मानव विकास सूचकांक 2018
व्यक्ति के प्रत्येक पहलू से अवगत कराता है यह सूचकांक –
सूचकांक आधारित रिपोर्टों का विश्लेषण सूचकांक और रोजगार और निर्माण में प्रकाशित किया जा रहा है इस अंक में इस वर्ष की मानव विकास रिपोर्ट में जारी मानव विकास सूचकांक का विश्लेषण प्रस्तुत किया जा रहा है। समस्त सूचकांकों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और व्यापक जानकारियों वाला यह सूचकांक आपको मानव के विकास से जुड़े प्रत्येक पहलू से अवगत कराता है आइए जानते हैं क्या प्रमुख है इस सूचकांक में । मानव विकास सूचकांक (HDI )Human development Index
मानव विकास रिपोर्ट- 2018
इस वर्ष 14 सितंबर को जारी की गई मानव विकास रिपोर्ट 2018 में 189 देशों की मानव विकास सूचकांक में भारत का 130 वां स्थान रहा इस सूचकांक में भारत का एचडीआई मूल्य स्कोर 0.640 रहा जबकि पिछले वर्ष की रिपोर्ट में भारत 0.624 एचडीआई मूल्य के साथ 131 वे स्थान पर था ।इस सूचकांक में सबसे ज्यादा मानव विकास वाला देश नॉर्वे रहा जबकि सबसे नीचे 189 वे स्थान पर नाइजर रहा। यूएनडीपी की कंट्री हेड फ्रान्सिन पिक अप के मुताबिक भारत में मानव विकास सूचकांक का स्तर निरंतर प्रगति की ओर है विश्व स्तर पर सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने में भारत की बेहद बड़ी भूमिका है ।भारत द्वारा महिला पुरुष असमानता को खत्म करने का प्रयास तेजी से किया जा रहा है। मानव विकास सूचकांक (HDI )Human development Index
– मानव के व्यापक पहलुओं को समाहित करती है यह रिपोर्ट –
इस रिपोर्ट के अंतर्गत व्यक्ति और उसके विकास से जुड़े समस्त सामाजिक आर्थिक जैविक लैंगिक इत्यादि पहलुओं का अध्ययन किया जाता है इस तरह से हम मानव विकास से जुड़ी इस रिपोर्ट को व्यापक और बेहद सटीक मानते हैं। मानव विकास सूचकांक (HDI )Human development Index
-मानव विकास सूचकांक के चार समूह -इस रिपोर्ट के अंतर्गत मानव विकास की गुणवत्ता अथवा मूल्यों के आधार पर समस्त 189 देशों को चार समूहों में बांटकर प्रस्तुत किया गया है जो इस प्रकार से है –
1.जिन देशों का एचडीआई स्कोर 0.800से ज्यादा है उन्हें अत्यधिक उच्च मानव विकास की श्रेणी में रखा गया है ।
-उदाहरण नार्वे स्विट्जरलैंड ऑस्ट्रेलिया आयरलैंड जर्मनी जैसे शीर्ष देशों सहित इस वर्ष इस में कुल 59 देश शामिल है।
2.0.700-0.799 तक एचडीआई स्कोर वाले देशों को उच्च मानव विकास की श्रेणी में शामिल किया जाता है उदाहरण ईरान तुर्की मॉरीशस श्रीलंका जैसे कुल 53 देशों को इस रिपोर्ट में जगह मिली है ।
3. 0.550-0.699 तक एचडीआई वाले स्कोर वाले देशों को मध्य मानव विकास की श्रेणी में रखा जाता है उदाहरण इस श्रेणी में कुल 39 देश शामिल है जिन्हें भारत दक्षिण अफ्रीका मिश्र इंडोनेशिया वियतनाम जैसे उभरते हुए देश प्रमुख है। मानव विकास सूचकांक (HDI )Human development Index
4. 0.550 से एचडीआई स्कोर वाले देशों को निम्न मानव विकास की श्रेणी में रखा गया है ।उदाहरण नाइजर सेंट्रल अफ्रीकी गणराज्य दक्षिणी सूडान जैसे निम्न मानव विकास वाले कुल 38 देश इस श्रेणी में शामिल है।
– स्कोर से निर्धारित होती है रैंकिंग स्कोर से तत्पर्य संबंधित देश में मानव विकास के परिणामों से जुड़े आंकड़ों के गणितीय मान अथवा मूल्य से है इसमें जिस देश का स्कोर 1 से जितना ज्यादा नजदीक होगा उस देश की रैनकिंग उतनी ही बेहतर होगी। अर्थात उस देश में मानव विकास का स्तर उच्च होगा।
– एचडीआई की अवधारणा
-इस रिपोर्ट का प्रकाशन संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम यूएनडीपी द्वारा प्रत्येक वर्ष किया जाता है।
-, वर्ष 1990 से इस सूचकांक की शुरुआत हुई इस अवधारणा के प्रतिपादक अर्थशास्त्री महबूब उल हक थे तथा नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई थी।
– यूएनडीपी की स्थापना वर्ष 1956 में हुई थी इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है ।-यूएनडीपी द्वारा वर्ष 2010 से एचडी आई की गणना में नई प्रवृत्ति का प्रयोग किया जा रहा है।
– वर्ष 2010 के बाद से सूचकांक में यह प्रमुख परिवर्तन –
राष्ट्र की वास्तविक संपदा मानव विकास के मार्ग शीर्षक से 2010 में न्यूयॉर्क से प्रकाशित इस रिपोर्ट में मानव विकास के आकलन के लिए कुछ नई विधियां अपनाई गई इसमें साक्षरता और आय जैसे संकेतको में बदलाव करके सकल नामांकन दर व वयस्क साक्षरता दर को क्रमशः स्कूल अवधि की अनुमानित वर्ष व स्कूल अवधि के माध्य वर्ष से किया गया है । मानव विकास सूचकांक (HDI )Human development Index
इसके अलावा इन में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद की जगह प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय को लाया गया इसके अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय आय प्रभाव शामिल हो गई ।
-भारत की स्थिति पर एक नजर-
– प्रति व्यक्ति आय ₹468247
– जीवन प्रत्याशा 68.8 वर्ष
-स्कूल जाने की अनुमानित आयु 12 3 वर्ष
-स्कूल जाने की माध्य आयु -6 वर्ष
-असमानता समायोजित एचडीआई 0.468
-लैंगिक असमानता सूचकांक 127 वी रैंकिंग
-गरीबी 42.9%
– आत्महत्या की दर 3.2 प्रति एक लाख व्यक्तियों पर
-इंटरनेट यूजर्स कुल जनसंख्या के 29.5%
-प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन 1.7 टन
-ज़ी टीवी में आयात और निर्यात का हिस्सा 40.6%
-मोबाइल और संचार 29.5 प्रतिशत
-सूचकांकों का विवरण उच्चतम मानव विकास वाले शीर्ष पांच देश
देश रैंकिंग स्कोर
नॉर्वे 1 0.953
स्विट्ज़रलैंड 2 0.944
ऑस्ट्रेलिया 3 0.939
आयरलैंड। 4 0.938
जर्मनी। 5 0.936
निम्नतम मानव विकास वाले 5
देश
देश- रैंकिंग स्कोर
नाइजीरिया 189 0.354
सेंट्रल अफ्रीकन 188 0.367
रिपब्लिक
दक्षिण सूडान 187 0.388
चाड 186 0.404
बुरुंडी 185 0.417
जी-7 देशों की स्थिति –
देश रैंकिंग स्कोर
जर्मनी 5 0.936
कनाडा। 12 0.926
अमेरिका 13 0.924
यू के। 14 0.922
जापान। 19 0.909
फ्रांस 24 0.901
इटली 28 0.880
शीर्ष 10 में जगह पाने वाले एशियाई देश हांगकांग और सिंगापुर क्रमश 7 वे और नौवें स्थान पर रहे।
भारत के अलावा दक्षिण एशियाई देशों की स्थिति
देश – रैंकिंग स्कोर
श्रीलंका 76 0.770
भूटान 134 0.612
बांग्लादेश 136 0.608
नेपाल 149 0.574
पाकिस्तान 150 0.562
अफगानिस्तान 168 0.498
ब्रिक्स देशों की स्थिति
देश रैंकिंग स्कोर
रूस 49 0.816
ब्राजील 79 0.759
चीन 86 0.752
दक्षिणअफ्रीका 113 0.699
भारत 130 0.640
नोट इस सूचकांक में दक्षिण अफ्रीका और फिलीपींस दोनों संयुक्त रूप से 113 वी रैकिंग पर स्थित है।
-मिडिल ईस्ट देशों की स्थिति
देश रैंकिंग स्कोर
इजरायल 22 0.903
यूएई 34 0.863
कतर 37 0.856
सऊदी अरब 39 0.853
ओमान 48 0.821
कुवेत 56 0.803
इरान 60 0.798
तुर्की 64 0.791
जॉर्डन 95 0.735
मिश्र 115 0.696
नोट चार्ट के आंकड़ों के अनुसार हम देखते हैं कि मिडिल ईस्ट के देशों में खाड़ी के देश और इजराइल सबसे अच्छी स्थिति अत्यधिक उच्च मानव विकास की श्रेणी में है हालांकि इजराइल के पड़ोसी देश मिस्र मध्य मानव विकास और जॉर्डन उच्च मानव विकास सूचकांक में काफी नीचे स्थित है। यह स्थिति इन देशों में आतंकवाद शरणार्थी समस्या तथा गरीबी के चलते आए हैं । मानव विकास सूचकांक (HDI )Human development Index
क्षेत्र के आधार पर सामूहिक स्कोर और रैकिंग
रैंकिग क्षेत्र
1. यूरोप और मध्य एशियाई देश
रैंकिंग-0.771
2. लेटिन अमेरिका और कैरेबियाई देश
रैंकिंग-0.758
3.पूर्वी एशियाई देश
स्कोर-0.733
4. खाड़ी देशों का सामूहिक स्कोर
रैंकिंग-0.699
5.दक्षिण एशिया
रैंकिंग-0.638
6.सब सहारा क्षेत्र
रैंकिंग-0.537
-: नोट इस रिपोर्ट के मुताबिक 1990 से 2017 के बीच 45.3% की वृद्धि दर से दक्षिण एशिया सबसे तेजी से मानव का विकास करने वाला क्षेत्र है। इसके बाद पूर्वी एशिया प्रशांत तथा अफ्रिका का स्थान आता है ।
-क्या खास है इस रिपोर्ट में
-मार्शल आईलैंड को पहली बार इस सूचकांक में शामिल किया गया है नौरू उत्तरी कोरिया सोमालिया मोनाको और सन मरिनो को इस वर्ष सूचकांक में नहीं रखा गया ।
-इस रिपोर्ट में बताया गया है कि विश्व की संपत्ति का 80% धन दुनिया के मात्र 1% लोगों के पास है ।
-वर्ष 1990 से लेकर 2017 तक भारत के मानव विकास सूचकांक के मूल्यों में 50 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है इस बीच जीवन प्रत्याशा में 11 वर्ष की बढ़ोतरी हुई है साथ ही प्रति व्यक्ति आय में 266% की वृद्धि हुई और स्कूल जाने की दिशा में 4.7% वर्ष की बढ़ोतरी हुई । मानव विकास सूचकांक (HDI )Human development Index
-इस वर्ष वैश्विक एचडीआई स्कोर 0.728 तथा विश्व वृद्धि 22% रही।
– इस सूचकांक में विकासशील देशों का सामूहिक स्कोर 0.681तथा अल्पविकसित देश का सामूहिक स्कोर 0.524 रहा।
इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वर्ष 2012 से 17 के बीच मानव विकास सूचकांक में सबसे तेजी से उछाल लेने वाला देश आयरलैंड 13 रैंक का रहा है। इसके बाद बोत्सवाना डोमिनिका रिपब्लिक और तुर्की 8 रैंकिंग की उछाल लेकर दूसरे स्थान पर स्थित है ।वही सीरिया को इन वर्षों में 27 रैंकिंग की हानि हुई। इसके बाद लीबिया और यमन क्रमशः 26 तथा 20 रैंकिंग नीचे आए हैं ।
-लैंगिक असमानता सूचकांक इस रिपोर्ट में लैंगिक असमानता सूचकांक में प्रस्तुत किया गया है इसमें भारत 0.524 स्कोर के साथ 127 स्थान पर है महिला स्तर पर विश्व के एच डी आई स्कोर 0.705 है जो कि पुरुष वैश्विक एचडी स्कोर 0.749 से 5.9% कम है ।वैश्विक स्तर पर वर्ष 2017 का लैंगिक असमानता सूचकांक स्कोर0.444 है ।
लैंगिक असमानता सूचकांक में सबसे बेहतर 5 देशों में स्विट्जरलैंड पहले डेनमार्क दूसरे स्वीडन तीसरे नीदरलैंड्स चोथे तथा पांच स्थान पर बेल्जियम है। मानव विकास सूचकांक (HDI )Human development Index
– तीन संकेतको पर टिका है मानव विकास का मूल्यांकन –
इस रिपोर्ट का सबसे अहम हिस्सा इस के 3 संकेतक है जो इस प्रकार से हैं ।
(1)जीवन प्रत्याशा सूचकांक
(2) शिक्षा सूचकांक
(3) प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय सूचकांक
ऊपर दिए गए इन तीनों संकेतको का औसत अथवा ज्यामितीय माध्य ही मानव विकास सूचकांक कहलाता है ।वर्ष 2010 के बाद से तीनों सूचकांकों को अधिकतम और न्यूनतम अंकों में विभाजित करके मानव विकास की गणना की जा रही है ।
जैसे उत्तम जीवन प्रत्याशा 86.3 वर्ष और न्यूनतम जीवन प्रत्याशा 20 वर्ष
मानव विकास सूचकांक बराबर है वास्तविक मूल्य – न्यूनतम मूल्य उच्चतम मूल्य – न्यूनतम मूल्य
एचडीआई=जीवन प्रत्याशा+शिक्षा सूचकांक+जीएनआई
-जीवन प्रत्याशा सूचकांक
इसके अंतर्गत व्यक्ति के स्वास्थ्य और जीवन जीने की आयु संबंधी आंकड़ों की गणना की जाती है। किसी देश की उच्च जीवन प्रत्याशा उस देश की सुख समृद्धि और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदर्शित करती है ।
एलईआई = जन्म के समय वास्तविक जीवन प्रत्याशा – न्यूनतम जीवन प्रत्याशा अधिकतम जीवन प्रत्याशा – न्यूनतम जीवन प्रत्याशा
(2)शिक्षा सूचकांक
शिक्षा सूचकांक में दो तिहाई हिस्सा उच्च शिक्षा को एक तिहाई प्राथमिक द्वितीयक और तृतीयक स्कूलों में संयुक्त नामांकन दर को प्रदान किया गया है। इसके अंतर्गत दो घटकों की गणना की जाती है
(1) स्कूल जाने की अनुमानित आयु इसके अंतर्गत 5 वर्षीय बच्चे द्वारा स्कूल में बिताए गए कुल वर्ष आते हैं ।
(2)स्कूल जाने की माध्य आयु इसके अंतर्गत 25 वर्ष के एक व्यस्क द्वारा स्कूल में बिताए गए वर्ष अथवा समय अवधि की गणना की जाती है। मानव विकास सूचकांक (HDI )Human development Index
ईआई=वास्तविक शिक्षा स्तर- न्यूनतम शिक्षा स्तर उच्चतम शिक्षा स्तर – न्यूनतम शिक्षा स्तर
(3) प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय सूचकांक
इसमें प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय की गणना की जाती है।
जीएन आई= प्रति व्यक्ति आय – न्यूनतम प्रति व्यक्ति आय
उच्चतम प्रति व्यक्ति आय-न्यूनतम प्रति व्यक्ति आय
इस सूचकांक के अनुसार शीर्षतम देशों में जीवन प्रत्याशा 82वर्ष तक है ।और स्कूल में पढ़ने की संभावना 18 वर्ष तक है। वहीं इस रैंकिंग में सबसे नीचे स्थित अफ्रीकी देश नाइजर में जीवन प्रत्याशा मात्र 60 वर्ष तथा 5 वर्ष तक ही बच्चों के स्कूल जाने की संभावना है। मानव विकास सूचकांक (HDI )Human development Index
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