BPSC इतिहास की तैयारी कैसे करें ?

BPSC सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 

How to Prepare history for BPSC exam

-बीपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा राज्य की सर्वाधिक महत्वपूर्ण परीक्षाओं में से एक मानी जाती है प्रारंभिक परीक्षा के बाद होने वाली मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय के रूप में इतिहास की महत्वपूर्ण भूमिका होती है इतिहास को सुरक्षित वैकल्पिक विषय के रूप में हमेशा से ही स्वीकार किया जाता रहा है, यह अत्यंत ही रोचक और अंकदाई विषय है पर इतिहास विषय की व्यापकता और अध्ययन सामग्री की प्रचुरता के कारण प्रतिभागियों में भटकाव की स्थिति देखी जाती है। इसमें बेहतर करने के लिए अतीत और वर्तमान के मध्य एक तारत्म्यत स्थापित कर गहन अध्ययन अपेक्षित होता है प्रतिभागियों को तथ्यों की अपेक्षा अवधारणा पर ध्यान केंद्रित कर अपनी विश्लेषण क्षमता का विकास करना चाहिए। परीक्षा में प्रश्न की मांग के अनुसार ही उत्तर लिखना चाहिए उत्तर का प्रस्तुतीकरण मौलिक होना चाहिए, सारगर्भित तथ्यात्मक और विश्लेषणात्मक उत्तर लिखने से इतिहास में निश्चित रूप बेहतर अंक पाए जा सकते हैं।

-अंक विभाजन वैकल्पिक विषय इतिहास में 300 अंकों का एक प्रश्न पत्र होता है इस प्रश्न पत्र के लिए 3 घंटे की समय अवधि निर्धारित होती है इतिहास के प्रश्न पत्र के 2 भाग होते हैं

प्रथम भाग के तहत 2 खंड होते हैं पहला प्राचीन भारत का इतिहास और दूसरा मध्यकालीन भारत का इतिहास दोनों खंडों से न्यूनतम 3 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य होता है एक खंड से अधिकतम दो प्रश्नों के उत्तर दिए जा सकते हैं और दूसरे खंड से न्यूनतम एक प्रश्न का उत्तर लिखना होगा।

द्वितीय भाग के तहत भी दो खंड होते हैं, पहला आधुनिक भारत का इतिहास और दूसरा विश्व का इतिहास एक खंड से न्यूनतम एक प्रश्न और अधिकतम दो प्रश्नों का उत्तर प्रतिभागियों को देना होगा। इस प्रकार इतिहास के प्रश्न पत्र में 3 घंटे के अंतर 6 प्रश्नों के उत्तर देना होता है प्रत्येक प्रश्न के लिए 50 अंक निर्धारित होते हैं एक प्रश्न का उत्तर लगभग 600 शब्दों और 30 मिनट में लिखने का अभ्यास करना चाहिए। how to Prepare history for bpsc exam in hindi

– BPSC इतिहास पाठ्यक्रम

प्रथम भाग के खंड -क 

प्राचीन भारत का इतिहास, सिंधु सभ्यता, वैदिक काल, मौर्य काल से पूर्व धार्मिक आंदोलन, जैन बौद्ध और अन्य धर्म सामाजिक और आर्थिक स्थिति, मगध साम्राज्य, मौर्य साम्राज्य, मौर्य काल के बाद उत्तरी और दक्षिणी भारत में प्रमुख राजवंश, गुप्त काल, गुप्त काल के बाद विज्ञान और प्रौद्योगिकी की शिक्षा और ज्ञान का सामान्य पुनरीक्षण।



– प्रथम भाग के खंड -ख 

मध्ययुगीन भारत भारत 750 ईस्वी से 1200 ईस्वी तक राजनीतिक और सामाजिक दशा, राजपूतों की नीतियां और सामाजिक संरचना, व्यापार और वाणिज्य कला, धर्म और दर्शन, शंकराचार्य, तटवर्ती क्रियाकलाप, अरब से संबंध, राष्ट्रकूट, चोल साम्राज्य, मोहम्मद गजनवी के आक्रमण से पूर्व भारतीय समाज, दिल्ली सुल्तान, मोहम्मद बिन तुगलक, फिरोजशाह की धार्मिक नीति और लोक निर्माण, दिल्ली सल्तनत का विघटन, राज्य का स्वरूप और विशेषता, भारतीय संस्कृति पर इस्लाम का प्रभाव, विजयनगर साम्राज्य की स्थापना, शेर शाह, अकबर, मध्यकाल में क्षेत्रीय भाषा और साहित्य कला और वास्तुकला का विकास, राजनीतिक विचार और संस्थाएं, औरंगजेब की धार्मिक नीति, शहरी केंद्रों का विस्तार, अर्थव्यवस्था, यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियाँ, हिंदू मुस्लिम संबंध, शिवाजी का उदय, मुगल साम्राज्य का विघटन, नवीन क्षेत्रीय राज्य का निर्माण। how to Prepare history for bpsc exam in hindi

-द्वितीय भाग के खंड-क

आधुनिक भारत ऐतिहासिक शक्तियां और कारक, उपनिवेशवाद की अवस्थाएं और प्रशासनिक ढांचे, ब्रिटिश आर्थिक नीति, कृषि का वाणिज्यकरण, ग्रामीण विकास तथा कृषि श्रमिकों की वृद्धि, दस्तकारी उद्योगों का विनाश, संपत्ति का पलायन, आधुनिक उद्योगों की वृद्धि तथा पूंजीवादी वर्ग का उदय, ईसाई मिशनों की गतिविधियां, भारत समाज के पुनर्जीवन जीवन के प्रभाव, सामाजिक धार्मिक आंदोलन, 1857 का विद्रोह, दक्षिण के दंगे और मोपला विद्रोह, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का उदय और विकास।

– द्वितीय भाग के खंड ख .

विश्व इतिहास, भौगोलिक खोजें, सामंतवाद का पतन, पूंजीवाद का प्रारंभ, फ्रांस का प्रभुत्व, इटली का एकीकरण, जर्मन साम्राज्य का आबादीकरण, अमेरिका का सिविल युद्ध, 19वीं और 20वीं शताब्दी में एशिया तथा अफ्रीका में उपनिवेशवाद तथा समृद्ध चीन तथा पश्चिमी शक्तियां, जापान का उदय, यूरोपीय तथा पश्चिमी शक्तियां तथा ऑटोमन एंपायर, प्रथम विश्व युद्ध, 1917 की रूसी क्रांति, चीन में साम्यवाद का उदय, अरब सागर में जागृति, कमाल पाशा के अधीन आधुनिक तुर्की, अरब राष्ट्रवाद का उदय, यूरोप में सर्वसत्तावाद, इटली में फासीवाद, जर्मनी में नाजीवाद, जापान में सैन्यवाद, द्वितीय विश्व युद्ध के कारण तथा परिणाम। how to Prepare history for bpsc exam in hindi

BPSC इतिहास प्रश्नों की प्रकृति

मुख्य परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों में तुलनात्मक प्रश्न व्याख्या करें समालोचना करें विस्तार से वर्णन करें, भूमिका का उल्लेख करें, कारण, परिणाम, विचारों और दर्शन से संबंधित प्रश्न हो सकते हैं इसके अलावा प्रश्न राजनीतिक, आर्थिक, संस्कृतिक, प्रशासनिक, सामाजिक और धार्मिक क्षेत्रों से पूछे जाते हैं योजना प्रकृति से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।

BPSC इतिहास मानक पुस्तकें

BPSC की  मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए प्राचीन भारत के लिए झा और श्रीमाली, मध्यकालीन भारत के लिए डॉक्टर सतीश चंद्र और इम्तियाज अहमद और आधुनिक भारत के लिए एनसीईआरटी का आधुनिक भारत, विपिन चंद्र की आधुनिक भारत  को पढ़ सकते हैं, विश्व का इतिहास के लिए जैन और तथा डीएल वर्मा और शिव कुमार सिंह की पुस्तकों का अध्ययन लाभदायक होगा।

– महत्वपूर्ण टॉपिक प्राचीन भारत के इतिहास को जानने के स्त्रोत, वैदिक सभ्यता, सामाजिक और धार्मिक आंदोलन, गुप्तकालीन शासन व्यवस्था, स्वर्ण युग की अवधारणा गुप्त काल और सामंतवाद।

– मध्यकालीन भारत में मोहम्मद बिन तुगलक, फिरोजशाह तुगलक, सूफी आंदोलन, विजयनगर, शेर शाह, अकबर, शाहजहां तथा औरंगजेब, मुगल प्रशासन, अर्थव्यवस्था, सांस्कृतिक तथा शिवाजी और मराठा प्रशासन।

– आधुनिक भारत भारत में राष्ट्रवाद उदारवादी और उग्रवादी आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, 1919 और 1935 का अधिनियम, भारत में जनजातीय आंदोलन, भारत में राष्ट्रवाद, आधुनिक भारत का इतिहास, कृषि का वाणिज्यिककरण, भारत में लघु और कुटीर उद्योग का विनाश, धन का सिद्धांत तथा भूमि प्रबंधन।

– विश्व का इतिहास के तहत अमेरिकी क्रांति, चीनी क्रांति, जर्मनी और इटली का एकीकरण, प्रथम विश्व युद्ध, एशिया और अफ्रीका में साम्राज्यवाद, विश्व आर्थिक मंदी, औद्योगिक क्रांति, धर्म सुधार आंदोलन, तथा पुनर्जागरण।

– समय प्रबंधन

समय प्रबंधन प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की कुंजी है साथ ही कुल समय का कम से कम 40% भाग लिखने पर लगाना चाहिए विगत वर्षो में पूछे गए प्रश्न पत्र का अवलोकन कर प्रश्नपत्र की प्रकृति को समझने प्रश्नों को जल्द हल करने का गुर सीख ले। सभी प्रश्नों के उत्तर एक समान और संतुलित हो इसका ख्याल रखें निर्धारित समय में निर्देशानुसार प्रश्नों के उत्तर लिखने का प्रयास करें। how to Prepare history for bpsc exam in hindi

– BPSC इतिहास  की रणनीति

विगत 10 वर्षों के प्रश्न पत्रों का गहनता पूर्वक अवलोकन करें। 

मानक पुस्तकों का गहन अध्ययन करें नियमित रूप से प्रश्नों के उत्तर लिखने का अभ्यास करें विशेषता के साथ ही आलोचना पर भी ध्यान दें। 

शब्द सीमा और समय सीमा का ख्याल  रखें। 

सभी प्रश्नों के उत्तर अनिवार्य रूप से दें। 

सभी उत्तर एक समान लंबे हो।

50 अंक के प्रश्न के उत्तर लगभग 600 शब्दों में दें उसे 30 मिनट में लिखने की कोशिश करें। 

प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लिखते समय आवश्यकतानुसार सारणी डायग्राम तथा मानचित्र का प्रयोग अवश्य करें।

उत्तर लेखन के क्रम में राजनीतिक आर्थिक संस्कृतिक और प्रशासनिक शब्दावली का प्रयोग करें।

लेखन पर विशेष ध्यान दें उत्तर तुलनात्मक और विश्लेषणात्मक होने चाहिए।

उत्तर लेखन के क्रम में स्त्रोत की चर्चा नियमित रूप से करें।

हड़प्पा और वैदिक सभ्यता, मौर्य और गुप्त काल के प्रशासनिक व्यवस्था में समानता और असमानता, सिंधु सभ्यता की नगर निर्माण योजना और आधुनिक युग के निर्माण योजना के बीच अंतर, सल्तनत और मुग़ल काल की प्रशासनिक व्यवस्था में अंतर आदि को अच्छी तरह से तैयार कर लें।

प्रशासनिक प्रश्नों के उत्तर के क्रम में शासन की भूमिका, मंत्री परिषद, अधिकारी तंत्र, सैन्य व्यवस्था, न्याय व्यवस्था आदि पर प्रकाश डालें।

आर्थिक संदर्भ से जुड़े हुए प्रश्न जैसे कृषि, पशुपालन, उद्योग, धंधे, देशी और विदेशी वाणिज्य व्यापार आदि की विस्तृत चर्चा करें।

तथ्य की अपेक्षा अवधारणा पर ध्यान केंद्रित करें अपनी विश्लेषण क्षमता का विकास करें।

प्रश्न के उत्तर लिखते समय भूमिका और संक्षिप्त निष्कर्ष अवश्य ही लिखें।

प्रश्नों के उत्तर संक्षिप्त हो भाषा और तथ्यों की शुद्धता का खास ख्याल रखें।

उत्तर में अधिक कटिंग ना करें क्योंकि इससे परीक्षक पर नकारात्मक असर होता है साथ ही आपके आत्मविश्वास में कमी को दर्शाता है।

बेहतर अंक के लिए प्रशन की मांग के अनुसार ही उत्तर लिखें प्रश्न का उत्तर लिखने के पहले प्रश्न को भली-भांति समझ कर रफ वर्क कर ले फिर उत्तर लिखें।

प्रश्नों के उत्तर समग्रता के साथ लिखे और उसके सभी पहलुओं पर बल दें।

प्रश्नअनुसार मानचित्र और नवीनतम आंकड़ों का प्रयोग करें। how to Prepare history for bpsc exam in hindi


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