Graduation छात्र आईएएस की तैयारी कैसे करें ?

जनमानस में एक कहावत प्रसिद्ध है ‘जब जागो तभी सवेरा’ अर्थात जब भी अपनी गलती का अहसास हो तभी से उसे स्‍वीकार कर सुधार का प्रयास करना चाहिए। यहॉं स्‍पष्‍ट करना चाहूँगा कि कैरियर के संदर्भ में गलती का तात्‍पर्य देरी से है। भारत में भविष्‍य निर्धारण का निर्णय सामान्‍यत: उनके अभिभावक करते हैं। अभिभावक ही अपनी जानकारी या महत्‍वाकांक्षा के अनुसार अपने बच्‍चे को डॉक्‍टर, इंजीनियर, व्‍यापारी, कलेक्‍टर, एसपी या लीडर इत्‍यादि बनाना चाहते हैं। यह बात तो उन अभिभावकों या माता-पिता के बारें में है जो पढ़े-लिखे हैं, शहरों में रहते हैं या गॉंवों में भी रहते हैं लेकिन जागरूक हैं। यह समस्‍या मूलत: उन छात्रों की है जिनके माता-पिता  या अभिभावक कम पढ़े-लिखे हैं या जागरूक नहीं हैं। कुछ ऐसे भी छात्र होते हैं जिनके माता-पिता जागरूक तो होते हैं लेकिन उन्‍हें आईएएस परीक्षा या इसके चयन प्रक्रिया की कोई जानकारी नहीं होती।

IAS-preparation-for-graduate-students-in-hindiभारत में छात्रों का एक बहुत बड़ा वर्ग ऐेसा भी है जो स्‍नातक या स्‍नाकोत्‍तर ( graduation and post graduation ) की उपाधि ग्रहण करने के पश्‍चात् सोचते हैं कि अब क्‍या किया जाए ऐसे छात्रों के इस देरी का बहुत बड़ा कारण भी अभिभावक या स्‍वयं की जागरूकता का अभाव है। भारत की शिक्षा प्रणाली भी कुछ इस प्रकार की है छात्र अपनी रूचि, क्षमता या योग्‍यता के अनुसार अपने भविष्‍य निर्धारण का निर्णय पहले ही कर ले, यह कठिन है। ऐसे में यदि छात्र स्‍नातक में पहुँच कर भी कैरियर के प्रति अनिर्णय की अवस्‍था में है तो यह कोई गलती नहीं मानी जा सकती।

दूसरी ओर आईएएस (सिविल सेवा परीक्षा) के परीक्षा में शामिल होने के लिए न्‍यूनतम योग्‍यता एवं आयु क्रमश: स्‍नातक व 21 वर्ष है, ज‍बकि स्‍नातक कर रहे छात्रों की आयु सामान्‍यत: 18-19 वर्ष होती है। अत: स्‍नातक कर रहे छात्रों की औसत आयु तथा सिविल सेवा के लिए न्‍यूनतम आयु को देखें तो उनके पास अभी भी 2 से 3 वर्ष का समय है।

अब देखते हैं उन छात्रों को क्‍या करना चाहिए, जो स्‍नातक (Graduation) में हैं और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं, लेकिन उन्‍हें लग रहा है कि उन्‍होंने सोचने में काफी देर कर दिया है। ऐसे छात्रों को पहले ही बताया जा चुका है कि उनके पास परीक्षा हेतु अभी न्‍यूनतम आयु ही नहीं है, तो देरी का तो सवाल नहीं उठता। यदि ऐसे छात्र अभी भी दृढ़ निश्‍चय के साथ इस हेतु उन्‍मुख हो जाए तो परीक्षा की नयूनतम् आयु (21 वर्ष)  तक पहुँचते-पहुँचते उनकी तैयारी का स्‍तर सहजता से परीक्षा के लायक हो सकता है। बस देरी है तो स्‍वयं उनके निर्णय की। अत: ‘जब जागो तभी सवेरा’

    यहॉं ऐसे छात्रों के लिए कुछ रणनीति बताई जा रही है-

  1. छात्र सर्वप्रथम सिविल सेवा परीक्षा की प्रणाली एवं उनके पाठ्यक्रम की जानकारी प्राप्‍त करें।
  2. अपने रूचि के अनुसार वैकल्पिक विषय का चयन करें। यह विषय स्‍नातक का हो भी सकता और नहीं भी, क्‍योंकि वैकल्पिक विषय का चयन सदैव स्‍वयं की रूचि के अनुसार होना चाहिए।
  3. सामान्‍य अध्‍ययन की तैयारी के लिए कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12 तक के सभी विषयों के एनसीईआरटी (NCERT) की पुस्‍तकों का अध्‍ययन प्रारम्‍भ कर देना चाहिए।
  4. समसामयिक घटनाओं एवं उनके कारणों को भी जानने का प्रयास करना चाहिए। न्‍यूज पेपर के सम्‍पादकीय लेखों को पढ़ना चाहिए इससे मुद्दों पर वैचारिक अवधारणा मजबूत होती है।
  5. छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा के पुराने प्रश्‍न-पत्रों (प्रारम्भिक एवं मुख्‍य परीक्षा दोनों) का गहनता से अध्‍ययन करना चाहिए। इससे एक ओर तो प्रश्‍न-पत्र का प्रारूप समझ में आता है, दूसरी ओर प्रश्‍नों की प्रकृति भी स्‍पष्‍ट होती है।

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3 comments

  1. Prashant Mishra

    Sir please tell me about IPS in detail

  2. Which subjects are the right one to choose in class XI if want to aim IAS?

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