Surrogacy क्या है, जानिए इससे जुड़ी जानकारी

– सेरोगेसी सामाजिक धार्मिक और कानूनी चुनौतियां 

-सरोगेसी का अर्थ है

किराए की कोख जब महिला मां नहीं बन पाती तो वह दूसरी विकल्प तलाशती है सरोगेसी एक ऐसी कार्यवाही है जिसमें नारी मातृत्व का स्थानापन्न करती है इन द मैटर ऑफ बेबी एम में 1988 में सरोगेसी को इस प्रकार परिभाषित किया गया है सरोगेसी वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक महिला जानबूझकर गर्भवती होती है जबकि उसका आशय गर्भस्थ शिशु को अपने साथ रखना नहीं होता वह मिला उस शिशु को किसी अन्य दंपत्ति को देने के लिए अपने गर्भ में रखती है जो माता-पिता सामान्यता उस महिला के बिना ऐसा नहीं कर सकते इन द मैटर ऑफ बेबी एम 537 एनजे 396 410 1988 बारबरा स्टार्क ट्रांस नेशनल सेरोगेसी एंड इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स लॉ आई एल एस ए जनरल ऑफ इंटरनेशनल एंड कम्पेरेटिव ला 1 वॉल्यूम 18:2 surrogacy kya hai hindi me

-किराए की कोख की अंतरराष्ट्रीय मांग और चिकित्सा की सुलभ उपलब्धियों के कारण सेरोगेसी  ने काफी प्रसिद्धि पाई है अनगिनत एजेंसियां और क्लिनिक को प्रजनन प्रक्रिया के लिए खोला गया है अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर यह बात स्वीकार की जा चुकी है कि किसी बच्चे का जन्म मानव का अधिकार है जो नितांत व्यक्तिगत है और इसमें राज्य समाज को ऐसा धोखा नहीं देना चाहिए कि इस मानव अधिकार पर कोई अंकुश लगे अनुच्छेद 16,1 यूनिवर्सल डेवलेरेशन ऑफ़ ह्यूमन राइट्स 1948 बच्चे की चाह और मानव प्रजनन विज्ञान की प्रगति में सरोगेट मां की अवधारणा को जन्म दिया है क्योंकि गोद लेने की प्रक्रिया सारे विश्व में जटिल है इसलिए सरोगेसी गोद लेने की जटिल प्रक्रियाओं के एक पसंदीदा विकल्प के रूप में उभरा है इसे आईवीएफ इन विट्रो फर्टिलाइजेशन के नाम से भी जाना जाता है दुनिया का पहला परखनली शिशु लड़का लुईस जॉय ब्राउन ने 25 जुलाई सन 1978 को ब्रिटेन में जन्म लिया दुनिया का दूसरा और भारत का पहला आईवीएफ बेबी कनुप्रिया एलियास दुर्गा को माना जाता है जिसका जन्म 3 अक्टूबर 1978 को कोलकाता में हुआ ।  surrogacy kya hai hindi me

-सरोगेसी के प्रकार सरोगेसी 4 प्रकार की हो सकती है 

-पारंपरिक traditional also noun as the straight method the surrogate is pregnant with her own biological child but this child was conceived with the intention of relinquishing the child to be raised by others by the biological father and possibly his spouse or partner either male or female the child may be conceived via home artificial insemination using fresh of frozen sperm or impregnated via IUI intrauterine insemination or ICI intra cervical insemination which is performed at a fertility clinic baby Manji Yamada vs Union of India 29 September 2008 para 6 

 -गर्भावधि gestational also now as the host method the surrogate becomes pregnant via embryo transfer with a child of which she is not the biological mother she may have made an arrangement to relinquish it to the biological mother or father to raise or to a parent is themselves unrelated to the child because the child was conceived using egg donation germ donation or is the result of a donated embroy the surrogate mother may be called the gestational carrier baby Manji Yamada vs Union of India 29 September 2008 para 7  surrogacy kya hai hindi me

-परोपकारी-altruistic it is a situation where the surrogate receives no financial reward for her pregnancy or the relinquishment of the child although usually all expenses related to the pregnancy and birth are paid by the intended parents such as medical expenses Maternity clothing and other related expenses baby Manji Yamada vs Union of India 29 September 2008 para 8  surrogacy kya hai hindi me

-वाणिज्यिक-commercial it is a form of surrogacy in which gestational carrier is paid to carry a child to maturity in her womb  and is usually  resorted to by Well off infertile couples who can afford the cost involved or people who save and borrow in order to complete their dream of being parents commercial surrogacy is sometimes referred to by the emotionally charged and potentially offensive terms wombs for rent outsourced pregnancies baby farms baby Manji Yamada vs Union of India 29 September 2008 para 9 

इन चारों प्रकार में कुछ प्रश्न सभी में सामान्य है पर इनमें अंतिम वाणिज्य सरोगेसी के लिए कानून बनाना आवश्यक है क्योंकि सेरोगेसी के साथ बहुत से कानूनी और नैतिक मूल्य जुड़े हैं अविकसित देशों में गरीबी के कारण सरोगेट मां की सुलभता है 9 माह तक गर्भ को अपने पेट में पालना और फिर उस नन्ही सी जान को किसी और को सौंप देना आसान नहीं है जो महिलाएं सरोगेसी के लिए सहमत हो जाती है उन्हें अधिकांश ऐसी है जिनके लिए अपने परिवार को आर्थिक सुरक्षा देना उनकी अनिवार्यता है कई बार लगता है कि सरोगेट मां के बच्चे डॉलर में तब्दील होते जा रहे हैं सरोगेसी मामले में नैतिकता का प्रश्न है कि क्या कोख का वाणिज्य करण समाज को सही दिशा में ले जा रहा है मां और शिशु के बीच का जो भावुक रिश्ता है क्या वह प्रभावित नहीं होगा क्या गर्म का उपभोक्तावाद स्वस्थ समाज के निर्माण में साधक होगा क्या यह प्रकृति के साथ हस्तक्षेप नहीं है । surrogacy kya hai hindi me


-वैश्विक परिदृश्य सेरोगेट मातृत्व कई संस्कृतियों ने स्वीकार किया गया है भारत में नीयोग का उदाहरण बहुत पहले से है ओल्ड टेस्टामेंट पुस्तक में इब्राहिम सागर और सारा की कथा तथा और रैछल और नौकर की कहानी

 यूरोपीय संस्कृतियों में आरंभ में सरोगेसी को समाजिक और कानूनी मान्यता प्रदान नहीं की गई थी विभिन्न देशों के न्यायालयों में सरोगेट मां के विविधीकरण के बारे में विभिन्न विचार है इंग्लैंड में सरोगेट मां की व्यवस्था कानूनी है और सरोगेट मां व्यवस्था अधिनियम एक्ट 1985 वाणिज्यिक सरोगेट मां के विज्ञापन और उससे जुड़े प्रसार के अन्य सभी माध्यम और पहलुओं पर प्रतिबंध लगाता है प्रसिद्ध बेबी ऍम  मामले इन द मैटर ऑफ बेबी एम 537 एनजे 396 410 1988 न्यू जर्सी उच्चतम न्यायालय ने इस बात की अनुमति प्रदान की जो सरोगेसी को वाणिज्य का माध्यम बना रहे हैं उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाए यह निर्णय शिशु के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए दिया गया इस निर्णय ने इस निष्कर्ष को जन्म दिया कि सरोगेट मां का अनुबंध सार्वजनिक नीति के खिलाफ है इस प्रकार अमेरिका में सरोगेट मां के कानून विभिन्न राज्य में अलग-अलग है ऑस्ट्रेलिया में अनौपचारिक रूप से सरोगेट मां का अस्तित्व था वहां यह संबंध मित्रता और सज्जनता के रूप में देखने को मिलता था विक्टोरिया में किर्कमेंन बहनों के मामले में ऑस्ट्रेलिया को सामाजिक विस्फोट के साथ जूझते हुए देखा गया लिंडा किर्कमेन अपनी बहन मैगी के अनुवांशिक बच्चे के जन्म लेने के लिए सहमत हुई 23 मई 1988 को जन्म की बात ऐलिस नामक इस लड़की को उसने अपनी बहन और उसके पति को सौंप दिया इस बात में समुदाय में कानूनी बहस को छेड़ दिया जल्द ही आस्ट्रेलियाई राज्यों ने सरोगेट मां से संबंधित जो कानूनी जटिलताएं थी उन्हें व्यवस्थित करने का प्रयास किया मार्च 1996 में ऑस्ट्रेलिया में सरोगेसी कानून व्यवस्था सामने आई अब ऑस्ट्रेलिया में वाणिज्यिक मां से संबंधित अनुबंध अवैध है तथा किसी भी प्रकार के भुगतान की व्यवस्था अवैध घोषित कर दी गई विभिन्न देशों ने इस मुद्दे के समाधान के लिए अलग-अलग कदम उठाए हैं मानव फर्टिलाइजेशन और भ्रूणविज्ञान अधिनियम 1990 की धारा 27(1 )के अनुसार ब्रिटेन में सरोगेट मां को कानूनी मां का दर्जा दिया गया है इस अधिनियम की धारा 30 में प्रावधान है कि सरोगेट मां या बच्ची के साथ ही कमीशन के माता-पिता दुर्व्यवहार करते हैं तो अदालत इस व्यवहार के लिए माता पिता को आदेश दे सकती है यह अधिनियम किए गए खर्च के अलावा बच्चे के सौपने के लिए किसी भी प्रकार के धन या अन्य लाभ प्रदान करने पर प्रतिबंध लगाता है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों ने सरोगेट मां को कानूनी मान्यता दी लेकिन स्वरूप पर प्रतिबंध लगा दिया। surrogacy kya hai hindi me

भारतीय स्थिति सरोगेसी :-

भारत में चिकित्सा पर्यटन का बड़ा गंतव्य है भारत किराए की कोख के लिए चर्चित होता जा रहा है आंकड़ों के अनुसार भारत में हर साल 2000 विदेशी बच्चों का जन्म होता है जिनकी सेरोगेट माँ  भारतीय होती है भारत में लगभग 3,000 क्लिनिक में सरोगेट मां की सेवा उपलब्ध है इसका कारण सरोगेसी नियम कानून के मामले में भारत का उदार रवैया है सिर्फ कानून ही लचीला नहीं है भारत में भुगतान शुल्क भी सामान्य है जो संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों का एक तिहाई के लगभग है सरोगेट मां को अनेक बार सामाजिक बुराइयों का सामना करना पड़ता है अमदाबाद के बाविशी फर्टिलिटी  ने जब 1988 में सरोगेट मां से पहले बच्चे का जन्म कराया तो उस दिन आधी रात को उनके दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी दरवाजे पर वह सरोगेट मां खड़ी थी अपने बच्चों को बेचने के अपराध में उसे गांव से बाहर निकाल दिया गया था आज इस संस्थान में हर महीने किराए की कोख से 16 से 20 बच्चे जन्म लेते हैं और उन्हें सामाजिक तौर पर स्वीकृत करने प्रवृत्ति में तेजी से बढ़ोतरी हुई है सर्वोच्च न्यायालय ने बेबी मंजी   बनाम भारत संघ बेबी मांजी यमदा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया 29 सितंबर 2008 निर्णय अरिजीत पसायत मुकुंदन शर्मा में वाणिज्यिक सरोगेसी को भारत में अनुमति प्रदान की surrogacy is a well known method of reproduction where by a woman agrees to become pregnant for the purpose of gestating and giving birth to a child she will not raise but hand over to a contracted party she may be the child’s genetic mother the more traditional form for surrogacy or she may be as a gestational carrier carry the pregnancy to delivery after having been implemented with an embryo in some cases surrogacy is the only available option for parents who wish to a child that is biologically related to them surrogacy kya hai hindi me

 सन 2002 में इसे विधि मान्यता मिलने के बाद भारत में सरोगेसी को प्रचलन की एक प्रसिद्ध विधि माना जाता है तथा एक बहुत बड़ा व्यापार बन गया है भारत का पर्यटन मंत्रालय चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देता है किंतु समाजसेवियों ने अपना भय दिखाया है कि इस प्रक्रिया से जन्मे बच्चों का प्रयोग अंगों के कारोबार और देह व्यापार में होने लगे सन 2009 में विधि आयोग की 228 वी रिपोर्ट में भारत को एक प्रजनन पर्यटन स्थल कहा गया है लॉ कमीशन ऑफ इंडिया 228 रिपोर्ट पृष्ठ 10 2009 सरोगेट मां से वाणिज्यिक समझौता होता है वह गर्भावस्था को वहन करती है इसके एवज में उसके साथ दंपति अथवा एकल माता या पिता एग्रीमेंट करते हैं गर्भधारण करने के लिए सहमत होने के बदले में कमीशन एजेंट द्वारा उसे भुगतान किया जाता है चिकित्सा पर्यटन की पूरी शाखा सरोगेट अभ्यास से निखर रही है आनंद गुजरात का एक छोटा सा शहर है इसमें आउटसोर्सिंग वाणिज्य सेरोगेसी के क्षेत्र में एक अलग प्रतिष्ठा अर्जित की है। surrogacy kya hai hindi me

– धार्मिक परिदृश्य भारत एक परंपरा वादी धार्मिक देश है ईसाई धर्म में कैथोलिक जहां बच्चे को उपहार मानते हैं और सेरोगेसी  की मान्यता को अस्वीकार करते हैं वही प्रोटेस्ट धर्म में सरोगेट मां को उदार दृष्टि से देखा जाता है यहूदी धर्म में  सेरोगेसी की प्रक्रिया को मातृत्व का अनादर तथा अपमानजनक माना जाता है हालांकि मां न बनने वाली नारी की व्यथा को देखते हुए मामले में उनके द्वारा सेरोगेसी को स्वीकार किया गया है इस्लामिक विधि गोद लेने को मान्यता नहीं देता इस्लाम धर्म में शरिया कानून के नियमों के तहत सरोगेसी की प्रक्रिया को अस्वीकार किया है बोद्ध धर्म मे  इस प्रक्रिया को पूरी तरह से अस्वीकार किया गया है और सरोगेसी मा के प्रसव को नैतिक कर्तव्य में से नहीं माना है हिन्दू धर्म ने उदारता अपनाकर विशेष परिस्थितियों में कृत्रिम गर्भाधान को मान्यता प्रदान की है सरोगेसी में भी विभिनन हितो का संघर्ष शामिल है समाज की जो प्राथमिक इकाई परिवार है उस पर यह बहुत गहरा प्रभाव डाल रहा है इसकी नैतिकता के विषय में प्रश्न जन्म लेते रहे हैं जैसे गर्भपात के मामले में सरोगेट मां के अनुबंध के लिए क्या होता है यदि बालक किसी गम्भीर रोग  या विकलांगता के साथ जन्म लेता है तो उसके साथ क्या होता है अगर बच्चे के जन्म के दौरान अनुबंध से बंधे हुए जोडे़ का मन बदल जाए और वह शिशु को ग्रहण करना ना चाहे तो यदि बच्चा जन्म के दौरान मर जाता है तो यदि युगल समलैंगिक है तो ऐसे मैं शासन के लिए दो टूक निर्णय कर पाना टेढ़ी खीर थी  surrogacy kya hai hindi me

-भारत में सरोगेसी के संदर्भ में कानूनी प्रयास 2008 में भारत सरकार ने एक विधान प्रारूप किया था 2014 में किराए पर कोख के लिए और बच्चों के हितों की रक्षा को मद्देनजर रखते हुए कानून बनाने के लिए लोकसभा में एक महत्वपूर्ण गैर सरकारी विधेयक पेश किया गया था केंद्र सरकार की ए आर टी रेगुलेशन एक्ट ड्राफ्ट बिल 2016 को मंत्रिमंडल ने अगस्त 2016 में स्वीकृति दे दी थी लेकिन अब इसे संसद में पेश किया जाना बाकी है इस विधेयक द्वारा सरोगेट मां के सारे प्रमाण पत्रों को कानूनी नियमों को ध्यान में रखते हुए स्वीकार किया गया इसे स्वीकृत कराए जाने के प्रयास जारी है हालांकि इस बिल के प्रारूपण से पूर्व भी भारत में वाणिज्य सरोगेट मां को 2005 के बाद भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा जारी निर्देश से नियंत्रित किया गया लेकिन वह कानूनी तौर पर बाध्यकारी नहीं है और सरोगेट के अधिकार उनकी सहमति गोद लेने की आवश्यकता हो जैसे मुद्दों पर अस्पष्ट हैं भारतीय संविदा अधिनियम द्वारा सेरोगेसी की संविदा को दूसरी सुविधाओं के समान ही माना जाएगा एकल जनक या माता पिता और सरोगेट मां के मध्य हुए समझौते पर जो भी अनुबंध बनाया जाएगा वह कानून के द्वारा प्रवर्तनीय माना जाएगा सरोगेसी के माध्यम से भारतीय महिलाओं का शोषण रोकने के लिए केंद्र सरकार सख्त कदम उठाती रही है मुंबई के बांद्रा स्थित क्लीनिक में मई 2008 में दो इजरायली समलैंगिक पुरुषों से बच्चे का जन्म एक बड़ी उपलब्धि माना गया इस घटना के बाद भारत समलैंगिक जोड़ों को आकर्षित करने लगा किंतु भारत सरकार ने सन 2011 में कानून प्रस्ताव कर इस तरह की व्यवस्था की जो जुड़े सेरोगेसी के माध्यम से बच्चा चाहते हैं उनके विवाह की न्यूनतम अवधि 2 वर्ष होनी चाहिए इस कानून के बाद समलैंगिक जोड़ों एकल मा या पिता और लीव इन जोड़ों की सेरोगेसी से बच्चा प्राप्त करने की इच्छा पर प्रतिबंध लगा हालांकि 2013 में सरकार ने घोषणा की कि सरोगेसी के लिए भारत आने वाले एककल माया पिता को वीजा उस स्थिति में दिया जा सकता है जब भारत से वापस जाते समय वे बच्चे और अपना डीएनए जांच करवाएं कानूनन भारत में सरोगेट मां की अवस्था 21 से 35 वर्ष के मध्य होनी चाहिए महिलाएं अपने बच्चों सहित तीन संतान के जन्म के बाद सरोगेट मां नहीं बन सकेगी माताओं का स्वास्थ्य सही रहे इसलिए इस दिशा में कदम उठाया गया है कि 2 बच्चों के जन्म में कम से कम 2 वर्ष का अंतर रहे तथा इस कानून के प्रावधान का उल्लंघन होने पर सजाया भारी जुर्माना लागू किए जाएं मंत्रालय ने 2012 के पत्र में कहा है कि सरकार ना तो इसे प्रतिबंधित मानती है ना इसकी अनुमति देती है इससे भारत सरकार की विधा का पता चलता है फिर भी कुछ निर्देश थोड़े स्पष्टीकरण देते हैं 9 जुलाई 2012 के अपने पत्र में इस संबंध में विदेशी पर्यटक दंपति के लिए जारी दिशा निर्देश इस प्रकार हैं  surrogacy kya hai hindi me

– विदेशी पुरुष और स्त्री विधिक रुप से 2 साल से विवाहित हो

– उनका देश या सेरोगेट माँ से जन्मे बच्चे को उनके देश मे सामान्य बच्चे की तरह प्रवेश मिलेगा 

-विदेश पति पत्नी यह लिखित में देंगे कि वे इस बच्चे की देखभाल करेंगे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त पंजीकृत आरटी क्लिनिक्स में ही उपचार होना चाहिए 

-विदेशी पति पत्नी संभावित भारतीय सरोगेट मां के साथ हुए करार समुचित रूप से पूरे करेंगे

– विदेशी पर्यटक दंपति सेरोगेट बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे और उसे अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे

– फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस  एफ आर  आर या  फोरनर्स रजिस्ट्रेशन ऑफीसर को एक प्रमाणपत्र विदेशी पर्यटक पति पत्नी दिखाएंगे कि उन्होंने सेरोगेट बच्चे की अभिरक्षा प्राप्त कर ली है और सरोगेट मां से हुई संविदा की शर्तों को पूरा कर दिया है ।

-भारत का विधि आयोग इस समस्या का संज्ञान विधि आयोग ने लिया उसने इस विषय पर अध्ययन के उपरांत अपनी 228 वी रिपोर्ट 2009 में प्रस्तुत की इसकी प्रमुख सिफारिशें इस प्रकार हैं सरोगेट मां की व्यवस्था को उस अनुबंध द्वारा नियंत्रित किया जाएगा जो दोनों पक्षों के बीच हुआ है बच्चे को वहन करने के लिए सरोगेट मां की सहमति अपने पति और परिवार के अन्य सभी सदस्यों की सहमति कृत्रिम गर्भाधान के लिए चिकित्सा प्रक्रिया कार्यकाल पूरा होने तक शिशु का खर्च वहन करने के दौरान सभी उचित खर्च की प्रतिपूर्ति शिशु जन्म के बाद कमिशन के माता-पिता को शिशु को सौंपने की इच्छा आदि सभी शर्तें इस में शामिल होगी लेकिन इस तरह की व्यवस्था वाणिज्य प्रयोजनों के लिए नहीं होनी चाहिए सरोगेट मां की व्यवस्था करते समय शिशु के लिए आर्थिक सहयोग बहुत आवश्यक है उन परिस्थितियों में भी जबकि शिशु जन्म से पहले कमिशन की माता पिता में से चाहे किसी की मृत्यु हो गई हो अथवा वे इस दौरान पृथक हो गए हो या फिर किसी अन्य प्रकार की कोई बात हुई हो तब भी शिशु के दायित्व से वे मुकर नहीं सकते सेरोगेट शिशु के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जानी चाहिए। surrogacy kya hai hindi me

– सरोगेसी अनुबंध के समय शिशु के साथ-साथ सरोगेट मां के प्रति भी दायित्व निभाया जाना चाहिए उसके लिए बीमा पॉलिसी बनाई जानी चाहिए जो उसकी जीवन को आर्थिक व्यवस्था कर सके यह माना जाता है कि बच्चे के साथ स्नेह या मोह का रिश्ता जैविक संबंधों से जन्म लेता है यदि संभव है तो दाता माता पिता में से कोई होना चाहिए अन्य तरीकों से बच्चे के दुरुपयोग की संभावना अधिक हो सकती है एडॉप्शन के संबंध में जिस प्रकार के मामले सामने आते हैं उस की संभावना कम हो जाएगी अभिभावक यदि एकल है पुरुष या स्त्री में से कोई भी सरोगेट शिशु के लिए उसे भी दाता बनने का अधिकार है surrogacy kya hai hindi me

दत्तक ग्रहण भी शिशु को प्राप्त करने का माध्यम है जैविक माता पिता और दत्तक माता-पिता में अंतर मोह का माना जाता है।

– विधान को स्वयं या मान्यता शिशु को प्रदान करनी चाहिए कि वह कमीशन के माता-पिता का वैध बच्चा है या फिर उसे गोद लिया गया है सेरोगेट बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में केवल कमीशन के माता पिता का नाम होना चाहिए।

 दाता तथा सरोगेट मां की गोपनीयता को संरक्षण प्रदान किया जाना चाहिए सेक्स चयनात्मक सरोगेट मां को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए गर्भपात के मामले को मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट 1991 द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए।

– भारत की विधि आयोग ने एक कानून की संस्तुति की है इसमें सरोगेट मां के महत्व और उसकी जरूरत की चर्चा है तथा सरोगेट मां की व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए इसी आधार पर संसद में किराए की कोख के संबंध में एक विधेयक असिस्टेंड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी विनियम प्रस्तावित किया गया आईसीएमआर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की दिशानिर्देश असिस्टेंड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी विनियमन विधेयक 2010 को नियमित करने में सहयोग दिया विधेयक आईसीएमआर दिशा निर्देशों का एक और सुधार संस्करण है ।

-भारत में न्यायपालिका मनुष्य की प्रजनन के अधिकार को एक मूल अधिकार के रूप में मान्यता देती है उदाहरण के लिए बीके पार्थ सारथी आंध्र प्रदेश सरकार मामले में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने किसी व्यक्ति की प्रजनन सव्यायत्ता के अधिकार की गोपनीयता के अधिकार के पहलू के रूप में देखा और अमेरिकी उच्चतम न्यायालय द्वारा जेक स्टीनर बनाम ओकलाहोमा स्टेट 316 अमेरिका 535 मामले में दिए गए इस निर्णय से सहमति जताई कि प्रजनन का अधिकार किसी भी व्यक्ति का बुनियादी नागरिक अधिकार है असिस्टेंट रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी विनियमन विधेयक 2016 में इस बात को आवश्यक माना गया की तकनीक का सही उपयोग किया जाए जिससे सेरोगेट मातृत्व के वैधीकरण को मान्यता मिल सके सार्थकता मिल सके सरोगेसी को संवैधानिक अधिकार और संरक्षण प्राप्त हुआ इसलिए भारत में सेरोगेट मां को निरंतर सफलता मिली है धार्मिक और सामाजिक बंधनों की होते हुए भी इस की बढ़ती लोकप्रियता मेडिकल साइंस की सफलता की ओर संकेत करती है । surrogacy kya hai hindi me

-निष्कर्ष सरोगेसी सामाजिक आर्थिक मनोवैज्ञानिक विधिक संवैधानिक आदि कई विवादों को जन्म देती है अधिकार और कर्तव्यों की दृष्टि से यह मुद्दा  त्रिआयामी है सरोगेट मां दंपत्ति जो बच्चा चाहते हैं और सेरोगेट शिशु भारत में सरोगेसी नैतिकता धर्म परंपराओं संविदा कानून मानव अधिकार संविधान और अंतर्राष्ट्रीय विधि का एक असामान्य अभूतपूर्व मिश्रण कहा जा सकता है सरोगेसी को विज्ञान के साथ साथ कानूनी सहारे की जरूरत है क्योंकि इस तकनीक के माध्यम से पूर्ण शिशु को जन्म देना सिर्फ मां पिता की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि इसमें वकील डॉक्टर सरोगेट मां समाज और सरकार का सहयोग भी आवश्यक है यही कारण है कि असिस्टेंड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी विधेयक पर विगत कई वर्षों में काम हो रहा है किंतु अभी तक कानून नहीं बन पाया है जल्दी यह विधेयक बन जाएगा।

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