अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस 17 अक्टूबर 

अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस 17 अक्टूबर 

-मानवाधिकार और गरीबों के सम्मान के लिए सब का साथ जरूरी 

-22 अक्टूबर 1992 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पास किया था जिसके तहत हर साल 17 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस मनाने का संकल्प लिया गया। गरीबी का संबंध सिर्फ किसी व्यक्ति विशेष की मासिक या सालाना आय से ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य, राजनीतिक भागीदारी देश की संस्कृति और सामाजिक संगठनों की उन्नति से भी है, अंतरराष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस के मौके पर विभिन्न राष्ट्रों के द्वारा गरीबी उन्मूलन के प्रयास विकास और विभिन्न कार्य और योजनाओं को जारी किया जाता है इसके लिए थीम तैयार की जाती है इस साल (2019) की थीम लोगों को समावेशी दुनिया के निर्माण के लिए एक साथ लाना जहां मानवाधिकार और उनकी गरिमा का सम्मान हो सके। एक बार महात्मा गांधी ने कहा था कि गरीबी कोई देवीय अभिशाप नहीं है बल्कि यह मानव जाति के द्वारा रचित सबसे बड़ी समस्या है विश्व में गरीबी का मुख्य कारण बढ़ती जनसंख्या भ्रष्टाचार रूढ़िवादी सोच जातिवाद अमीर गरीब में ऊंच नीच नौकरी की कमी अशिक्षा बीमारी आदि है। International day for the eradication of poverty 

-विश्व की कुल आबादी में 3.7% लोग हैं सबसे गरीब इंटरनेशनल राइट्स ऑक्सफैम की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक भारत के सबसे अमीर 1% लोगों के पास देश के 73% लोगों की इनकम से भी ज्यादा पैसा है, एक सर्वे के अनुसार भारत की 1% सबसे अमीरों के पास देश की 58 फ़ीसदी संपत्ति का मालिकाना हक है जबकि पूरी दुनिया में सबसे अमीर 1% लोगों के पास लगभग 50% है विश्व की कुल आबादी में 3.7% लोग सबसे गरीब है दुनिया में 1% लोग ऐसे हैं जिनके पास कुल 82% लोगों की आय से भी ज्यादा पैसा है बीते साल की तुलना में देखें तो इन 82% लोगों की आमदनी में कोई वृद्धि दर्ज नहीं की गई है। विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की दो तिहाई गरीब आबादी पांच देश भारत, चीन, नाइजीरिया, बांग्लादेश और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में रहती है दुनिया के सबसे विकसित मूलक अमेरिका में भी 14% लोग करीब है लेकिन गरीबी का सबसे  ज्यादा रूप देखने को मिलता है विकासशील देशों में  इन देशों में 1981 से अब तक गरीबी की दर आधी हो चुकी है।



International day for the eradication of poverty 

-अफ्रीका में सबसे बुरी स्थिति दुनिया में करीब 70 करोड लोग गरीब हैं इनमें ज्यादातर दक्षिण एशिया और अफ्रीका में रहते हैं सबसे चिंताजनक बात तो यह है कि अफ्रीका के सब सहारा इलाकों में गरीबी की संख्या में कमी की जगह वृद्धि हुई है अफ्रीका में दुनिया की 11% आबादी है लेकिन दुनिया के एक तिहाई गरीब यही है ।

-भारत में तेजी से घट रही है गरीबी निवेश में हर महीने 44 लोग गरीबी रेखा के ऊपर निकल रहे हैं। यह दुनिया में गरीबी घटने की सबसे तेज दर है यह दावा अमेरिकी शोध संस्थान बुकिंग्स के ब्लॉक फ्यूचर गवर्नमेंट में जारी रिपोर्ट में किया गया है रिपोर्ट के अनुसार देश में 2022 तक 3% से कम लोग ही गरीबी रेखा के नीचे होंगे। वही 2030 तक बेहद गरीबी में जीने वाले लोगों की संख्या न के बराबर रहेगी मल्टीडाइमेंशनल मिक्स 2018 के मुताबिक भारत में पिछले 10 साल में गरीबी 54.7 से घटकर 27.5% हो गई है देश में दिल्ली केरल और गोवा में सबसे कम गरीबी है।

– नाइजीरिया में है सबसे अधिक गरीबी रिपोर्ट में बताया गया है कि फिलहाल दुनिया में सबसे अधिक गरीब लोगों की संख्या नाइजीरिया में है मई 2018 के अंत तक नाइजीरिया में बेहद गरीब लोगों की संख्या लगभग 8.7 करोड़ है नाइजीरिया में हर मिनट लगभग 6 लोग गरीबी रेखा के नीचे चले जा रहे हैं। International day for the eradication of poverty 

-4 साल में दुनिया का 11 सबसे अमीर देश होगा भारत बोस्टन कंसलटिंग ग्रुप के मुताबिक साल 2022 तक भारत दुनिया का 11 वां सबसे अमीर देश बन जाएगा, आने वाले समय में भारतीयों की संपत्ति काफी तेजी से बढ़ने वाली है इस तरह वर्ष 2017 के मुकाबले भारत की रैंकिंग चार पायदान से बढ़ जाएगी देश की निजी संपत्ति में 13% बढ़ोतरी का अनुमान है 3 साल बाद यह मौजूदा तीन लाख करोड़ डालर से बढ़कर 5 लाख करोड़ डोले हो जाएगी बीसीजी की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2022 तक भारत की रैंक में चार पायदान का सुधार होगा यह स्विट्जरलैंड, हांगकांग, नीदरलैंड्स और ताइवान को पीछे छोड़ देगा रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2012 से भारत की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट 12% रही है । International day for the eradication of poverty 

-हाई नेटवर्थ केटेगरी में भारत एशिया का 5 वा सबसे बड़ा बाजार चीन के बाद भारत ही ऐसा देश है जिसकी सीएजीआर पर्सनल वेल्थ के हिसाब से डबल डिजिट में रहेगी भारत समृद्ध हाई नेटवर्थ और अल्ट्रा हाई नेटवर्थ केटेगरी में एशिया का सबसे बड़ा बाजार है यहां समृद्ध लोगों की संख्या 3 लाख 22 हज़ार है इस श्रेणी मे 10 लाख डॉलर तक संपत्ति वाले लोग शामिल हैं। देश में हाई नेटवर्थ वाले अमीरों की संख्या 87,000 हजार है इनकी सम्पति 10 लाख डोलर से 2 करोड़ डॉलर के बीच है अल्ट्रा हाई नेटवर्क केटेगरी वाले 4,000 लोग हैं इनकी वेल्थ $2 करोड़ से ज्यादा है व्यक्तिगत संपत्ति में फिलहाल अमेरिका 80 लाख करोड़ डॉलर के साथ टॉप पर है साल 2022 तक इसके 100 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है चीन की निजी संपत्ति 21 लाख करोड़ डॉलर है 3 साल में यहां दोगुनी होकर $43 लाख करोड़ डॉलर पहुंचने की उम्मीद है।

– 4 गुना ज्यादा की रफ्तार से कम हो रही गरीबी-

वर्ल्ड पॉवर्टी ब्लॉक के मुताबिक भारत में 6,48,41,900 लोग यानी 4.8% लोगों गरीब है देश में 10.1 प्रति प्रति सेकेंड की दर से गरीबी दूर करने का लक्ष्य तय किया गया था और 41.6 प्रति व्यक्ति सकेंड की दर से गरीबी दूर हो रही है वहीं वैश्विक परिदृश्य में हर दिन औसतन 1.6 व्यक्ति प्रति सेकेंड की दर से फिर भी घटाने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन 1.1 की दर से गरीब हटाए जा रही है औसतन 56 हजार लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठ रहे हैं ग्लोबल पावर्टी रिपोर्ट 2018 के मुताबिक विश्व की 10.9% आबादी हर दिन $2 से भी कम पर गुजर बसर कर रही है विश्व की शहरी आबादी का एक तिहाई हिस्सा झुग्गी झोपड़ी में रहता है सब सहारा अफ्रीका में 42 प्रतिशत आबादी ऐसी है जो हर दिन खुद पर 1.90 डॉलर ही खर्च कर पाती है वर्ल्ड बैंक ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे अधिक गरीबी की श्रेणी में रखा है। International day for the eradication of poverty 

-हाई नेटवर्थ केटेगरी में भारत एशिया का 5 वा सबसे बड़ा बाजार चीन के बाद भारत गरीबी के कारण उत्पन्न होने वाले हालातों के चलते जन्म लेने वाले 1000 नवजात में 41 की 5 साल में ही मौत हो जाती है यूनिसेफ 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक हर महीने सब सहारा अफ्रीका के गरीब क्षेत्रों में 36 में से एक बच्चे की मौत हो जाती है जबकि विश्व में यह दर 333 बच्चों पर एक है अफ्रीका और एशिया में 75% बच्चे अति गरीबी में जीवन बिता रहे हैं सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स रिपोर्ट 2018 के मुताबिक दुनियाभर से हर तरह की गरीबी को 2030 तक खत्म किया जाएगा रिपोर्ट के मुताबिक 1990 की तुलना में गरीबी 2013 में घटकर एक तिहाई हो गई 2000 में गरीबी 26.9% तक घट गई थी वहीं 2017 में इसमें 9.2% की गिरावट आई रिपोर्ट कहती है कि 2016 तक विश्व की केवल 45% आबादी को ही प्रोटेक्शन कैश बेनिफिट मिल रहा था।

– सबसे तेजी से बढ़ रही है भारत की अर्थव्यवस्था

भारत की अर्थव्यवस्था में विकास की रफ्तार में चीन को पीछे छोड़ दिया है विनिर्माण कृषि क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन के दम पर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 8.2 फ़ीसदी रहेगी इस तिमाही में चीन की वृद्धि दर 6.7 % रही भारत अब इंग्लैण्ड को पीछे छोड़ 5वी बड़ी अर्थव्यवस्था बहुत जल्दी बनने जा रहा है अप्रैल-जून के दौरान मैन्युफैक्चरिंग की ग्रोथ बढ़कर 13.5% के स्तर पर पहुंच गई कंस्ट्रक्शन उद्योग में 8.7% की जबरदस्त वृद्धि हुई इससे पहले विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक इस साल भारत ने 2.6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ फ्रांस को पछाड़ कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल किया था इसी साल जनवरी में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने दोहराया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था अगले वित्त वर्ष में 7.4% की दर से बढ़ेगी और वह दोबारा दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की रैंकिंग हासिल कर लेगी ।  International day for the eradication of poverty 

-विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था पर एक नजर 

-संयुक्त राज्य अमेरिका नॉमिनल जीडीपी के मामले में अमरीकी अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे बड़ी है 19.42 ट्रिलियन डॉलर की अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सकल विश्व उत्पाद का 25% है अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए प्रति व्यक्ति जीडीपी लगभग $59609 जबकि चीन में 16676 डॉलर है।

 चीन ने सालाना 10% की औसत वृद्धि हासिल की है ओर दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है सन 2022 में अमेरिका और चीन के लिए नॉमिनल जीडीपी 23.76 ट्रिलियन डॉलर ओर 17.71 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है ।International day for the eradication of poverty 

-जापान में वर्तमान में जापान की अर्थव्यवस्था नॉमिनल जीडीपी के मामले में तीसरे नंबर पर है जबकि क्रय पावर समानता के आधार पर यहां चौथे स्थान पर है जापान की नॉमिनल जीडीपी 4.84 ट्रिलियन डॉलर है और प्रति व्यक्ति जीडीपी 42860 डॉलर है। 

– जर्मनी यूरोप की सबसे बड़ी और मजबूत अर्थव्यवस्था है विश्व स्तर पर यहां नॉमिनल जीडीपी के मामले में चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जर्मनी को मशीनरी वाहन घरेलू उपकरण और रसायनों के निर्यात के लिए जाना चाहता है जर्मनी में एक कुशल श्रम शक्ति है लेकिन आने वाले सालों में अर्थव्यवस्था को अनगिनत चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है नॉमिनल जीडीपी 3.42 ट्रिलियन डॉलर है। 

– यूनाइटेड किंग्डम 2.5 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी के साथ यूनाइटेड किंग्डम वर्तमान में दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा देश है पीपीपी के मुकाबले में इसकी जीडीपी 2.91 ट्रिलियन डॉलर से थोड़ी अधिक है जबकि प्रति व्यक्ति जीडीपी $40001 है यू के की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से सेवाओं द्वारा संचालित होती है क्योंकि यह क्षेत्र की जीडीपी में 75% से अधिक योगदान देती है जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण योगदान होता है ।

-भारत  -भारत 2.59 ट्रिलियन डॉलर की नॉमिनल जीडीपी के साथ दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है पश्चिमी देशों की तुलना में भारत की जीडीपी अभी भी कृषि 17% पर निर्भर है हालांकि हाल के वर्षों में सेवा क्षेत्र में भी बढ़ोतरी हुई है और अब यह जीडीपी का 57% है जबकि उद्योगों का 26% योगदान है अर्थव्यवस्था की ताकत निर्यात उच्चतर बचत अनुकूल जनसांख्यिकी है भारत ने सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है और भारत की 2022 तक लिस्ट में चौथे स्थान पर पहुंचने की उम्मीद है। International day for the eradication of poverty


Related Post :-

CAT EXAM ठोस तैयारी से ही मिलेगी कामयाबी

International labour day अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस 1 मई

विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल

error: Content is protected !!
Don`t copy text!