बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस (world intellectual property day) 26 अप्रैल

बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस (world intellectual property day) 26 अप्रैल

– बौद्धिक कार्यों की प्रगति के लिए जरूरी है बौद्धिक संपदा का संरक्षण विद्या एक साधन है जिसे कोई भी चुरा नहीं सकता है यह वाक्य अकसर पढ़ने को मिल जाता है और सच भी है लेकिन विद्या या ज्ञान से प्राप्त की गई बौद्धिक संपदा ऐसी चीज है जिसे कोई चुरा भी सकता है और उसकी नकल करके अपने नाम पर उसका अधिकार भी ले सकता है इसलिए इस तरह की स्थिति से बचाव के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार या कानून को बनाया गया है इसके प्रति जागरूकता के लिए पूरे विश्व में 26 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार दिवस मनाया जाता है।

किसी व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा सृजित कोई रचना संगीत साहित्यिक कृति कला खोज नाम अथवा डिजाइन आदि उस व्यक्ति अथवा संस्था की बौद्धिक संपदा कहलाती है व्यक्ति अथवा संस्था को अपनी इन कृतियों पर प्राप्त अधिकार को बौद्धिक संपदा अधिकार रहते हैं बौद्धिक संपदा अधिकार मानसिक रचनाएं कलात्मक और वाणिज्यिक दोनों के संदर्भ में विशेष अधिकारों के समूह में प्रथम अधिकार कॉपीराइट कानूनों से आवृत हैं जो रचनात्मक कार्य जैसे पुस्तकें फिल्में संगीत पेंटिंग छायाचित्र और सॉफ्टवेयर को संरक्षण प्रदान करता है और कॉपीराइट अधिकार धारक को एक निश्चित अवधि के उत्पादन पर या उसके रूपांतरण पर नियंत्रण का कोई विशेष अधिकार देता है दूसरी श्रेणी सामूहिक रूप से अधिक संपत्ति के रूप में मानी जाती है क्योंकि इनका उपयोग विशिष्ट रूप से औद्योगिक वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए किया जाता है पेटेंट एक नए उपयोगी और अस्पष्ट अविष्कार के लिए दिया जा सकता है बहुपक्षीय व्यापार और वाणिज्य बढ़ाने की वर्तमान की वैश्विक परिदृश्य में किसी भी देश के लिए रचनाकारों और अविष्कारको को विधिक अधिकार प्रदान करके अपनी बौद्धिक संपत्ति की सुरक्षा करना आवश्यक हो गया है और इससे उन्हें विश्व के बाजार में अपने प्रयासों का उचित वाणिज्यिक मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलती है नवीन और सृजनात्मक क्षमता को विश्व व्यापार संगठन की बौद्धिक संपत्ति प्रणाली के तहत सुरक्षित रखते हैं इस तथ्य को मानते हुए भारत ने विश्व व्यापार संगठन का एक संस्थापक सदस्य होने के नाते व्यापार संबंधी बौद्धिक संपत्ति अधिकारों से संबंधित करार का समर्थन किया है इस करार के अनुसार भारत सहित सभी सदस्य देश परस्पर वार्ता से निर्धारित की गई प्रतिमानो और मानकों का पालन अनुबंधित समय सीमा के अंतर्गत करेंगे । world intellectual property day

-26 अप्रैल को मनाते हैं विश्व बौद्धिक संपदा दिवस

26 अप्रैल को संपूर्ण विश्व में विश्व बौद्धिक संपदा दिवस मनाया जाता है विश्व बौद्धिक संपदा संगठन ने वर्ष 2000 में प्रतिवर्ष 26 अप्रैल को इस दिवस को मनाने की घोषणा की थी गौरतलब है कि WIPO संयुक्त राष्ट्र की 15 विशिष्ट एजेंसियों में से एक है इसकी स्थापना 14 जुलाई 1967 को हुई थी इसका मुख्यालय जिनेवा स्विट्जरलैंड में है वर्तमान में फ्रांसिस गुर्री WIPO  के महानिदेशक हैं वर्ष 2018 में इस दिवस का मुख्य विषय शक्ति परिवर्तन नवाचार और रचनात्मकता में महिलाएं था । world intellectual property day



वर्ष 2019 की थीम रीच फॉर गोल्ड आईपी एंड स्पोर्ट्स यानी स्वर्ण के लिए आईपी और स्पोर्ट्स सामान्य तौर पर खेल को नैसर्गिक प्रतिभा और कड़ी मेहनत से जोड़ा जाता है लेकिन विश्व बौद्धिक संपदा संगठन का उद्देश्य बौद्धिक संपदा यानी आई पी के अधिकार के माध्यम से खेल में नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ाना है खेल का संबंध तेज मजबूत और ऊंचा इन तीनों से है यह हमारी क्षमताओं को परखने प्रतियोगिता के रोमांच और एक सामान्य व्यक्ति की असामान्य प्रदर्शन को जब हम देखते हैं इस तरह खेल ने हमारे अंदर हजारों वर्षों से उर्जा का संचार किया है प्रसारण और संचार की तकनीक ने यह आसान कर दिया है कि व्यक्ति अपने पसंद का खेल दुनिया में कभी भी कहीं भी देख सकता है खेल अब मल्टी बिलियन डॉलर का रूप ले चुका है जो पूरी दुनिया में प्रसारण के अधिकार पर बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार का माध्यम है बिजनेस रिलेशनशिप की वजह से इसमें बौद्धिक संपदा अधिकार जरूरी हो गया है क्योंकि तभी खेलों से आर्थिक हितों का संरक्षण किया जा सकेगा इससे खेल संगठनों में वित्तीय तथा खेल क्षेत्र में सुधार होगा विकास जमीनी स्तर पर हो सकेगा स्पोर्ट्स तकनीकी उपकरण एथलीट्स के प्रदर्शन को बेहतर बनाते हैं और दुनिया भर के प्रंशसको से जोड़े रखते हैं इससे जुड़े खेल बिजनेस में पेटेंट और डिजाइन को देखने का काम वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन का है ऐसे में इस अवसर पर खेल को लेकर दुनिया में हुए इनोवेशन पर चर्चा की जाएगी सोशल मीडिया पर भी इस दिवस को मनाने को लेकर विभिन्न तरह की कैंपेन चलाए जा रहे हैं ।

-भारत में बौद्धिक संपदा अधिकार

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बौद्धिक संपदा के संरक्षण के लिए देश में भी एक बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रणाली स्थापित की गई है जो विश्व व्यापार संगठन के अनुरूप हैं और सभी स्तरों पर चाहे वह संवैधानिक प्रशासन अथवा न्यायिक हो भली-भांति स्थापित है शासन में बौद्धिक संपत्ति के महत्व को समझते हुए देश में इसके प्रशासन को कारगर बनाने के लिए व्यापक उपाय किए हैं इससे सर्जक खोज तथा नवाचार के लिए उत्साहित और प्रेरित होते हैं तथा अन्य लोगों को भी नवाचार की प्रेरणा मिलती है और वित्तीय और वाणिज्यिक लाभ प्राप्त करते हैं ।

-अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार सूचकांक अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार सूचकांक अमेरिकी वाणिज्य संगठन यूएस चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा वर्ष 2007 में स्थापित ग्लोबल इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी सेंटर द्वारा वर्ष 2013 से प्रतिवर्ष जारी किया है इसका उद्देश्य अमेरिका और अन्य देशों में बौद्धिक संपदा अधिकारों का संरक्षण और इसकें मानदण्डों का बचाव और  संवर्धन करना है। world intellectual property day

 राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति

भारत में बौद्धिक संपदा अधिकारों के महत्व और उन्हें सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति बनाई गई है जिसके बिंदु निम्न है

– विजन घोषणा भारत में सब के लाभ के लिए बौद्धिक संपदा को रचनात्मक और अभिनय आधार मिलता है भारत में बौद्धिक संपदा से विज्ञान प्रौद्योगिकी कला संस्कृति परंपरा ज्ञान और जैव विविधता संसाधनों को प्रोत्साहन मिलता है भारत में विकास के लिए ज्ञान मुख्य कारक है 

-मिशन घोषणा भारत में शक्तिशाली जीवन और संतुलित बौद्धिक संपदा अधिकार प्रणाली से रचनात्मकता और नवाचार को सहायता मिलती है उद्यमशीलता को प्रोत्साहन मिलता है तथा सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा मिलता है इसके जरिए स्वास्थ्य सुविधा खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण सरक्षण को बढ़ाने में मदद मिलती है अन्य महत्वपूर्ण सामाजिक आर्थिक और तकनीकी मत होगी इससे जुड़े हुए हैं । world intellectual property day

-इस नीति के निम्नलिखित 7 उद्देश्य है 

-बौद्धिक संपदा अधिकार जागरूकता पहुंच और प्रोत्साहन से समाज के सभी वर्गों में बौद्धिक संपदा अधिकारों के आर्थिक सामाजिक और सांस्कृतिक लाभ के प्रति जागरूकता पैदा करना ।

-बौद्धिक संपदा अधिकारों का सृजन बौद्धिक संपदा अधिकारों के सृजन को बढ़ावा देना।

– वैधानिक और विधायी ढांचा मजबूत और प्रभावशाली बौद्धिक संपदा अधिकार नियमों को अपनाना ताकि अधिकृत व्यक्तियों तथा वृहद लोकहित के बीच संतुलन कायम हो सके ।

-प्रशासन और प्रबंधन सेवा आधारित बौद्धिक संपदा अधिकार प्रशासन को आधुनिक और मजबूत बनाना।

– बौद्धिक संपदा अधिकारों का व्यवसायीकरण व्यवसायीकरण के जरिए बौद्धिक संपदा अधिकारों का मूल्य निर्धारण करना।

– प्रवर्तन और न्यायाधिकरण बौद्धिक संपदा अधिकारों के उल्लंघनो का मुकाबला करने के लिए परिवर्तन और न्यायिक प्रणालियों को मजबूत बनाना।

– मानव संसाधन विकास मानव संसाधनों संस्थानों की शिक्षण प्रशिक्षण अनुसंधान क्षमताओं को मजबूत बनाना तथा बौद्धिक संपदा अधिकारों में कौशल निर्माण करना। world intellectual property day

 इन लक्ष्यों को विस्तृत कार्य प्रणाली के जरिए हासिल किया जाएगा विभिन्न मंत्रालयों विभागों द्वारा की जाने वाली कार्यवाही की निगरानी डीआईपी करेगा डीआईपी भारत में बौद्धिक संपदा अधिकारों के भावी विकास दिशा निर्देश और समन्वय करने वाला नोडल विभाग बनाया गया है राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति अभिनव भारत के लिए काम करेगी। world intellectual property day

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