भारतीय प्रवासी दिवस

प्रवासी भारतीयों की अवदान को मान्यता देता है

Pravasi Bharatiya Divas full information in hindi

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17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन – 2023
स्थान :- इंदौर (मध्य प्रदेश)
मुख्य अतिथि :-  चंद्रिका प्रसाद संतोखी  (सूरीनाम के राष्ट्रपति)
साझीदार राज्य :- मध्य प्रदेश
Theme :- “प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार (Diaspora: Reliable Partners for India’s Progress in Amrit Kaal)” 

कोरोना वायरस के चलते 2021 में 16वां प्रवासी भारतीय दिवस वर्चअल मोड में सेलिब्रेट किया गया था

15वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन – 2019
स्थान :- वाराणसी
मुख्य अतिथि :- प्राविंद जगन्नाथ (मॉरीशस प्रधानमंत्री )
साझीदार राज्य :- उत्तर प्रदेश
Theme :- नए भारत के निर्माण में प्रवासी भारतीयों की भूमिका

साल 2015 में इसमें संशोधित किया गया और तब से हर दो साल बाद इस दिन को मनाया जाने लगा 

भारतीय प्रवासी दिवस भारत सरकार का विदेश मंत्रालय आयोजक देश के सहयोग से और यदि भारत में उसका आयोजन हो रहा हो तो संबंधित राज्य सरकार के सहयोग से प्रतिवर्ष 9 जनवरी के दिन प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन करता है। महात्मा गांधी इसी दिन सन 1915 में दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश वापस आए थे प्रवासी भारतीयों की अधिकारों कि दक्षिण अफ्रीका में और बाद में भारत आने पर भी गांधी जी ने निर्णायक लड़ाई लड़ी थी उनके स्वदेश आगमन की तिथि 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का निश्चय किया गया था।

इसकी संकल्पना लक्ष्मीमल सिंघवी समिति ने साल 1915 में ही की थी, प्रवासी भारतीयों को देश से जोड़ने का मकसद लेकर दिल्ली में 9 से 11 जनवरी 2003 के बीच पहले प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन हुआ था। सन 2003 से ही प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की शुरुआत की इस अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाता है इसमें अपने क्षेत्र में विशेष उपलब्धि प्राप्त करने वाले भारत्वंशियों का सम्मान किया जाता है साथ ही उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान किया जाता है यह एक सुखद संयोग ही है कि अपनी मैधा और परिश्रम के बुते कुछ भारती प्रवासियों ने विदेशों में उच्च पद भी प्राप्त किए पुर्तगाल के मौजूदा राष्ट्रपति एंटोनी डी कोस्टा किसी अन्य राष्ट्र में सर्वोच्च पद पर चुने जाने वाले पहले प्रवासी भारतीय है। Pravasi Bharatiya Divas full information in hindi

क्यों मनाया जाता है भारतीय प्रवासी दिवस –

भारत में प्रवासी दिवस मनाने का सबसे बड़ा औचित्य यही है कि विभिन्न देशों के प्रवासी जो विश्वभर में फैले हुए हैं उन में भारतीयों की संख्या सबसे अधिक है वर्ष 2017 की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व भर में फैले भारतीय प्रवासी की संख्या लगभग 1 करोड़ तीस लाख है जिसमें से 60 लाख प्रवासी खाड़ी देशों में है भारतीय प्रवासियों की इतनी बड़ी संख्या के हित सरंक्षणके लिए ही मनाए जाने वाले विशिष्ट आयोजन का उद्देश्य प्रवासी भारतीयों के साथ सकारात्मक बातचीत के लिए एक मंच उपलब्ध कराना और विश्व के सभी देशों में अप्रवासी भारतीयों का नेटवर्क तथा युवा पीढ़ी को प्रवासियों से जुड़े रखना है विदेशों में रह रहे भारतीय श्रमजीवीयो के जीवन में आने वाली कठिनाइयों सुनना और उनको दूर करने का पर्यास करना भी है।

भारत के प्रति निवासियों को आकर्षित करना और निवेश की अवसर को बढ़ावा भी इसी आयोजन का मुख्य उद्देश्य है भारतीय प्रवासी दिवस शुरू करने का श्रेय लक्ष्मी मल्ल सिंघवी कमेंटी को जाता है प्रवासी भारतीयों को उनके अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य और असाधारण योगदान के लिए प्रतिवर्ष प्रवासी भारतीय सम्मान भी प्रदान किया जाता है प्रवासी भारतीय सम्मान भारत के प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय द्वारा स्थापित एक पुरस्कार है। जो प्रतिवर्ष प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है।

प्रवासी भारतीयों का विश्व के कई देशों में महत्वपूर्ण योगदान रहा है-

प्रवासी भारतीय लोग जो भारत छोड़कर विश्व के दूसरे देशों में जा चुके हैं या दुनिया के अनेक देशों में फैले हुए हैं  11 देशों में पांच लाख से ज्यादा प्रवासी भारतीय वहां की औसत जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है और देश की आर्थिक और राजनीतिक दशा और दिशा की ओर तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं यहां उनकी आर्थिक शैक्षणिक और व्यावसायिक दक्षता का आधार काफी मजबूत है वे विभिन्न देशों में रहते हैं अलग भाषा बोलते हैं परंतु वहां की विभिन्न क्रियाकलापों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं

 प्रवासी भारतीयों को अपनी सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने के कारण ही पहचान मिली है और यही कारण है जो उन्हें भारत से जोड़ता है जहां जहां प्रवासी भारतीय बसे वहीं उन्होंने आर्थिक तंत्र को मजबूती प्रदान किया और बहुत कम समय में अपना स्थान बना लिया यह मजदूर व्यापारी शिक्षक अनुसंधानकर्ता खोजकर्ता डॉक्टर वकील इंजीनियर प्रबंधक प्रशासन आदि के रूप में दुनिया भर में स्वीकार्य गए प्रवासियों की सफलता का श्रेय उनकी परंपरागत सोच सांस्कृतिक मूल्यों और शैक्षणिक योग्यता को दिया जा सकता है कई देशों में वहां के मूल निवासियों की अपेक्षा भारतीयों की प्रति व्यक्ति  ज्यादा है विश्व स्तर पर सूचना तकनीक के क्षेत्र में क्रांति में इनकी भूमिका रही है इसके कारण भारत की विदेशी छवि निखरी है प्रवासी भारतीयों की सफलता के कारण भी भारत विश्व में आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है । Pravasi Bharatiya Divas full information in hindi

सर्वाधिक 8 बार दिल्ली में हुआ भारतीय प्रवासी दिवस का आयोजन –

17 आयोजन में से सर्वाधिक 8 बार भारतीय प्रवासी दिवस ने दिल्ली में वर्ष 2003 वर्ष 2004 ,2007 ,2008 ,2010, 2011, 2014 और 2016 में हुए हैं भारतीय प्रवासी दिवस वर्ष 2005 में मुंबई 2006 में हैदराबाद में 2009 में चेन्नई 2012 में जयपुर और वर्ष 2013 में तिरुवंतपुरम में 2015 में गांधीनगर और वर्ष 2017 में बेंगलुरु में और एकमात्र देश के बाहर भारतीय प्रवासी दिवस 2018 में सिंगापुर में हुआ था। भारतीय प्रवासी दिवस का आयोजन सामान्यता 3 दिनों का होता है और इन 3 दिनों में भारतीय प्रवासियों की स्थिति का तथागत विवेचन होता है और प्रवासी भारतीयों की अवदान की चर्चा होती है भारतीय प्रवासियों की समस्याओं पर भी विचार होता है ।युवा भारतीय प्रवासियों का इस अवसर पर एक विशेष सत्र भी होता है और भारतीय प्रवासियों के साथ निवेश पर भी व्यापक विमर्श होता है भारतीय प्रवासी दिवस वस्तुतः प्रवासी भारतीयों को अपने जहां से जोड़ने का अवसर देता है। Pravasi Bharatiya Divas full information in hindi

 

 

 

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