Time management for students

दोस्तो इस अंक में आपके साथ ” समय प्रबंधन एवं भावनात्मक बुद्धि “पर चर्चा करेंगे ।जो भी विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षा में बैठ रहे हैं चाहे वो पी.एस.सी ,  यू.पी.ए स.सी  या बैंक  पटवारी या अन्य भविष्य में आने वाली परीक्षाओ में बैठने वाले हो आप सभी ऐसी सेवाओ में जा रहे हैं जहाँ भावनात्मक बुद्धि का अहम स्थान रहेगा ।परिपक्वता चाहे शारीरिक हो या मानसिक उसका परिचय हमे देना ही होगा । Time management for students




“भावनात्मक समझ” मतलब “Emotional intellingence“इसका सीधा सा अर्थ मैंने सीखा है।वह है कि आपकी भावनाये प्रदूषित ना हो ।आपकी भावनाये कोई और नियंत्रण ना करे । आपको संवेदनशील होना तो बहुत आवश्यक है क्योंकि आप अगर इतिहास उठा कर देखेगे तो आज तक जिसने भी कोई बड़ा लक्ष्य हासिल किया है वह संवेदनशील आवश्य रहा है भारतीय दर्शन, धार्मिक दर्शन या पाश्चात्य दर्शन की बात करे तो जिन्होंने चाहे अच्छा किया हो या बुरा बस आपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ इच्छा सक्ति से लगातार लगे रहे , कोई दूरगामी लक्ष्य तभी हासिल किया जा सकता है जब आप भावनात्मक रूप से स्थिर हो । Time management for students
थोड़ा व्यव्हारिक बात करे तो जब आप जीवन के परिपक्व स्तर पर पहुचकर किसी परीक्षा की तैयारी करते हैं तो कई लोगो को अच्छा लगेगा ,कई लोगो को बुरा भी लगेगा ।कई लोग आपकी भावनाओं को समझ कर सकारात्मक योगदान देगे,कई लोग आपकी वर्तमान उपलब्धियो के आधार पर या आपके पास भूतकाल के परिणामो के आधार पर आपको नकारात्मक रूप से परेशान भी करेंगे परंतु अगर आप अपने आपको समझाते हैं या आत्मविश्वास से भरे हैं तो आप निसंदेह लक्ष्य हासिल करेंगे । Time management for students
सच्चाई यह है कि आप अपने प्रयासों की पराकाष्ठा करे तथा स्वमूल्यांकन करते रहे फिर भविष्य के लक्ष्य तय करे 
आप जब तैयारी शुरु करेगे तो आपसे गलतियां होगी, शुरुआत में आपको लगेगा भी की मेरा कुछ नही हो सकता या कोई आपका मित्र ,माता,पिता,गुरु या परिवार जन आपकी गलतियों पर आपको डाटे परंतु आपको उनकी बातों का सकारात्मक रूप से लेना है। व्यक्तिगत रूप से उसे अपना दुश्मन ना समझे ।
कहा भी गया है- Time management for students
   
निंदक नियरे राखिये
आँगन कुटी छबाय
बिन पानी,साबुन बिना
निर्मल करे सुभाई।
इन आलोचकों ,निंदकों का सफलता में बड़ा महत्व होता है ।आप उनकी बातों का दिल से अवश्य ले परंतु अपने आप को बेहतर बनाने के लिए ना कि उनको दिखाने या उनसे बदला लेने के लिए ।अतः ऐसे लोगो से जरूर मिलते रहे जो आपकी बुराई करे ,आलोचना करे।मुझे अपने जीवन मे जो लोग सफल हुए या मार्गदर्शकों की अच्छी बातों से ज्यादा अपन|”मूक आलोचकों ” या कहे समीक्षको की बातों से ज्यादा संबल मिला क्योंकि मैं भले ही एक अच्छी सरकारी नौकरी कर रहा था लेकिन भूतकाल में मैन बड़ा लक्ष्य बनाया था उसे नही प्राप्त कर पाया ,समय चला गया जीवन आगे बढ़ गया कुछ प्राप्त भी नही किया परंतु उन्होंने समय समय पर मुझे जाने-अनजाने या अपरोक्ष रूप से ही सही मुझे एहसास कराया कि मैं कुछ बेहतर कर सकता हूं , या मैंने सोचना शुरु किया, मेहनत की असफल हुआ फिर खड़ा हुआ और परिस्थितियां बदली और अभूतपूर्व सफलता मिली मैंने अपने कटु अनुभवो, आलोचनाओं को व्यक्तिगत रूप से ना लेते हुए अपने अंदर एक आग पैदा कि उसे बूझने नहीं दिया उसी का सार्थक परिणाम मिली ।



मुझे भली-भांति पता है कि जो मैंने हासिल किया यह अंत नहीं एक शुरूआत है परंतु मुझे आगे प्रयास करने के लिए नए सोपान प्राप्त हुए ।अगर आप से कोई गलती हो जाए आप अपने आप को निम्नतर महसूस करें या कोई गलत आदत हो तो इसे दूर करने के प्रयास के स्थान पर कुछ नया, अच्छा सकारात्मक कार्य करें बुराइयां अपने आप दूर हो जाएगी। Time management for students
पहले तो आप जो भी, सोच बनाए या लक्ष्य बनाये उसके पहले अपनी क्षमताओं का आकलन करें, समय सीमा में आप क्या कितना और किस स्तर तक प्रयास कर सकते हैं आकलन करें लोगों से बात करें उनके अनुभवों से सीखे अपने अहम को त्यागकर बड़े छोटे सभी से सीखने का प्रयास करें फिर कोई लक्ष्य बनाएं इसमें संभावित चुनौतियों का आकलन करें बेहतरीन योजना बनाये । हरसंभव परेशानी को पहले से भापकर उसके लिए समय, नियत कर ले बाद में आपका कोई भी बहाना या तर्क आपकी असफलता सही सिद्ध नहीं कर पाएगा कोशिश करें किसी के मुंह पर बुरा ना कोशिश करें किसी के मुंह पर बुरा ना बोले और चाहे कितना भी बुरा व्यवहार प्राप्त हो आप सदा विनम्र, शांत रहें ।कभी भी गुस्से में या आवेश में किसी के बारे में कोई धारणा ना बनाये । थोड़ा समय गुजरने दें और स्थान बदले कुछ देर बाद अपने-आप आपका विवेक आपको मार्गदर्शन देगा ।
‘ डर ‘ सीमित मात्रा में डर भी आवश्यक है जब तक वह आप को प्रेरित करें अथवा आपका उत्साह बढ़ाये । कहीं ना कहीं भविष्य में बिगड़ते या अस्थिर जीवन के डर ने मुझे प्रेरित किया कि अभी सब खत्म नहीं हुआ अभी भी और प्रयास करना चाहिए।
 नकारात्मक प्रेरणा भी नियंत्रण दर्द का ही रूप है जब प्रतिदिन मुझे वर्तमान परिस्थितियों में लगता था कि यहां मेरा आत्मसम्मान कम हो रहा है तो उसी से प्रेरणा मिली कि किसी भी तरह जल्दी से जल्दी इन परिस्थितियों से निकलना है आगे बढ़ना है ।
स्वप्रेरण(self Motivation) एक समय आता है जब सामान्य लोगों के लिए तो settle हो गये, नौकरी है, सम्मान है, सब है परंतु आप स्वयं संतुष्ट नहीं है तब केवल स्वप्रेरणा ही काम आएगी ।आपको स्वयं को समझाना होगा । हर  सफलता के बाद आगे बढ़ने का साहस स्वयं ही जुटाना होगा ।
इकबाल ने क्या खूब कहा है –
खुदी  को कर बुलंद इतना 
कि हर तकदीर से पहले,
खुदा बंदे से खुद पूछे
 बता तेरी रजा क्या है। 
अर्थात अपना आत्मविश्वास इतना मजबूत कर लो कि कोई असफलता, समस्या, आपको भावनात्मक रूप से कमजोर न कर पाये। कहते हैं- अगर स्वर्ग आपको जाना है तो मरना भी आपको ही पड़ेगा इसलिए स्वप्रेरणा एक ऐसे ब्रह्मास्त्र है जब सभी परिस्थितियों प्रतिकूल हो जाए फिर भी अदभुत साहस का परिचय देने वाले ही मंजिल को पाते हैं ।
 समय प्रबंधन मैंने अपने जीवन में समय की कमी को महसूस किया और जब तक ऐसा बहाना बनाता रहा तब तक कुछ हासिल नहीं हुआ और समय प्रबंधन करने पर ही इच्छित सफलता प्राप्त हुई । समय एक ऐसी पूंजी है जिसका कोई मोल नहीं  Time management for students



दिनचर्या में से, सुबह उठते ही आधे घंटे में नित्य क्रिया संपूर्ण करें फिर पढ़ाई शुरू करें फिर अगर थक जाए तो नाश्ता, व्यायाम, योगा, नहाना, कर के फिर पढ़ना शुरू करें ,चाहे रात में देरी से सोए परंतु सुबह जब भी उठे उठने के 1 घंटे में पढ़ना शुरू करें घर से निकलने के पहले कोशिश करें कम से कम 2 घंटे पढ़ ले फिर चाहे दिन भर भी नहीं पढ़ोगे तो दिन भर उत्साह, आनंद और आत्मविश्वास से भरा रहेगा ।
 मोबाइल TV मशीनों में समय बर्बाद बिल्कुल ना करें खासकर मोबाइल का one way उपयोग करें मतलब चाहे फोन आए संदेश आए पढ़ते समय silent रखें फ्री होने पर फोन (call back) करें परंतु फोन उठाने या मैसेज पढ़ने से किसी का कुछ नहीं बनता या बिगड़ता परंतु आपका 2- 3 घंटे का concentration (ध्यान) जरूर भांग हो जाएगा ।पूजा करने, प्रसाधन, नहाने, तैयार होने के समय कम से कम लगाएं । अपने कर्म को ही पूजा मन कर करें ।
 निर्णय क्षमता कुछ बहुत अच्छा करने के कारण सोचने में समय ना लगाते हुए तुरंत निर्णय की आदत भी भविष्य में आपका समय बचाएगी । बस जो करें उसमें प्रयासों की पराकाष्ठा करें । इस क्षमता को विकसित करने के लिए जीवनचर्या की बहुत छोटी बातों के निर्णय जल्दी लेने का अभ्यास करें ।मैंने पूर्व जीवन की गलतियों के कारण समय खोया है इसलिए इस बार जब मैंने तैयारी शुरू की तो पूरे समय प्रबंधन की योजना के साथ कार्य शुरू किया इसलिए दोस्तों समय ही ऐसी चीज है जो जाने के बाद किसी भी कीमत पर नहीं प्राप्त किया जा सकता, इसे बर्बाद ना करें ।
कुछ भी करें थोड़ा नियोजित करके ही शुरू करें ।अपनी SWOT Analysis लगातार करते रहे।(Strength, weakness, opportunity& theats) अंत में यही कहूंगा कि अपने आप को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाएं आपको कोई प्रभावित तभी कर पाए जब आप चाहें और आप जो करने की ठान ले तो कोई भी भावनात्मक रुकावट ना रहे इसके लिए अभ्यास करते रहे, साथ ही समय प्रबंधन का भी अभ्यास करें चाहे पढ़ाई के अलावा कोई और कार्य, पिकनिक आदि हो उसकी भी योजना बना लें और अपने आपको इतना सशक्त बनाए कि किसी भी अपरिहार्य या अचानक हुए परिवर्तन में भी आप डटे रहें क्योंकि डार्विन ने भी कहा है- सर्वश्रेष्ठ की उत्तरजीविता, प्रकृति सुनिश्चित करती है (Servival of fittest) अर्थात हर परिस्थिति में अपना आत्मविश्वास बनाए रखें और पूरे साहस, जोश और जुनून के साथ आज अभी संकल्प लें कि आप जो ठान लेंगे वह करके दिखाएंगे |

लेखक मध्यप्रदेश लोकसेवा के वरिष्ठ अधिकारी है ।

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