Hello दोस्तों, एक बार फिर से स्वागत है आपका Upsc Ias Guru .Com वेबसाइट पर पिछली पोस्ट में हमने आपको ब्रिटिश शासनकाल में कुटीर तथा हस्तकला उद्योगों का विनाश के बारे में बताया था, आज की पोस्ट में हम आपको महाड आंदोलन के बारे में बताएंगे, तो चलिए शुरू करते हैं आज की पोस्ट
20 मार्च 1927: महाड सत्याग्रह Mahad satyagraha
✯ महार, दलित वर्ग से संबधित एक अनुसूचित जाति थी, जिसका निवास मुख्यतः महाराष्ट्र के आस-पास के केन्द्रित है।
✯ महार जाति को संगठित कर उनकी सामाजिक-राजनीतिक-धार्मिक स्थिति में सुधार के लिए डॉ. अम्बेडकर के नेतृत्व में 1920 के दशक से अभियान चलाया गया।
✯ महारों में राजनीतिक एकता स्थापित करने के लिए राजनीतिक दल (डिप्रेस्ड क्लास फेडरेशन) तथा शैक्षणिक स्थिति सुधार के लिये छात्रावास स्थापित किये गए। सामाजिक स्थिति में सुधार लाने के लिए मंदिर प्रवेश आंदोलन कालाराम मंदिर), सार्वजनिक स्थलों जैसे तालाबों (महाड सत्याग्रह) के प्रयोग के लिए आंदोलन चलाया गया।
✯ 1930 के दशक तक संगठित महार आंदोलन ने बहुमुखी रूप अपना लिया। आंदोलन के प्रभाव स्वरुप ही ब्रिटिश राज द्वारा अनुसूचित जातियों हेतु पृथक निर्वाचन मंडल (कम्युनल अवार्ड) की व्यवस्था की गयी। डॉ. अम्बेडकर के नेतत्व में महारों ने प्राचीन स्थापित जातीय व्यवस्था को पूर्णरूप से अस्वीकार कर दिया।
✯ आंदोलन के प्रसार ने महारों के मध्य राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक जागरूकता का प्रसार किया।
✯ डॉ. अम्बेडकर के बौद्ध धर्म परिवर्तन के समय बहुत बड़ी संख्या में महारों ने भी बौद्ध धर्म अपना लिया। Mahad satyagraha
यह तो थी महाड आंदोलन की जानकारी के नोट्स अगली पोस्ट में हम आपको बीसवीं शताब्दी के कृषक आंदोलन के बारे में जानकारी देंगे तो बने रहिए Upsc Ias Guru .Com के साथ 🙂
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