आर्थिक और सामाजिक परिषद – (ECOSOC)

United Nations Economic and Social Council

-आर्थिक और सामाजिक परिषद

– संयुक्त राष्ट्र के संस्थापकों ने शांति तथा आर्थिक समाजिक समृद्धि के बीच के घनिष्ठ संबंध को भलीभांति पहचान लिया था इसलिए चार्टर में यह प्रावधान किया गया कि आर्थिक समाजिक स्थायित्व के लिए तथा राष्ट्रों के मध्य शांतिपूर्ण और मैत्री संबंध स्थापित करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र उच्च जीवन स्तर पूर्ण रोजगार आर्थिक और सामाजिक प्रगति तथा विकास की परिस्थितियां प्रोत्साहित करेगा विश्व की आर्थिक और सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए तथा विकास और प्रगति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आर्थिक और सामाजिक परिषद की स्थापना की गई यह परिषद संयुक्त राष्ट्र के एक प्रमुख अंग है जिसमें 54 सदस्य देश होते हैं यह परिषद एक स्थाई संस्था है परंतु इसके 1/3 सदस्य प्रतिवर्ष अवकाश ग्रहण करते हैं इसके सभी सदस्य महासभा द्वारा निर्वाचित किए जाते हैं वहीं प्रतिवर्ष 1/3 स्थानों के लिए चुनाव होता है अवकाश ग्रहण करने वाला सदस्य दोबारा भी चुना जा सकता है उनके कार्यकाल को कोई सीमा नहीं रहती है पांच बड़ी शक्तियां तथा भारत सहित कई देश निरन्तर इस के सदस्य चुने जाते रहे हैं आर्थिक और सामाजिक परिषद सामाजिक आर्थिक कार्य करने वाले अनेक विशिष्ट एजेंसियों के कार्यों में समन्वय स्थापित करने के लिए उत्तरदाई है।

सदस्य देश 

United Nations Economic and Social Council

चार्टर के अनुसार परिषद अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सामाजिक सांस्कृतिक शैक्षणिक स्वास्थ्य तथा अन्य संबंधित विषय पर अध्ययन करवा कर रिपोर्ट के रूप में अपनी सिफारिशें महासभा के पास भेजती हैं यह परिषद मानव अधिकार और मूलभूत स्वतंत्रता ओं की सुरक्षा के लिए भी उत्तरदाई है आर्थिक और सामाजिक परिषद अनेक आयोग की सहायता से कार्य करता है विभिन्न क्षेत्र में कार्यरत विशिष्ट एजेंसियां तथा गैर सरकारी संगठन है जिनका निरीक्षण और जिनके कार्यों का समन्वय आर्थिक और सामाजिक परिषद करती है संयुक्त राष्ट्र की अनेक विशिष्ट एजेंसी और उनके प्रमुख है तकनीकी विषय से संबंध विशिष्ट एजेंसी अर्थात अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन विश्व मौसम संगठन सार्वभौमिक डाक संघ तथा अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ वे एजेंसीया जो सामाजिक और मानवीय गतिविधियों में संलग्न है जैसे अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा कृषि और खाद्य संगठन वे एजेंसियां जो अंतरराष्ट्रीय वित्त समस्याओं को सुलझाती है जैसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष विश्व बैंक तथा अंतरराष्ट्रीय विकास प्राधिकरण इनके अलावा अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी एक महत्वपूर्ण संस्थान है जिसकी स्थापना 1957 में वियना में की गई दो अन्य महत्वपूर्ण संस्थान संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल कोष तथा संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम में इन सभी के कार्यों का संबंध में भी आर्थिक और सामाजिक परिषद करती है । United Nations Economic and Social Council

– न्यास परिषद

न्यास परिषद की स्थापना न्यास प्रदेशों के प्रबंध और उनके निरीक्षण के लिए की गई थी यह न्यास प्रदेश वह देश है जो राष्ट्र संघ व्यवस्था में प्रथम विश्वयुद्ध के पराजित देशों से छीन कर मैंडेट के नाम से मैंडेट व्यवस्था के अधीन किसी विजयी देश के प्रबंधन में रखे गए थे जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भी स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर पाए थे उन्हें नई न्यास व्यवस्था में न्यास प्रदेश बनाया गया इनके अतिरिक्त द्वितीय विश्व युद्ध में पराजित इटली और जापान के अधिकारों से पृथक किए गए उपनिवेश थी जिन्हें न्यास व्यवस्था के अंतर्गत किसी भी देश के निरीक्षण में तब तक के लिए रखा गया था जब तक वह स्वतंत्रता प्राप्ति के योग्य ना हो जाए न्यास परिषद न्यास प्रदेश तथा अन्य पराधीन देशों के हितों को संरक्षित करने तथा उन्हें स्वतंत्रता प्राप्त करवाने में सहायता देने के लिए स्थापित की गई थी न्यास प्रदेशों की सदस्य संख्या निश्चित नहीं थी इसमें कुछ पदेन सदस्य होते थे तथा कुछ महासभा द्वारा निर्वाचित सदस्य थे इसके पदेन सदस्य वे राष्ट्र थे जिनके अधीन कोई ना कोई न्यास प्रदेश था तथा सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य जिनके अधीन कोई न्यास प्रदेश नहीं हो महासभा द्वारा निर्वाचित सदस्य की संख्या पदेन सदस्यों के बराबर होती है यह परिषद न्यास प्रदेशों से शिकायत प्राप्त करती है उन पर विचार करके शासन देशों को निर्देश देती है तथा सभा के सम्मुख समय-समय पर रिपोर्ट भेजती थी न्यास परिषद ने उपनिवेशवाद उन्मूलन तथा पराधीन देशों को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई 1994 में जब पलाऊ स्वतंत्र होकर संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बन गया तब न्यास परिषद ने निर्णय किया कि उसका कार्य पूरा हो गया उसमें अब केवल पांच स्थाई सदस्य बचे थे इसलिए अब यदि आवश्यक हुआ तभी उसकी बैठक बुलाई जाएगी अन्यथा नहीं औपचारिक रूप से अब भी यह संयुक्त राष्ट्र का एक अंग बनी हुई है परंतु व्यावहारिक रूप से समाप्त हो गई है । United Nations Economic and Social Council

-अंतरराष्ट्रीय न्यायालय चार्टर के अनुसार अंतरराष्ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र का एक प्रमुख अंग होता है यह नीदरलैंड के हेग में स्थित है गैर राजनीतिक विवाद को सुलझाने के लिए राष्ट्र संघ की व्यवस्था में एक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का एक स्थाई न्यायालय स्थापित किया गया था द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात उत्तराधिकारी के रूप में 3 अप्रैल 1940 को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय स्थापित किया गया वे सभी देश जो राष्ट्र के सदस्य हैं स्वयं ही न्यायालय के क्षेत्राधिकार में आ जाते हैं यह राष्ट्रों के मध्य उन विवादों को निपटाने जो किसी संधि अथवा अंतरराष्ट्रीय कानून की व्याख्या से संबंधित है अर्थात राजनीतिक विवाद इसकी परिधि में नहीं आते हैं अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में 15 न्यायाधीश होते हैं जो कि 15 अलग-अलग देशों के निवासी होते हैं यह 15 विख्यात न्यायविद सुरक्षा परिषद तथा महासभा के द्वारा पृथक मतदान में चुने जाते हैं न्यायाधीशों का कार्यकाल 9 वर्ष का होता है परंतु उनमें 1/3 प्रत्येक 3 वर्ष पश्चात अवकाश ग्रहण कर लेता है अवकाश ग्रहण करने वाले न्यायाधीश दोबारा निर्वाचित हो सकते हैं न्यायालय के 15 न्यायाधीशों में से एक प्रधान एक उप प्रधान चुनते हैं प्रधान न्यायाधीश न्यायालय की अध्यक्षता करता है इसका कार्यकाल 3 वर्ष का होता है प्रमुख भारतीय न्याय विद न्यायमूर्ति आर एस पाठक बीएन राम सा डॉक्टर नागेंद्र सिंह और दलवीर सिंह भंडारी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय न्यायाधीश रहे हैं डॉक्टर नागेंद्र सिंह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के प्रधान पद पर भी रहे हैं दलबीर सिंह भंडारी वर्ष 2012 से 2018 के एक कार्यकाल तथा 1 फरवरी 2018 से 2026 के दूसरे कार्यकाल के लिए चुने गए हैं कोई व्यक्ति या संस्था इस न्यायालय से न्याय की मांग नहीं कर सकता है अंतरराष्ट्रीय न्यायालय अंतराष्ट्रीय कानून की व्याख्या करके उसके अनुसार राष्ट्रों के मध्य मुकदमों का निर्णय करता है। United Nations Economic and Social Council

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के क्षेत्राधिकार निम्न है-

– स्वेच्छा क्षेत्राधिकार कोई भी देश अपना विवाद पारस्परिक सहमति से इस न्यायालय के समक्ष लाता है कोई एक देश दूसरे देश की सहमति के बिना उसके विरुद्ध मुकदमा शुरू नहीं कर सकता है इसे स्वेच्छा क्षेत्राधिकार माना जाता है ।

-वैकल्पिक क्षेत्राधिकार इसके अतिरिक्त एक अन्य प्रकार से भी मुकदमे चलाए जा सकते हैं उसे वैकल्पिक धारा कहते हैं इसका अभिप्राय है कि जिन देशों ने अपनी इच्छा से स्वयं को धारा के अंतर्गत घोषित कर दिया है केवल वही देश एक दूसरे की पूर्व अनुमति के बिना मुकदमा चला सकते हैं।

– परामर्श क्षेत्राधिकार अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का परामर्श संबंधित क्षेत्र भी है इसमें वह महासभा को किसी अंतरराष्ट्रीय विधिक मुद्दे पर सलाह दे सकता है न्यायालय के निर्णय सामान्यता बाध्यकारी नहीं नहीं होते हैं इसकी निर्णय यदि सर्वसम्मति से ना हो पाए तो बहुमत के लिए जाते हैं न्यायालय के निर्णय को भविष्य में अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान प्राप्त होता है । United Nations Economic and Social Council

-सचिवालय

संयुक्त राष्ट्र सचिवालय स्थाई रूप से कार्य करते रहने वाला गैर राजनीतिक अंग है यह संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय न्यूयॉर्क में स्थित है सचिवालय में अनेक देशों से योग्यता और अनुभव के आधार पर चुने हजारों अधिकारी लिपिक तथा अन्य कर्मी कार्य करते हैं सचिवालय का प्रधान महासचिव इस अंतर्राष्ट्रीय लोक सेवा का अध्यक्ष होता है चैप्टर के अनुच्छेद 57 के अनुसार महासचिव संगठन का मुख्य शासकीय अधिकारी होता है सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर उसको महासभा नियुक्त करती है उसका सामान्य कार्यकाल 5 वर्ष का है परंतु वह दूसरे कार्यकाल के लिए भी चुन लिया जाता है अधिकांश महासचिव ने दो कार्यकाल पूरे किए हैं घाना के वरिष्ठ राजनीतिक कोफी अन्नान 1997 में महासचिव चुने गए और 10 वर्षों तक इस पद पर बने रहे 2007 में दक्षिण कोरिया के बान की मून जनवरी 2017 में पुर्तगाल के भूतपूर्व प्रधानमंत्री एंटोनियो युटेरस इस के नए महासचिव चुने गए सचिवालय के अन्य तीन क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं विश्व में शांति बनाए रखने की प्रमुख जिम्मेदार महासचिव की होती है वह है सचिवालय के हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करता है और उनका मार्गदर्शन और उनके कार्यों का नियमन और निरीक्षण करता है वह अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण राजनीतिक और राजनयिक भूमिका भी निभाता है उदाहरण डॉक्टर ब्रुट्स घाली ने 3 वर्ष से ऊपर चले पूर्व युगोस्लाविया के सर्बों तथा बोलनियो के मध्य युद्ध को समाप्त करवाने के लिए सराहनीय प्रयास किए खाड़ी युद्ध के पश्चात 1998 में इराक को अमेरिकी धमकी के समय भी महासचिव कोफी अन्नान ने व्यक्तिगत मध्यस्थता करके इराक को स्थल निरीक्षण के लिए मना लिया था और संभावित अमेरिकी आक्रमण टल गया वर्तमान में महासचिव केवल एक प्रशासनिक अधिकारी ना होकर विश्व का एक प्रधान राजनयिक हो गया है संयुक्त राष्ट्र संघ का महासचिव सामान्य प्रशासन सचिवालय का प्रशासनिक कार्य तकनीकी कार्य वितीय कार्य प्रतिनिधि कार्य राजनीतिक कार्य करता है। United Nations Economic and Social Council


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