World Literacy day | विश्व साक्षरता दिवस- 8 सितंबर

– विश्व साक्षरता दिवस 8 सितंबर

International Literacy Day

साल 2022 की थीम – ट्रांसफॉर्मिंग लिटरेसी लर्निंग स्पेस

साल 2021 की थीम – मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता: डिजिटल विभाजन को कम करना

साल 2020 की थीमसाक्षरता शिक्षण और कोविद -19: संकट और उसके बाद

साल 2019 की थीम – साक्षरता और बहु भाषाएं 

– शिक्षा दुनिया में बदलाव लाने वाला सबसे सशक्त हथियार

ज्ञान वह सबसे शक्तिशाली हथियार है जिससे आप अपनी पूरी दुनिया बदल को सकते हैं अफ्रीकन गांधी नेल्सन मंडेला का यह कथन शिक्षा के महत्व को समझाता है वैसे भी ज्ञान से आशय सिर्फ किताबों को पढ़ने से नहीं है बल्कि यह व्यक्ति को जागरूक और जिम्मेदार इंसान के रूप में गढ़ने से हैं। हर साल 8 सितंबर को दुनिया भर में विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है इस (2022) वर्ष 56 वा अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया गया शासन सिविल सोसायटी समेत जिम्मेदारो द्वारा साक्षरता दिवस मनाने का उद्देश्य पूरी दुनिया में साक्षरता दर बढ़ाने को लेकर आने वाली चुनौतियों को दूर करना है साथ ही व्यक्तिगत सामुदायिक और सामाजिक रूप से साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालना है साक्षरता का मुद्दा सयुक्त राष्ट्र की सतत विकास लक्ष्य की 2030 के एजेंडे में शामिल है 2015 में इसे विश्व के नेताओं ने अपने एजेंडे में शामिल कर लिया है इस एजेंडे में हर व्यक्ति के लिए शिक्षा की गुणवत्ता सीखने के अवसर देना शामिल है लोगों में शिक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाने तथा विश्व भर के लोगों का ध्यान शिक्षा की तरफ खींचने के लिए अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर निर्णय यूनेस्को ने वर्ष 1965 में 7 नवंबर को लिया था जिसके बाद पहली बार 1966 में 8 सितंबर को यह दिवस मनाया गया था।

-साक्षरता और भाषाई विविधता

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस हर वर्ष एक विशेष थीम पर मनाया जाता है 2022 वर्ष की इसकी थीम ट्रांसफॉर्मिंग लिटरेसी लर्निंग स्पेस है अगर भाषाई विविधता संस्कृति की खूबसूरती है तो यह साक्षरता के क्षेत्र में चुनौती की तरह भी है क्योंकि जो भाषा पढ़ने वाला जानता हो, वह पढ़ाने वाला ना जानता हो तो बाधा तो रहेगी ऐसे में साक्षरता में आने वाली भाषाई चुनौतियों को दूर करते हुए सतत विकास के लक्ष्य को हासिल करने का लक्ष्य है इसके लिए डिजिटल तकनीक का भी सहारा लिया जा रहा है साथ ही ऐसे शिक्षक जो उन जनजातीय भाषा को समझते हैं उन्हें शिक्षित कर उनके माध्यम से भी पढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। International Literacy Day

-कम साक्षरता दर के कारण

सफलता और जीने के लिए साक्षरता महत्वपूर्ण है पूरी दुनिया में गरीबी को मिटाना बाल मृत्यु दर को कम करना जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना लैंगिक समानता को प्राप्त करना आदि को जड़ से उखाड़ फेंकना बहुत जरूरी है यह क्षमता से सिर्फ साक्षरता में है जो परिवार और देश की प्रतिष्ठा के लिए आवश्यक है साक्षरता का मतलब केवल पढ़ना लिखना तथा शिक्षित होना ही नहीं है यह लोगों के अधिकार और कर्तव्य के प्रति जागरूकता लाकर सामाजिक विकास का आधार बन सकती है। अशिक्षा के लिए ऐसा नहीं है कि सिर्फ व्यक्ति स्वेच्छा से पढ़ने नहीं जा रहा है बल्कि विद्यालयों की कमी, स्कूल में शौचालय की कमी, जातिवाद, गरीबी, लड़कियों के साथ बलात्कार और छेड़छाड़ होने का डर जागरूकता की कमी प्रमुख कारण है मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 127 देशों में 101 देश ऐसे हैं जो पूर्ण साक्षरता हासिल करने से दूर है साल 2011 तक के आंकड़ों के अनुसार भारत में 74% नागरिक साक्षर हैं राज्यों के अनुसार केरल में सबसे ज्यादा साक्षरता प्रतिशत 93.91 प्रतिशत और बिहार में सबसे कम 63.82% बच्चे पढ़े लिखे हैं महिलाओं और पुरुषों के बीच सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में भेदभाव किया जाता रहा है लेकिन आंकड़े बताते हैं कि महिलाएं शिक्षा के क्षेत्र में भी भेदभाव का सामना करती है देश में महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक साक्षर है पुरुषों की साक्षरता दर 82.14% है वहीं महिलाओं की साक्षरता दर 65.46% है साल 2011 की जनगणना के अनुसार देश में छह लाख स्कूल ऐसे हैं जहां कमरों की कमी है मध्यप्रदेश में साक्षरता दर 70.6% है जिसमें पुरुषों की साक्षरता दर 80.5% और महिलाओं की साक्षरता दर 60% है। International Literacy Day

– क्या करने की है आवश्यकता

निजी शिक्षण संस्थानों पर नकेल कसने की जरूरत है शिक्षा में सुधार के लिए अभिभावक बुद्धिजीवी वर्ग युवा वर्ग सुझाव आमंत्रित किए जाने चाहिए बुद्धिजीवी वर्ग में जहां शिक्षा की समस्या पर पैनी नजर रखते हैं वहीं अभिभावक बच्चों की समस्या से भलीभांति परिचित हैं लिहाजा उनके सुझाव काफी उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं असमानता की खाई और संविधान के अनुच्छेद 21-अ के तहत प्रारंभिक शिक्षा तक सभी को पहुंच बनाने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को भी धरातल पर उतारने की जरूरत है जिसमें अधिकारियों के बच्चों को भी सरकारी विद्यालय में पढ़ाने की बात कही गई थी शिक्षा में खर्च से लेकर शिक्षा के व्यवसायीकरण तक सभी मुद्दों पर सरकार को विचार करने की जरूरत है ताकि शिक्षा के समग्र विकास की पहल को अमली जामा पहनाया जा सके विद्यालय शिक्षा को समग्र रूप से देखने की जरूरत है विश्वविद्यालयों के विनियमन के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग है लेकिन स्कूल शिक्षा के लिए कोई आयोग नहीं है इसलिए ऐसे आयोग को अस्तित्व में लाने की जरूरत है ताकि बेहतर पॉलिसी बनाई जा सके राष्ट्रीय साक्षरता मिशन भारत सरकार द्वारा 5 मई 1988 में शुरू किया गया एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम है राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण संसाधन विकास मंत्रालय की एक स्वतंत्र विंग के मार्गदर्शन में काम करता है इसका लक्ष्य 15 से 35 आयु वर्ग के वयस्कों को साक्षरता के द्वारा शिक्षित करना है राष्ट्रीय साक्षरता मिशन का मतलब न केवल पढ़ना लिखना सीखना होता है बल्कि लोगों को अपने जीवन को बदलने और आगे बढ़ने और समझने में मदद करना है राष्ट्रीय साक्षरता मिशन का लक्ष्य विकास की प्रक्रिया में भाग लेना वंचित कारणों से अवगत होना और उनकी स्थिति में सुधार के लिए प्रयास करना है देश की स्थिति और विकास के लिए कौशल हासिल करना राष्ट्रीय एकीकरण पर्यावरण के संरक्षण महिलाओं को समानता छोटे परिवार के मानदंडों का पालन करना आदि। International Literacy Day

-यूनेस्को द्वारा साक्षरता पुरस्कार

इस दिवस पर यूनेस्को द्वारा अपने मुख्यालय पेरिस में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार दिए जाते हैं। International Literacy Day

-हम क्या कर सकते हैं

अगर आप स्वयं शिक्षित हैं तो शिक्षा के प्रसार में अपना अमूल्य योगदान अवश्य दे सकते हैं आपका छोटा सा प्रयास किसी के अंधेरी जीवन में रोशनी दे सकता है अगर आप घर पर किसी गरीब बच्चे को ना पढ़ पाए तो अपने क्षेत्र के लोगों के साथ मिलकर कोई छोटा सा समूह बनाकर उसके स्कूल जाने की व्यवस्था जरूर कर सकते हैं कुछ वक्त निकालकर पिछड़े क्षेत्र और लोगों की भी शिक्षा के महत्व को साझा कर सकते हैं जहां शिक्षा से जरूरी मजदूरी और ज्ञान से जरूरी भोजन होता है जिनके लिए अधिक बच्चों के होने का अर्थ अधिक कमाने वाले सदस्य होता है जो समय पर शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते हैं कि शिक्षा प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती आप कम से कम सरकार की शिक्षा संबंधी योजनाओं की जानकारी को बांट सकते हैं जो आपके छोटे से प्रयास से अंधकारमय जीवन में एक नया दीपक जला सकती है क्योंकि शिक्षा रोजगार या पैसे से ज्यादा खुद के विकास के लिए जरूरी है। International Literacy Day


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