सार्वजनिक वितरण प्रणाली का एकीकरण :IMPDS

-सार्वजनिक वितरण प्रणाली का एकीकरण 

(Integrated Management of Public Distribution System- IMPDS) 

– भारत में गरीबों को कम कीमत पर खाद्य उपलब्ध करवाने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली अपनाई गई है लगभग 90 लाख लोग बेहतर संभावनाओं की तलाश में अंतर राज्य प्लान करते हैं लेकिन उन्हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लाभ नहीं मिल पाता है एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना से खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में क्रांतिकारी परिवर्तन हो सकता है

73 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय एकीकरण के उदेश्य से योजनाओं के एकीकरण पर जोर दिया उन्होंने कर व्यवस्था एक कल मोबिलिटी कार्ड और कुसुम योजना की आवश्यकता पर बल दिया था इसी प्रकार भोजन के अधिकार की सफलता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा जल्द ही एक राष्ट्र एक राशन कार्ड पहल शुरू करने की घोषणा की इस योजना का उद्देश्य देश के किसी भी भाग के निवासी को दूसरे राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली द्वारा खाद्यान्न उपलब्ध करवाना है भारत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली अर्थात पीडीएस विश्व का सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम है इस योजना के अंतर्गत लगभग 60% आबादी को शामिल किया गया है इस योजना को परिचालित करने की लागत लगभग 1.45 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है जो कुल राष्ट्रीय आय का लगभग 1.4% है भ्रष्टाचार और खाद्यान्न की कालाबाजारी तथा पात्रता रखने वाले लाभार्थियों को योजना से अलग करने जैसी खामियों के कारण पीडीएस की आलोचना की जाती रही है ।

– IMPDS योजना का कार्यान्वयन और चुनौतियां

अंतर राज्य सुवाह्यता पोर्टेबिलिटी आंध्रप्रदेश गुजरात हरियाणा झारखंड कर्नाटक केरल महाराष्ट्र राजस्थान तेलंगाना और त्रिपुरा यह 10 राज्य इस योजना को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है इन 10 राज्यों में वितरण के लिए 100% पीओएस मशीनों की व्यवस्था की गई है और सभी पीडीएस दुकानों को इंटरनेट से जोड़ा गया है इन राज्यों में 1 लाभार्थी स्वतंत्र रूप से किसी भी पीडीएस दुकान से राशन ले सकता है इस अंतर राज्य सुवाह्यता के लिए सरकार पायलट आधार पर क्लस्टर बना रही है ताकि कुछ राज्यों में अंतर राज्य सुवाह्यता सुनिश्चित हो सके।

– डिपॉट ऑनलाइन प्रणाली

सरकार सभी पीडीएस को डिपॉट ऑनलाइन प्रणाली के साथ एकीकृत करने की योजना बना रही है प्रौद्योगिकी द्वारा एकीकृत डिपोट में उपलब्ध खाद्य भंडारण तथा वितरण गतिविधियों को वास्तविक समय में रिकॉर्ड किया जा सकता है इससे किसी पीडीएस द्वारा होने वाले लेनदेन प्रक्रिया का पूरा ब्यौरा उपलब्ध होगा उसी के अनुरूप खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है इनकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए पूरी प्रणाली की निगरानी आवश्यकता है ।

-प्रवासन 

ओएनओआरसी को पूरे देश में लागू करने से पहले अंतर राज्य प्रवासन के बदलते स्वरूप का अध्ययन करना तथा उसे नियमित रूप से संशोधित करने की आवश्यकता है विशेषकर यदि लाभार्थी के परिवार के कुछ सदस्य साल में केवल कुछ महीनों के लिए ही दूसरे राज्य में प्रवास करते हैं तो अलग-अलग राज्यों में लाभार्थी के आंकड़ों को अद्यतन रखना महत्वपूर्ण चुनौती हो सकती है।

– एक राष्ट्र एक राशन कार्ड

आर्थिक सर्वेक्षण 2017 के अनुसार अनुमानित रूप से प्रतिवर्ष 9 मिलियन से अधिक भारतीय अपने राज्य से दूसरे राज्य में बसते हैं तथा इस प्रकार 45.36 करोड लोग 37% आबादी प्रवासी मजदूरों की है एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना प्रवासी मजदूरों के लिए महत्वपूर्ण पहल है जो एक राज्य से दूसरे राज्य में जाकर रहे हैं इस योजना से देश की किसी भी राशन की दुकान से खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा मिल सकती है योजना सभी राशन कार्डो की अंतर राज्य पोर्टेबिलिटी से संबंध है एक लाभार्थी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत खाद्यान्न प्राप्त कर रहा है तो उसे देश के एक भाग से दूसरे भाग में स्थानांतरित होने के बाद भी स्थानीय पीडीएस खाद्यान्न प्राप्त होगा यदि कोई व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता है तो उस स्थान पर राशन कार्ड प्राप्त करने में लगभग 2 से 3 महीने का समय लगता है और फिर उसे राशन कार्ड से वंचित खाद्यान्न प्राप्त करने में भी समय लगता है योजना के लागू होने के बाद निश्चित किया जाएगा कि किसी नागरिक को देश के किसी भी भाग में पीडीएस का लाभ प्राप्त हो पीडीएस लाभार्थी की पहचान और आधार प्रमाणीकरण मान्य डाटा द्वारा की जाएगी योजना द्वारा गेर प्रवासियों को भी लाभ पहुंचाया जाएगा ताकि स्थानीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले पीडीएस लेन-देन कर सके यह स्थानीय पसन्द व चुनाव  आंध्र प्रदेश में लोकप्रिय हैं आन्ध्र प्रदेश ने अक्टूबर 2015 से राज्य के भीतर पोर्टेबिलिटी योजना पेश की थी। भंडारण तथा वितरण के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के गोदामों को राज्य विशेष की जरूरतों के अनुसार अपने भंडार गृह को व्यवस्थित करना पड़ सकता है राज्य या क्षेत्र द्वारा खाद्यान्न की मांग को ध्यान में रखते हुए फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया अपने भंडार गृह में 3 महीने का स्टॉक रखती है।

– प्रौद्योगिकी का उन्नयन हालांकि देशभर में कार्यरत लगभग 77% उचित दर की दुकानों में इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल मशीन स्थापित हो चुकी है लेकिन हाल ही में लोकसभा में खाद्य मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार बिहार के 41483 एफपीएस में से केवल 62 पर ही ईपीओएस उपकरण लगाए गए हैं इसी प्रकार पश्चिम बंगाल के कुल 20806 में से केवल 366 एफपीएस में ईपीओएस मशीन है इसका अर्थ है कि इन राज्यों में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना लागू करना कठिन है पूरे भारत में एकल राशन कार्ड योजना की सफलता के लिए सभी पीडीएस दुकानों में ईपीओएस मशीन स्थापित करने और सभी राशन कार्ड को आधार संख्या के साथ जोड़ने की आवश्यकता होगी बिहार और पश्चिम बंगाल में 1.54 करोड़ तथा 5.62 करोड़ राशन कार्ड को व्यक्तिगत आधार कार्ड के साथ जोड़ने की आवश्यकता है ।

-एक से अधिक स्थानों पर लाभ लेने की आशंका एक राशन कार्ड योजना की सफलता दो महत्वपूर्ण कारक अर्थात आधार और डिजिटल राशन कार्ड पर निर्भर है ऐसी आशंका है कि आधार और डिजिटल राशन कार्ड ऐसे व्यक्ति को योजना से बाहर कर सकते हैं जो अकेले पलायन करते हैं यदि परिवार के कुछ सदस्य गांव में ही रहते हैं तो वे दो अलग-अलग राज्यों में पीडीएस का लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।

-पहल को सफल बनाने के उपाय

प्रवासन का मुद्दा गरीब परिवारों से दूसरे राज्य या अपने राज्य में ही दूसरे स्थान पर बसने वालों का सटीक आंकड़ा प्राप्त करने के लिए श्रमिकों को रोजगार देने वाले क्षेत्रों की निगरानी रखने की आवश्यकता है एकल राशन कार्ड योजना द्वारा मौसमी श्रमिकों की पहचान वास्तविक समय पर करनी होगी ताकि अपने गृह राज्य तथा स्थान पर पीडीएस तक बेहतर पहुंच बना सके।

– लाभार्थी को सशक्त बनाना

सबसे पहले पीडीएस से जुड़ी मूलभूत प्रक्रियाओं में प्रत्येक व्यक्ति को शामिल करने के लिए नए सिरे से तैयारी करने की आवश्यकता है आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 के अनुसार राजस्थान में लगभग 6.5% पीडीएस लाभार्थी को राशन से वंचित किया गया क्योंकि दुकानदार ने खाद्य समाप्त होने का दावा किया था केवल राजस्थान में ही 3.5 मिलियन से अधिक लोगों को पीडीएस से वंचित होना पड़ा है 1 लाभार्थी के पास यह जानने का कोई साधन नहीं है कि पीडीएस संचालक सच बोल रहा है या खाद्यान्न की कालाबाजारी कर रहा है पोर्टेबिलिटी तथा आधार कार्ड संख्या के माध्यम से बायोमैट्रिक्स इस समस्या का पूरी तरह से समाधान कर सकती है।

– पीडीएस को लाभार्थी केंद्रित बनाना केंद्र सरकार को इस अवसर का उपयोग पीडीएस को अधिक लाभार्थी केंद्रित बनाने के लिए करना चाहिए मोबाइल आधारित सेवा के माध्यम से वास्तविक समय में किसी दुकानदार द्वारा इनकार करने पर उसकी निगरानी की जा सकती है विशेष रूप से कमजोर समूह जैसे बुजुर्गों प्रवासियों विकलांग और आदिवासियों को निगरानी तंत्र में शामिल किया जाना चाहिए लाभार्थियों को अपने मोबाइल फोन का उपयोग कर राशन की दुकानों पर खाद्यान्न की मात्र की जांच करने में सक्षम होना चाहिए।

– सुवाह्यता की सुविधा को बढ़ावा

सुवाह्यता को बढ़ावा देने के लिए पीडीएस के क्रियान्वयन को संशोधित करने की जरूरत है समान तकनीकी मानकों के आधार पर सभी राज्यों को राष्ट्रीय मंच पर साथ लाया जाना चाहिए ताकि वह सुवाह्यता की तकनीकी खामियों को मिलकर दूर कर सकें क्रियान्वयन प्रणाली को वास्तविक समय पर निगरानी रखने तथा कम भंडारण की स्थिति में खाद्यान्न आपूर्ति सुनिश्चित करने में सक्षम होना चाहिए।

– गोपनीयता संबंधी चिंताएं

पीडीएस के लिए आधार संख्या का लाभ उठाते हुए सरकार को गोपनीयता संबंधी जोखिम का सक्रिय रूप से समाधान करना चाहिए इससे आधार और केन्द्रित पीडीएस मंच का कुशल उपयोग हो सकता है सरकार को समाज के प्रत्येक वर्ग को ऑनलाइन तथा व्यक्तिगत रूप से इन विशेषताओं को समझने और उनका उपयोग करने में सक्षम बनाना चाहिए इसके अलावा प्रमाणीकरण के लिए गैर बायोमेट्रिक साधन जैसे ओटीपी या पिन की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।

– प्रौद्योगिकी का उपयोग

पीडीएस केंद्रों में ईपीओएस मशीनों की स्थापना करने तथा कंप्यूटरीकरण जैसी तकनीकों का उपयोग आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की पारदर्शिता को बनाए रखने में मदद करेगा यह भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के साथ-साथ पूरी प्रक्रिया की समग्र दक्षता बढ़ाने में मदद कर सकता है प्रौद्योगिकी को अपनाने के संदर्भ में भी सभी राज्यों की आम सहमति होनी चाहिए।

– निष्कर्ष

भारतीय पीडीएस प्रणाली को प्रशासनिक व सरनचनात्मक परिवर्तन के संदर्भ में तत्काल सुधार की आवश्यकता है एक राष्ट्र एक राशन कार्ड पहल एक ऐसा ही सुधारात्मक उपाय है यह पहल लाभार्थियों को पसंद की पीडीएस दुकान चुनने की सुविधा देता है जिससे लाभार्थियों को पीडीएस दुकानदार द्वारा नियमों के उल्लंघन करने पर उन्हें दोषी ठहराया जा सकता है वंचित वर्ग तथा प्रवासी मजदूर और महिलाएं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं इसलिए आवश्यक है कि एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना निर्धारित पीडीएस पर बेहतर खाद्यान्न प्रदान करें।


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