अग्निशमन दिवस 14 अप्रैल (National Fire Service Day)

अग्निशमन दिवस 14 अप्रैल (National Fire Service Day)

-एक महत्वपूर्ण और प्राथमिक नागरिक सेवा है अग्निशमन विदेशी आक्रमण और आतंकी हमलों से देश के नागरिकों की रक्षा में राष्ट्रीय सेनाएं स्वयं की जान जोखिम में डालकर और कहीं युद्ध अभियान में प्राण उत्सर्ग करके  जिस प्रकार देश की आजादी और संप्रभुता का सरंक्षण करती है उसी प्रकार देश का अग्निशमन सेवा संगठन भी अग्नि प्रभावितों की जान बचाने की जोखिम भरे कार्यों को जिस साहस और दक्षता के साथ अंजाम देते हैं उससे अग्निशमन सेवा को भी एक महत्वपूर्ण और प्राथमिक नागरिक सेवा में गिना जाता है और एक सैनिक के समान एक अग्निशमन कर्मी भी वक्त आने पर अपनी जान तक गंवा देता है उनके इस आत्मउत्सर्ग की महान अवदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन के लिए ही अग्निशमन के एक बड़े अभियान को अग्निशमन दिवस के रूप में स्थापित किया गया वर्ष 1944 में 14 अप्रैल को मुंबई बंदरगाह में मालवाहक जहाज में जिसमें रुई की गांठे युद्ध उपकरण और विस्फोटक सामग्री भरी थी उसमें अचानक आग लग गई जिससे उसे बुझाने गए अग्निशमन दल के 66 अग्निशमन कर्मी वीरगति को प्राप्त हो गए थे उन शहीद अग्निशमन कर्मियों को श्रद्धांजलि देने और उनके प्राणों के पुण्य स्मरण के लिए इस दिन अर्थात 14 अप्रैल को राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस मनाने का निर्णय लिया गया यह दिवस इसी नाम से तब से पूरे देश में मनाया जाता है। अग्निशमन दिवस 14 अप्रैल

– अग्नि दुर्घटनाओं से बचाव के लिए जनजागृति लाता है अग्निशमन दिवस अग्निशमन दिवस के अंतर्गत नागरिकों को अग्नि से बचाव तथा सावधानी बरतनी जागृत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है देश में अग्निशमन सेवाओं के प्रति जनसामान्य में विश्वास जगाने के लिए अग्निशमन दिवस के साथ सप्ताह भी बनाया जाता है इस विशेष दिवस और सप्ताह का उद्देश्य नागरिकों को अग्निकांडो से होने वाली क्षति के प्रति जागरूक करना तथा अग्निकांडो को रोकने और अग्नि से बचाव के उपाय के संबंध में शिक्षित करना है अग्निकांड के कारण वर्गगत अध्ययन पर भी जोर दिया जाता है प्राकृतिक कारणों से लगने वाली आग जैसे वनों में लगने वाली आग तकनीकी कारणों से लगने वाली आग शॉर्ट सर्किट से लगी आग और असावधानी अथवा जानबूझकर लगाई गई आग के इस प्रकरण के कारण का पता लगाया जाता है मगर अग्निशमन सेवा में जुटे अग्नि कर्मियों के लिए अग्निशमन के समय एक ही ध्येय होता है आग पर काबू पाना अग्निकांड के बचाव के लिए भीड़ भरे सार्वजनिक स्थल आयोजनों में तथा बहुमंजिला इमारतों में सुरक्षित विकास मार्ग की व्यवस्था करने अग्निशामक उपकरणों के प्रयोग की ज्ञान का प्रसार करने आग की स्थिति में बचाव के हर संभव उपाय करने उद्योगों में अग्नि सुरक्षा और सावधानियों के इंतजाम करने विद्युत अग्नि से सुरक्षा और सावधानी रखनी बहुमंजिला भवनों में अग्नि सुरक्षा के प्रबंध करने और विकलांग व्यक्तियों के लिए अग्नि सुरक्षा की विशेष व्यवस्था करने के बारे में व्यापक विमर्श इस दिन होता है। अग्निशमन दिवस 14 अप्रैल

– सतर्कता के लिए अग्निशमन का अभ्यास प्रमुख गतिविधि होती है अग्निशमन सेवा प्रदाता सरकारी और गैर सरकारी संगठन और निजी और सार्वजनिक उद्योग में स्थित अग्निशमन इकाइयां इस दिन अग्निशमन कार्यवाही का अभ्यास नकली आग लगाकर और उसे नियत समय में पूरी तरह बुझाकर करती है इस अभ्यास को मॉक ड्रिल कहा जाता है इस अभ्यास में अग्निशमन यंत्रों की प्रचलन की विधि और सावधानियों का परीक्षण हो जाता है कार्य के दौरान असावधानी से से ऑयल टैंक में लगी आग को बुझाने में प्रवीणता आ जाती है अभ्यास के दौरान उपस्थित नागरिकों को घरेलू एलपीजी सिलेंडर में आग लगने पर घरेलू उपाय की सीख दी जाती है बहुमंजिला इमारत में आग के दौरान बचाव की जानकारी संयंत्र में फैली कोक ओर्वस गैस और ब्लास्ट फर्नेस गैस तथा एलडी गैस की लाइनों में कटिंग बैल्डिंग से लगने वाली आग पर काबू करने का प्रदर्शन भी मोक ड्रिल में शामिल होता है इस दौरान अग्निशमन विभाग के जवानों द्वारा मार्च पास्ट सलामी और मुख्य अतिथि द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों का ध्यान अग्नि सुरक्षा क्यों आकर्षित करना और उसमें अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करना है ताकि जन और धन की रक्षा की जा सके अग्निशमन जैसा कि नाम स्पष्ट है उसे आग बुझाने तक सीमित न रखकर आग से बचाव के लिए भी प्रेरित किया जाए। अग्निशमन दिवस 14 अप्रैल


– अग्निशमन सेवा के लिए जरूरी है समुचित सुरक्षा -महाराष्ट्र राज्य की शिक्षा स्थली कहे जाने वाले शहर पुणे में शनिवार वाडा में गणेश जी का एक बड़ा मंदिर है और उस मंदिर से सटा हुआ एक गैराज है जहां पुणे नगर निगम की अग्निशामक सेवा का एक फायर फाइटर खड़ा रहता है गैरेज का एक दरवाजा भी है मगर दरवाजे के बाहर दो छोटे-छोटे कमरों पर एक बांस रहता है इसी बेरियरनुमा व्यवस्था के आगे एक बेंच रखी है मंदिर के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं में से कुछ इस बेंच पर अपनी थकान मिटाने को बैठ जाते हैं इन  श्रद्धालुओं में से कुछ पीछे बड़े फायर फाइटर के अचानक स्टार्ट हो जाने से चमक कर खड़े हो जाते हैं तब नगर निगम के फायर ब्रिगेड का अमला बताता है कि इस फायर फाइटर को जब कहीं से आग लगने की सूचना मिलती है तो हम बेंच हटाकर और बेरियर खोलकर फायर फाइटर को रवाना कर देते हैं असल में अग्निशमन सेवा में सबसे महत्वपूर्ण होता है समय पर घटनास्थल तक पहुंचने और उसके लिए तमाम सतर्कता जरूरी है इसी सिलसिले में हम इस फायर फाइटर को हर 2 घंटे में स्टार्ट करके देखते हैं कॉल तो कभी-कभी कई कई दिन तक नहीं आते इसलिए फायरफाइटर जाम ना हो जाए इसलिए प्रत्येक 2 घंटे में उसे सतर्कता के तौर पर स्टार्ट करके देखते हैं बिना इस सतर्कता की अग्निशमन सेवा समूची तत्परता से काम नहीं कर सकती है। अग्निशमन दिवस 14 अप्रैल

– सावधानियों को अनदेखा ना करें

– उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार गर्मी के दिनों में सर्वाधिक अग्नि दुर्घटनाएं होती है जिसमें खेत खलियान में पिरावट सुखी जंगली झाड़ियों में आग वाहनों घरों और ऐसी तथा इलेक्ट्रिकल उपकरणों के कारण आग और विवाह आदि समारोह के पंडालों की अग्नि दुर्घटनाएं भी शामिल है ज्ञात हो कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार भारत में हर रोज अग्नि दुर्घटना के लगभग 62 लोगों की मृत्यु हो जाती है अग्नि दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सभी सावधानियों का पालन करना चाहिए जरा सी भी असावधानी के कारण बड़ी अग्नि दुर्घटना संभव है और इसी आशंका को देखते हुए छोटी से छोटी असावधानी को भी अनदेखा नहीं करना चाहिए ऊंचे भवन में अग्नि सुरक्षा संबंधी नियम और आदेशों का पालन जलती बीड़ी सिगरेट के टुकड़ों को लापरवाही से इधर-उधर उधर ना फेंका जाए ऐश ट्रे का इस्तेमाल हो भवन का सही तरह से रखरखाव हो नियमित अंतराल पर सभी कूड़ेदान को खाली करें सही रेटिंग वाले तार और बिजली के उपकरण आदि का उपयोग करें हर माले ओर फ्लोर मैप और एग्जिट साइन लगाए जाएं भवन के चारों तरफ खुली जगह रखें ताकि आपातकालीन स्थिति में अग्निशमन वाहन आ जा सके सभी निवासियों को आग बुझाने का प्रारंभिक परीक्षण होना चाहिए अग्नि सुरक्षा उपकरणों का उच्च स्तरीय रखरखाव और नियमित अंतराल पर उनकी जांच की जानी चाहिए और शोर मचाकर भवन के सभी लोगों को जानकारी देना चाहिए ताकि वे निकल कर बाहर आ सके । अग्निशमन दिवस 14 अप्रैल

धुंए भरने की स्थिति में घुटने और हाथों के सहारे झुक कर चले भवन में ज्वलनशील पदार्थों का भण्डार न करें अग्नि दुर्घटना होने पर लिफ्ट का प्रयोग ना करें सीढ़ियों का इस्तेमाल करें ऐसी तमाम सावधानी को यदि हम अनदेखा न करें तो अग्नि दुर्घटना से बचाव कर पाएंगे और अग्निशमन भी सहज संभव होगा।

– कैसे होता है अग्निशमन कितने प्रकार की होती है आग

अग्निशमन फायर फाइटिंग आग पर नियंत्रण पाने को कहते हैं अधिकतर समाज में विशेषकर शहरी क्षेत्रों में अनियंत्रित आग जीवन और माल के लिए एक बड़ा संकट बन सकती है और अग्निशमन इस खतरे से लोगों का बचाव करते हैं विभिन्न परिस्थितियों में आग पर काबू पाकर उसे बंद करने के लिए बहुत सी तकनीकी सीखनी पड़ती है और कठिन परिस्थितियों में जाकर उन्हें झेलने के लिए शारीरिक क्षमता भी जरूरी है अग्निशमन के लिए विशेष सामान और यंत्रों का प्रयोग होता है इनमें पानी आग निरोधक रसायन भिन्न प्रकार की अग्नि कवच अग्निशमको की आग निरोधक पोशाकें जल गिराने वाली विमान अग्निशामक ओके विशेष वाहन आदि शामिल रहे अलग-अलग तरह की आग के लिए अग्निशमन भिन्न चीजें प्रयोग करते हैं मसलन बिजली से लगी आग के लिए पानी का प्रयोग नहीं किया जाता है । अग्निशमन दिवस 14 अप्रैल

-आग चार प्रकार की होती है

– पहला जनरल फायर यानी सामान्य आग कोयला कपड़ा और कागज की आग इस श्रेणी में आती है इसे पानी और CO2 से बुझाते हैं 

-दूसरा तेल की आग डीजल और पेट्रोल इस श्रेणी में आती है इसे डीसीपी एक्सटीगाजर और फोम से बुझाते हैं 

-रसायनों और बिजली से आग शॉर्ट सर्किट और बिजली से लगी आग इस श्रेणी में आती है इसे डीसीपी और सीओ -2, एक्सटिगाइजर से बुझाते है।

-धातु में लगी आग किसी भी धातु लगी आग इस श्रेणी में आती है इसे डीसीपी सीओ-2 एक्सटीगायजर से बुझाते है।

इस प्रकार यदि हम आग के इन प्रकारों की पहचान कर ले तो अग्निशमन का काम और भी आसान हो जाएगा।


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