जाना जाता है उसकी व्यापकता को मानव अधिकार के गंभीर हनन के रूप में देखा जा रहा है उसका उन्मूलन विश्व के सभी देशों की बड़ी प्राथमिकता है विश्व में लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा का मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि ऐसी हिंसा की घटनाएं हमारे आपके और समाज के सामने पीड़ितों की शर्म उनकी चुप्पी स्वयं को कलंकित मानने और उसे नियति मानने के कारण सामने ही नहीं आ पाती है लड़कियों और महिलाओं के साथ हिंसा की परिभाषा स्त्री की गरिमा को हानि पहुंचाना यौन हिंसा और उत्पीड़न लड़कियों और महिलाओं की खरीद-फरोख्त और बाल विवाह भी शामिल है लिंग आधारित सभी प्रकार की हिंसा को भी इसी वर्ग में रखा गया बदलते समय के साथ लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ सोशल मीडिया के जरिए उत्पीड़न को भी हिंसा की श्रेणी में रखा गया है इन तमाम तरह की हिंसा से बचाव के लिए सख्त कानून समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान भाव में बढ़ोतरी और महिलाओं के प्रति हिंसा के प्रति  ताकत जगाने की बात भी भी की गई है । International day for the elimination of violence against women

-सयुक्त राष्ट्र का घोषणा पत्र हिंसा के खिलाफ जंग की मुनादी है

वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन का घोषणा पत्र पारित किया यह महिलाओं की हिंसा के खिलाफ निर्णायक मुनादी का दृश्य है इस घोषणापत्र में महिलाओं के खिलाफ हिंसा को परिभाषित करते हुए यह कहा गया है कि लिंग आधारित हिंसा का कोई भी ऐसा कृत्य जिसका नतीजा महिलाओं को शारीरिक मानसिक अथवा महिलाओं की अथवा योन उत्पीड़न के द्वारा हानि पहुंचाने धमकी देना महिलाओं के खिलाफ हिंसा माना जाएगा इसी प्रकार महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने का कोई भी कृत्य हिंसा की श्रेणी मैं आएगा फिर चाहे ऐसा कृत्य निजी जीवन में किया गया हो अथवा सार्वजनिक जीवन में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा के मनोवैज्ञानिक और यौन और प्रजनन से जुड़े स्वास्थ्य सम्बन्धित दुष्परिणाम महिलाओं को समूचे जीवन काल तक प्रभावित करते हैं लिंग आधारित हिंसा से जब भी जहां भी कोई भी महिला उत्पीड़ित होती है तब  वहां समानता विकास शांति और मानवाधिकार का लक्ष्य प्राप्त करना कठिन होता है इसी प्रकार महिलाओं के खिलाफ हिंसा का उन्मूलन किए बिना सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करना भी कठिन होगा महिलाओं के खिलाफ हिंसा का उन्मूलन एक ऐसा लक्ष्य है जो किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए बेहद जरूरी है विश्व स्तर पर महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन की प्रभावी कोशिशें संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में जारी है और प्रत्येक सदस्य राष्ट्र अपने स्तर पर भी कोशिश कर रहा है । International day for the elimination of violence against women

-महिलाओं के विरुद्ध हिंसा कुछ चौंकाने वाले तथ्य वर्ष 2012 में जिन महिलाओं की हत्या हुई उनमें में प्रत्येक 2 में से एक महिला की हत्या उसके पति अथवा परिवार जन ने की जबकि उसी साल ऐसा प्रत्येक 20 में से एक पुरुष के साथ हुआ 

-इंसानी खरीद फरोख्त की  पीड़ितों में से 71% महिलाएं या लड़कियां होती है ।

-महिलाओं के खिलाफ हिंसा से होने वाली मौतों की संख्या कैंसर और मलेरिया सहित अन्य बीमारियों और सड़क दुर्घटना से होने वाली मौत से ज्यादा होती है। International day for the elimination of violence against women


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