World Aids Day| विश्व एड्स दिवस : 1 दिसंबर

विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर

मिलकर लड़नी होगी एड्स के खिलाफ लड़ाई 

HIV भले ही किसी भी वजह से हुआ हो लेकिन इसे लेकर सबसे पहले पीड़ित के चरित्र पर उंगली उठाई जाती है उससे दूरी बना ली जाती है इससे करीबी रखे तो यह रोग हमें भी हो सकता है जबकि वर्तमान समय में इस बीमारी के साथ कोई भी पीड़ित सही दिनचर्या और दवाई के साथ अपनी पूरी जिंदगी जी सकता है हालांकि इन मरीजों के हक में भेदभाव के विरुद्ध कानून तो बन गया लेकिन आम लोग इसे कब स्वीकारा करेंगे पता नहीं यह बात संदेह के घेरे में है । world aids day article in hindi

-इस वर्ष (2018) की थीम जानिए

अपना एचआईवी स्टेटस इस वर्ष एड्स दिवस मनाने की शुरुआत के 30 साल पूरे हो रहे हैं ऐसे में इसके प्रति जागरूकता को और अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए इस बार एचआईवी की थीम नाउ यूअर स्टेटस यानी की जांच कराइए और कीजिए कहीं आप एचआईवी से ग्रसित नहीं है 1 दिसंबर पूरी दुनिया में विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है यह दिन पूरी दुनिया को इस बीमारी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का मौका देता है एड्स पहली ऐसी बीमारी थी जिसके लिए सन 1988 में एक साथ होने के लिए 1 दिसंबर को चुना इसकी शुरुआत में होमो सेक्सुअल आदमियों की एक बीमारी समझा जाता था और इसे जी आई आर डी गे रिलेटेड इम्यूनोडिफिशिएंसी यानी समलैंगिक लोगों में पाई जाने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी समझा गया था इस बीमारी को एड्स नाम सन 1982 में मिला था अमेरिकी हेल्थ और ह्यूमन विभाग ने 29 अप्रैल 1984 को एड्स के कारण के तौर पर रेट्रोवायरस जिसे बाद में एचआईवी हुमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस नाम दिया गया की घोषणा की डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार इस बीमारी का पहला केस 1981 में सामने आया था। world aids day article in hindi

– एड्स की चार वजह 

-पीड़ित व्यक्ति के साथ असुरक्षित  यौन संबंध बनाने से 

-दूषित रक्त से संक्रमित सूई के उपयोग से 

-एड्स संक्रमित मां के स्तनपान से बच्चों में 

-एचआईवी के लक्षण एचआईवी से संक्रमित लोगों में लंबे समय तक एड्स के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते और कुछ समय तक तो औषधीय परीक्षण से भी पता नहीं चलता एड्स के लक्षण दिखने में 8 से 10 साल तक काफी समय लग सकता है । world aids day article in hindi

-एड्स के शुरुआती लक्षण 

-वजन का काफी हद तक कम होना 

-लगातार सूखी खांसी होना 

-बार बार जुकाम होना 

-बुखार सिरदर्द थकान मांसपेशियों में खिंचाव 

-शरीर पर निशान बनना 

-जोड़ों में दर्द और सूजन होना है भोजन से मब हटना

– सोते वक्त पसीना आना ध्यान रहे कि यह सभी लक्षण अन्य सामान्य रोगों के भी हो सकते हैं इसलिए एड्स की निश्चित रूप से पहचान केवल औषधि परीक्षण से ही हो सकती है इसके लिए चिकित्सक एलिसा टेस्ट करवाते हैं ।

-हम सदा भृम में रहे हैं फैमिली फिजिशियन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट डॉक्टर रमन कुमार कहते हैं कि जिस तरह से सफेद दाग को लेकर हमारे समाज में लंबे समय तक भृम फैले हुए थे वही स्थिति एचआईवी की भी है इस बीमारी की वजह से पहले भ्रम के कारण समाज में लोगों के साथ भेदभाव किया जाता है जैसे कि पीड़ित व्यक्ति के साथ भोजन करने हाथ मिलाने उसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल करने टोलिया  इस्तेमाल करने से यह बीमारी अन्य लोगों को भी हो सकती है ऐसा माना जाता है लेकिन यह सही नहीं है जबकि वर्तमान समय में मौजूद उपचार के कारण यदि समय पर एचआईवी का पता लगा दिया जाए तो व्यक्ति डायबिटीज ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के मरीजों की तरह नियमित दिनचर्या और दवाइयों के साथ है जिंदगी जी सकता है । world aids day article in hindi

-छवि की चिंता के कारण छिपाते हैं बीमारी जब भी कोई नई बीमारी होती है जिसकी वजह से लोगों को महसूस होता है कि वह खतरनाक है तो लोग अपने हिसाब से भ्रम उत्पन्न कर लेते हैं एचआईवी मेडिकल से ज्यादा सामाजिक भेदभाव का शिकार है असुरक्षित यौन संबंध जो एक कारण है उसकी वजह से लोग चरित्र पर उंगली उठाने लगते हैं इसलिए इसकी वजह से लोग इसे छिपाते हैं अपनी छवि को बचाने के लिए लोग इस बीमारी को छुपाते हैं अगर एचआईवी की वजह से किसी व्यक्ति को नौकरी ना दी जाए या नौकरी में से हटा दिया जाए तो यह व्यक्ति अपने और अपने परिवार की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने में भी असमर्थ होता है एचआईवी के संक्रमण होने की वर्तमान में वजह सिर्फ खून को संक्रमण या असुरक्षित यौन संबंध है इसके अलावा एचआईवी किसी अन्य वजह से नहीं फैलता है लार की वजह से यह कभी नहीं चलता है यह बहुत ज्यादा संक्रमित रोग नहीं है बर्तन  साझा करने सलाइवा के कारण मच्छर काटने से यह किसी को नहीं होता है डॉ रमन कुमार कहते हैं कि कई बार हमें एचआईवी मरीज भी हेपेटाइटिस बी और सी के मरीज की तरह ही मिलते हैं सर्जरी के दौरान भी इनके लिए सावधानी का पालन किया जाता है। world aids day article in hindi

– एचआईवी पीड़ित के साथ भेदभाव करने पर होती है कानूनी कार्यवाही एचआईवी पॉजिटिव मरीज के साथ भेदभाव करना अब जुर्म होगा भारत सरकार ने एचआईवी एड्स अधिनियम 2017 की अधिसूचना जारी कर दी है और 10 सितंबर से यह पूरे देश में लागू हो गया है । world aids day article in hindi

-एचआईवी एड्स अधिनियम ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस एंड एक्वायर्ड इम्युन डेफिशियेंसी सिंड्रोम का बिल 2017 नाम का यह एक्ट एचआईवी पॉजिटिव समुदाय को कानूनी तौर पर मजबूत बनाने के लिए पास किया गया है एक्ट के तहत इस समुदाय के लोगों को न्याय का अधिकार दिया जाएगा।

– नफरत करने पर होगी सजा एचआईवी पीड़ित के साथ भेदभाव करना अपराध माना जाएगा ऐसा करने वालों को 3 महीने से लेकर 2 साल तक का जुर्माना लगाया जा सकता है एक्ट में एचआईवी पीड़ित नाबालिग को परिवार के साथ रहने का अधिकार दिया गया है यह उसे भेदभाव और नफरत से बचाता है।

– इन्हें माना जाएगा भेदभाव बिल में एचआईवी पॉजिटिव समुदाय के खिलाफ भेदभाव को भी परिभाषित किया गया है इसमें कहा गया है कि मरीजों को रोजगार शिक्षा स्वास्थ्य प्रॉपर्टी किराए पर मकान जैसी सुविधाओं को देने से इंकार करना या किसी तरह का अन्याय करना भेदभाव माना जाएगा इसके साथ ही किसी नौकरी शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधा देने से पहले एचआईवी टेस्ट करवाना भी भेदभाव होगा। world aids day article in hindi

– एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति पर नहीं डाल सकते दबाव किसी भी एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति पर उसकी मर्जी के बिना एचआईवी टेस्ट या किसी मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता एक एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति तभी अपना स्टेटस उजागर करने पर मजबूर होगा जब इसके लिए कोर्ट का ऑर्डर लिया जाएगा हालांकि लाइसेंरड ब्लड बैंक और मेडिकल रिसर्च के उद्देश्य के लिए सहमति की जरूरत नहीं होगी जब तक कि उस व्यक्ति के स्टेटस को सार्वजनिक न किया जाए । world aids day article in hindi

-सरकार शुरू करेगी कल्याणकारी योजनाएं इस एक्ट के तहत मरीज को एंटी रेट्रोवायरस थेरेपी का न्यायिक अधिकार मिल जाता है इसके तहत हर मरीज को एचआईवी टेस्टिंग ट्रीटमेंट और काउंसलिंग सर्विसेज का अधिकार मिलेगा कानून के मुताबिक राज्य और केंद्र सरकार को यह जिम्मेदारी दी गई है कि मरीजों में इन्फेक्शन रोकने और इलाज देने में मदद करें सरकार को मरीजों के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू करने को भी कहा गया है इसलिए एड्स लाइलाज बीमारी नहीं है इस बीमारी से ग्रसित लोगों को भी जीने का हक है हम सभी को मिलकर आगे आना होगा और लोगों को जागरूक कर इस से लड़ना होगा तभी इस पर विजय प्राप्त की जा सकती है। world aids day article in hindi


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