भारत के प्रमुख स्तूप और स्तंभ

स्तूप- स्तूप का प्रारंभ मृतिका निर्मित शव को गाड़ने वाले टीले के रूप में हुआ जिसका स्थानीय जनता द्वारा आदर होता था स्तूप की प्रथा बोध द्वारा अपनाई गई और अशोक ने सारे भारत में बुध के समान में स्तूप निर्मित करवाए। सर्वाधिक प्राचीन स्तूप पिपरहवा नेपाल से प्राप्त हुआ।

स्तूप विशाल गोलार्ध के रूप में थे जिनमें एक केंद्रीय कक्ष में बुध के स्मारक चिन्ह सुंदरता से स्फटिक एक छोटी मंजूषा में रखी जाती थी स्तूप का शीर्षक कच्ची ईंटों का था और बाहरी हिस्सा पक्की ईंटो का जिस पर प्लस्तर की गहरी तह होती थी। स्तूप के ऊपर काष्ठ अथवा पाषाण का छत्र रहता था और वह लकड़ी की चारदीवारी से घिरा रहता था जिसमें विधि पूर्वक दक्षिणा के लिए स्थान रहता था। प्रदक्षिणा ही स्तूप में  रखें स्मारक चिन्हों के प्रति सम्मान प्रकट करने का प्रमुख रूप था । INDIAN ART AND CULTURE Notes Major stupas and Columns in india Hindi

सांची का द्वार

वास्तु विद्या की अपेक्षा अपनी नक्काशी दार साज-सज्जा के लिए अधिक प्रसिद्ध है अमरावती का स्तूप जिसका निर्माण अपने अंतिम रूप में दूसरी शताब्दी में हुआ जो सांची के स्तूप से बड़ा था उत्तर कालीन भारतीय स्तूप में सारनाथ और नालंदा के दो स्तूप अत्यंत प्रसिद्ध हैं बड़े स्तूपो के चारो और छोटे स्तूप थे जिनमें अपनी धर्म निष्ठा और विद्वता के लिए प्रसिद्ध सन्यासियों के शरीर की भस्म रखी जाती थी कुछ प्रमुख रूप निम्न है –

-नागार्जुनकोंडा स्तूप

यह स्तूप अमरावती स्तूप के समान बना हुआ था इसकी ऊंचाई 70 से 80 फीट तथा व्यास 104 फीट था इसका निर्माण मिट्टी गारे तथा ईट के द्वारा हुआ । INDIAN ART AND CULTURE Notes Major stupas and Columns in india Hindi

-नालंदा स्तूप

नालंदा का स्तूप जो कर्म से सात बार चढ़ाया गया था अपने वर्तमान रूप में के पिरामिड के समान लगता है जिस के चबूतरो तक सीढ़ियां बनी हुई है प्रारंभ में वह ऊंचे आधार पर निर्मित एक ऊंचा स्तूप था जिसके प्रत्येक सिरे पर एक छोटा स्तूप था ।

-सारनाथ का धमेक स्तूप 

यह गुप्त काल की छठी शताब्दी में निर्मित है इस स्तूप की आकृति पत्थर के ढोल के समान है स्तूप के निर्माण में ईट का प्रयोग किया गया था इसकी ऊंचाई 128 फीट है इस के मध्य में अनेक आले हैं जो बुध की प्रतिमा की स्थापना के लिए बनाए गए होंगे । INDIAN ART AND CULTURE Notes Major stupas and Columns in india Hindi

-अमरावती का स्तूप

स्तूप के अवशेष दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले से प्राप्त हुए हैं इसका निर्माण सातवाहन काल में हुआ था इस स्तूप का व्यास 180 फीट था इसकी दीवारों पर संगमरमर का प्रयोग भी किया गया है तथा दीवारों पर महात्मा बुद्ध का जीवन चरित्र जीवंत मूर्तियां उनकी पूजा दृश्य तथा अन्य दृश्य भी अंकित है ।

-सांची का स्तूप

सांची का स्तूप मध्य प्रदेश में स्थित है जो महान सम्राट अशोक द्वारा निर्मित कराया गया था यहां पर एक छोटा तथा एक बड़ा स्तूप है बड़ा स्तूप ईट द्वारा निर्मित है स्तूप के शिखर पर एक हार्निका है जिसके ऊपर एक छत्र दंड स्थापित है यह छत्र दंड अशोक द्वारा प्रचारित बौद्ध धर्म का प्रतीक है स्तूप के गुंबद के चारों और मार्ग बने हैं जो वेदिका से युक्त हैं वेदिकाओं के प्रवेश द्वार पर विशाल तोरण बने हैं तोरण पर भगवान बुद्ध का जीवन चरित्र तथा उनकी पूर्व जन्मों की गाथाएं अंकित है स्तूप गज सिंह धर्म चक्र परिवर्तन आदि अंकित है सांची के स्तूप की ऊंचाई 54 फीट तथा इसका व्यास 120 फीट है । INDIAN ART AND CULTURE Notes Major stupas and Columns in india Hindi

-भरहुत स्तूप

भरहुत स्तूप महान सम्राट अशोक द्वारा निर्मित कराया गया था जनरल कनिंघम ने 1873 में इस स्तूप को खोजा था इसके अवशेष एकत्रित करके उन्हें कोलकाता म्यूजियम में सुरक्षित किया स्तूप के आधार का व्यास 68 फीट तथा इसके चारों और पत्थरों की एक लंबी बाड़ थी भरहुत के स्तूप में बुध तथा 30 जातक कथाएं अंकित की गई हैं बुद्ध पूजा के अंकन में पशुओं तथा मनुष्यों को श्रद्धा से भगवान बुध की पूजा करते हुए दिखाया गया है।एक चित्र में हाथियों द्वारा बोधि वृक्ष की पूजा करते हुए दिखाया गया है इस स्तूप में बौद्ध जातक अलंकरण देव योनि तथा यक्षिणी के चित्र भी अंकित है।

– विहार

विहार बौद्ध धर्म और स्थापत्य कला के महत्वपूर्ण तथा अभिन्न अंग है विहार का निर्माण चट्टानों को काटकर और उन्हें खोकला करके किया गया बिहार एक प्रकार से मठ होते थे जहां बौद्ध भिक्षु निवास करते थे भिक्षुओं की शिक्षा दीक्षा प्रशिक्षण धर्म प्रचार तथा अन्य धार्मिक कार्य विहार में ही संपादित किए जाते थे कुछ प्रमुख विहार निम्न है-

– भाजा विहार

यह विहार दक्षिण की भाजा में स्थित है यह विहार बौद्ध धर्म के धार्मिक आयोजन तथा शिक्षा दीक्षा के प्रमुख केंद्र के रूप में प्रसिद्ध था विहार के बीचोबीच एक विशाल बरामदा है जिसके दोनों और कक्ष निर्मित है बरामदे के प्रवेश द्वार के दोनों ओर अलंकृत प्रतिमाएं विद्यमान है । INDIAN ART AND CULTURE Notes Major stupas and Columns in india Hindi

-नासिक विहार

महाराष्ट्र में गोदावरी के तट पर स्थित नासिक में 16 विहारो का निर्माण किया गया था गौतमी विहार इन में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है यहां पर बहुत बौद्ध धर्म पर चर्चा तथा विद्या अध्ययन किया करते थे नासिक विहार बौद्ध धर्म के सबसे बड़े केंद्र के रूप में प्रसिद्ध था ।

-नहपान विहार

यह विहार 1 भग्नावशेष के रूप में विद्यमान है इस बिहार के मंडप के चारों 16 कक्ष निर्मित है जो धार्मिक आयोजन तथा बौद्ध भिक्षु के अध्ययन के लिए प्रयुक्त होते हैं विहार की प्राचीर अलंकारिक ढंग से सुसज्जित है । INDIAN ART AND CULTURE Notes Major stupas and Columns in india Hindi

-स्तंभ

भारत में प्राचीन काल से ही राजनीतिक और धार्मिक कारणों से स्तंभों की स्थापना की परंपरा रही है स्तंभ का निर्माण सर्वप्रथम मौर्य काल में प्रारंभ हुआ मौर्यकालीन स्तंभों में एक ही शैली दृष्टिगोचर होती है उनके शिल्पगृह राजाओं की देखरेख में रहते थे और राजवंश के समाप्त होते ही नष्ट हो गए मौर्य कला का उत्कृष्ट नमूना अशोक द्वारा निर्मित एकाश्म स्तंभ है जो कि तत्कालीन उत्कृष्ट शिल्प इंजीनियरिंग को दर्शाते हैं यह चुनार के बलुआ पत्थर से बने हैं तथा 40 से 50 फीट तक ऊंचे हैं इनका निर्माण एक ही प्रस्तर खंड से किया गया है जिसके शीर्ष पर विभिन्न पशु की मूर्तियां स्थापित है। यह पूरा स्तंभ चमकीला पॉलिशदार है तथा स्तंभ का व्यास ऊपर से नीचे की ओर बढ़ता जाता है शीर्ष पर बनी पशु आकृतियों के मांसल उभारो का काफी खूबसूरती से उकेरा गया।

– कैलाश नाथ मंदिर प्रसिद्ध कलाविद पर्सी ब्राउन ने जब कहा कि यह शेल वास्तु का विश्व में सबसे विलक्षण नमूना बना है तो यह अतिशयोक्ति नहीं कर रहे थे एलोरा का कैलाश मंदिर सचमुच ही मनुष्य द्वारा निर्मित अद्वितीय कलाकृतियों में से एक है अपनी समग्रता में 276 फीट लंबा 154 फीट चौड़ा मंदिर केवल एक चट्टान को काट कर बनाया गया है। 8 वीं शताब्दी में राष्ट्रकूट नरेश कृष्ण प्रथम ने भगवान शिव के इस मंदिर के निर्माण में अत्यधिक धन व्यय किया।  INDIAN ART AND CULTURE Notes Major stupas and Columns in india Hindi

कर्कराज के बड़ौदा अभिलेख में इसे अद्भुत कहा गया है लेख में बताया गया है कि मंदिर को देखकर देवता तक अचंभित हो गए और उसका निर्माण मानव क्षमता से परे बताया । इसका निर्माण ऊपर से नीचे की ओर किया गया है इसके निर्माण के क्रम में हनुमान 40 हजार टन भार के पत्थरों का चट्टान से हटाया गया इसको संपूर्ण रूप से निर्मित होने में लगभग 100 वर्ष लग गए परंतु पूर्ण होने के पश्चात से लेकर आज तक मंदिर अपनी भव्यता प्रचंड भव्यता और कलात्मकता के साथ-साथ मनुष्य की अदम्य जिजीविषा के प्रतीक के रूप में लोगों को अचंभित करता आ रहा है ।मौर्यकालीन ठोस पाषाण निर्मित स्तंभ यह सिद्ध करते हैं कि उस समय के कलाकारों को पाषाण पर कार्य करने का पूर्ण ज्ञान था अशोक के स्तंभ मुख्यतः लोरिया अरेराज लोरिया नंदनगढ़ टोपरा दिल्ली मेरठ दिल्ली इलाहाबाद तथा रामपुरवा से प्राप्त हुए हैं । INDIAN ART AND CULTURE Notes Major stupas and Columns in India Hindi

-प्रमुख स्तंभ

मौर्य काल गुप्त काल और उसके पश्चात भी स्तंभों का निर्माण निरंतर रहा उस प्रमुख स्तंभ किस प्रकार है 

-गरुड़ध्वज यह एक लौह स्तंभ है जो दिल्ली के महरौली में चंद्रगुप्त द्वितीय द्वारा स्थापित किया गया था यह संपूर्ण भारत का एकमात्र लौह स्तंभ है इस स्तम्भ पर चंद्रगुप्त द्वारा अपने शत्रु वाल्हिको को नष्ट करके तथा पंजाब के 7 नदियों के पार करके को पराजित करने का उल्लेख उपकरण है।

– काहोम स्तंभ यह स्तंभ उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के गांव से उपलब्ध हुआ है यह स्तंभ स्कंद गुप्त द्वारा अपनी यात्रा के संबंध में स्थापित कराया गया था।

– बेसनगर स्तंभ यह स्तंभ ग्रीक राजा के राजदूत हेलिओडोरस ने स्थापित कराया था यह स्तंभ उसके वैष्णव धर्म का अनुयाई बन कर स्वयं को भागवत घोषित करने का प्रतीक है ईसा पूर्व द्वितीय शताब्दी में व्यस्त गरुड़ स्तंभ के रूप में स्थापित किया गया था ।

-लौरिया नंदनगढ़ स्तंभ 32 फीट 9.5 इंच ऊंचा है जो बिहार के चंपारण जिले के लोरिया नंदनगढ़ में स्थापित है यह नीचे से मोटे तथा ऊपर से पतले आकार का है अशोक द्वारा स्थापित इस स्तूप में कहीं कोई जोड़ नहीं है यह चुनार के पत्थर से निर्मित है ।

-विष्णु ध्वज स्तंभ यह स्तंभ मध्य प्रदेश के सागर मंडल में स्थित एरण नामक स्थल से प्राप्त हुआ है यह 484 से 485 ईसवी का है तथा इसकी ऊंचाई 43 फीट है। INDIAN ART AND CULTURE Notes Major stupas and Columns in India Hindi


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