सिविल जज प्रारंभिक परीक्षा हेतु मार्गदर्शन-
न्यायिक सेवा परीक्षा प्रांतों की एक प्रतिष्ठित परीक्षा है मध्य प्रदेश व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 2 परीक्षा का आयोजन मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के द्वारा किया जाता है। इस परीक्षा में भारत का ऐसा प्रत्येक नागरिक भाग ले सकता है जो विधि स्नातक हो और निर्धारित अन्य आवश्यक अहर्ताएं धारण करता है ।
सर्वप्रथम प्रारंभिक परीक्षा फिर मुख्य परीक्षा और इसके पश्चात साक्षात्कार होता है प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण छात्रगण ही मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकते हैं और मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण छात्र साक्षात्कार में शामिल हो सकते हैं ।
प्रारंभिक परीक्षा योजना-
इस परीक्षा में वस्तुनिष्ट प्रकार का एक प्रश्न पत्र होगा जिसमें 150 प्रश्न पूछे जाएंगे जो कुल 150 अंकों का होगा। इस प्रश्न पत्र की अवधि 120 मिनट यानी 2 घंटे की होगी प्रत्येक एक प्रश्न के चार विकल्प उत्तर होंगे जिनमें से एक सही उत्तर का चयन करना होगा।
प्रश्न पत्र के चार भाग होंगे –
विषय-
(1) विधि (प्रश्नों की संख्या -110 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 110 अंक
(2) सामान्य ज्ञान (प्रश्नों की संख्या -20 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 20 अंक
(3)कंप्यूटर ज्ञान (प्रश्नों की संख्या -10 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 10 अंक
(4)अंग्रेजी ज्ञान (प्रश्नों की संख्या -10 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 10 अंक
विस्तृत पाठ्यक्रम नियमानुसार है-
विषय –
- भारत का संविधान (प्रश्नों की संख्या -10 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 10 अंक
- सिविल प्रक्रिया संहिता (प्रश्नों की संख्या -15 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 15 अंक
- संपत्ति अंतरण अधिनियम (प्रश्नों की संख्या -7 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 7 अंक
- भारतीय संविदा अधिनियम (प्रश्नों की संख्या -8 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 8 अंक
- विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम (प्रश्नों की संख्या -6 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 6 अंक
- परिसीमा अधिनियम (प्रश्नों की संख्या -4 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 4 अंक
- मध्य प्रदेश स्थान नियंत्रण अधिनियम (प्रश्नों की संख्या -5 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 5 अंक
- मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता (प्रश्नों की संख्या -5 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 5 अंक
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम (प्रश्नों की संख्या -15 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 15 अंक
- भारतीय दंड संहिता (प्रश्नों की संख्या -15 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 15 अंक
- दंड प्रक्रिया संहिता (प्रश्नों की संख्या -15 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 15 अंक
- एन आई एक्ट (प्रश्नों की संख्या -5 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 5 अंक
- सामान्य ज्ञान (प्रश्नों की संख्या -20 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 20 अंक
- कंप्यूटर ज्ञान (प्रश्नों की संख्या -10 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 10 अंक
- अंग्रेजी ज्ञान (प्रश्नों की संख्या -10 प्रश्न ) – निर्धारित अंक- 10 अंक
कुल प्रश्न =150 अंक =150
इस परीक्षा में कोई नेगेटिव मार्किंग सिस्टम नहीं है
परीक्षा में सफल होने के लिए क्या पढ़े कैसे पढ़ें ?-
प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने के लिए अभ्यर्थी को आंतरिक और बाह्य दोनों तरह की समता में पूर्ण होना अपेक्षित है। वास्तव में सफलता उसे प्राप्त होती है जो अपने विषय में निपुणता भारी ज्ञान से अवगत होता है। How to Prepare for Madhya Pradesh Civil Judge
विषय वार अध्ययन किस प्रकार करें –
भारतीय संविधान – भारतीय संविधान हेतु बेयर एक्ट का अध्ययन करें व जेएन पांडे बुक का अध्ययन करें तथा संविधान के भाग 3 अर्थात मौलिक अधिकार अध्याय से केस लॉ भी पूछे जाते हैं इसलिए महत्वपूर्ण केस लॉ का अध्ययन जेएन पांडे बुक से करें। How to Prepare for Madhya Pradesh Civil Judge
सिविल प्रक्रिया – संहिता सिविल प्रक्रिया संहिता हेतु बेयर एक्ट का अध्ययन करें व वावेल की बुक का अध्ययन करें। How to Prepare for Madhya Pradesh Civil Judge
संपत्ति अंतरण – अधिनियम संपत्ति अंतरण अधिनियम हेतु बेयर एक्ट का अध्ययन करें तथा महत्वपूर्ण केस लॉ का भी अध्ययन करें।
भारतीय संविदा अधिनियम – भारतीय संविदा अधिनियम हेतु बेयर एक्ट का दिन करें तथा के केस लॉ का अध्ययन करें। How to Prepare for Madhya Pradesh Civil Judge
विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम – विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम हेतु बेयर एक्ट का अध्ययन करें और नवीन संशोधन का भी आवश्यक रूप से अध्ययन करें।
परिसीमा अधिनियम – परिसीमा अधिनियम हेतु बेयर एक्ट का अध्ययन करें व उसके आर्टिकल को भी ध्यान से पढ़ें। How to Prepare for Madhya Pradesh Civil Judge
मध्य प्रदेश स्थान नियंत्रण अधिनियम – मध्य प्रदेश स्थान नियंत्रण अधिनियम का अध्ययन बेयर एक्ट से करें।
मध्य प्रदेश भू राजस्व अधिनियम – मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता एक स्थानीय विधि है और अभी वर्तमान में इसमे बहुत संशोधन हुए हैं इसका अध्ययन बेयर एक्ट से करें।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम – भारतीय साक्ष्य अधिनियम को विधि की आधारशिला कहा जाता है इसका अध्ययन बेयर एक्ट से करें।
भारतीय दंड संहिता – भारतीय दंड संहिता का अध्ययन बेयर एक्ट से करें रतनलाल धीरजलाल बुक का अध्ययन करें तथा केस लॉ का भी अध्ययन करें।
दंड प्रक्रिया संहिता – दंड प्रक्रिया संहिता का अध्ययन बेयर एक्ट से करें और रतनलाल धीरजलाल बुक का अध्ययन करें।
एन आई एक्ट- एन आई एक्ट में वर्तमान में संशोधन हुआ है संशोधित बेयर एक्ट से इसका अध्ययन करें तथा केस लो को अवश्य याद रखें।
सामान्य ज्ञान – सामान्य ज्ञान की विस्तृत तैयारी हेतु प्रतिमाह प्रतियोगिता घटना चक्र पढ़ें साथ ही प्रतिदिन दो न्यूज़पेपर में पढे। प्रतियोगिता घटना चक्र के विशेषांक विशेष रूप से वर्षभर की घटनाओं का समसामयिक विशेषांक अवश्य पढ़ें।
कंप्यूटर ज्ञान – कंप्यूटर संबंधी पूछे जाने वाले प्रश्नों के लिए विशेष तैयारी की आवश्यकता है आप इस हेतु इंटरनेट का भी सहारा ले सकते हैं इसके अलावा प्रतियोगिता संदर्भ का कंप्यूटर व सूचना प्रौद्योगिकी विशेषांक उपयोगी रहेगा।
अंग्रेजी ज्ञान – अंग्रेजी भाषा में अधिकांश पर्यायवाची विलोम शब्द व शब्द अशुद्धि से संबंधित प्रश्न आते हैं इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय उच्च न्यायालय के निर्णयों का अध्ययन करें व किसी अंग्रेजी ग्रामर की बुक का अध्ययन करें।
न्यायिक निर्णय संशोधित विधि का अधिकतर पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन होता रहता है प्रारंभिक परीक्षा की दृष्टि से निम्न पत्र पत्रिकाएं महत्वपूर्ण है
(1)ऑल इंडिया रिपोर्टर
(2)सुप्रीम कोर्ट केसस
(3) इंडियन लॉ रिपोर्टर
(4) जजमेंट टुडे
Related post :-
स्वतंत्र भारत की प्रमुख अनुशंसा समितियाँ /आयोग के प्रमुख कार्य
प्रश्न पत्र -IV : सा. अध्ययन( नीतिशास्त्र) Ethics notes
लोकतंत्र की कार्यप्रणाली नोट्स ,निबंध ,व अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारी
You must log in to post a comment.