जानिए क्या है IBSA

इब्सा का अनिश्चित भविष्य इब्सा (India, Brazil, South Africa) –

IBSA Dialogue Forum details in Hindi
IBSA Dialogue Forum details in Hindi

इंडिया ब्राज़ील साउथ अफ्रीका 3 बड़े विकासशील देशों भारत ब्राजील तथा दक्षिण अफ्रीका का एक त्रिपक्षीय सहयोग मंच है यह तीनों ही देश तीन क्षेत्रों दक्षिण एशिया अफ्रीका तथा दक्षिण अमेरिका के सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश हैं। तथा तीनों देशों को उनके क्षेत्रों में एक क्षेत्रीय शक्ति के रूप में देखा जाता है इसके साथ ही इन तीनों देशों की गणना विश्व की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में भी की जाती है इसी कारण यह तीनों देश उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के संघठन ब्रिक्स के भी सदस्य देश हैं इब्सा IBSA Dialogue Forum (India, Brazil, South Africa) की स्थापना 2003 में इन 3 देशों के बीच आपसी सहयोग तथा ग्लोबल साउथ के एक मंच के रूप में की गई थी । उत्तर शीत युद्ध काल में दक्षिण के विकासशील देशों को ग्लोबल साउथ के नाम से जाना जाता है शीत युद्ध काल में विकासशील देशों को दक्षिण के नाम से जाना जाता था, क्योंकि यह सभी देश पृथ्वी के दक्षिण गोलार्ध में स्थित है इसी तरह अधिकांश विकसित देश उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। इसलिए इन्हें उत्तर के देशों के नाम से जाना जाता है इसलिए इब्सा का एक प्रमुख उद्देश्य विकासशील देशों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना था जिसे दक्षिण दक्षिण सहयोग के नाम से भी जाना जाता है संभवत सभी विकासशील देश इब्सा की स्थापना से उत्साहित भी थे लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इब्सा कई कारणों से पतन की ओर अग्रसर है इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि पिछले 15 वर्षों में इसके मात्र 5 शिखर सम्मेलन हुए हैं इसका 5 वा शिखर सम्मेलन 2011 में हुआ तथा छठवां शिखर सम्मेलन 2013 में दिल्ली में प्रस्तावित था लेकिन शिखर सम्मेलन कई बार स्थगित होने के बाद अभी तक संपन्न नहीं हो पाया है अब छठवां शिखर सम्मेलन 2019 में दिल्ली में प्रस्तावित है दूसरा प्रमाण है कि पिछले 7 वर्षों में इब्सा ने अपनी प्रगति की दृष्टि से सहयोगात्मक प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाने का कोई नया प्रयास भी नहीं किया है इब्सा की  यह गिरावट सभी विकासशील देशों के हितों की पूर्ति की दृष्टि से एक अशुभ संकेत हैं दूसरी तरफ विकासशील देशों के एक अन्य मंच गुटनिरपेक्ष आंदोलन की सक्रियता भी शिथिल हो गई ऐसी स्थिति में वर्तमान वैश्वीकृत विश्व में विकासशील देशों का कोई प्रभावी मंच अस्तित्व में नहीं है यद्यपि इब्सा को दोबारा प्रभावी बनाने के लिए प्रयास भी किए गए हैं उदाहरण के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सम्मेलन के अवसर पर 27 सितंबर 2018 को इब्सा के विदेश मंत्रियों की एक बैठक न्यूयॉर्क शहर में संपन्न हुई थी इस बैठक में इब्सा की गतिविधियों को सक्रिय बनाने पर चर्चा हुई थी लेकिन अभी इसके सकारात्मक परिणाम आने बाकी है । IBSA Dialogue Forum details in Hindi

इब्सा संगठन तथा उद्देश्य –

उत्तर शीत युद्ध काल में इब्सा के गठन का विचार तीनों देशों के शासन अध्यक्षों की 2003 में फ्रांस के शहर एवियन में हुए अनौपचारिक विचार-विमर्श का परिणाम है इस विचार को मूर्त रूप देने के लिए भारत तथा दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्रियों की एक बैठक 6 जून 2013 को ब्राजील की राजधानी ब्राजीलिया में संपन्न हुई इस बैठक में इब्सा के उद्देश्यों पर विचार विमर्श कर ब्राजीलिया घोषणा को जारी किया यही घोषणा की स्थापना का आधार है। इस घोषणा में इस प्रस्तावित संगठन का नाम डायलॉग फॉर्म रखा गया इब्सा की सबसे महत्वपूर्ण ताकत इस बात में नहीं थी कि इसमें तीन बड़े महाद्वीपों की 3 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में 3 देशों के आपसी सहयोग के साथ दक्षिण दक्षिण सहयोग को एक नई दिशा देने की उम्मीद की गई थी। इब्सा का अपना कोई संविधान नहीं है ब्राजीलिया घोषणा तथा इब्सा की गतिविधियों के आधार पर उद्देश्य स्पष्ट होते हैं इब्सा के सदस्य देशों के मध्य विभिन्न क्षेत्रों से व्यापार निवेश कृषि जलवायु परिवर्तन स्वास्थ्य शिक्षा विज्ञान और तकनीकी आदि में सहयोग का विस्तार करना । IBSA Dialogue Forum details in Hindi

-इसमे इब्सा IBSA Dialogue Forum (India, Brazil, South Africa) के सदस्य देशों के मध्य सूचना अंतरराष्ट्रीय उत्तम व्यवहार तकनीकी ज्ञान के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना था एक दूसरे की प्रतियोगिताओं को पूरक और एकीकृत रूप से आगे बढ़ाना भी शामिल है दक्षिण दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देना क्योंकि इब्सा कि तीनों सदस्य देश विकासशील देशों की श्रेणी में आते हैं तथा तीन महाद्वीपों के विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व करते हैं ।दूसरे शब्दों में विश्व के तीन क्षेत्रों दक्षिण एशिया अफ्रीका तथा दक्षिण अमेरिका के मध्य व्यापार तथा निवेश अवसरों का विकास करना तथा अंतर्राष्ट्रीय गरीबी निवारण तथा सामाजिक विकास को बढ़ावा देना अंतर्राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों में इब्सा के सदस्यों में सहयोग और सामंजस्य स्थापित करना तथा विभिन्न वैश्विक मंच पर विकासशील देशों के हितों का प्रतिनिधित्व करना वर्तमान में मानवाधिकारों का उल्लंघन सुरक्षा परिषद में सुधार गरीबी निवारण तथा विकास जलवायु परिवर्तन विश्व व्यापार बताएं आदि मुद्दे विश्व के एजेंडा में शामिल है। उल्लेखनीय है कि इब्सा द्वारा अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए समय-समय पर शिखर सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है अब तक इसके 5 शिखर सम्मेलन आयोजित हो चुके हैं दक्षिण दक्षिण सहयोग को बढ़ाने तथा गरीब देशों में विकास की गति को मजबूती प्रदान करने के लिए कई कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया है इंशा की एक महत्वपूर्ण पहल 2003 में गरीब देशों में गरीबी और भुखमरी को कम करने के लिए इब्सा फंड फैसिलिटी का सृजन किया गया इस फंड के अंतर्गत कई गरीब देशों जैसे बुरुंडी फिलिस्तीन गायना बिसाऊ आदि में विकास कार्यक्रमों को लागू किया गया इसके अलावा त्रिपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए भी इब्सा द्वारा पहल की गई है इब्सा ने अपने उद्देश्यों को ध्यान में रखकर आरंभ के एक दशक में सराहनीय कार्य किया इसने ना केवल तीनों देशों के बहुआयामी सहयोग को प्रोत्साहित किया बल्कि दक्षिण दक्षिण सहयोग और विभिन्न मंचों पर विकासशील देशों की आवाज उठाने का भी काम किया लेकिन पिछले कुछ वर्षों से निम्न कारणों से निम्न चुनौतियों का सामना कर रहा है । IBSA Dialogue Forum details in Hindi

– यदि अभी तक की इब्सा IBSA Dialogue Forum (India, Brazil, South Africa) की सहयोगात्मक गतिविधियों की समीक्षा की जाए तो स्पष्ट है कि इसके 3 सदस्यों के बीच सहयोग कार्यक्रम चला है वह त्रिपक्षीय ना होकर पूर्व की भांति द्विपक्षीय ही बना हुआ है इससे इब्सा की सार्थकता पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है त्रिपक्षीय संगठन से त्रिपक्षीय सहयोग का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है इसी तरह जहां तक दक्षिण दक्षिण सहयोग को आगे बढ़ाने का प्रश्न है इब्सा की योजनाओं में निरंतरता का अभाव है । दक्षिण दक्षिण सहयोग का विचार मुख्यत इब्सा की योजनाओं तक सीमित रह गया है वर्तमान में इब्सा के पास दक्षिण दक्षिण सहयोग का कोई ठोस कार्यक्रम नहीं है इब्सा की सबसे बड़ी कमजोरी यह सामने आई है कि उसके 3 सदस्यों में विभिन्न वैश्विक मामलों में मत तथा सहमति का अभाव है इसका कारण यह है कि विश्व कृत युग में इन तीनों देशों के हित अलग अलग है यदि पिछले एक दशक में इन देशों की व्यापारिक गतिविधियों की समीक्षा की जाए तो स्पष्ट होता है कि उनके आपसी व्यापारिक संबंधों की तुलना में विकसित देशों के साथ इनके व्यापारिक संबंध अधिक व्यापक हैं उदाहरण के तौर पर 2008 में दोहा चक्र के अंतर्गत संपन्न हुए विश्व व्यापार संगठन के सम्मेलन में जहां भारत ने विकासशील और गरीब देशों के कृषि हितों को सुरक्षित करने के लिए विशेष सुरक्षा उपायों का प्रस्ताव में शामिल किया वहीं ब्राजील ने अपने प्रस्ताव में विशेष उपायों को शामिल नहीं किया तथा उसका प्रस्ताव इस संबंध में विकसित देशों के अधिक अनुकूल थे । इस तरह के विरोधाभासी दृष्टिकोण का मूल कारण था कि जहां भारत ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए अपने कृषि बाजार को विदेशी आयात के लिए पूरी तरह से नहीं खोलना चाहता हूं वही ब्राजील अपनी कृषि उत्पादों की पहुंच अमेरिका के बाजार में पाने के लिए इस विचार से सहमत नहीं है इसी तरह से अन्य चुनौतियां जैसे जलवायु परिवर्तन आतंकवाद को लेकर भी इन देशों में मतभेद बना हुआ है भारत पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है इसलिए इस संबंध में भारत का दृष्टिकोण अधिक कठोर है जबकि ऐसा के अन्य सदस्य इस मामले में अधिक रुचि का प्रदर्शन नहीं करते इसी तरह जलवायु परिवर्तन वार्ताओं में भारत विकासशील और गरीब देशों के हितों का प्रबल हिमायती है जबकि दक्षिण अफ्रीका का दृष्टिकोण विकसित देशों के अधिक अनुकूल है। इसके साथ ही भारत तीनो देशो में परमाणु शक्ति संपन्न देश है तथा क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है दक्षिण अफ्रीका के समक्ष चुनौती नहीं है निशस्त्रीकरण के मामले पर इन दोनों का दृष्टिकोण भारत से अलग है। IBSA Dialogue Forum details in Hindi 

IBSA Dialogue Forum (India, Brazil, South Africa) निष्कर्ष :-

इब्सा के तीनों सदस्य देशों के आपसी हितों में अंतर के कारण उनके दृष्टिकोण में अंतर आ गया है इससे तीनों के बीच आपसी सहयोग का मार्ग बाधित हुआ है दक्षिण अफ्रीका अपनी स्थिति के अनुसार अफ्रीका महाद्वीप को अपने राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव का स्वभाव क्षेत्र मानता है लेकिन वर्तमान में अमेरिका महाद्वीप में ब्राजील और भारत के साथ साथ चीन की प्रभावी आर्थिक उपस्थिति के कारण इन देशों के बीच निवेश और व्यापार की तीव्र प्रतियोगिता चल रही है । यह सभी देश अफ्रीका में अपने अपने प्रभाव का विस्तार कर रहे हैं दक्षिण अफ्रीका इन देशों के प्रभाव को लेकर चिन्हित है दक्षिण दक्षिण सहयोग को इब्सा का एक प्रमुख लक्ष्य माना गया है लेकिन इब्सा के तीनों देशों की वर्तमान स्थिति यह है कि विकासशील देशों के साथ इनकी आर्थिक संबंध अधिक मजबूत नहीं हो पाए हैं। इसका सबसे प्रमुख कारण यह है कि विश्व वितरण के वर्तमान युग में इब्सा के तीनों सदस्यों के व्यापारिक और निवेश संबंध विकसित और धनी देशों के साथ अधिक घनिष्ठ है भारत ब्राजील तथा दक्षिण अफ्रीका तीनों देशों की उदारवादी अर्थव्यवस्था में विश्व व्यवस्था के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है जिसमें गरीब देशों के साथ इनके व्यापारिक संबंधों की अधिकांश गुंजाइश नहीं है इससे दक्षिण दक्षिण सहयोग को मजबूत बनाने का लक्ष्य प्रभावित हुआ है इब्सा की तीनों सदस्य देश एक अन्य आर्थिक सहयोग संगठन ब्रिक्स के भी सदस्य हैं। ब्रिक्स में इन तीनो देशों के साथ साथ चीन तथा रूस भी शामिल है तथा यह एक बड़ा मंच है इसलिए इब्सा का महत्व कम हो रहा है इसी तरह यह तीनों सदस्य देश अन्य विकसित देशों के साथ जी-20 नामक समूह के सदस्य हैं जिसकी नीतियां और कार्यक्रम विश्व व्यवस्था के विकास और प्रबंधन को ध्यान में रखकर तैयार किए जाते हैं तथा वे इब्सा की नीतियां तथा कार्यक्रमों से अलग हैं । IBSA Dialogue Forum details in Hindi

-इब्सा IBSA Dialogue Forum (India, Brazil, South Africa) को पुनर्जीवित करने के प्रयास इसमें कोई संदेह नहीं है कि वैश्वीकरण के वर्तमान समय में विकासशील देशों के एक प्रभावी मंच के रूप में इसे मजबूत किए जाने की आवश्यकता है इसमें दक्षिण दक्षिण सहयोग को आगे बढ़ाने के साथ-साथ विश्व स्तर पर विकासशील देशों के हितों का प्रतिनिधित्व भी हो सकेगा इस संबंध में प्रयास भी किए गए हैं इन प्रयासों में 27 सितंबर 2018 को तीनों देशों के विदेश मंत्रियों की न्यू यॉर्क में संपन्न हुई बैठक का विशेष महत्व है इस बैठक में व्यापक विचार-विमर्श के बाद जो संयुक्त घोषणा की जा रही है इसमें इब्सा के लिए एक नई उम्मीद दिखाई देती है इस संयुक्त घोषणा के महत्वपूर्ण बिंदु निम्न है इस घोषणा में इब्सा के आधारभूत मूल्य जैसे सहभागी लोकतंत्र मानवाधिकारों का सम्मान विधि का शासन आदि को रेखांकित किया गया तथा दक्षिण के देशों के हितों की पूर्ति में इब्सा के सामरिक महत्व को दोहराया गया यह भी कहा गया कि विकासशील देशों के हितों का समर्थन करने के लिए वैश्विक प्रबंधन की वर्तमान संस्थाओं को अधिक समावेशी तथा लोकतांत्रिक बनाया जाना आवश्यक है। IBSA Dialogue Forum details in Hindi

-इब्सा IBSA Dialogue Forum (India, Brazil, South Africa) की त्रिपक्षीय मंत्री आयोग की अक्टूबर 2017 में डरबन में संपन्न आठवीं बैठक में इस प्रस्ताव को दोहराया गया कि इब्सा तीन स्तरों पर सहयोग को आगे बढ़ाएगा तीनों देशों के मध्य सहयोग इब्सा तथा विकासशील देशों के मध्य सहयोग तथा विभिन्न विश्व एक मंच पर सदस्य देशों के बीच राजनीतिक सहयोग और समन्वय ।न्यूयॉर्क बैठक में दक्षिण दक्षिण सहयोग पर जून 2018 में प्रिटोरिया में जारी घोषणा पत्र में बताया गया तथा मार्च 2019 में भी ब्यूनस आयर्स उसमें संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में हो रहे दक्षिण दक्षिण सम्मेलन के आलोक में प्रिटोरिया घोषणा की सार्थकता स्वयंसिद्ध है इब्सा के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने इस मांग को भी दोहराया कि विश्व व्यापार संगठन के तत्व में चल रही दोहा व्यापार वार्ताओं का मूल विषय गरीब देशों का विकास है और इन वार्ताओं में विकास को केंद्र में रखा जाए तथा एक समावेशी और नियम आधारित विश्व व्यापार व्यवस्था की स्थापना का प्रयास किया जाए इसके अलावा न्यूयॉर्क सम्मेलन में मंत्रियों ने विभिन्न विषयों जैसे जलवायु परिवर्तन तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार आदि की दृष्टिकोण को स्पष्ट किया। इसमें कहा गया कि इब्सा सुरक्षा परिषद के विस्तार का हिमायती है तथा जलवायु परिवर्तन समझौते में विकासशील और गरीब देशों के हितों को सुरक्षित करने पर विशेष ध्यान दिया जाए इस बात में कोई संदेह नहीं है कि इब्सा का अस्तित्व विकासशील देशों के मंच के रूप में अत्यंत महत्वपूर्ण है दक्षिण दक्षिण सहयोग को नया स्वरूप देने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर विकासशील देशों के हितों का संगठित प्रतिनिधित्व कर सकता है इसे मजबूत बनाने की आवश्यकता है लेकिन इसके 3 सदस्य देशों के बीच आपसी हितों में सामंजस्य नहीं है इसके अलावा वैश्वीकृत विश्व में इन देशों के आर्थिक हित और संबंध विकासशील देशों की तुलना में विकसित और धनी देशों के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ गए हैं ।इसलिए इब्सा को मजबूत बनाने के लिए सबसे बड़ी बात यह है कि इन तीनों उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के बीच सामंजस्य बनाने के साथ-साथ विकासशील देशों के बीच साझेदारी को भी सशक्त बनाया जाए उसका विस्तार किया जाए तभी इब्सा अपने मजबूती  के साथ अपनी सार्थकता सिद्ध कर सकता है। IBSA Dialogue Forum details in Hindi


Related post :-

 

 

error: Content is protected !!
Don`t copy text!