Ethics Notes for IAS in Hindi

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General studies paper – 4 notes 

Part – 9

Topic – आचार संहिता,अभिवृत्ति के प्रकार्य प्रशासन में आवश्यकता,पूर्वाग्रह की विशेषताएं,अभिक्षमता और अभिरुचि में अंतर


-आचार संहिता 

-आचार संहिता नियमों का वह समूह है जो कर्मचारियों को अनुशासन में बनाए रखने के लिए उनके आचार व्यवहार के संबंध में सरकार द्वारा बनाए जाते हैं सरकारी कर्मचारियों के लिए इन नियमों का पालन अनिवार्य होता है यह नियम तथा उप नियम लोक कर्मचारियों के व्यवहार का नियमन करते हैं और उन्हें इस बात से अवगत कराते हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए ।  Ethics Notes for IAS in Hindi

-आचार संहिता की जरूरत प्रशासनिक सुधार आयोग के अभिमत में प्रशासन द्वारा उत्तम रीति से कार्य करना केवल इस बात पर ही अवलंबित नहीं है की इसके कर्मचारी अति योग्य हो अपितु इस बात पर भी निर्भर है कि अपने व्यक्ति आचरण को उच्च स्तर पर बनाए रखें और सरकारी कर्मचारियों के नियमों तथा अनुशासन का पूरा पालन करें  इसके लिए आवश्यक है कि सरकारी कर्मचारियों को ठीक ढंग से काम करने के बारे में स्पष्ट रीति से प्रतिपादित किया गए नियमों की एक संहिता हो तथा इस बात की व्यवस्था की जाए जो कर्मचारी इन नियमों से तनिक भी विचलित हो उसे दंडित किया जाए लोक सेवकों के लिए आचार संहिता की आवश्यकता निम्न कारणों से अपरिहार्य प्रतीत होती है ।

-निष्ठापूर्ण कर्तव्य पालन आचार संहिता नियमों के अनुसार प्रत्येक लोक सेवक को अपने कर्तव्यों का पालन पूर्ण निष्ठा और इमानदारी से करना चाहिए ।

-यथा राजा तथा प्रजा कर्मचारी जनता के संपर्क में आते इसलिए उनको अपने आचार का नैतिक स्तर ऊंचा रखना चाहिए कि वह साधारण जनता के लिए आदर्श हो सके ।

-सत्ता के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकारी कर्मचारियों को नागरिको के जीवन और उनके क्रियाकलापों पर नियंत्रण रखने की शक्ति प्राप्त होना आवश्यक है जिससे अधिकारी को अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने से रोका जा सके । Ethics Notes for IAS in Hindi

-राजनीतिक तटस्थता बनाये रखने के लिए सरकारी अधिकारियों में राजनीतिक निरपेक्षता अर्थात तटस्थता का होना अपरिहार्य है इसको लागू करने के लिए आचार नियम आवश्यक है ।

-प्रशासनिक कुशलता के लिए आचार संहिता के अस्तित्व से कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वाह कुशलता तथा चुस्ती के साथ करते हैं आचार संहिता के भय से वे कर्तव्य विमुख नहीं हो पाते ।

-आचरण को नैतिक को बनाए रखने के लिए आचार संहिता इसलिए आवश्यक है ताकि कर्मचारी अपने आचरण को एक नैतिक स्तर पर रखे जिससे कोई भी उन पर उंगली ना उठा सके।

– सार्वजनिक संपत्ति के दुरुपयोग को रोकने के लिए अधिकारियों की स्वयं विवेक शक्तियों में वृद्धि ने पद के दुरुपयोग के साथ सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान को रोकने हेतु प्रशासनिक नियमों का होना आवश्यक है ।

-अभिवृत्ति अभिवृति व्यवहार करने की तत्परता कि वह मानसिक स्थिति है जो अनुभव द्वारा संगठनात्मक रूप से व्यवहार पर पड़ने वाले निर्देशात्मक और गत्यात्मक प्रभाव के परिणाम स्वरूप निर्मित होती है अभिवृत्ति के अवयव उपरोक्त परिभाषा में अभिवृत्ति के 3 अवयव का उल्लेख किया गया है इन अवयव का विश्लेषण अभिवृत्ति के स्वरूप को समझने के लिए आवश्यक है इन 3 घटकों में पहला संज्ञानात्मक जागरूक धारणा और सोच दूसरा व्यवहारात्मक क्रियात्मक कार्यवाही के लिए स्वभाव और तीसरा भावात्मक भावुक स्वर या एहसास विचार प्रक्रियाओं का संयोजन है

1.संज्ञानात्मक

2.भावात्मक

3.व्यवहारात्मक

-अभिवृत्ति के प्रकार्य

अभिवृत्ति के कार्य सभी कार्य स्थलों में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह कुशल प्रशासन में प्रभावशाली संचालन और प्रबंधन से संबंधित है इसलिए अभिवृत्ति के निम्न प्रमुख कार्य जिनका उपयोग प्रशासन और प्रबंधन में प्रभावशाली ढंग से कहा जाता है ज्ञान परक प्रकार्य अभिव्यक्ति प्रकार्य उपयोगिता वादी और साधनआत्मक यांत्रिकी प्रकार्य आत्मरक्षा रक्षा प्रकार्य। Ethics Notes for IAS in Hindi

 

-अभिवृत्ति की आवश्यकता प्रशासन में क्यों ?

अभिवृत्ति व्यक्ति के विचार विश्वास मूल्य और उपलब्धि से संबंधित है सकारात्मक अभिवृत्ति सफलता की ऊंचाइयों को तय करती है और जीवन में सुख संतुष्टि और उपलब्धि प्राप्त करने में सहायता करती है यह प्रशासन और संचालन में निम्न रूप में सहायता करती है सकारात्मक अभिवृत्ति व्यक्ति को आशावादी बनाती है आशावादी व्यक्तियों में साहस जोखिम उठाने की संभावना अधिक होती है यह लोग जीवन के सकारात्मक पक्ष पर अधिक ध्यान देते हैं इसलिए प्रशासन और मानव प्रबंधन महत्वपूर्ण बन माना जाता है अभिवृत्ति सामाजिक मूल्य के प्रदर्शन का माध्यम है कुशल प्रशासन प्रबंधन और संचालन के लिए सामाजिक मूल्यों का निर्माण आवश्यक है जो व्यवहार की विभिन्न पक्ष में प्रकट होता है उदाहरण स्वरूप ईमानदारी निष्ठा शिष्टाचार कर्तव्य पालन प्रतिबद्धता या उपलब्धि सकारात्मक अभिवृत्ति परिस्थितियां विपरीत परिस्थितियों को अवसर के रूप में लेता है और उसे सफल बनाने के लिए कार्य करता है इसलिए प्रशासनिक अधिकारी के लिए लोक सेवक के लिए सकारात्मक होना चाहिए क्योंकि वह कठिन और विपरीत परिस्थितियों को उचित और सुनियोजित चुनौती लेता है और उसकी उपलब्धि उच्चतम होती है सकारात्मक अभिवृद्धि में कार्य संतुष्टि और कार्य प्रतिबद्धता शामिल है इसलिए जो व्यक्ति अपने कार्य से संतुष्ट हैं और अपने कार्य से प्रतिबद्ध हैं तो उस व्यक्ति की उपलब्धि सर्वश्रेष्ठ होगी और कार्य करने की निपुणता आएगी इस प्रकार की उपलब्धि सर्वश्रेष्ठ होगी और कार्य करने की निपुणता आएगी इस प्रकार संतुष्टि और प्रतिबद्धता कार्य नियमित और निपुण बनाती है सकारात्मक अभिवृत्ति जिम्मेदारी लेने की भावना निष्ठा से संबंधित है इसलिए उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में कार्य करती है अभिवृत्ति सामाजिक समायोजन की क्षमता विकसित करती है सद्भावना और सहानुभूति जैसे व्यक्तिगत विशेषताओं को विकसित करती है जो कुशल प्रशासन व संचालन में महत्वपूर्ण है यह अभिवृत्ति की भावनात्मक पक्ष का उपयोग सामाजिक जीवन में दर्शाता है। Ethics Notes for IAS in Hindi

– प्रबोधक संप्रेषण अनुनय अनुनय सामाजिक प्रभाव का वह दूसरो में अभिवृत्ति में बदलाव का एक साधन है अनुनय के द्वारा व्यक्ति न केवल उद्देश्यों को प्राप्त कर सकता है बल्कि लोगों में विद्यमान नकारात्मक अभिवृत्ति को भी बदल सकता है इसलिए अनुनय एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा दूसरों को तार्किक या प्रतीकात्मक तरीकों से किसी मनोवृत्ति जाने के लिए तैयार किया जा सकता है ।

-पूर्वाग्रह और भेदभाव पूर्वाग्रह किसी विशिष्ट समूह के प्रति अभिवृत्ति का उदाहरण है यह प्राय नकारात्मक होते हैं और नीतियों में विशिष्ट समूह के संबंध में रूढ़ धारणा पर आधारित होते हैं बेरोन तथा बर्न के अनुसार समाज मनोविज्ञान में पूर्वाग्रह को किसी प्रजातीय मानव जाति या धार्मिक समूह के सदस्यों के प्रति एक नकारात्मक वृद्धि के रूप में परिभाषित किया जाता है एक रूढ़ धारणा किसी विशिष्ट समूह की विशेषताओं से संबंध विचारों का गुच्छा होती होती है इस समूह के सभी सदस्य इन विशेषताओं से युक्त माने जाते हैं प्राय रूढ़ धारणाएं लक्ष्य समूह के बारे में अवांछित विशेषताओं से युक्त होती है और यह विशिष्ट समूह के सदस्यों के बारे में एक नकारात्मक अभिवृत्ति या पूर्वाग्रह को जन्म देती है पूर्वाग्रह के संज्ञानात्मक घटक के साथ नापसंद या घृणा का भाव अर्थात भावात्मक घटक जुड़ा होता है पूर्वाग्रह भेदभाव के रूप में व्यवहार पूर्व घटक रूपांतरित या अनुदीत हो सकता है जब लोग एक विशिष्ट लक्ष्य समूह के प्रति उस समूह की तुलना में जिसे वे पसंद करते हैं कम सकारात्मक तरीके से व्यवहार करने लगते हैं इतिहास में प्रजाति और सामाजिक वर्ग या जाति पर आधारित भेदभाव की असंख्य उदाहरण है जर्मनी में नाजियों के द्वारा  यहूदियों के विरुद्ध किया गया प्रजाति सहार पूर्वाग्रह  का एक उदाहरण है जो यह प्रदर्शित करता है कि कैसे पूर्वाग्रह घृणा भेदभाव निर्देश लोगों को सामूहिक संहार की ले जाता है। Ethics Notes for IAS in Hindi

– पूर्वाग्रह की विशेषताएं निम्नलिखित है

पूर्वाग्रह विवेक हीन होता है पूर्वाग्रह सिखा गया सामाजिक व्यवहार है पूर्वाग्रह संवेग से युक्त होता है पूर्वाग्रह का संबंध वास्तविकता से नहीं होता पूर्वाग्रह का स्वरूप कार्यात्मक होता है क्योंकि इससे व्यक्ति को कुछ ना कुछ फायदा होता है।

 

– अभिक्षमता और अभिरुचि में अंतर

कई बार अभिक्षमता और अभिरुचि को एक ही मान लिया जाता है हो सकता है कि आपको वायलिन बजाने में अभिरुचि हो परंतु आपने उसे बजाने की अभिक्षमता नहीं हो यह भी हो सकता है कि आप में पहले से ही वाद्य यंत्र को बजाने की क्षमता हो क्योंकि आपने अपने भाई को बजाते हुए देखा था परंतु आप  इसमें अभी रुचि नहीं लेना चाहते हैं इसलिए यदि कोई सफल वायलिन वादक बनना चाहता है तो उसमें अभिरुचि और उसे बजाने की संभाव्यता दोनों होनी चाहिए अभिरुचि किसी विशेष कार्य करने के प्रति वरीयता या महत्व को प्रदर्शित करता है वही अभिक्षमता उन विशेषताओं के प्रदर्शित करता है जो यह संभावना व्यक्त करता है कि वह अच्छा वायलिन प्रशिक्षण देने पर बजा सकता है इस प्रकार अभिक्षमता और अभिरुचि दोनों किसी विशेष क्षेत्रों में सफलता के लिए होने अनिवार्य है आपने 3 ईडियट्स फिल्म जरूर देखी होगी तीनों पात्र तीन स्थितियों को प्रदर्शित करते हैं यदि आपने फरहान को देखा होगा तब आपने पाया होगा कि उसने इंजीनियरिंग की अपेक्षा तो पास कर ली परंतु उसमें इंजीनियर बनने की अभिरुचि नहीं थी इसलिए यहां अभिक्षमता तो हैं परंतु अभी रुचि फोटोग्राफर बनने की थी वही दूसरा पात्र रस्तोगी इंजीनियर बनने की अभिरुचि तो रखता है परंतु इंजीनियरिंग का पेशा नही जिसकी तार्किकता की अपेक्षा रखता है वह उसमें कम थी इसलिए रस्तोगी में अभिरुचि तो है परंतु अभीक्षमता का अभाव वही तीसरा पात्र रेंचो है जो इंजीनियर बनने की अभिरुचि भी रखता है और उसमें सफल इंजीनियर बनने की अभिक्षमता भी विद्यमान थी इसलिए एक बात तो सिद्ध होती है कि किसी विशेष क्षेत्र में सफलता के लिए अभिरुचि और अभिक्षमता का साथ में होना आवश्यक है क्योंकि यही अभिरुचि सिविल सेवा के क्षेत्र में समर्पण का भाव लाता है तथा उम्मीदवार में विद्यमान साहस सद्भाव सहिष्णुता  समर्पण संवेदनशील जैसे गुणों की संभावित अभिक्षमता को विकसित करता है इसलिए एक सफल सिविल सेवक तभी बन सकता है जब उसमें सिविल सेवा के प्रति अभिरुचि और अभिक्षमता दोनों विकसित हो इस प्रकार आप समझ चुके होंगे कि अभिरुचि और अभिक्षमता अलग होते हुए भी सफलता कार्य के लिए परस्पर संबंधित हैं हम यह समझ सकते हैं कि जब आप इतनी मेहनत और लगन से अध्ययन कर रहे हैं तो आपसे अवश्य ही सिविल सेवा के प्रति अभिरुचि विद्यमान हैं तो चलिए आपको हम यह समझाने का प्रयास करते हैं कि एक सिविल सेवक में किस प्रकार की अभिक्षमता होनी चाहिए। Ethics Notes for IAS in Hindi


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