विश्व जल दिवस UPSC विशेष 

विश्व जल दिवस UPSC विशेष 

-विश्व की लगभग 400 करोड़ जनसंख्या भौतिक रूप से जल दुर्लभ क्षेत्रों में रख रही है 84.4 करोड़ लोगों को अपने घर के निकट स्वच्छ जल का स्रोत उपलब्ध नहीं है वैश्विक स्तर पर जल संकट बढ़ता जा रहा है इसके बावजूद विश्व स्तर पर आज से 100 वर्ष उपभोग किए गए जल्द से लगभग 6 गुना जल उपयोग किया जा रहा है जो जनसंख्या की वृद्धि बढ़ते शहरीकरण और औद्योगीकरण खान पान की आदतों में परिवर्तन और उपभोग आदतों में आए परिवर्तनों का परिणाम है स्थिति इस सीमा तक है कि यदि विश्व में उपलब्ध समस्त जल को एक बाल्टी में भर लिया जाए तो उसमें से केवल चाय के प्याले के बराबर की ताजा जल उपलब्ध होगा और उसमें से मात्र 1 चम्मच जल ही हमें उपयोग के लिए प्राप्त हो सकेगा । significance of world water day in hindi

ताजे पानी की झील और नदियां भूमिगत जल स्रोतों से सिद्धांत रूप से हमारे सारे विश्व के लोगों की दैनिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है लेकिन पीने भोजन पकाने नहाने धोने और दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ताजे और स्वच्छ जल तक आपकी पहुंच कितनी है इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन है और कहां पर रह रहे हैं ऐसे ही अनेक प्रश्न का उत्तर खोजती वैश्विक गैर-लाभकारी संगठन वाटर एंड द्वारा विश्व जल दिवस 22 मार्च 2019 के अवसर पर जारी रिपोर्ट बिनिथ द सरफेस द स्टेट ऑफ द वर्ल्ड वाटर 2019 रिपोर्ट स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दे रही है कि विश्व जल संकट हो ज्वालामुखी के मुहाने पर खड़ा है यदि देशों की सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर अथवा सामाजिक स्तर पर कोई सकारात्मक शुरुआत नहीं की तो विश्व की बहुत बड़ी जनसंख्या के समक्ष जीवित रहने का संकट उत्पन्न हो जाएगा जल दुर्लभता नीति निर्माताओं सत्तासीन राजनीतिज्ञों और पर्यावरणविद के लिए इतना ही जान लेना पर्याप्त है कि वैश्विक स्तर पर 9 में से एक व्यक्ति के घर के पास स्वच्छ जल का कोई स्रोत नहीं है भारत भी गंभीर जल संकट के दौर से गुजर रहा है जहां लगभग 100 करोड लोग वर्ष में कम से कम एक बार जल की कमी से प्रभावित होते हैं लगभग 60 करोड़ लोग उच्च से अधिक जल तनाव वाले क्षेत्रों में रह रहे हैं जल दुर्लभता दो रूपों में विद्यमान है  significance of world water day in hindi

-जल की भौतिक दुर्लभता का अर्थ है कि लोगों को उनके घरों के आसपास प्रयोग ना होना 

-जल की सामाजिक आर्थिक दुर्लभता से आशय है कि स्वच्छ और ताजा जल है लेकिन पर्याप्त निवेश और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी की वजह से लोगों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप उपलब्ध नहीं हो पाता यदि राष्ट्र की जल संपदा और निर्धनता का मापन किया जाए पीने योग्य जल तक पहुंच के रूप में नहीं बल्कि जल सघन खाद्य पदार्थों वस्त्र और कपड़ा तथा अन्य उत्पादों के रूप में तो तथाकथित आभासी जल जिसका प्रयोग फसलों को उगाने तथा मानव उपयोग की लगभग प्रत्येक वस्तु के उत्पादन में प्रयुक्त किया जाता है की उपलब्धता में व्याप्त विषमता अधिक गंभीर हो जाती है धनाढय राष्ट्र विकास शील और निर्धन राष्ट्रों से जलसघन वस्तुओं को बड़े पैमाने पर आयात करने में सक्षम है इससे निर्यातक निर्धन देशो की आर्थिक समृद्धि में तो सुधार होता है लेकिन उनमें जल स्त्रोतों के अति दोहन के चलते जल संकट गंभीर से गंभीर  होता जाता है यदि संपोषणीय रूप से उत्पादन तंत्र का रूपांतरण नहीं किया जाता तो विश्व के निर्धनता राष्ट्र अपनी आर्थिक विकास दर में तेजी लाने के लिए निर्यात हेतु जल सघन उत्पादों का उत्पादन करते रहेंगे भले ही उनकी स्वयं की जनता को अपनी बुनियादी आवश्यकता को पूरा करने के लिए यथा उचित मात्रा में स्वच्छ और ताजा जल उपलब्ध नहीं हो इसका सर्वाधिक प्रतिकूल प्रभाव हाशिए पर धकेल दिए गए लोगों पर पड़ेगा विशेष तौर पर शारीरिक दृष्टि से अक्षम या कमजोर लोगों पर या फिर उनके ऊपर परिवार के अन्य लोगों बच्चों को और वृद्ध बीमारी की देखभाल करने का दायित्व है । significance of world water day in hindi

-जल दुर्लभता का प्रभाव

जल दुर्लभता से जुड़ी अनेक विडंबना ओं की और वाटर एंड की 2019 की रिपोर्ट संकेत करती है विश्व की लगभग 60% जनसंख्या एशिया और मध्यपूर्व में निवास करती है लेकिन इसकी पहुंच विश्व की वर्षा जल की एक तिहाई भाग तक की है दक्षिण अमेरिका में विश्व की मात्र 6% जनसंख्या रहती है लेकिन विश्व की कुल वर्षा जल का लगभग 25% इस क्षेत्र के लोगों द्वारा प्राप्त होता है इसी प्रकार की विषमताए विभिन्न देशों के भीतर देखने को मिलती है उदाहरण भारत की गुजरात महाराष्ट्र तेलंगाना छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के कुछ भाग प्रतिवर्ष सूखे से प्रभावित होते हैं जल की उपलब्धता राष्ट्र  और व्यक्तियों पर प्रभाव डालती है और उनकी संपत्ति से प्रभावित भी होती है इसके कारण निर्धन और हाशिए पर खड़े लोग एक कुचक्र में फंसे रहते हैं व्यक्तियों और परिवारों को स्वच्छ और ताजा जल यथोचित मात्रा में उपलब्ध ना हो पाने के कारण वे या तो कमजोर और बीमार रहते हैं या स्वच्छ जल संग्रहण हेतु अपना श्रम लगाते हैं जिसे अन्यथा आय अर्जन में लगाया जा सकता है शासन तंत्र की एक जीवंत वास्तविकता है कि समाज की निर्धन समुदाय राजनीतिक प्रभाव के बिना अधिकारियों और उपयोगिता कंपनियों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए राजी नहीं कर पाते इसके विपरीत साधन संपन्न समुदाय को आसानी से  स्वछ जल मुहैया कराया जाता है भारत जैसे विकासशील देशों के शहरी क्षेत्रों में साधन संपन्न परिवारों में सबम्सर्विल पंप लगा लेना आम बात हो गई है । significance of world water day in hindi

-आभासी जल द्वारा जल संपत्ति और निर्धनता को प्रभावित करना

– आभासी जल वह जल है जिसका प्रयोग खाद्य पदार्थ दलहन तिलहन फलों सब्जियों आदि को उगाने गन्ना कपास पटसन आदि कच्चे माल को उगाने अनेक औद्योगिक कारखानों को चलाने के लिए उपयुक्त करते हुए इन पदार्थों का निर्यात किया जाता है किसी उत्पाद के सृजन हेतु जितने जल की आवश्यकता होती है उसका जल फुटप्रिंट कहा जाता है उदाहरण की तौर पर प्रातः काल एक कप कॉफी तैयार करने के लिए मात्र 125 मिलीलीटर जल की ही आवश्यकता दिखाई देती है लेकिन इसमें प्रयुक्त कॉफी के दानों को उगाने के लिए कॉफी के पेड़ों की सिंचाई दानों के प्रसंस्करण आदि के लिए लगभग 1000 गुना लगभग 132 लीटर जल खर्च होता है नहाने धोने और

अन्य नैतिक कार्य करने के लिए भौतिक रूप से जितना जल खर्च होता है आभासी जल की मात्रा उससे कई गुना अधिक होती है वाटर एड की रिपोर्ट के अनुसार यूनाइटेड किंग्डम में जल की भौतिक मात्रा में यदि विभिन्न वस्तुओं के उत्पादन में प्रयोग किए जाने वाले जल की मात्रा को भी जोड़ लिया जाए तो यह मात्रा 75 अरब घन मीटर 3400 मीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन हो जाती है पीने भोजन पकाने कपड़े धोने शौचालय को फ्लश करने जैसी नैतिक क्रियाओं में कुल जल उपभोग का छोटा सा भाग ही प्रतिदिन व्यक्ति खर्च होता है यूनाइटेड किंग्डम प्रतिवर्ष अपना 75% आभासी जल अन्य देशों से आयात करता है यह अनुपात जल दुर्लभता और जल की लवणता को दूर करने की निर्भरता वाले संयुक्त अरब अमीरात की कुल जल मांग के समतुल्य है । significance of world water day in hindi

-वैश्विक व्यापार में आभासी जल का योगदान एक मोटे अनुमान के अनुसार वैश्विक स्तर पर लगभग 22% जल का प्रयोग निर्यात हेतु वस्तु के उत्पादन पर खर्च होता है इस से भले ही निर्यातक देशों को विदेशी मुद्रा प्राप्त होती हो उनकी राष्ट्रीय आय और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती हो लेकिन इससे जहां निर्यातक देशों के जल संसाधनों का अति दोहन होता है वहीं आयातक देशों में जल की अपेक्षाकृत कम मात्रा खर्च होती है वहां के लोगों को विदेशों से आयातित भोजन और कपड़े आदि सस्ते मूल्य पर प्राप्त होते हैं।

– जल फुट फ्रंट किसी भी मद का जल फुट फ्रंट तीन विभिन्न प्रकार की जल से मिलकर निर्धारित होता है 

-हरित जल मृदा में मौजूद नमी

–  नील जल झीलों नदियों और भूमि के नीचे से जल निकाल कर सिंचाई हेतु प्रयुक्त किया जाने वाला जल

– मटमैला जल उत्पादन प्रक्रिया में उत्पन्न प्रदूषण को कमजोर बनाने के लिए आवश्यक जल 

-वर्षा अधीन फसलें मोटे तौर पर घरेलू या उद्योगों से उनके लिए आवश्यक या उपलब्ध जल के मामले में प्रतिस्पर्धा नहीं करती लेकिन कम वर्षा के कारण सूखा आदि पड़ने पर कम उपज और अंत में कृषकों के लिए नीचीे आए के रूप में परिलक्षित होती है सिंचाई के लिए नील जल स्त्रोतों से आता है जहां से घरेलू उपयोग हेतु आता है मांग अधिक और आपूर्ति कम होने पर जल संकट उत्पन्न होना स्वभाविक है

– आभासी जल के स्रोत एक आदर्श बाजार व्यवस्था तो यह हो सकती है कि जहां आभासी जल व्यापार के द्वारा उपलब्धता और जन्म की मांग के बीच संतुलन स्थापित हो अर्थात जिन देशों में जल की सर प्लस मात्रा उपलब्ध हो वहां ऐसी फसलें का उत्पादन किया जाए जिनके लिए जल की आवश्यकता अधिक आवश्यक होती है ऐसी फसलों को जल दुर्लभता वाले देशों को निर्यात किया जाए लेकिन विगत दो शताब्दियों के दौरान अंतरराष्ट्रीय व्यापार की प्रकृति इस प्रकार की रही है कि जल दुर्लभता वाले देशों से ही वस्तु का निर्यात सर प्लस जल वाले देशों को किया गया है गंगा जमुना के दोआब से प्राकृतिक वर्षा से 50 गुना अधिक  जल प्रयोग किया गया है significance of world water day in hindi

-भारत में जल संकट 2000 और 2010 के बीच भूमिगत जल स्त्रोतों में 23% ह्रास

– भूमिगत जल का निर्यात करने वाला विश्व का तीसरा सबसे बड़ा देश वैश्विक निर्यात में 12% हिस्सेदारी 

-वैश्विक भूमिगत जल का 24% करने वाला विश्व का शीर्ष देश

– भारत की लगभग 1 अरब जनसंख्या जल की दुर्लभता से प्रभावित है 600 मिलियन लोग अधिक तनाव वाले क्षेत्रों में रह रहे हैं 

-88% परिवार के निकट जल स्त्रोत उपलब्ध नही है लेकिन देश के 75% घरों के भीतर स्वयं को जल स्रोत नहीं है 

-70% पेय जल दूषित है 

वैश्विक स्तर में भूमि के नीचे के जल स्तर में 2000 से 2010 के बीच की अवधि में 22% से अधिक की गिरावट हुई है इस गिरावट से निम्न फसलों की भूमिका ही सर्वाधिक है 

-गेहूं भूमिगत जल में कमी लाने में गेहूं की फसल का हिस्सा 22% है गेहूं का वैश्विक औषध फुटप्रिट 1827 लीटर प्रति किलोग्राम है

– चावल विश्व की सिंचाई जल का 40% खपत करता है विश्व भूमिगत जल ह्रास में चावल का हिस्सा 17% और विश्व औसत फुटप्रिंट 2500 लीटर प्रति किलोग्राम है 

-शतावरी साग 2150 लीटर औसत फुटप्रिंट प्रति किलोग्राम के साथ इसे प्यासी सब्जी कहा जाता है यह देश के ऐसे क्षेत्रों में उगाई जाती है जहां औसत वार्षिक वर्षा मात्र 2.5 सेंटीमीटर ही है 

-रुचिरा इसका औसत फुटप्रिंट 2000 लीटर प्रति किलोग्राम है इसी चिली के मरुस्थलीय क्षेत्र पेटोका में उगाया जाता है एक हेक्टर रुचिरा उगाने के लिए 100000 लीटर जल की आवश्यकता होती है।

-कपास कपास को भी प्यासी फसल कहा जाता है कपास की खेती कई क्षेत्रों को सूखाग्रस्त बना रही है 

-संभावित समाधान सन 2030 तक विश्व के प्रत्येक व्यक्ति को प्रत्येक निवास स्थान पर उनकी आवश्यकता के अनुरूप स्वच्छ जल उपलब्ध हो

-स्वच्छ जल को मानवाधिकार का दर्जा देना सरकार की प्राथमिकता में हो 

-व्यवसाय और निवेशकों को जल दुर्लभता को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करना चाहिए 

-कंपनियों को जल पर उनकी गतिविधियों के प्रभाव की जांच करनी चाहिए 

-खुदरा विक्रेताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्वच्छ जल की आपूर्ति संपोषणीय स्त्रोतों से होती है 

-उपभोक्ताओं को इस मुद्दे पर विचार करना होगा कि वे जो कुछ भी प्रयोग कर रहे हैं जल के रूप में उसकी लागत कितनी है। significance of world water day in hindi


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