लोकतंत्र में NOTA की सार्थकता

लोकतंत्र में नोटा की सार्थकता

NOTA – Non Of The Above

आधुनिक लोकतांत्रिक देशों में जनमत और जनादेश की अभिव्यक्ति जनता द्वारा चुनकर भेजे गए जनप्रतिनिधियों के माध्यम से उजागर होती रही है। कालांतर में विश्व के अधिकतर देशों में लोकतंत्र को कमजोर और प्रदूषित करने के प्रयास भी विभिन्न राजनीतिक दलों स्वार्थी तत्व और पूर्ण रूप से व्यवसायिकता धारण कर चुके समाचार पत्र और विभिन्न टीवी चैनल्स द्वारा किए जा रहे हैं अब लोकतांत्रिक देशों में भी भाई भतीजा वाद राजनीति का अपराधीकरण, वंशवाद की राजनीति और भ्रष्टाचार के कारण योग्य चरित्रवान और स्वच्छ छवि के ईमानदार और अति शिक्षक लोग राजनीति और विधान मंडलों में नहीं पहुंच पा रहे हैं इस स्थिति में सुधार लाने में विश्व के कई देशों में इनमें से कोई नहीं अर्थात नोटा के विकल्प को मतदाताओं के समक्ष प्रस्तुत किया गया है । Nota information in hindi

अब नोटा के माध्यम से आम नागरिक भी जागरूक और सक्रिय प्रहरी की भूमिका में अवतरित हुआ है भारतीय लोकतंत्र के पक्ष में नोटा अतिरिक्त साधन के रूप में आम मतदाता को भी सच्चा लोकतंत्र का वाहक मानने में अहम भूमिका निभाता प्रतीत हो रहा है। इसलिए वर्तमान भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में नोटा की सार्थकता की समीक्षा करना उचित होगा । Nota information in hindi

चुनाव सुधार के विभिन्न उपकरण भारत में चुनाव सुधार के प्रयास 1975 में गठित तार कुंडी समिति से लेकर विधि आयोग की 244वी रिपोर्ट 2014 में आने तक लंबे संघर्ष का राजनीतिक प्रतिफ़ल के रूप में नोटा अस्तित्व में आया है उल्लेखनीय है कि पिछले दो से तीन दशकों से हमारे निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार ही अशोभनीय और असंसदीय आचरण किया जा रहा है अधिकतर जनप्रतिनिधि राजनीति के अपराधीकरण को बढ़ावा भी दे रहे हैं इसलिए भारत में चुनाव सुधारों की लंबी प्रक्रिया से कई उपकरणों का सृजन हुआ है जैसे मतदाता परिचय पत्र, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, नोटा और मोटर वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल इन उपकरणों के क्रमबध विकास के कारण की विवेचना करके ही भारतीय लोकतंत्र में नोटा की सार्थकता की समीक्षा संभव है।

मतदाता परिचय पत्र और ईवीएमसन 1990 में गठित दिनेश गोस्वामी समिति के महत्वपूर्ण सिफारिशों में उल्लेखनीय सिफारिश की थी कि फर्जी मतदान रोकने के लिए सभी मतदाताओं को फोटो युक्त पहचान पत्र उपलब्ध कराया जाए और मतदान हेतु ईवीएम का अधिकतम प्रयोग किया जाए। बाद में संविधान समीक्षा आयोग 2002 ने भी यथाशीघ्र संपूर्ण भारत में ईवीएम के प्रयोग को शुरू करने पर जोर दिया आयोग ने चुनाव अपराधों की त्वरित और समय सीमा में सुनवाई करने के लिए विशेष न्यायालय की स्थापना करने की भी सिफारिश की थी।

 प्रत्याशियों को शपथ पत्र देना अनिवार्य करना भारत के निर्वाचन आयोग ने सन 2004 में अपना सुधारात्मक वातावरण निर्मित करने हेतु सुझाव प्रस्तुत किए थे  Nota information in hindi

-प्रथम उम्मीदवारों को अपना नामांकन पत्र भरते समय ही अपराधिक कार्यों संपत्ति और नगद धन होने की जानकारी शपथ पत्र के रूप में जमा करनी होगी

-द्वितीय राजनीति के अपराधीकरण को रोकने के लिए अपराधी प्रकृति के लोगों को चुनाव लड़ने के अयोग्य माना जाए

-तृतीय मतदाताओं को नकारात्मक मतदान की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए।

 नोटा अंतिम उम्मीदवार के रूप में उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि  ई वी एम और मतपत्र में नोटा का विकल्प अवश्य रखा जाए इस निर्देश का पालन करते हुए 2013 में पहली बार चुनाव आयोग ने पांच राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को अंतिम प्रत्याशी के रूप में नोटा का बटन भी उपलब्ध कराकर और परिवर्तनकारी व्यवस्था शुरू की राइट टू रिजेक्ट की दिशा में यह एक सराहनीय पहल के रूप में माना गया है। लोकसभा चुनाव में पूरे देश में नोटा की व्यवस्था को लागू किया गया इस चुनाव में 1.1% मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाकर इसके महत्व को निरूपित किया । Nota information in hindi

वीवीपैट वोटर वेरीफ़ाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल यानी वीवीपैट (VVPAT)

भारत सरकार ने 14 अगस्त 2013 को एक अधिसूचना के माध्यम से चुनाव कराने सबंधी नियम 1961 में संशोधन करते हुए चुनाव आयोग को ईवीएम के इस्तेमाल के साथ ही वीवीपैट मशीन का प्रयोग करने का अधिकार प्रदान किया। उल्लेखनीय है कि सर्वप्रथम वीवीपैट का प्रयोग सितंबर 2013 में नागालैंड के विधानसभा क्षेत्र के व्हेन सांग मतदान केंद्र में किया गया था वास्तव में अपनी पसंद के प्रत्याशी के चुनाव चिन्ह का बटन दबाते ही मतदाता को वीवीपैट की स्क्रीन पर 7 सेकंड तक चुनाव चिन्ह दिखाई देता है। यह तरीका मतदाताओं को मतदान प्रणाली की निष्पक्षता और पारदर्शिता लाने में कारगर कदम सिद्ध हो रहा है ।Nrmation inota info hindi

नोटा से होने वाले संभावित लाभ भारतीय लोकतंत्र में सुधारों की श्रृंखला के नवीनतम और प्रभावी चुनावी उपकरण से भविष्य में यह लाभ प्राप्त होने की प्रबल संभावनाएं विकसित की जा रही है प्रथम भारत में लोकतंत्र के सशक्तिकरण से पारदर्शी और शुचितापूर्ण चुनाव प्रणाली विकसित हो सकेगी । नोटा की प्रसिद्धि बढ़ने पर आयोग के अशिक्षित अपराधी और भ्रष्ट लोग चुनाव लड़ने हेतु हतोत्साहित होंगी तथा स्वच्छ छवि और ईमानदार लोगों को चुनाव लड़ने के ज्यादा अवसर प्राप्त होंगे कथनी और करनी में बड़ा अंतर रखने वाले नेता राजनीति छोड़ने को बाध्य होंगे ।

– नोटा के महत्व और प्रभाव के वशीभूत होकर निष्क्रिय बेईमान और खोखले भाषण बाजी करने वाले जनप्रतिनिधि अपने निर्वाचन क्षेत्र में जनहित के कार्य करने हेतु बाध्य होंगे इसके सुखद परिणाम से ही भारत में सच्चे अर्थ में लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा मूर्त रूप ले सकेगी । Nota information in hindi

 निकट भविष्य में नोटा और वीवीपैट के प्रयोग को स्थानीय स्तर राज्य के चुनाव में भी शुरू करने पर प्रत्यक्ष प्रजातंत्र की स्थापना भी संभव हो सकेगी इससे भारतीय लोकतंत्र अन्य देशों के लिए आदर्श और अनुकरणीय बन सकेगा ।

-नोटा के मार्ग की बाधाएं

अभी नोटा को वह महत्व और मान्यता नहीं मिली है जिसके लिए इसका प्रयोग शुरू किया गया है अभी भी यह प्रश्न बना हुआ है कि यदि नोटा सबसे ज्यादा वोट पाता है तो क्या होगा सर्वोच्च न्यायालय ने अब तक स्पष्ट नहीं किया है पूर्व न्यायाधीश आर एस सोढ़ी ने इस बारे में कहा है नोटा तो मतदाताओं की राय है एक व्यक्ति के रूप में प्रत्याशी नहीं है इसलिए जो प्रत्याशी सर्वाधिक पाएगा वहीं विजयी होगा शत प्रतिशत मतदान और अनिवार्य मतदान की व्यवस्था ना होने के कारण भी नोटा की चुनाव सुधार के उपकरण के रूप में कारगर भूमिका और उपयोगिता सामने नहीं आ सकी है। किंतु भविष्य में नोटा के और अधिक प्रभावी बनाने की प्रबल और उज्जवल संभावनाओं से इंकार भी नहीं किया जा सकता है । Nota information in hindi

-नोटा का पूर्ण सार्थक बनाने हेतु सुझाव भारतीय लोकतंत्र में वर्तमान चुनावी प्रक्रिया में नोटा के प्रारंभिक परिणाम रुझान के दृष्टिगत यह आशा की जा सकती है कि भविष्य में नोटा और भी गुल खिलाएगा इसके लिए जरूरी है कि नोटा की प्रभावशीलता को कम करने वाले कारकों बाधाओं को दूर करने के सरकारी और सामाजिक स्तर से तेज प्रयास किए जाएं । इसके लिए निम्न सुझाव उपयोग हो सकते हैं

-प्रथम सभी चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए अविलंब अनिवार्य मतदान की हो रही आवश्यकता की प्रभावी व्यवस्था की जाए।

– द्वितीय मतदाताओं को अत्याधुनिक एटीएम की मशीन की तरह उच्च तकनीक से निर्मित इलेक्ट्रॉनिक वोटर कार्ड उपलब्ध कराया जाए जिससे शिक्षित मतदाता को वोट डालने में आसानी हो और अनावश्यक रूप से लंबी लंबी लाइन न लग सके। Nota information in hindi

– तृतीय वीवीपैट या एटीएम की तरह चुनावी मशीन से मतदान करने की 2 पर्ची प्रिंट हो और उनमें से एक पर्ची मतदाता भी प्राप्त कर सके उदाहरण जैसा कि वर्तमान  स्वाइप मशीन से क्रेडिट कार्ड द्वारा भुगतान करने पर दो पर्ची निकलती है एक ग्राहक को मिलती है दूसरे दुकानदार के पास रहती है।

-निष्कर्ष

भारतीय लोकतंत्र में नोटा की आवश्यकता प्रभाव और इसके मार्ग में आने वाले विभिन्न कठिनाइयों बाधाओं की विवेचना करने के उपरांत निष्कर्ष में कहा जा सकता है कि अभी नोटा से अपेक्षित लाभ मिलना संभव नहीं हुआ है क्योंकि भारत में नोटा की यह शुरुआत अवस्था है भविष्य में इससे निश्चित ही अच्छे परिणाम मिलने की भरपूर संभावनाएं विद्यमान है इन्हें प्राप्त करने और आज देखे जा रहे इस लोकतांत्रिक सपने को साकार करने के लिए प्रस्तुत सुझाव मुख्य रूप में उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं। इसलिए यह आशा करना उचित होगा कि भारतीय प्रजातंत्र में योग्य ईमानदार दूरदर्शी और शिक्षक प्रतिनिधि का चयन करने में नोटा का विकल्प भविष्य में और भी विराट स्वरूप धारण करके राजनीति की गंदगी को दूर करने में झाड़ू का काम कर सकेगा इसे इन काव्य पंक्तियों में कहा जा सकता है

अयोग्य को हतोत्साहित फिर पराजित करने खूब दबाए मतदाता बटन नोटा भारत में कल नहीं कभी भी नहीं रहेगा अच्छे प्रतिनिधियों का टोटा। Nota information in hindi

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