STEM CELL CLONING therapy लैब में उगेंगे नाक और कान

स्टेम सेल थेरेपी आशा की एक नई किरण

स्टेम सेल थेरेपी ने मानव जीवन में आशा की एक नई किरण जगा दी है इस थेरेपी से पार्किंसन एल्ज़ीमर्स स्नायु तंत्र के असाध्य रोगों का उपचार संभव हो सकता है। इसके अतिरिक्त अन्य रोगों के उपचार में भी है कारगर सिद्ध हुई है शोधकर्ता यहीं नहीं रुके उन्होंने अपना शोध कार्य जारी रखा और सिद्ध किया की कुछ अन्य लोग भी हैं जिनका उपचार इस थेरेपी से संभव हो सकेगा आइए देखते हैं कौन कौन से है यह लोग जिनका उपचार स्टेम सेल थेरेपी से हो सकता है । Full info about STEM CELL CLONING therapy in hindi

-स्टेम सेल थेरेपी लैब में उगेंगे नाक और कान

लंदन के ग्रेट अरमंड स्ट्रीट अस्पताल के डॉक्टरों ने इंसान की शरीर की वसा से स्टेम सेल निकालकर कर लैब में कोर्टिलेज जानी उपास्थि विकसित कर लिया इस कोर्टिलेज से लैब यानी प्रयोगशाला में नाक और कान उगाए जाएंगे जिन्हें मानव के शरीर में प्रत्यारोपित किया जा सके। उम्मीद है कि इनका उपयोग जन्म से माइक्रोटिया से पीड़ित और किसी हादसे की शिकार लोगों के कान और नाक बनाने में किया जा सकता है जन्म से माइक्रोटिया के इलाज के लिए बच्चों की पसलियों से और कोर्टिलेज लेकर डॉक्टर उससे कान बनाते हैं और बच्चे में प्रत्यारोपित करते हैं अब इस नई तकनीक के जरिए डॉक्टर वसा का एक छोटा सा टुकड़ा बच्चों के शरीर से निकालेंगे और इलाज करेंगे ।

-प्रयोगशाला में बनी रीड की हड्डी

जर्मनी के वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में प्राकृतिक गुणों वाली कृत्रिम रीड की हड्डी का विकास किया है जो स्टेम कोशिकाओं के कई गुना होने में अनुकूल होगी और इससे का उपचार आसान हो जाएगा इसका इस्तेमाल प्रयोगशाला में स्टेम कोशिकाओं के उत्पादन के लिए किया जाएगा इससे आने वाले कुछ वर्षों मेंल्यूकेमिया का इलाज ढूंढा जा सकेगा । Full info about STEM CELL CLONING therapy in hindi

कार्ल्सरुहे इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मैक्स प्लैंक इंस्टिट्यूट ऑफ इंटेलिजेंट सिस्टम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा सिंथेटिक पदार्थ विकसित किया है जो स्टेम कोशिकाओं की वृद्धि में मदद करता है रक्त में मौजूद एरिथ्रोसाइट या प्रतिरक्षी कोशिकाएं रीड की हड्डी में मौजूद है हेमटोपाइटिक स्टेम कोशिकाओं से बदलती रहती है।

– अब स्टेम सेल से दूर होगा गंजापन

पहली बार इंसान स्टेम सेल से गंजेपन का इलाज खोजा गया है अमेरिकी वैज्ञानिकों को इस खोज का श्रेय जाता है उम्मीद जागी है कि अब शरीर की एक जगह से बालों की कोशिकाएं लेकर उन्हें सिर में रोकने की परंपरागत पद्धति से छुटकारा मिल सकेगा । स्टैंड फॉर मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट की खोज पहली बार कम बाल वालों के लिए कोशिका आधारित इलाज पेश करती है इंस्टीट्यूट के रीडिवेलपमेंट एजिंग और रीजेनरेशन प्रोग्राम में एसोसिएट प्रोफेसर अलेक्ससी कहते हैं कि तरीका खोज लिया है जिसके आधार पर स्टेम सेल से बाल उगाने वाली कोशिका को पैदा किया जा सकता है इस तरीके से बाल उगाने वाली कोशिकाओं को पैदा जा सकेगा।

 इस रिसर्च टीम ने स्टेम सेल की कोशिकाओं को बाल उगाने वाली कोशिकाओं में बदलने का रास्ता भी सुझाया है इस यूनिक तरीके से स्किन के बाल उगाने वाले फॉरमेशन और उनकी ग्रोथ को कायम रखा जा सकता है।

– स्टेम सेल रोकेगी कैंसर का विस्तार

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसके होने का कारण पता लगाने और इलाज खोजने में पूरी दुनिया की वैज्ञानिक और डॉक्टर लगे हुए हैं कैंसर से निजात पाने की श्रृंखला में अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी कैंसर स्टेम सेल वैक्सीन लेकर आई है यू एस ए एफडीए से मान्यता प्राप्त यह वैक्सीन कैंसर के द्वारा शरीर में आने को काफी हद तक रुकने का दावा करती है । Full info about STEM CELL CLONING therapy in hindi

-कैंसर रोकने का काम करेगी वैक्सीन

एक बार कैंसर का इलाज होने के बाद भी अक्सर शरीर में दोबारा कैंसर होने का खतरा बना रहता है और यदि सही समय पर कैंसर का इलाज ना मिल जाए तो कैंसर शरीर के अन्य अंगों में भी फैल जाता है चीन के फडा अस्पताल के भारतीय प्रतिनिधि डॉ अनूप बताते हैं कि मिशिगन यूनिवर्सिटी द्वारा बनाए गए वैक्सीन के कैंसर का इलाज का दवा नहीं करता यह शरीर में कैंसर के दोबारा लौटने और कैंसर कोशिकाओं के एक अंग से दूसरे अंग तक फैलने से रोकने का काम करेगा ।चीन के अस्पताल के डॉक्टर मू ने बताया कि इस कैंसर स्टेम सेल वैक्सीन की कीमत भारतीय करंसी के अनुसार ₹182000 है डॉ अनूप बताते हैं कि भारतीय आंकड़ो की बात करें तो मुंह के कैंसर के मामले में लगभग 66% मामलों में कैंसर वापस आता है इस वैक्सीन के इस्तेमाल से कैंसर के लौटने के इस प्रतिशत को 66 से घटाकर 30% तक किया जा सकता है। 

अब दुर्लभ स्टेम सेल से कोर्निया को फिर से बनाना संभव

वैज्ञानिकों ने दिवंगत दान करता के अति दुर्लभ व्यस्क स्टेम सेल से मनुष्य का कॉर्निया बनाने में सफलता पाई है एबीसी बोड 5 के नाम से ज्ञात एक अणु जो कठिनाई से प्राप्त अलग स्टेम सेल का सूचक चिन्ह है से दृष्टि वापस लाने के लिए मानव कोर्निया को फिर से बनाने में सफलता पाई है आंख और कान शोध संस्थान मैसाचुसेट्स की शोधकर्ता के अनुसार अंग जलने के कारण रसायन या अन्य किसी कारण से आंख की रोशनी चली जाने पर उसे उपचार से उनकी आंख की रोशनी वापस लाई जा सकती है।

– स्टेम सेल से फेफड़ों की कोशिकाओं को बनाया गया

कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के प्रोफेसर और इस शोध का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिक हैंड्स विलेन के अनुसार शोधकर्ता स्टेम सेल को हृदय कोशिका अग्नाशय कोशिका जिगर कोशिका और स्नायु कोशिका को पुनर्जीवित करने में अधिक सफल रहे हैं अब शोधार्थी फेफड़े और फेफड़ों की वायु पथ कोशिकाओं को बनाने में सफल हो गए हैं यह बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि फेफड़ों के प्रत्यारोपण की संभावना बहुत ही कम है। हालांकि चिकित्सीय प्रयोग में अर्थात फेफड़ों को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित करने में अभी वर्षों लगेंगे पर मरीज की अपनी त्वचा की कोशिकाओं के माध्यम से फेफड़ों की उपयोगी कोशिका को बनाने की दिशा में तो सोच ही सकते हैं अर्थात फेफड़ों के  प्रत्यारोपण की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं ।प्रोफेसर का मानना है कि इस तकनीक का उपयोग फेफड़ों के स्वजातीय ऊतक प्रत्यारोपण लिए किया जा सकेगा।

– स्टेम सेल से मस्तिष्क की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं में सुधार

सेरेब्रल अटैक्सिया नामक बीमारी में मस्तिष्क के एक भाग की कोशिकाओं की क्षति हो जाने पर मांसपेशियों पर नियंत्रण कम हो जाता है इस दशा में मरीज ना अपने आप खड़ा हो सकता है ना चल पाता है मिसीपी की क्रिस्टी को 2 वर्ष की आयु में यह बीमारी हो गई थी दिन पर दिन हालत बिगड़ रही थी वह ना खड़ी हो पाती थी ना अपने आप खा पाती थी लगभग 19 वर्ष की आयु में उसके पिता केविन ने नई मुंबई की मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के न्यूरो जनरल से संपर्क किया उसको 1 साल में तीन बार स्टेम थेरेपी दी गई इस उपचार के बाद वह वॉकर की सहायता से चल सके अपने आप पानी पी सकती है ।और उसकी बोली में सुधार हुआ है 20 वर्षीय क्रिस्टी को स्टेम सेल उपचार की जरूरत नहीं है ऑक्यूपेशनल और स्पीच थेरेपी से उसकी हालत में सुधार आता जाएगा ।

-सन 2017 एक कृत्रिम रक्ताधान एक सच्चाई होगी

– ब्रिस्टल विद्यालय और एनएचएस एंड ब्लड ट्रांसप्लांट के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में वयस्क और नाल के रक्त से स्टेम सेल का प्रयोग करके लाल रक्त कणों की छोटी मात्रा का उत्पादन किया गया इन वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि जल्द ही बड़े परिमाण में लाल रक्त कणों का उत्पादन संभव हो सकेगा इससे सदा बीमार रहने वाला रक्ताल्पता और थैलीसीमिया के मरीजों ने नियमित रक्ताल्पता की आवश्यकता होती है और  दाता मिलना कठिन होता है को एक विकल्प माना जाएगा इस शोध में प्रचलित रक्तआधान और प्रत्यारोपण के लिए एक न्यू डाली है यूके की एक एन एच एस एंड ब्लड ट्रांसप्लांट के विज्ञानिक का दावा है कि 2 साल के अंदर स्टेम सेल से निर्मित लाल रक्त कणों का चिकित्सीय प्रयोग हो सकेगा। Full info about STEM CELL CLONING therapy in hindi

– प्रयोगशाला में नए प्रकार की स्टेम सेल बनाई गई

सैद्धांतिक रूप से स्टेम सेल को किसी भी प्रकार की कोशिका में विकसित किया जा सकता है इसलिए उनका उपयोग क्षतिग्रस्त अंगों की मरम्मत करने या शुरू से किसी अंग को विकसित करने में किया जा सकता है बहु प्रभावी स्टेम सेल सर्वोत्तम होती है जिन्हें किसी भी रूप में बदला जा सकता है वैज्ञानिकों का कहना है कि भ्रूण से या वयस्क कोशिकाओं को भ्रूण की स्थिति में लाकर उत प्रेरित बहू प्रभावी कोशिका को प्राप्त किया जा सकता है कैंब्रिज विश्वविद्यालय के ऑस्टिन स्मिथ जो नए प्रकार के स्टेमसेल को विकसित करने वाली टीम का नेतृत्व कर रहे हैं उनका कहना है कि बहु प्रभावी स्टेम सेल में वर्तमान विद्यमान जींस के दोष भी आ जाते हैं नए सेल से कोशिकीय स्मृति या विलुप्त हो जाती है इसलिए यह कोशिकाएं नई आशा जगाती है और अधिक एकरूपता के साथ इन्हें अन्य कोशिकाओं में बदला जा सकता है स्मिथ के अनुसार यह एक नई शुरुआत हो सकती है ।

हमेशा जवान और स्वस्थ रहने की इच्छा लोगों के मन मस्तिष्क में सदियों से रही है पौराणिक कथनों में भी हमें इस प्रकार के उदाहरण मिलते हैं राजा ययाति का यौवन काल खत्म हो रहा था और वे सांसारिक भोगो से तृप्त नहीं हुए थे इसलिए अपने एक पुत्र से ही जवानी मांग ली पर अनेक वर्षों बाद भी जब उन्हें संतुष्टि नहीं हुई तो उन्होंने अपनी गलती का एहसास हुआ कि सांसारिक भोग कभी खत्म नहीं होता स्टेम सेल तकनीक से वैज्ञानिक जगत को बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं योवन की चाह और अमृत्व की खोज में स्टेम सेल तकनीक एक वरदान साबित हो सकती है स्टेम सेल की मदद से शरीर के अंग तैयार करने पर काफी शोध हो रहा है कनाडा के अरबपति पीटर निगार्ड ने इस प्रयोग के लिए काफी आर्थिक मदद दी है अब तक कई अंग तैयार भी किए जा चुके हैं और कई अन्य के लिए शोध जारी है 70 साल से निगार्ड साल में 4 बार अपनी स्टेम सेल का इंजेक्शन लेते हैं उनका दावा है कि वे जवान होते जा रहे हैं ।

तो क्या वास्तविकता में अमृत या चिर योवन का सपना सच हो सकता है यह एक ऐसा सवाल है जिसका उत्तर जानने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं इससे भी बड़ी बात यह है कि उनके ऊपर तमाम अरबपतियों खरबपतियों का पैसा लगा हुआ है पर यह प्रश्न फिर रह जाता है कि चिर यौवन पा कर भी क्या मानव की सांसारिक भोगो की कामना अधूरी रह जाएगी। भारत का यह दर्शन की संतुष्टि और तृप्ति मानव की मन और आत्मा में ही समाहित है चिर सत्य है। Full info about STEM CELL CLONING therapy in hindi


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