कला और साहित्य के क्षेत्र की प्रमुख​ अकादमियां व पुरस्कार

कला और साहित्य के क्षेत्र की प्रमुख​ अकादमियां व पुरस्कार :- 
 
अकादमियां शिक्षा, कला, साहित्य, परियोजनाओं और योजनाओं के क्रियान्वयन एवं विकास के लिए कार्य करने वाली शासकीय, निजी,अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय, प्रादेशिक तथा क्षेत्रिय संस्थायें होती हैं। इनका उद्देश्य उच्च मानदंड स्थापित करना, विभिन्न गतिविधियों का समन्वय करना एवं उनका पोषण करना होता है। यह समय समय पर ज्ञान, अध्ययन और शोध के लिये हमें जरूरी मार्गदर्शन भी प्रदान करती हैं।
 
UPSC , PSC , SSC एवं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में इनसे संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस पोस्ट में साहित्य और कला के क्षेत्र से संबंधित अकादमियों की जानकारी प्रस्तुत की जा रही है, जो निश्चित रूप से परीक्षार्थियों के लिये उपयोगी होगी।
 
1- साहित्य अकादमी यह भारत की राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था है। इसकी स्थापना भारत सरकार द्वारा 1954 में की गई – थी। 
Art and Culture Sahitya Akedemi Awards
2- यह देश की 24 मान्यता प्राप्त भाषाओं के साहित्य को संरक्षण, विकास और प्रोत्साहन प्रदान करती है।
 
3- यह मान्यता प्राप्त भाषाओं के साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन करती है। लेखकों और साहित्यकारों को पुरस्कार एवं फैलोशिप प्रदान करती है।
 
4- यह कार्यशाला, प्रदर्शनी और प्रकाशन  के माध्यम से साहित्यिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करती है।
 
5- यह पुस्तक के प्रकाशन के साथ साथ श्रेष्ठ बाल साहित्य को बढ़ावा देने का कार्य भी करती है।
 
6- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। बेंगलुरु कोलकाता और मुंवई में इसके क्षेत्रीय कार्यालय , चेन्नई में उप क्षेत्रीय कार्यालय तथा मौखिक साहित्य के लिए पूर्वोत्तर केंद्र मणिपुर की राजधानी इम्फाल में तथा त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में नजरूल कलाक्षेत्र परिसर स्थित है।
 
 
 
साहित्य अकादमी अकादमी द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कार Art and Culture Sahitya Akedemi Awards
 
  साहित्य अकादमी पुरस्कार – अकादमी द्वारा प्रतिवर्ष मान्यता प्राप्त 24 भाषाओं में से प्रत्येक में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ साहित्यिक कृति को पुरस्कार प्रदान किया जाता है। पहली बार ये पुरस्कार सन् 1955 में दिए गए थे।
 
1- भाषा सम्मान – अकादमी द्वारा गैर मान्यता प्राप्त भाषाओं के सृजनात्मक साहित्य और शैक्षिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए 1996 में भाषा सम्मान की स्थापना की गई थी। यह सम्मान भाषाओं के प्रचार , आधुनिकीकरण और संवर्धन के लिए विशेष योगदान देने वालों को दिया जाता है।
 
2- वर्ष 1999 में अकादमी द्वारा गैर मान्यता प्राप्त भाषाओं के लेखकों के साथ कालजयी और मध्यकालीन साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लेखकों को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया। अतः चार भाषा सम्मानों में से दो गैर मान्यता प्राप्त भाषाओं के लेखकों तथा दो सम्मान कालजयी ओर मध्यकालीन साहित्य में महत्वपूर्ण वाले लेखकों को दिया जाने लगा।Art and Culture Sahitya Akedemi Awards
3- कालजयी और मध्यकालीन लेखकों का चयन इसलिए किया जाता है , क्योंकि इन लेखकों ने राष्ट्र की धरोहर को जीवंत रखने तथा आने वाली पीढ़ियों को इससे परिचित कराने का प्रयास किया है।
 
4- साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त 24 भाषाओं में विशिष्ट अनुवादकों को साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार दिए जाते हैं। यह पुरस्कार 1989 से दिये जा रहे हैं।
 
5- बाल साहित्य पुरस्कार – अकादमी द्वारा 24 मान्यता प्राप्त भाषाओं में बाल साहित्य को प्रोत्साहित करने के लिए बाल साहित्य पुरस्कार दिये जाते हैं। यह पुरस्कार 2010 से प्रारंभ किये गये हैं।
 
6- युवा पुरस्कार – अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त भाषाओं में युवा लेखकों को प्रोत्साहित करने के लिए युवा पुरस्कार दिए जाते हैं । इन पुरस्कारों की शुरुआत 2011 से की गई है । यह पुरस्कार 35 वर्ष तक की आयु के युवा लेखकों को दिये जाते हैं।Art and Culture Sahitya Akedemi Awards
 
साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित पत्रिकायें :- Art and Culture Sahitya Akedemi Awards
 
 इंडियन लिटरेचर – साहित्य अकादमी द्वारा इंडियन लिटरेचर नाम की एक पत्रिका का प्रकाशन किया जाता है । यह पत्रिका अंग्रेजी में है और इसका प्रकाशन द्वैमासिक किया जाता है। इस पत्रिका की शुरुआत 1957 में छमाही पत्रिका के रूप में की गई थी। Art and Culture Sahitya Akedemi Awards
 समकालीन भारतीय साहित्य – यह पुस्तक साहित्य अकादमी द्वारा साल में छह बार प्रकाशित की जाती है इसकी शुरुआत 1980 में की गई थी । यह हिन्दी में प्रकाशित की जाती है।
 
 संस्कृत प्रतिभा साहित्य – अकादमी द्वारा संस्कृत में एक त्रैमासिक पत्रिका संस्कृत प्रतिभा का प्रकाशन किया जाता है| इसकी शुरुआत 1959 में की गई थी, तब यह अर्द्धवार्षिक रूप से प्रकाशित होती थी। जनवरी 2014 से यह त्रैमासिक रूप से प्रकाशित की जा रही है।  Art and Culture Sahitya Akedemi Awards
 आलोक – यह अकादमी की राजभाषा गृहपत्रिका है। इसमें अकादमी के सदस्यों तथा सेवानिवृत्त कर्मियों की रचनाओं को मूल हिंदी या अनुवादित रचनाओं का प्रकाशन किया जाता। इस पत्रिका का उद्देश्य हिन्दी को बढ़ावा देना है।
 
 संगीत नाटक अकादमी :-  Art and Culture Sahitya Akedemi Awards
 
1- संगीत नाटक अकादमी भारत सरकार द्वारा नृत्य और नाटक के विकास और प्रसार के लिए स्थापित पहली राष्ट्रीय अकादमी है। यह प्रदर्शन कला के क्षेत्र में देश की सर्वोच्च संस्था है।
 
2- इसका गठन 31 मई 1952 में शिक्षा मंत्रालय के एक प्रस्ताव के जरिए किया गया था। भारत के गजट में इसे जून 1952 में अधिसूचित किया गया था।
 
3- भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ . राजेंद्र प्रसाद ने 28 जनवरी 1953 को संसद भवन में एक विशेष समारोह में इसका उद्घाटन किया था। अकादमी का विस्तार 1961 में किया गया। इस दौरान सरकार द्वारा इसे सोसाइटी के रूप में पुनर्गठित किया।
 
4-  इसका पंजीकरण सोसाइटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1860 ( 1975 में संशोधित) के तहत किया गया। 1 सितम्बर 1961 को इसे सोसाइटी के रूप में अपनाया गया।
 
5- यह संगीत , नृत्य और नाटक के द्वारा देश की संस्कृति और विरासत  को व्यक्त करने, संरक्षित करने तथा बढ़ावा देने का कार्य करती है। Art and Culture Sahitya Akedemi A
wards
6- इसे कला क्षेत्र की संस्थाओं और राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं की देखरेख, सहयोग और उन्हें उचित मार्गदर्शन देने के लिए स्थापित किया गया है। Art and Culture Sahitya Akedemi Awards
7- मणिपुर की राजधानी इम्फाल में स्थित जवाहरलाल नेहरू मणिपुर डांस अकादमी और नई दिल्ली में स्थित कथक केंद्र ( नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डांस ) इसकी दो प्रमुख इकाईयां हैं।
अकादमी द्वारा बंगाल, उड़ीसा एवं झारखंड में प्रचलित छाऊ नृत्य को , असम के सत्रीया नृत्य तथा केरल के प्राचीन संस्कृत थियेटर कुटियाट्टम को बढ़ावा दिया गया है।
 
8- अकादमी द्वारा केरल की प्राचीन थियेटर परंपरा को बचाने और उसका संरक्षण करने के लिए वर्ष 1990-91 में कुटियाट्टम परियोजना को शुरुआत की गई थी।
 
9- इस परियोजना के फलस्वरूप वर्ष 2001 में यूनेस्को द्वारा कुटियाट्टम को मौखिक नाट्यकृति और मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया गया।
 
10- इस परियोजना को आगे बढ़ाते हुए अकादमी द्वारा कुटियाट्म के संरक्षण और विकास के लिए 2007 में कुटियाट्टम केंद्र की स्थापना की।
 
11- कुटियाट्टम केंद्र केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में स्थित है।
 
 
 
 संगीत नाटक अकादमी के लक्ष्य एवं उद्देश्य Art and Culture Sahitya Akedemi Awards
 
 1- राज्य को संगीत, नृत्य और नाटक अकादमियों के क्रियाकलापों का समन्वय करना।
 
2 भारतीय संगीत, नाटक और नृत्य के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देना तथा इसके लिए संग्राहालयों और पुस्तकालयों की स्थापना करना।
 
3- नाट्य प्रस्तुति , मंच कला, नाट्य कला तथा अभिनय प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं को प्रोत्साहित करना एवं उनकी स्थापना करना।
 
4- भारतीय संगीत , नृत्य एवं नाटक संबंधी साहित्य को प्रकाशित करना।
 
5- विभिन्न क्षेत्रों के लोकनृत्य , लोकसंगीत और लोकनाट्य को संरक्षित करना तथा इनके विकास को बढ़ावा देना आदी। Art and Culture Sahitya Akedemi Awards
 




 संगीत नाटक अकादमी द्वारा दिये जाने वाले पुरस्कार :-

 


 
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार – अकादमी की स्थापना के पहले ही में हिंदुस्तान और कर्नाटक संगीत में पुरस्कार शुरू किये गये थे। उस समय इन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार के नाम से जाना जाता था।
 
1- अकादमी के गठन के बाद से इन पुरस्कारों को ‘संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार ‘ के नाम से जाना जाने लगा। यह पुरस्कार नृत्य, संगीत और नाटक के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने वालों को दिए जाते हैं।
 
2-  संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप – संगीत का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान ‘संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप ( अकादमी रत्न सदस्य)’ है।
 
3- अकादमी द्वारा 1954 में फैलोशिप के पहले फैलो को चुना गया था। वर्तमान में केवल 32 जीवित फैलो है।
 
4-  अकादमी द्वारा अभी तक सिर्फ 123 प्रतिष्ठित व्यक्तियों को ही अकादमी फैलो के रूप में सम्मानित किया गया है।
 Art and Culture Sahitya Akedemi Awards
5-  उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार – संगीत नाटक अकादमी द्वारा वर्ष 2006 में संगीत , नाटक और नृत्य में विशिष्ट प्रतिभा दिखाने वाले कलाकारों को सम्मानित करने के लिए ‘ उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार ’ की स्थापना की गई।
 
6- यह पुरस्कार 35 वर्ष तक के युवा कलाकारों को दिया जाता है।
 
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय National School of Drama-NSD
 
1- राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक संस्था है। यह दिल्ली में स्थित है।
 
2- यह विश्व के प्रमुख नाट्य प्रशिक्षण संस्थाओं में से एक है। यह भारत में अपनी तरह का एक मात्र संस्थान है।
 
3- इसकी स्थापना 1959 में संगीत नाटक अकादमी द्वारा अपनी इकाई के रूप में की गई थी , परंतु 1975 में इसे एक स्वतंत्र संस्थान बनाया गया। Art and Culture Sahitya Akedemi Awards
4- यह संस्कृत नाटकों , पारंपरिक भारतीय रंगमंच के रूपों , आधुनिक भारतीय नाटकों , एशियन नाटकों और पश्चिमी नाट्य प्रोटोकॉलों का अध्ययन व्यवहारिक प्रस्तुतिकरण , पृष्ठभूमि और दृष्टिकोण प्रदान करता है।
 
5- वर्तमान में इसके निदेशक परेश रावल  केन्द्र हैं।
 

 ललित कला अकादमी :-


 
1- ललित कला अकादमी देश में दृश्य कलाओं के क्षेत्र की शीर्ष सांस्कृतिक संस्था है।
 
2- इसकी स्थापना 5 अगस्त 1954 को भारत सरकार द्वारा की गई। इसे 11 मार्च 1957 को सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत पंजीकृत कराया गया है।
 
3- इसका मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय , प्रादेशिक और क्षेत्रीय स्तर पर प्राचीन, आधुनिक और समसामयिक भारतीय कला की समझ को बढ़ावा देना है।
 
4- अकादमी द्वारा एक स्थाई संग्रह का निर्माण और संरक्षण किया गया है , जिससे भारतीय कला की जटिलता , जीवंतता और उभरते स्वरूपों को समझा जा सकता है।
 
5- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। Art and Culture Sahitya Akedemi Awards
6- डॉ. उत्तम पाचारणे वर्तमान में अकादमी के अध्यक्ष हैं।
 
7- गढ़ी ( नई दिल्ली ) , चेन्नई , भुवनेश्वर , कोलकाता और लखनऊ में इसके पांच क्षेत्रीय केंद्र तथा शिमला और पटना में दो उप केंद्र स्थित हैं।
 

  ललित कला अकादमी के कार्य और उद्देश्य 


 
1- चित्रकला, मूर्तिकला और ग्राफिक्स आदि रचनात्मक कला के क्षेत्रों में अध्ययन और अनुसंधान को प्रोत्साहित करना और बढ़ावा देना।
 
2- क्षेत्रीय कला संगठनों और राज्य ललित कला अकादमी की गतिविधियों को प्रोत्साहित करना और उनके बीच समन्वय स्थापित करना। Art and Culture Sahitya Akedemi Awards
 
3- कलाकारों और कला संघों के विकास में सहयोग करना एवं इसे बढ़ावा देना।
 
4- कला के विकास और प्रोत्साहन के लिए क्षेत्रीय कला केंद्रों की स्थापना करना।
 
5- कला संघों और संगठन के उचित विकास और कार्यप्रणाली को बढ़ावा देने के लिए राज्य अकादमी और सरकार के परामर्श से कला संघों और अन्य कला संगठनों को मान्यता देना।
 
6- लोक , जनजातीय और पारंपरिक कला एवं शिल्प तकनीकों के अध्ययन , अनुसंधान और सर्वेक्षण को बढ़ावा देने के लिए कला रूपों को संरक्षित करना तथा क्षेत्रीय सर्वेक्षणों को व्यवस्थित करना।
 
7- कारीगरों, चित्रकारों, कलाकारों और मूर्तिकारों को प्रोत्साहित करना।
 विश्व के विभिन्न देशों के साथ कलां प्रदर्शनी के माध्यम से कला और कला वस्तुओं का आदान – प्रदान कर सांस्कृतिक संपर्कों को बढ़ावा देना।
 

 अन्य महत्वपूर्ण जानकारी :- 


 
1-साहित्य अकादमी , संगीत नाटक अकादमी , ललित कला अकादमी और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय स्वायत्त संस्थान हैं। इनका वित्त पोषण पूरी तरह से भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
 
2- साहित्य अकादमी, संगीत नाटक अकादमी और ललित कला अकादमी की स्थापना 1945 में एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल द्वारा दिए प्रस्ताव के आधार पर स्वतंत्रता के बाद की गई थी।
 
3- इस प्रस्ताव में एक राष्ट्रीय सांस्कृतिक न्यास बनाकर उसके तहत नृत्य , नाटक और संगीत की अकादमी , कला एवं स्थापत्य की अकादमी तथा साहित्य अकादमी के गठन की बात की गई थी ।

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