विश्व शहर दिवस 31 अक्टूबर

विश्व शहर दिवस 31 अक्टूबर

– टिकाऊ शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है विश्व शहर दिवस

– बेहतर शहर और बेहतरीन जीवन के व्यापक उद्देश्य के साथ संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रत्येक वर्ष 31 अक्टूबर को विश्व शहर दिवस के रूप में मनाया जाता है संपूर्ण विश्व के विकास में निरंतरता के साथ ही पूरे जीवन के अस्तित्व की रक्षा को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2018 का विषय बिल्डिंग सस्टेनेबल एंड रेसिलियंट सिटीज रखा गया है इसका अर्थ है शहरों के विकास में स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार लचीलापन और व्यवहारिक तरीके से कार्य करना जिससे शहरों पर ढांचागत विकास के साथ मानव जीवन का बेहतर सामंजस्य बना रहे और मानव जीवन के अस्तित्व पर खतरा कम हो सके वैश्वीकरण के इस दौर में शहरीकरण के मुद्दों को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की रुचि को बढ़ावा देने राष्ट्रों के बीच शहरीकरण की चुनौतियों और समस्याओं को लेकर सामंजस्य बढ़ाने और इसके माध्यम से दुनियाभर में टिकाऊ शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2014 में पहली बार विश्व शहर दिवस 31 अक्टूबर 2014 को शंघाई चीन में मनाया गया था इस वर्ष का मुख्य कार्यक्रम लिवरपूल यूनाइटेड किंगडम में आयोजित किया जाएगा। Vishv shahar divas

– शहरीकरण क्या है

जनसंख्या का ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों में जाना नगरीकरण अथवा शहरीकरण कहलाता है मार्क्स वेबर और जॉर्ज सिमल नगरीकरण की अपनी परिभाषा में नगरीय वातावरण में सघन आवासीय परिस्थितियों में परिवर्तन में तेजी और अनंत क्रिया पर बल देते है रुथ ग्लास ने शहरीकरण को जनसंख्या के आकर जनसंख्या की सघनता प्रमुख आर्थिक व्यवस्था प्रशासन की सामान्य रचना और कुछ सामाजिक विशेषताओं द्वारा परिभाषित किया है ऑर्डर्सन ने शहरी समुदाय की परिभाषा देते हुए कहा कि यह वह समुदाय है जिसकी जनसंख्या का घनत्व बहुत है यहां गैर कृषि व्यवसाय की अधिकता है एक ऊंचे स्तर की विशेषता है जिसके फलस्वरूप श्रम विभाजन होता है और स्थानीय शासन की औपचारिक ढंग से व्यवस्था होती है उसकी विशेषताओं में अवेक्तिक द्वितीयक संबंध प्रचलित होते हैं और औपचारिक सामाजिक नियंत्रण पर निर्भरता रहती है प्राचीन सभ्यताओं का अध्ययन करने पर हम पाते हैं कि शहरी जीवन की शुरुआत मेसोपोटामिया में हुई थी मेसोपोटामिया की सभ्यता अपनी स्वतंत्रता से शहरी जीवन साहित्य और खगोलविद्या के लिए प्रसिद्ध है अभी लिखित इतिहास के आरंभिक काल में मेसोपोटामिया प्रदेश के शहरी के दक्षिणी भाग को सुमेर और अक्कद कहा जाता था 2000 ई पूर्व जरूरी बेबीलोन एक महत्वपूर्ण शहर बन गया था दक्षिणी क्षेत्र को बेबीलोनिया कहा जाने लगा लगभग 1100 ई पूर्व जब असीरियाई ने उत्तर में अपना राज्य स्थापित कर लिया तब उस क्षेत्र को असीरियन कहा जाने लगा । Vishv shahar divas

-भारत में शहरीकरण

भारत में नगर पालिका शासन वर्ष 1687 में मद्रास नगर निगम और उसके बाद 1726 में कोलकाता और मुंबई नगर निगम के निर्माण के साथ रहा है 19वीं शताब्दी के शुरुआती दौर में भारत के लगभग सभी कस्बों में नगर पालिका शासन के कुछ लोगों का अनुभव किया था 1882 में भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड रिपन के स्थानीय सरकार के संकल्प ने भारत में नगर पालिका प्रशासन के लोकतांत्रिक रूप को रखा  1919 में भारत सरकार द्वारा एक अधिनियम के अंतर्गत स्थानीय सरकार के संकल्प को शामिल कर लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित सरकार की शक्तियां तैयार की गई 1935 में राज्य या प्रांतीय सरकार के अधिकार के तहत स्थानीय सरकार लाई गई और शक्तियां प्रदान की गयी। Vishv shahar divas

-जनसंख्या के आधार पर भारत में शहरी को चार क्षेत्रों बांटा गया है 

    1. -सांविधिक शहर नगर पालिका निगम छावनी बोर्ड या सभी अधिसूचित शहर क्षेत्र समिति के अंतर्गत आने वाले सभी स्थान सांविधिक शहर कहलाते हैं।
    1. – जनसांख्यिकी शहर ऐसे सभी स्थान जहां की न्यूनतम आबादी 5000 हो और वहां कामकाजी पुरुषों की आबादी कम से कम 75% पुरुष गैर कृषि कार्य में लगे हो तथा वहां प्रति वर्ग किलोमीटर कम से कम 400 व्यक्तियों की आबादी का घनत्व हो।
    1. – शहरी समूह शहरीकरण के फलस्वरूप पहले से विकसित शहरों के आसपास के क्षेत्रों में नए शहरों के विकास के कारण शहरों का जो समूह निर्मित होता है उसे शहरी समूह कहते हैं शहरी समूह में से कम से कम एक शहर सांविधिक होने चाहिए एक शायरी सूखे वादी 2001 की जनगणना के अनुसार 20000 से कम नहीं होनी चाहिए ।
  1. -आउटग्रोथ एक व्यवहारिक इकाई है जैसे रेलवे कॉलोनी विश्वविद्यालय परिसर बंदरगाह क्षेत्र सैन्य शिविर इत्यादि जो अपनी वैधानिक सीमाओं के बाहर एक वैधानिक शहर के पास आए हैं लेकिन वह गांव या गांव की राजस्व सीमाओं के भीतर होते हैं । Vishv shahar divas

-भारत में शहरीकरण से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े

यूएन वर्ल्ड प्रोस्पेक्ट 2018 की रिपोर्ट के अनुसार भारत की लगभग 34% आबादी शहरी क्षेत्रों में निवास करती है ऐसा अनुमान है कि वर्ष 2050 तक शहरी आबादी बढ़कर 68% हो जाएगी इसी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2050 तक भारत में शहरी क्षेत्र में रहने वाली कुल जनसंख्या 416 मिलियन होगी भारत में शहरीकरण की दर वर्ष 2017 में 33.54% थी 1901 की जनगणना के अनुसार भारत में शहरीकरण की दर 11.4% थी 2001 में जनसंख्या दर बढ़ाकर 28.53% हुई और जनगणना 2011 में यह बढ़कर 33.16% हो गई है । Vishv shahar divas

-2011 की जनसंख्या के अनुसार भारत की 31% जनसंख्या शहरों में रहती है और इसकी वार्षिक वृद्धि दर 2.76% है ।

-शहरीकरण की प्रमुख समस्याएं

शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या के बढ़ते दबाव के साथ शहरों के सामने एक अभिनव तरीके से स्वच्छता प्रदूषण गतिशीलता और नागरिक सुविधाओं और सार्वजनिक सुरक्षा की बढ़ती चुनौतियों का सामना करने का चुनौतीपूर्ण काम है मांग के अनुरूप मौजूदा चुनौतियों का सामना करने के लिए शहरी प्रशासन और स्थानीय वित्त को मजबूत करने की तत्काल आवश्यकता है स्वच्छ और स्वस्थ शहरी विकास के लिए सबसे बड़ी चुनौती स्वच्छता है।

– विश्व शहर दिवस 2018 के माध्यम से सतत शहरी विकास का लक्ष्य विश्व शहर दिवस 2018 शहरीकरण के पांच प्रमुख क्षेत्र को प्रभावित करना चाहता है जो इस प्रकार से है Vishv shahar divas

-जलवायु कार्यवाही मौसम के बदलते पैटर्न से बढ़ते समुद्र के स्तर चरम मौसम वैधानिक घटनाएं जलवायु परिवर्तन इत्यादि शहरी नागरिकों के जीवन और आजीविका पर प्रभाव डाल रहा है विश्व शहर दिवस 2018 विश्व शहरी करण में प्रभावी जरूरी कार्यवाही को बढ़ावा दे रहा है यह लक्ष्य निर्धारित कर के सतत और टिकाऊ विकास कब तक हासिल नहीं किया जा सकता है जब तक शासन और अनुकूलन की पुख्ता उपाय न किए जाए ।

-अनौपचारिकता से उन्नयन- वैसे क्षेत्र जहां शहरीकरण तेजी से हो रहा है और वहां जोखिम में रहने वाले लोगों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है औपचारिक नियोजन क्षमता में कमी की वजह से अनियंत्रित और घनी आबादी जो खतरनाक क्षेत्रों में रह रहे हैं उनकी संख्या में वृद्धि हुई है और अनियोजित शहर आपदाओं को लेकर अधिक संवेदनशील है क्योंकि वहां समस्या पहले से ही जटिल है तेजी से बढ़ते शहरों को सतत विकास के लिए तेजी से बदलते संदर्भ में सुनियोजित ढंग से समावेशी विकास की आवश्यकता है । Vishv shahar divas

-आर्थिक और सामाजिक लचीलापन शहरी लचीलापन के कई रूप हो सकते हैं इसका लक्ष्य बेहतर जीवन होना चाहिए खासकर ऐसे लोगों के लिए जो विशेष रूप से कमजोर परिस्थितियों में रह रहे हैं गरीब नागरिक आपदाओं के कारण अधिक प्रभावित होते हैं वह आपदाओं में अपनी संपत्ति का अधिक हिस्सा खो देते हैं उनके पास सीमित संसाधन होते हैं उनके प्रभाव सबसे ज्यादा कमजोर वर्गो द्वारा किया जा सकता है विशेष रूप से महिलाओं लड़कियों और बुजुर्गों द्वारा । Vishv shahar divas

-शासन द्वारा विकेंद्रीकरण विकेंद्रीकरण का विश्लेषण करें तो स्थानीय सरकार का योजनाओं के संदर्भ में क्षमता निर्माण और वित्तीय क्षमता महत्वपूर्ण है स्थानीय सरकारों की भूमिका इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भी विभिन्न प्रक्रियाओं के प्रभारी है स्थानीय सरकारों को इन आवश्यकताओं को कुशलता से वितरित करने के लिए अधिकार दिया जाना चाहिए और संकट के समय में लचीलापन से बनाने के लिए अच्छा राष्ट्रीय स्थानीय स्तर का सहयोग  महत्वपूर्ण है । Vishv shahar divas

-मानवीय शहरी संकट लचीलापन मानवतवाद और विकास के संबंधों में निहित होता है संयोजी लचीलापन क्षमताओं को बढ़ाकर जोखिम को कम कर सकता है। Vishv shahar divas


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