UPSC की परीक्षा में बदलाव के अनुसार करें तैयारी
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू करते वक्त अक्सर उम्मीदवारों को समझ में नहीं आता कि तैयारी की शुरुआत कैसे करें और पढ़ें क्या IAS, IPS के उम्मीदवारों के दिमाग में स्टडी मैटेरियल एलिजिबिलिटी और परीक्षा पैटर्न आदि के बारे में कई उलझन चल रही होती है उसको तो यही पता नहीं होता है की तैयारी के लिए कोचिंग ज्वाइन करनी चाहिए या नहीं गलत मार्गदर्शन से ना सिर्फ उनका पैसा बर्बाद होगा बल्कि समय और रिसोर्सेज भी बर्बाद होंगे दुर्भाग्य से कई कोचिंग संस्थानों को सही मार्गदर्शन के बारे में कुछ खास समझ नहीं होती है परिणामस्वरूप उम्मीदवार परीक्षा को पार नहीं कर पाते हैं कुछ ऐसे भी संस्थान हैं जो छात्रों से महंगी फीस हड़प लेते हैं लेकिन तैयारी के नाम पर उन्हें बहुत ही खराब स्टडी मैटेरियल प्रदान करते हैं पिछले कुछ वर्षों में यूपीएससी की परीक्षा पैटर्न में कई बदलाव किए गए हैं जिन्हें छात्रों ने खुलकर अपनाया और सराहा है सबसे हालिया बदलाव 2015 में किया गया था जिसमें छात्रों के विवाद के बाद सिविल सेवा एप्टिट्यूड टेस्ट सीएसएटी को क्वालीफाइंग पेपर घोषित कर दिया गया था हाल ही में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन ने सरकार को paper-1 में बदलाव लाने और पेपर 2 को हटा देने की सलाह दी छात्र इस बदलाव से काफी खुश नजर आ रहे हैं क्योंकि उन्हें पेपर -1 की तैयारी के लिए समय मिलेगा दुर्भाग्य से कोचिंग संस्थान इस बदलाव को अभी तक नहीं समझ सकते हैं। UPSC exam content change preparation strategy in Hindi
कई संस्थान अभी भी छात्रों को बेकार का ज्ञान दे रहे हैं जो उनकी किसी काम का नहीं आने वाला है छात्रों को हर चीज पढ़ाई जा रही है जिसके कारण क्या जरूरी है और क्या नहीं इसमें उन्हें फर्क ही नहीं पता है जो सवाल छात्रों की विश्लेषण क्षमता पर केंद्रित होते हैं वहां उन्हें समझ ही नहीं आता कि क्या करना है पिछले कुछ वर्षों में यूपीएससी के परीक्षा पैटर्न में कई बदलाव किए गए हैं जिन्हें छात्रों ने खुलकर अपनाया है और सराहा है यूपीएससी की परीक्षा में बदलाव के अनुसार अब यह मायने नहीं रखेगा कि छात्र कितना ज्ञानी है यह मायने रखेगा की वह जानकारी को कितनी जल्दी प्रॉसेस कर लेता है जिससे वह उसे अलग-अलग एंगल से प्रस्तुत कर सकता है इस कौशल के विकास के लिए छात्र को स्वयं ही मेहनत करनी होगी क्योंकि कोई भी संस्थान छात्र की जगह नहीं ले सकता है । UPSC exam content change preparation strategy in Hindi
इन 7 बातों का ख्याल रखें –
टेस्ट सीरीज तैयारी का जरूरी हिस्सा होना चाहिए लेकिन इस पर पूरी तरह निर्भर नहीं होना चाहिए।
यह सुनिश्चित कर लीजिए कि स्टेटिक के लिए आपके बेसिक मजबूत है भूगोल इतिहास अर्थव्यवस्था राज्यव्यवस्था करंट अफेयर्स जैसे मुख्य भागों पर खास ध्यान दें लेकिन सुरक्षा पर्यावरण नैतिकता और आपदा जैसे नए क्षेत्रों को छोड़ना नहीं चाहिए क्योंकि यूपीएससी अक्सर इन क्षेत्रों से सवाल पूछ लेता है।
परीक्षा को लेकर सकारात्मक सोच रखें घबराएं नहीं और यूपीएससी की परीक्षा को इस प्रकार देखें जैसे वह कोई मॉक टेस्ट हो । UPSC exam content change preparation strategy in Hindi
बार-बार रिवीजन करें खासकर उन विषय की जिसको आप डरे हुए हैं।
जानकारी को सिर्फ याद रखने पर ध्यान नहीं दे बल्कि उसे समझने की कोशिश करें जिससे आप उस जानकारी का उपयोग किसी भी प्रकार से कर सकें विश्लेषणात्मक कौशल का विकास करें यह बार-बार अभ्यास और रिवीजन से ही संभव है।
इंटरनेट पर भारतीय सोर्स पर ध्यान दें क्योंकि इंटरनेट पर विदेशी वेबसाइट भी होती है जो समाज के लिए अच्छी है लेकिन उनकी उदाहरण भी विदेशी होते हैं इसके कारण आप को समझने में परेशानी हो सकती है।
हर चरण की तैयारी करना आवश्यक है प्रिलिम्स के सिलेबस को मेन की परीक्षा से अलग न करें आप का तरीका अलग हो सकता है लेकिन दोनों विषय लगभग समान होते हैं अर्थमैटिक सोर्स पर ध्यान दें उदाहरण बजट इकोनामिक सर्वे योजना ईयर बुक और एनुअल रिपोर्ट यह किताबें थोड़ी भारी होती है लेकिन इनका एक एक शब्द पढ़ने की जरूरत नहीं है इन्हें सिर्फ ऊपर ऊपर से देखें अपनी गलतियों और कमियों पर ध्यान दें टेस्ट सीरीज हल करें यदि आप अपनी गलतियों और कमियों को सुधारने में कामयाब हो जाते हैं तो समझ लीजिए कि आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है शुरुआती लोगों के लिए यह बिल्कुल आसान नहीं है यही कारण है कि आपको सही मॉडल से तैयारी करनी चाहिए। UPSC exam content change preparation strategy in Hindi
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