INDIA STATE OF FOREST REPORT ( ISFR ) ,भारत वन स्थिति रिपोर्ट ( आईएसएफआर) -2017

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिाए विशिष्ट जानकारी 
भारत वन स्थिति रिपोर्ट ( आईएसएफआर) , 2017

 INDIA STATE OF FOREST REPORT ( ISFR ) , 2017 


भारत में वनों की प्रचुरता से जुड़े राज्यवार आंकड़ों से अवगत कराने वाली महत्वपूर्ण “ भारत वन स्थिति रिपोर्ट ” प्रत्येक दो वर्षों के अंतराल पर प्रस्तुत की जाती है । वर्ष 2017 की रिपोर्ट में देश में स्थित वनों की स्थिति में कई सकारात्मक बदलाव आये हैं , बतौर रिपोर्ट देश में पिछले दो वर्षों में वनों की सघनता बढ़ी है । केंद्र सरकार द्वारा बताया गया है कि इस सुधार के पीछे उज्ज्वला योजना की प्रमुख भूमिका रही है इस योजना के लागू होने से लकड़ियों वाले चूल्हे के बजाय लोग बड़े स्तर पर एलपीजी का उपयोग करने लगे हैं , जिससे पेड़ों का कटना कम हो गया है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ . हर्षवर्धन ने 12 फरवरी ‘भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2017’ प्रस्तुत कि थी । इससे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य निम्नलिखित दिये जा रहे हैं:
                                                                    परिचय 
 भारतीय वन सर्वेक्षण ( Forest Survey of India ) द्वारा सुदूर संवेदन(remote sensing ) आधारित उपग्रह चित्रण की सहायता से देश में वनों एवं वृक्षों की स्थिति पर ‘भारत वन स्थिति रिपोर्ट’ तैयार की जाती है।
भारतीय वन सर्वेक्षण का मुख्यालय देहरादून में अवस्थित है।
भारत वन स्थिति रिपोर्ट प्रत्येक दो वर्षों के अंतराल पर प्रकाशित की जाती है। इससे पहले वर्ष 2015 में यह रिपोर्ट आयी थी। पहली बार यह रिपोर्ट वर्ष 1987 में जारी की गयी थी, तब से अब तक यह 15 बार प्रस्तुत की जा चुकी है।

 संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन की हाल ही में आयी एक रिपोर्ट के अनुसार वार्षिक स्तर पर वन क्षेत्रों में वृद्धि के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष 10 देशों में आठवें पायदान पर स्थित है।


                                 ‘भारत वन स्थिति रिपोर्ट – 2017’ के आवश्यक तथ्यों का विवरण
 भारत के सम्पूर्ण क्षेत्रफल में वनों और वृक्षों (Forest and Tree cover) की कुल हिस्सेदारी 24.39 प्रतिशत है।
वनों के क्षेत्रफल के मामले में भारत 8,02,088 वर्ग किमी के साथ दुनिया में दसवें स्थान पर काबिज है।
 वर्ष 2015 के बाद से देश में 8,021 वर्ग किमी (लगभग 1 प्रतिशत) वनों ओर वृक्षों में वृद्धि हुयी है। जिसमें से वन क्षेत्रों में 6 , 778 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जबकि वृक्षावरण क्षेत्र में यह वृद्धि 1,243 वर्ग किमी रही।
भारत में कुल वनावरण 7,08,273 वर्ग किमी है,जो कि कुल भौगोलिक भूमि का 21.54 प्रतिशत है।

देश में सबसे अधिक वनों के क्षेत्रफल वाले राज्य में मध्यप्रदेश 77,414 वर्ग किमी वन के साथ अव्वल रहा। प्रतिशतता के आधार पर यह कुल भौगोलिक क्षेत्र का 25.11 प्रतिशत है।




                                    अति सघन बनों की विशेषता INDIA STATE OF FOREST REPORT 

इस रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे ज्यादा वृद्धि 1.36 % सघन वनों में हुयी है। अति सघन जंगलों की विशेषता के बारे में बात करें तो इस प्रकार के जंगलों द्वारा सबसे ज्यादा मात्रा में कार्बन डाई ऑक्साइड अवशोषित की जाती है, क्योंकि यहां प्रचुरित मात्रा में जैव संसाधन और पेड़ पौधे पाए जाते हैं।


                                      वनों के मामले में भारत के राज्यों की स्थिति
 देश में कुल 127 पहाड़ी जिले हैं, जो वन क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 16 जिले अरुणाचल प्रदेश में हैं। INDIA STATE OF FOREST REPORT 
भारत में जनजाति बहुल वन क्षेत्र वाले कुल 215 जिले हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा कुल 24 जिले मध्यप्रदेश में हैं।
देश के 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का 33 प्रतिशत भू-भाग वनों से घिरा है।
 इन 15 राज्यों का क्रम इस प्रकार है (प्रतिशतता के अनुसार बढ़ते 15 राज्यों का भी यही क्रम है) – लक्षद्वीप , मिजोरम अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा, गोवा, केरल, सिक्किम, उत्तराखंड , दादर और नगर हवेली, छत्तीसगढ़ और असम।
वे 7 राज्य व केंद्र शासित प्रदेश जहां 75% से अधिक वनावरण इस प्रकार है – मिजोरम, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, और मणिपुर।
वे 8 राज्य व केंद्र शासित प्रदेश जिनमें 33% से 75% तक वन क्षेत्र समाहित होते हैं- त्रिपुरा, गोवा, सिक्किम,  केरल, उत्तराखंड , दादर और नगर हवेली, छत्तीसगढ़ और असम।

 वे शीर्ष पांच राज्य जहां वनावरण में कमी आयी है- मिजोरम ( 531 वर्ग किमी ), नागालैंड ( 450 वर्ग किमी ), अरुणाचल प्रदेश (90 वर्ग किमी ), त्रिपुरा (164 वर्ग किमी) और मेघालय (16 वर्ग किमी )।


                                            बाह्य वन एवं वृक्षावरण INDIA STATE OF FOREST REPORT 
बाह्य वन एवं वृक्षावरण का कुल क्षेत्र 582.377 करोड़ घन मीटर अनुमानित है, जिसमें से 421.838 करोड़ घन मीटर क्षेत्र वनों के अंदर है, जबकि 160.3997 करोड़ घन मीटर क्षेत्र वनों के बाहर है।
 बाह्य वन एवं वृक्षावरण क्षेत्र में 5.399 करोड़ घन मीटर की वृद्धि जिसमें 2.333 करोड़ घन मीटर की वृद्धि वन क्षेत्र के अंदर तथा 3.0657 करोड़ घन मीटर की वृद्धि वन क्षेत्र से बाहर हुई है।

                                  पूर्वोत्तर में वनों की स्थिति INDIA STATE OF FOREST REPORT 


पूर्वोत्तर के कुल भौगोलिक क्षेत्र में वन क्षेत्र का हिस्सा 65.34 प्रतिशत है। इसका क्षेत्रफल 1,71, 306 वर्ग किमी है।
 पूर्वोत्तर में कुल आठ राज्य आते हैं, इन राज्यों के 75 जिले जनजाति बहुल वन क्षेत्र वाले तथा 68 जिले पहाड़ी वन क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।
पूर्वोत्तर जैव विविधता की दृष्टि से देश का बेहद समृद्ध क्षेत्र है। यह दुनिया के 18 बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में से एक है।

                               इस रिपोर्ट में बांस वृक्ष से जुड़े आवश्यक तथ्य INDIA STATE OF FOREST REPORT 


वनों के सर्वेक्षण में बांस की बेहद अहम भूमिका है, बांस से जुड़े आवश्यक तथ्य निम्नलिखित हैं-
 देश में कुल बांस धारित क्षेत्र 15.69 करोड़ लाख हेक्टेयर है। वर्ष 2011 की तुलना में कुल बांस वाले क्षेत्र में 173 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है तथा बांस उत्पादन में वर्ष 2011 की तुलना में 9 करोड़ टन की वृद्धि दर्ज हुई।
केंद्र सरकार ने वन क्षेत्र के बाहर जाने वाले बांस को वृक्षों की श्रेणी से हटाने के लिए हाल ही में संसद में एक विधेयक पारित किया है। सरकार के इस कदम से निजी तौर पर लोग बांस का उत्पादन कर सकेंगे जिससे किसानों की आजीविका में वृद्धि होगी तथा हरियाली बढ़ने से कार्बन सिंक बढ़ाने में भी मदद मिलेगी​।

                                             मैंग्रोव वन क्षेत्र  INDIA STATE OF FOREST REPORT 


 इस द्विवार्षिक रिपोर्ट में तटीय क्षेत्र में पाये जाने वाले प्रचुर जैव विविधता से सम्पन्न मैंग्रोव वन से जुड़े आकड़ों को प्रस्तुत किया गया है।
मैंग्रोव वन ईको सिस्टम जैव विविधता में सबसे समृद्ध होता है। ये तटीय क्षेत्रों को कटाव, ज्वार-भाटा और सुनामी से बचाने में भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
 आईएसएफआर 2017 के अनुसार, कुल मैंग्रोव कवर 4,921  वर्ग किमी है और इसमें पिछले दो वर्षों में 181 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है।
 मैंग्रोव क्षेत्रों में सर्वाधिक वृद्धि करने वाले शीर्ष तीन राज्य महाराष्ट्र (82 वर्ग किमी), आंध्रप्रदेश (37 वर्ग किमी) तथा गुजरात (33 वर्ग किमी)

वन स्थिति रिपोर्ट में वनों को घनत्व के आधार पर निम्नलिखित वर्षों में बांटा गया है। 
अति सघन जंगल(very dense forest) – जिन क्षेत्र में वनों की सघनता 70 प्रतिशत से अधिक हो।
मध्यम घने जंगल( moderately dense forest) – जिन क्षेत्र में वनों की सघनता 40 प्रतिशत  से अधिक हो , लेकिन 70 प्रतिशत से कम।
खुले जंगल (Open Forest) – वे क्षेत्र जहां वनों की सघनता 10 प्रतिशत से अधिक तथा 40 प्रतिशत से कम हो।
झाड़ ( Scrubs)  – वे क्षेत्र जहां वनों की सघनता 10 प्रतिशत से कम हो । (ज्ञात हो कि स्क्रब को वनों की श्रेणी में नहीं रखा जाता)
 गैर – वन क्षेत्र (Non Forest) –  वे क्षेत्र जो ऊपर दिये गए किसी भी वर्ग में नहीं आते हैं।

सर्वाधिक वन क्षेत्रफल वाले शीर्ष पांच राज्यों की सूची


 राज्य                   कुल वन      सघन बन     मध्यम                     घने वन           खुले बन
मध्यप्रदेश              77, 414     6,563            34,571              36,280
अरुणाचल प्रदेश     66,964     20,72             30,955              I5 , 288
छत्तीसगढ़              55,547     7,064             32,215              16,268
उडिसा                  51,345     6,967             21,370               23,008
महाराष्ट्र                 50,682     8,736             20,652               21,294 (आंकड़े वर्ग किमी में)

 वन प्रतिशतता वाले शीर्ष पांच राज्य INDIA STATE OF FOREST REPORT 


राज्य/केंद्र शासित प्रदेश                              प्रतिशतता
लक्षद्विप                                                    90.33%
मिजोरम                                                     86.27%
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह                  81.73%
अरुणाचल प्रदेश                                         79.96%
 मणिपुर                                                     77.69%

भारत के प्रमुख मैंग्रोव वन वाले राज्य INDIA STATE OF FOREST REPORT 


राज्य/केंद्र                             क्षेत्र ( वर्ग                       प्रमुख मैंग्रोव
शासित प्रदेश                         किमी में )
पश्चिम  बंगाल                         2114                           सुंदरवन
गुजरात                                 1140                        कच्छ का रण, खम्भात की खाड़ी और दमस उरभात
अंडमान और  निकोबार            617                            उत्तरी अंडमान और निकोबार
आंध्रप्रदेश.                             404                          कोरिंगा इस्ट, गोदावरी नदी क्षेत्र और कृष्णा​ नदी क्षेत्र
उड़ीसा                                    243                          भितरकनिका, चिल्का झील, महानदी और सुवर्णरेखा क्षेत्र
महाराष्ट्र                                   304                           अचरा-रत्नागीरी, कुंदालिका-रेवदनाडा, वेलदुर, देवगढ़-विजय
तमिलनाडु                                49                              पिछावरम, मुधुपेट, रामनद, पुलिकट झील और कुजुनवेली

 

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