विश्व खाद्य दिवस 16 अक्टूबर

World food day विश्व खाद्य दिवस 16 अक्टूबर

– भुखमरी है परेशानी 2030 तक इसे मिटाने की है ठानी 

-विश्व खाद्य दिवस (WFD)  हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, 1945 में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन की स्थापना की तारीख के सम्मान में विश्व खाद्य दिवस की स्थापना की गई थी। विश्व खाद्य दिवस की स्थापना संगठन के 20 वें जनरल सम्मलेन में नवंबर 1979 में एएफओ खाद्य और कृषि संगठन के सदस्य देशों द्वारा की गई थी। तब से हर साल यह दिवस 150 से अधिक देशों में मनाया जाता है, खाद्य और कृषि संगठन का उद्देश्य विश्व में भूख से पीड़ित लोगों के लिए कार्यवाही और जागरूकता को बढ़ावा देना है सभी के लिए खाद्य सुरक्षा और पौष्टिक आहार की आवश्यकता सुनिश्चित करना इसका उद्देश्य है। World food day in hindi

सबको भोजन मिलना भारत में मूल अधिकार –

भारत में भोजन मिलना लोगों का मूलभूत अधिकार है फिर भी भारत में हर साल 40% खाद्य पदार्थ किसी न किसी वजह से खराब हो जाते हैं या सड़ जाते हैं, भारत में विश्व खाद्य दिवस एक अवसर है जिसके माध्यम से कई गैर स्वैच्छिक संगठनों ने स्वस्थ भोजन खाने और शहरी भारत में फास्ट फूड से बचने के महत्व को उजागर किया है। स्वयंसेवकों ने भी बायो टेक्नोलॉजी नियामक प्राधिकरण ऑफ इंडिया सार्वजनिक परामर्श की मांग करते हुए सड़कों में नाटकों का आयोजन किया है, भोजन का अधिकार एक व्यक्ति का बुनियादी अधिकार है केवल अनाज से ही हमारी थाली पूरी नहीं बनती है, अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें विविधता पूर्ण भोजन अनाज दालें खाने का तेल सब्जियां फल अंडे दूध गुड और कंदमूल कि हर रोज़ जरूरत होती है ताकि कार्बोहाइड्रेट वसा प्रोटीन सूक्ष्म पोषक तत्वों की जरूरत को पूरा किया जा सके। देश में लगातार बढ़ती हुई आबादी के लिए अनाज की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए टिकाऊ खाद्य प्रणाली की आवश्यकता है।

खाद्य प्रणालियों का टिकाऊपन निश्चित करते समय हमें ना केवल अपनी मौजूदा आबादी के लिए पोषष्टिक अनाज पैदा करना है बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए क्षमता भी बनाए रखनी है खाद्य प्रणालियों के लिए खाद्य उत्पादकों के साथ-साथ खाद्य उपभोक्ताओं से प्रतिबद्धता की आवश्यकता है ताकि प्रत्येक स्तर पर पानी की एक बूंद जमीन के प्रत्येक इंच, उर्वरक के प्रत्येक दाने और मजदूरों के समय का सर्वाधिक लाभ उठाने के लिए संसाधनों का कुशलता पूर्वक उपयोग किया जा सके, व्यर्थ की पदार्थों को बहुमूल्य उर्वरक अथवा ऊर्जा के रूप में बदलकर और अनाज के नुकसान तथा बर्बादी को कम से कम रखकर सुधारा जा सकता है । World food day in hindi


-दुनिया में 80.5 करोड़ लोग हर दिन सोते हैं

भूखे विकसित देशों की अपेक्षा विकासशील देशों में भुखमरी ज्यादा है वर्ष 2050 में विश्व भर में लगभग 9 अरब जनसंख्या होने का अनुमान है जो खाद्यान्नों की तुलना में अधिक है इसलिए हमें खाद्यान्न को बचाने की जरूरत है। अगर प्रयास किया जाए तो लगभग 31 लाख बच्चों को भूख से बचा जा सकता है, विकासशील देशों में बच्चे कुपोषित ना रहे तो उस देश की जीडीपी में लगभग 16.5% का इजाफा होगा दुनिया भर में 80.5 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनके पास खाना नहीं है, एक तरफ दुनिया में ऐसे बहुत से लोगों के घरों में होटल में शादी और पार्टियों में बहुत ज्यादा खाना बर्बाद होता है और फेंक दिया जाता है वहीं दूसरी और बहुत बड़ी तादाद ऐसे लोगों की है जिनको एक रोटी के भी लाले पड़े हैं । World food day in hindi

-विश्व खाद्य दिवस हर साल एक नई थीम पर होता है

काम 1981 के बाद से विश्व खाद्य दिवस हर साल अलग-अलग थीम अपनाते हुए चिंताओं के सामान्य क्षेत्र को उजागर करना शुरू किया जिनके लिए ध्यान और कार्रवाई की आवश्यकता थी अधिकांश थीम खेती और कृषि के आसपास होती है क्योंकि यह माना जाता है कि स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए समर्थन के साथ कृषि में केवल निवेश से इस स्थिति को चारों ओर से बदल सकता है इस साल (2020) की थीम “Grow, nourish, sustain. Together. Our actions are our future.” है 2030 तक विश्व से भुखमरी खत्म करना संभव है तय की गई है भारत भोज्य पदार्थ का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है इसके अलावा दूध फल और सब्जियां तथा अनाज में अग्रणी राष्ट्र है दक्षिण अफ्रीका ने व्यापक रूप से राइट टू फूड भोजन का अधिकार दिया जबकि ब्राजील ने फोम जीरो कार्यक्रम का इस्तेमाल करते हुए संस्थागत प्रतिबद्धता के साथ देश के सभी लोगों को पोष्टिक भोजन उपलब्ध कराया ब्राजील ने लोक अभियोजक को स्थानीय स्तर पर भूख के मुद्दे को मानवाधिकार उल्लंघन के तौर पर उठाने की इजाजत दी युगांडा ने कुपोषण से निपटने को खाद्य सुरक्षा के लिए घर के मुखिया पर जुर्माने के साथ कानूनी जिम्मेदारी डाली इसके साथ ही शहरों में केंद्र बनाए जहां सब्सिडी वाला खाना मिलता है सप्लीमेंट्री न्यूट्रिशन स्कीम शुरू की गई जिससे भूख की समस्या को हल करने में मदद मिली भूख के खिलाफ सफलता तभी मिल सकती है जब राज्य सामाजिक संगठन तथा निजी क्षेत्र सभी स्तरों पर मिलकर लड़ाई लड़े और भूख अत्यधिक गरीबी और कुपोषण को शिकस्त दे । World food day in hindi

-40 साल पहले जैसे ही हालात हैं राष्ट्रीय पोषण निगरानी ब्यूरो रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण भारत का खानपान अब उससे भी कम हो गया है जैसा 40 वर्ष पहले था इसके अनुसार 1975 से 79 की तुलना में आज औसतन ग्रामीण भारतीय को 500 कैलोरी 13 ग्राम प्रोटीन, 5 मिलीग्राम आयरन, 250 मिलीग्राम कैल्शियम और करीब 500 मिलीग्राम विटामिन ए कम मिल रहा है। इसमें कहा गया है कि औसतन 3 वर्ष से कम उम्र के बच्चे प्रतिदिन 300 मिलीलीटर दूध की बजाय 80 मिलीलीटर दूध का उपयोग करते हैं संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन का आंकलन है कि पिछले 15 वर्ष में पहली बार भूख का आंकड़ा बढ़ा है कुपोषित लोगों की संख्या 2015 में करीब 78 करोड़ थी जो 2016 में बढ़कर 81 करोड़ हो गई है। World food day in hindi

    • -ग्लोबल हंगर रिपोर्ट 2019 के मुताबिक पिछले 17 सालों में 27% भुखमरी  विश्व में कम हो गई है 
    • ग्लोबल हंगर रिपोर्ट भारत इस रिपोर्ट में ब्रिक्स देशों में भी सबसे नीचे स्थान 102 पर है, इस रिपोर्ट में भारत को 30.3 अंक मिला है
    • -119 में 52 देश ऐसे हैं जहां भुखमरी की सबसे ज्यादा समस्या है 
    • -विश्व में हर 9 में से एक शख्स यानी 815 मिलियन लोग भुखमरी की चपेट में है 
    • -सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक चाड और सिएरा लियोन में सबसे कम भुखमरी है 
    • -21 मिलियन टन यानी 88800 करोड़ यानी हर दिन ₹244 के गेहूं की उत्पाद फेक दिए जाते हैं या बेकार हो जाते हैं 
    • -हर साल भारत को 225 से 230 मिलीयन टन खाने की जरूरत होती है 
    • -खाने की बर्बादी के कारण 300 मिलियन बैरल तेल भी बेकार चला जाता है 
    • -खाने की बर्बादी के कारण 25 फ़ीसदी पीने योग्य पानी भी बेकार हो जाता है 
    • -40% खाना बेकार हो जाता है
  • – कृषि मंत्रालय के मुताबिक 50000 करोड़ की कीमत का खाना हर साल फेंक दिया जाता है।

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