वर्तमान समय में प्रत्येक छात्र प्रतियोगी परीक्षा में सफलता पाकर अपने उज्जवल भविष्य के निर्माण हेतु प्रयासरत है एवं MPPSC राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहता है परन्तु राज्य की सवोच्च परीक्षा होने के कारण इसका कठिन होना स्वाभाविक है, इसीलिए प्रतिवर्ष तीन चार लाख अभ्यर्थियों में से केवल 400-500 छात्र ही अंतिम रूप से सफल हो पाते हैं। MPPSC एक त्रि-स्तरीय परीक्षा है एवं मैं प्रत्येक चरण की अलग-अलग रणनीति यहां प्रस्तुत कर रहा हूँ, आशा है आपको लाभ अवश्य मिलेगा।
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- प्रत्येक विषय (इतिहास, भूगोल, संविधान, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, विज्ञान, विविध एवं खेलकूद) का बेसिक अध्ययन करें।
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- सभी विषयों के अधिक से अधिक फैक्ट्स याद करें व उन्हें दोहराएं।
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- महत्वपूर्ण जानकारियों की सीरिज बनाकर याद करें
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- अधिक से अधिक टेस्ट दें।
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- करेन्ट अफेयर्स के लिए नियमित दो स्तरीय अखबार पढ़े व नोट्स बनाए।
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- यदि संभव हो तो ग्रुप स्टडी अवश्य करें।
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- पिछले वर्षों के पेपरों (MPPSC, UPPSC, CGPSC, RAS एवं व्यापमं. ) को हल करें क्योंकि प्रारंभिक परीक्षा में इन परीक्षाओं के 8-10 प्रश्न रिपीट होते हैं।
- प्रतियोगिता घटना चक्र, प्रतियोगिता संदर्भ, रोजगार एवं निर्माण, मध्यप्रदेश संदेश पत्रिका अवश्य पढ़े।
MPPSC मुख्य परीक्षा हेतु:-
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- यदि आप 5 घंटे पढ़ रहे हैं, तो 5 घंटे ही आप लिखने का भी अभ्यास करें।
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- प्रत्येक टॉपिक, घटना का आपको इस तरह विश्लेषण करना है कि यदि प्रश्न चाहे 3 अंकों का हो, 6 अंकों का हो या 15 अंकों का हो, आप उसे उसकी मांग के अनुरूप लिख सकें। उदाहरण के लिए ‘पुनर्जागरण’ यदि 3 अंकों में पूछा गया है तो आप तीन महत्वपूर्ण फैक्ट लिखे, यदि 6 अंकों में पूछा गया है, तो आप उसका उत्तर पैराग्राफ के फॉरमेट में लिखे एवं यदि 15 अंकों में पूछा गया है,तो आप उसे कारण, प्रभाव, लाभ, हानि सहित अन्य कारकों को उसमें समेटे।
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- विगत वर्षों के प्रश्न पत्रों को समय सीमा में लिखने का प्रयास करें।
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- कोशिश करें कि प्रश्न-पत्र पूरा अटे्म्ट हो सके।
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- 6 एवं 15 अंकों के प्रश्नों में आवश्यकतानुसार चित्र, डायग्राम, फ्लोचार्ट का समावेश अवश्य करें।
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- सामान्य ज्ञान, करेंट अफेयर्स एवं मध्यप्रदेश हेतु प्रतियोगिता घटना चक्र , प्रतियोगिता संदर्भ, कक्षा 6 से 12वीं तक की NCERT की पुस्तके, हिन्दी ग्रंथ अकादमी की पुस्तक, अर्थव्यवस्था, साइंस, एथिक्स एवं हिन्दी के लिए मानक स्तर की पुस्तकों का अध्ययन करें।
- निबंध के लिए अखबारों के संपादकीय का अध्ययन करें एवं स्वयं निबंध लिखकर किसी योग्य व्यक्ति को चैक करवाएँ एवं निरंतर सुधार करें।
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- अपने बायोडाटा से संबंधित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर तैयार करें।
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- आपकी शिक्षा, बैकग्राउण्ड आदि से सभी संभावित प्रश्नों को तैयार करें।
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- यदि आप पहले से चयनित है तो आपकी वर्तमान जॉब से संबंधित समस्त प्रश्नों को तैयार करें।
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- अपने गांव, शहर, जिला, संभाग आदि के फैक्ट को याद करें।
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- कुछ परंपरागत प्रश्नों (जैसे- प्रशासन में क्यों आना है? आकर क्या करोगे ? आपको ही क्यों चुना जाए ? आदि) के आकर्षक उत्तर तैयार करें।
- मॉक इंटरव्यू अवश्य दें।
मित्रों हम सभी इंसान है और इंसान से गलती या गलतियाँ होना स्वाभाविक है परन्तु एक सफल व्यक्ति गलतियाँ कम से कम करता है इसलिए प्रत्येक छात्र को चाहिए कि वह कम से कम गलतियाँ कर एवं गलतियों से सीखकर आगे बढ़े एवं उन्हीं गलतियों की पुनरावृत्ति ना करे।
पी.एस. सी की परीक्षा पास करके एक अधिकारी बनना निश्चित ही कठिन कार्य है। परन्तु संभव नहीं इसलिए आप सर्वप्रथम अपनी क्षमताओं का ईमानदारी से आकलन कर एवं फिर अपना लक्ष्य तय करे और एक बार जब तय कर लें कि पी. एस. सी में चयनित होना है तो फिर पीछे मुड़कर न देखें, लाख कठिनाईयां आने पर भी अपने लक्ष्य से विमुख न हो।
दूसरी और महत्वपूर्ण बात है कि जब भी अध्ययन करने बैठे पूरे मनोयोग से पढे़ और कोई भी कसर न छोड़े अर्थात् सिलेबस के प्रत्येक टॉपिक को बराबर वरीयता दे। और टॉपिक के प्रत्येक पहलू पर ध्यान दे और उससे संभावित प्रश्नों को तैयार करें।
समय का विशेष ध्यान रखें, किसी भी स्थिति में समय खराब न होने दे क्योंकि समय इस दुनिया की सबसे अनमोल चीज है। अपनी फील्ड से जुड़े लोगों के ही संपर्क में रहे एवं नकारात्मक विचारों वाले लोगों से दूर रहें। धैर्य के साथ अपने लक्ष्य के लगातार प्रयासरत रहे और असफल होने पर भी घबराएं नहीं क्योंकि बड़े कार्यों को करने में समय तो लगता ही है जैसे- छोटे झाड़ झंकड जल्दी उग आते हैं परंतु एक मजबूत वृक्ष बनने में समय लगता है।
पी. एस. सी परीक्षा भले ही तीन चरणों में सम्पन्न होती है परतु आप तीनों चरणों में प्री., मैन्स व इंटरव्यू को अलग-अलग समझने की गलती न करे क्योंकि तीनों ही चरण आपस में अंर्त:संबंधित है जैसे कि प्री. के लिए आप जो फैक्ट याद करते हैं , वहीं फैक्ट मैन्स लिखते समय अति लघुत्तरीय (03 अंक वाले) प्रश्नों के उत्तर बन जाते हैं एवं यही अति लघुउत्तरीय प्रश्न आपके परिणाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योकि प्रथम द्वितीय व व तृतीय प्रश्नपत्रों में इन प्रश्नों की कुल संख्या 90 एवं इनके अंकों की संख्या 90 x 3 = 270 होती है , तो जितनी अच्छी तैयारी प्री. की होगी उसका उतना ही अधिक फायदा मैन्स में मिलेगा और फिर यही सारे फैक्ट इंटरव्यू में काम आत है क्योंकि इंटरव्यू में भी कई बार कब , कहाँ, क्यों, क्या, कैसे (तथ्यनुमा) प्रश्न भी पूछे जाते हैं।
पूरी परीक्षा की तैयारी के दौरान सतर्क रहें एवं उचित मार्गदर्शन व पुस्तकें चुनते समय पूरी सावधानी बरते एवं कोशिश करें कि वे प्रश्न कभी भी गलत न हो जो आपको आते हैं क्योंकि आपकी जरा सी लापरवाही आपकी सारी मेहनत पर पानी फेर सकती है। इसलिए मेरे द्वारा बताई गई समस्त सावधानियों का पालन करें।
अंत में , बस इतना ही कहूंगा कि जितनी यह परीक्षा ज्ञान की उतनी ही आपके धैर्य कि है, इसलिए ऐसी स्थिति में धैर्य रखे, किसी भी विषम परिस्थिति में धैर्य न खोए, यदि एक बार असफल हो, तो निराश न होए, फिर से खड़े हो और दोगुने उत्साह प्रयास करें और तब तक प्रयास करते रहे जब तक कि सफल न हो जाए, बुराई असफल होने में नहीं वरन् पुन: प्रयास न करने में हैं, अत: खुद को मानसिक तौर पर मजबूत बनाएं अपने पर भरोसा रखे और अध्ययन जारी रखें।
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