नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस – 18 जुलाई 

-अंतर्राष्ट्रीय नेल्सन मंडेला दिवस 18 जुलाई 

-धैर्य और सिद्धांत के बल पर लड़े थे अफ्रीकी गांधी 

-अफ्रीकी गांधी के रूप में पहचाने जाने वाले और रंग के आधार पर होने वाले भेदभाव को अफ्रीकी धरती से खत्म करने वाले नेल्सन मंडेला के व्यक्तित्व की पूरी दुनिया कायल है उनका पूरा जीवन भी कड़े संघर्ष और कभी हार न मानने वाले दृढ़ व्यक्तित्व की मिसाल रहा है नेल्सन का नाम बचपन में रोहिल्लाहला रखा गया था मोटे तौर पर इसका अर्थ होता है मुसीबत खड़ी करने वाला या आग लगाऊं यह नाम रखते समय शायद ही किसी ने सोचा होगा कि मंडेला इसे किस हद तक सकारात्मक रूप में सार्थक करेंगे 18 जुलाई 1918 को दक्षिण अफ्रीका के ट्रांसकी क्षेत्र की मेजो गांव में उनका जन्म हुआ था वैसे तो उनका पूरा जीवन ही कड़े संघर्ष और कभी हार ना मानने वाले व्यक्तित्व की मिसाल रहा है लेकिन उनकी जीवन से जुड़े कुछ घटनाक्रम ऐसे हैं जिनसे आम व्यक्ति भी बहुत कुछ सीख सकता है । Nelson mandela day all you need to know in hindi

-नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस शांति

नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित नेलसन मंडेला को रंगभेद विरोधी संघर्ष में उनके योगदान के सम्मान में उनके जन्मदिन को नेल्सन मंडेला अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में हर वर्ष मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने नवंबर 2009 में की 67 साल तक मंडेला इस आंदोलन से जुड़े होने के उपलक्ष में लोगों से दिन के 24 घंटों में से 67 मिनट दूसरों की मदद करने में दान देने का आग्रह किया ।

-निर्भय होकर अपनी बात रखो नेल्सन अपनी शिक्षिका गेरूड मैडम की विद्वता के साथ-साथ उनकी बेबाकी और साहस से भी प्रभावित थी नेल्सन ने देखा कि वह अकेली शिक्षिका थी जो प्राचार्य हैरी की किसी बात से सहमत ना होने पर अपनी सहमति सीधे प्रकट कर देती थी जबकि दूसरे लोग उनकी बात को ज्यों का त्यों मानने में ही अपनी बेहतरी समझते थे इसने नेल्सन के मन में यह भावना भर दी की चिंता किए बिना उसका विरोध करो और अपने विचार निर्भरता निर्भरता से उसके सामने रखो। Nelson mandela day all you need to know in hindi

– भारतीय से सीखा अहिंसात्मक संघर्ष 1946 में दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने एशियाटिक एक्ट पास कर भारतीयों की स्वाधीनता छीन ली इस एक्ट के विरोध में दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले अनिवासी भारतीयों ने तीखी प्रतिक्रिया दी उन्होंने जवाब में सत्याग्रह छेड़ दिया जो 2 साल तक चला भारतीय नेता डॉक्टर दादू और वाल्टर इसकी अगुवाई कर रहे थे सत्याग्रह के दौरान भारतीयों ने रैलियां आयोजित की सरकार ने 2000 केदियो को जेल में बंद कर दिया नायक और दादू को 6 महीने की सजा हुई सरकार ने इस आंदोलन को कुचल दिया लेकिन मंडेला सहित बहुत से अश्वेतों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा एक तो उनकी समझ में आया कि केवल बैठके करना और सरकार की आलोचना करना ही काफी नहीं है इसके लिए अहिंसात्मक संघर्ष कैसे चलाया जाता है यह उन्होंने भारतीय से सीखा।

– कभी हो सकते थे रिहा आजकल व्यक्ति अपने छोटे-छोटे लाभ के लिए अपने रास्ते और आदर्शों को बदलने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं जबकि कुछ बड़ा हासिल करना हो तो संघर्ष के लिए सदैव तैयार रहना होता है 27 वर्षों के दौरान अनेक बार दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने नेल्सन मंडेला से उन्हें रिहा करने का प्रस्ताव रखा परंतु हर बार उन्होंने प्रस्ताव यह कहते हुए ठुकरा दिया कि अकेले मुझे आजाद करने से क्या होगा जब मेरे सारे देशवासी एक तरह की जेल में रह रहे हो तो अकेले मेरी आजादी का क्या मतलब संभवत अपने देशवासियों के प्रति उनकी यही प्रतिबद्धता थी जिसने मंडेला को मौत के बाद भी जिंदा रखा। Nelson mandela day all you need to know in hindi

– इसलिए नेल्सन नाम मिला अंग्रेजों के लिए अफ्रीकी नामों का उच्चारण करना या उनको याद रखना मुश्किल था वह उन नामों को असभ्य समझते थे इसलिए सभी को नए नाम दिए जाते थे आज भी अधिकांश अफ्रीकी देशो में दो नाम होते हैं एक अफ्रीकी एक अंग्रेजी रोहिल्लाहला मंडेला की शिक्षिका ने उनका नाम ब्रिटिश नेवी के मशहूर एडमिरल लॉर्ड नेलसन जिन्होंने युद्ध में अदम्य वीरता का परिचय देते हुए वीरगति पाई थी के नाम पर नेल्सन मंडेला रखा यह भी संयोग की बात थी कि मंडेला को अंग्रेजी नाम भी ऐसे मिला जो एक अत्यंत और वीर सेनानायक से संबंध रखता था।

– भारत रत्न पाने वाले पहले विदेशी

नेलसन मंडेला ने महात्मा गांधी को प्रेरणा स्त्रोत माना था और उन्से अहिंसा का पाठ सीखा था गांधी जी के विचारों से प्रभावित होकर मंडेला ने रंगभेद के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था उन्हें अपनी मुहिम में ऐसी सफलता मिली कि उन्हें अफ्रीका का गांधी पुकारा जाने लगा नेलसन मंडेला ने जिस तरह से देश में रंगभेद के खिलाफ अपना अभियान चलाया उसने दुनिया को अपनी और आकर्षित किया यही कारण रहा कि भारत सरकार ने 1990 में उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया भारत रत्न पाने वाले पहले विदेशी हैं साल 1993 में उन्हें शांति के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया इसके बाद बड़ी बीमारी के चलते 3 दिसंबर 2013 को 95 वर्ष की आयु में नेल्सन का निधन हो गया। Nelson mandela day all you need to know in hindi

– कड़वी यादों को भूलकर आगे बढ़े एक भव्य समारोह में नेल्सन मंडेला की राष्ट्रपति के रूप में शपथ होनी थी समारोह में अनेक देशों के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री राजा महाराजा उपस्थित थे इसी बीच मंडेला ने घोषणा की कि वे सभा का परिचय उनके दो महत्वपूर्ण मेहमानों से करवाएंगे इसके बाद अपने दोनों ओर खड़े दो गोरे सिपाहियों का परिचय कराते हुए मंडेला ने बताया कि यह दो व्यक्ति ही मेरे महत्वपूर्ण अतिथि हैं मेरे जेल के दिनों में इन दोनों ने मुझे विभिन्न किस्म की यातनाएं दी थी मैं इस बात को जानता हूं कि उन्होंने स्वयं की पहल पर ऐसा नहीं किया था इसलिए मैं इन दोनों को आज क्षमा कर रहा हूं और उनके माध्यम से मैं उन तमाम गोरे लोगों को क्षमा कर रहा हूं जिन्होंने कभी ना कभी इस देश के बहुसंख्यक निवासियों पर जुल्म किए थे । Nelson mandela day all you need to know in hindi

-नहीं चाहते थे राष्ट्रपति बनना अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला कभी नहीं चाहते थे कि वह देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने उनकी इच्छा थी कि कोई युवा देश की कमान संभाले मंडेला के बारे इस जानकारी का एक किताब कन्वरसेशन विद माय सेल्फ में मंडेला ने लिखा है कि अफ्रीकी नेताओं के बहुत दबाव डालने पर उन्होंने देश का राष्ट्रपति बनने की रजामंदी दी मंडेला ने कहा दक्षिण अफ्रीका में पहली बार लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए राष्ट्रपति का पद पर उनकी मर्जी के बगैर लादा गया किताब में इस बात का जिक्र है कि नेल्सन मंडेला कोई पद लिए बगैर नए दक्षिण अफ्रीका की सेवा करना चाहते थे यहां तक कि वह अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस में भी कोई पद नहीं चाहते थे 11 फरवरी 1990 को जब 27 साल तक जेल में रहने के बाद नेल्सन मंडेला बाहर निकले तो देश उनके बताए रास्ते पर दौड़ पड़ा देश में लोकतंत्र की बयार चली और पहली बार 1994 में सभी नस्लों को वोट देने के अधिकार के साथ ऐतिहासिक चुनाव हुए इन चुनावों में जीत ने मंडेला को देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति के रूप में स्थापित कर दिया गोरे और काले लोगों के बीच मेल मिलाप उनके राष्ट्रपति के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि थी कन्वरसेशन विद माय सेल्फ की भूमिका में बराक ओबामा ने लिखा है कि मंडेला हम सबको यही संदेश देते हैं कि हम सबकी जिंदगी में ऐसे दिन आते हैं जब लगता है कि परिवर्तन कठिन है जब विरोध और अपनी बहुत सी कमियों के कारण हम सोचने लगते हैं कि क्यों ना कोई सरल मार्ग अपना लिया जाए मंडेला ने ऐसे बहुत से दिन देखे हैं लेकिन जब रॉबेन की कोठरी में रोशनी की एक हल्की सी किरण चमकती है तो उन्हें उजला भविष्य फिर दिखाई देने लगता है जिसके लिए बलिदान किया जा सकता है। Nelson mandela day all you need to know in hindi


Related Post :-

दादाभाई नौरोजी : ग्रैंड ओल्ड मैन

International labour day अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस 1 मई

कस्तूरबा गांधी जयंती 11 अप्रैल

SBI PO या क्लर्क परीक्षा की तैयारी कैसे करें?

आईएएस की तैयारी हिंदी माध्यम से कैसे करें ?

error: Content is protected !!
Don`t copy text!