संयुक्त राष्ट्र संघ का इतिहास – 24 अक्टूबर – United Nations Day

-संयुक्त राष्ट्र का जन्म

History of united nation organization UNO

संयुक्त राष्ट्र को मानवता की आशा कहा गया है भूतपूर्व महासचिव डेग हैमर शोल्ड के अनुसार यह इस बात की आशा है कि शांति संभव है संयुक्त राष्ट्र 193 संप्रभुता संपन्न देशों का संगठन है इसकी स्थापना 1945 में दुर्भाग्य ग्रसित राष्ट्र संघ का स्थान लेने के लिए की गई द्वितीय विश्व युद्ध के समय धुरी राष्ट्रों के विरुद्ध संघर्ष करते हुए मित्र राष्ट्रों ने राष्ट्र संघ को पुनर्जीवित करने की बजाय एक नए अंतरराष्ट्रीय संगठन की स्थापना का निर्णय लिया था मित्र राष्ट्र युद्ध में अधिनायकवाद को समाप्त करके विश्व को लोकतंत्र के लिए सुरक्षित करना चाहते थे इस हेतु द्वित्तीय विश्वयुद्ध के दौरान ही अंतरराष्ट्रीय संगठन बनाने के लिए प्रयास प्रारंभ हो गए थे जिन्हें हम निम्नलिखित रुप से देख सकते हैं 

-लंदन घोषणा (12 जून 1941)

मित्र राष्ट्रों द्वारा जर्मनी के विरुद्ध युद्ध करते हुए 12 जून 1941 को लंदन घोषणा में अन्य स्वतंत्र देशों के साथ मिलकर संघर्ष करने और ऐसे  विश्व की स्थापना करने का संकल्प किया था जिसको आक्रमण के भय से मुक्ति मिल जाएगी और जहां सबको आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध होगी इसके पूर्व अमेरिका के राष्ट्रपति रूजवेल्ट ने कांग्रेस को भेजे गए एक संदेश में चार प्रमुख स्वतंत्रताओं का उल्लेख करते हुए उन्हें सार्वभौमिक महत्व का बताया था यह चार स्वतंत्रताए थी-

  • – भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
  • – उपासना करने धर्म की स्वतंत्रता
  • – निर्धनता की स्वतंत्रता 
  • -भय से स्वतंत्रता

उस समय लंदन घोषणा युद्ध और निर्धनता से मुक्ति पाने की मानवता की इच्छा की अभिव्यक्ति थी । History of united nation organization UNO

-अटलांटिक चार्टर (14 अगस्त 1941)

राष्ट्रपति रूजवेल्ट और ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल  ने 14 अगस्त 1941 को अपनी प्रसिद्ध अटलांटिक घोषणा जारी की उसमें यह आशा व्यक्त की गई कि एक ऐसी शांति की स्थापना हो सकेगी जिसके द्वारा सभी राष्ट्रों को अपनी सीमाओं के भीतर सुरक्षा से जीवित रहने के साथ साधन उपलब्ध होंगे सभी राष्ट्र भय मुक्त तथा निर्धनता मुक्त होंगे और सामान्य सुरक्षा की एक व्यापक तथा स्थाई व्यवस्था की स्थापना की जा सकेगी । History of united nation organization UNO

-संयुक्त राष्ट्र घोषणा (1 जनवरी 1942)

अटलांटिक घोषणा तथा लंदन घोषणा में लिखित सिद्धांतों का 1 जनवरी 1942 को उन देशों ने अनुमोदन किया जो उस समय युद्ध में मित्र राष्ट्र थे इस सहमति को संयुक्त राष्ट्र घोषणा के नाम से जाना गया वाशिंगटन में हस्ताक्षर की गई इस घोषणा का मुख्य सम्बन्द्ध युद्ध से था शांति से नहीं इसका उद्देश्य धुरी राष्ट्रों के विरुद्ध मित्र राष्ट्रों के सहयोग पर बल देना था और एक दूसरे को आश्वासन देना था कि कोई भी मित्र राष्ट्र अकेले किसी भी शत्रु देश के साथ शांति स्थापित नहीं करेगा। History of united nation organization UNO

– मास्को घोषणा (30 अक्टूबर 1943)

एक नए अंतरराष्ट्रीय संगठन की स्थापना का औपचारिक निर्णय 30 अक्टूबर 1943 को सामान्य सुरक्षा के लिए 4 राष्ट्रों की मास्को घोषणा में लिया गया चार मित्र राष्ट्र थे ब्रिटेन चीन संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ उन्होंने घोषणा की कि वे एक सामान्य अंतरराष्ट्रीय संगठन की शीघ्र स्थापना की आवश्यकता अनुभव करते हैं जो सभी शांति प्रिय राज्यों की संप्रभु समानता के सिद्धांत पर आधारित होगा वह छोटे या बड़े सभी राज्यों को सदस्यता के अवसर प्रदान करेगा ताकि अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखी जा सके प्रश्न यह है कि एक नया अंतरराष्ट्रीय संगठन क्यों स्थापित किया गया और इसका नाम सयुक्त राष्ट्र क्यों रखा गया अमेरिका के तत्कालीन विदेश मंत्री कार्डिल हैल ने केवल इतना कहा यह निर्णय किया गया है कि एक नया संगठन स्थापित किया जाए इसका स्पष्ट कारण यह था कि राष्ट्र संघ शांति बनाए रखने में बुरी तरह विफल रहा था तथा वह असम्मानित और कुख्यात हुआ था सोवियत संघ को राष्ट्र संघ ने निष्कासित किया था तथा संयुक्त राज्य अमरीका कभी उस का सदस्य बना ही नहीं था एच जी निकोलस ने कहा कि 1942 तक सही या गलत राष्ट्र संघ से विफलता की दुर्गंध आ रही थी राष्ट्र संघ द्वारा निंदा किए जाने तथा बाद में रूस फिनिश युद्ध के समय निष्कासित किए जाने से रूसी गौरव को गंभीर धक्का लगा था तथा संयुक्त राज्य अमेरिका में यह सामान्य धारणा बन गई थी कि नए संगठन के पक्ष में जनमत का समर्थन प्राप्त करना सरल होगा बजाय इसके कि राष्ट्र संघ में अमेरिका में प्रवेश को लेकर पुराने विवाद को पुनर्जीवित किया जाए मित्र राष्ट्रों के मध्य शत्रु के विरुद्ध एकता के प्रतीक के रूप में अंतरराष्ट्रीय संगठन को सुक्त राष्ट्र नाम दिया गया इस शब्द का चयन अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट ने किया था। History of united nation organization UNO

 

Dumbarton Oaks Conference डम्बर्टन ओक्स 1944

राष्ट्र संघ के स्थान पर संयुक्त राष्ट्र की रचना करने के निर्णय के पश्चात अगस्त 1944 ईस्वी में ओक्स नामक स्थान पर एक सम्मेलन हुआ इस सम्मेलन के आरंभ में ब्रिटेन अमेरिका और सोवियत संघ ने फिर बाद में ब्रिटेन अमेरिका और चीन ने भाग लिया सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र चार्टर का प्रारूप तैयार किया गया परंतु कुछ विषय पर सहमति नहीं हो सकी जिनमें सुरक्षा परिषद मतदान की प्रक्रिया तथा सोवियत संघ की अपनी सभी 16 गणराज्यों को अलग से संयुक्त राष्ट्र सदस्य बनाए जाने की मांग शामिल थी ।

-याल्टा सम्मेलन (फरवरी 1945)

फरवरी में एक और सम्मेलन हुआ इसमें चर्चिल रूज़वेल्ट और स्टालिन शामिल हुए इसमें उपरोक्त लिखी गई समस्याओं पर चर्चा की गई तथा रूस को स्थाई सदस्यता और उसके सहयोगी देशों को संयुक्त राष्ट्र सदस्य के रूप में शामिल करने की मांग को स्वीकार कर लिया गया । History of united nation organization UNO

-सैन फ्रांसिस्को सम्मेलन (अप्रैल जून, 1945)

चार्टर के प्रारूप को अप्रैल-जून 1945 में सैन फ्रांसिस्को में हुए सम्मेलन में स्वीकृत कर लिया गया ब्रिटेन अमेरिका सोवियत संघ फ्रांस और चीन चार्टर के प्रस्तावक बने लगभग 2 माह के विचार विमर्श के पश्चात उन 50 देशों ने चार्टर पर हस्ताक्षर किये जिन्होंने सम्मेलन में भाग लिया था इस प्रकार 1945 में 51 प्रारंभिक देश शामिल थे रूजवेल्ट की मृत्यु के पश्चात अमेरिका के नए राष्ट्रपति ने 25 अप्रैल 1945 को सम्मेलन का उद्घाटन किया चार्टर के अनुच्छेद 110 में यह प्रावधान था की पांच बड़ी शक्तियां तथा शेष हस्ताक्षर कर्ता के बहुमत द्वारा चार्टर का अनुमोदन हो जाएगा तब सयुक्त राष्ट्र की औपचारिक स्थापना की जाएगी इसलिए सभी अपेक्षित देशो द्वारा अनुमोदन के पश्चात 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र की विधिवत स्थापना होगी चार्टर के अनुसार संगठन की संरचना का कार्य एक आयोजनात्मक आयोग को सौंप दिया गया इसने 1945 में ही लंदन में अपना कार्य प्रारंभ कर दिया इसी आयोग में महासभा का प्रथम अधिवेशन बुलाया जिसमें कार्यविधि के कुछ नियमों का प्रारूप तैयार किया गया कुछ समय पश्चात संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के लिए न्यूयॉर्क को स्थाई रूप से चुन लिया गया। History of united nation organization UNO

 


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