MPPSC mains श्रेष्ठ एवं प्रभावी निबंध लिखने की प्रक्रिया

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग आयोजित राज्य सेवा मुख्य परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण जानकारी

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा राज्यसेवा मुख्य परीक्षा में कुल 6 अनिवार्य प्रश्न पत्रों में अंतिम प्रश्न पत्र निबंध लेखन का होता है। इस में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों की तैयारी एवं अभ्यास हेतु एक लघु और एक वृहद निबंध प्रस्तुत किया जा रहा है। जहां वृहद निबंध 1000 शब्दों में लिखना होता है, वही दो लघु निबंध 250 – 250 शब्दों में लिखने होते हैं। यह क्रमशः 50 और 25 – 25 अंकों के होते हैं। इस  प्रश्न पत्र को 2 घंटे में हल करना होता है। इस पोस्ट में हम आपको एक प्रभावी निबंध लिखने की प्रक्रिया एवं रणनीति बता रहे हैं, जिससे आपको बहुत मदद मिलेगी।

श्रेष्ठ एवं प्रभावी निबंध लिखने की प्रक्रिया

अच्छा निबंध लिखना विद्यार्थी जीवन और प्रतियोगी परीक्षार्थी की एक कठिनतम चुनौती होती है। विद्यार्थियों और प्रतियोगियों के मन में यह सहज सवाल बार-बार उठता है कि किस तरह एक श्रेष्ठ एवं प्रभावी निबंध लिखा जाए, जिससे कि उनके निबंध को पढ़कर उनके मानसिक स्तर या व्यक्तित्व का उचित मूल्यांकन होने से अधिकतम अंक अर्जित हो सके? ऐसा संभव हो सकता है अगर आप निरंतर और रणनीतिक ढंग से अभ्यास करेंगे। MPPSC mains essay strategy tips how to topper content answers in hindi

अब समझते हैं कि किस प्रकार हम रचनात्मक निबंध लिखने में निपुण हो सकते हैं। लेखन की प्रक्रिया को निम्नलिखित चरणों में विभाजित किया जा सकता है।

1. सर्वप्रथम हमें निबंध के विषय का सही/गुप्त अर्थ को समझने का शांति पूर्वक प्रयास करना चाहिए।

2. तत्पश्चात विषय से जुड़े सकारात्मक एवं नकारात्मक मुख्य पहलुओं बिंदुओं को रफ कागज पर लिखना है।

3. इसके बाद निबंध की अस्थाई रूपरेखा बनाते हुए उल्लेखनीय तथ्यों/कथनों/काव्य पंक्तियों को लिख लेना चाहिए। यह कार्य कम से कम 10% समय में कर लेना उचित होगा।

4.अब निबंध लेखन प्रारंभ करते हुए उल्लेखनीय तथ्यों/कथनों/काव्य/पंक्तियों को यथास्थान लिखने में 70 से 80% समय दे।

5 . अंत में निष्कर्ष लिखने में भी लगभग 10% समय देना चाहिए। वास्तव में निष्कर्ष पढ़ने के बाद ही मूल्यांकनकर्ता अंक प्रदान करने का अंतिम निर्णय करता है।

6 . लिखे जा चुके निबंध का एक बार पुनः निरीक्षण कर भाषागत, तथ्यात्मक एवं व्याकरण त्रुटि/अशुद्धियों को दूर अवश्य कर लेना भी प्राप्त अंकों में 5 से 10% की वृद्धि करने में मददगार होता है इन्हें सोदाहरण इस प्रकार समझा जा सकता है। MPPSC mains essay strategy tips how to topper content answers in hindi

1. निबंध लेखन की प्रक्रिया में पहली चुनौती यही होती है कि परीक्षार्थी निबंध के विषय को ठीक उसी रूप में समझे जिस रूप में प्रश्नपत्र निर्माता ने उसे सोचा था। सामान्यता यह चुनौती बहुत जटिल नहीं होती। जो परीक्षार्थी प्रश्नों की भाषा को बारीकी से देखने समझने की आदी होते हैं, वे अपनी इसी क्षमता के आधार पर निबंध के विषय को भी ठीक से ग्रहण कर लेते हैं।

उदाहरणार्थ 2014 की सिविल सेवा परीक्षा में पूछा गया एक विषय था “केवल राजनीतिक अधिकार महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं ला सकते।“अगर इस विषय को ठीक से समझे तो इसका यह अभिप्राय बिल्कुल नहीं है कि राजनीतिक अधिकार महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं लाते। इस विषय का सबसे महत्वपूर्ण शब्द है “केवल“।

इस शब्द के कारण इस विषय का अर्थ ही बदल गया है। इस विषय से सही भाव यह निकलता है कि राजनीतिक अधिकार तो महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए आवश्यक है ही, कुछ और भी ऐसे पक्ष है जिन्हें महिलाओं की स्थिति को सुधारने की प्रक्रिया में जोड़ा जाना चाहिए। इसलिए जरूरी है कि हमारे निबंध से भी यही भाव व्यक्त हो।

2. नए निबंध लेखकों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या यही होती है कि विषय को पढ़कर उनके दिमाग में पर्याप्त बिंदु नहीं कौंधते।  अगर निबंध का विषय सामान्य अध्ययन या उनके वैकल्पिक विषय से संबंध हो, तब तो यह समस्या नहीं आती, किंतु अगर विषय अमूर्त या कल्पना प्रधान है तो बिंदुओं की तलाश करना बेहद कठिन हो जाता है। उदाहरण के लिए, मध्यप्रदेश सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2018 में दिए निबंध, “भारतीय संसद की कार्य प्रणाली” सामान्य अध्यन पढ़ चुके अभ्यर्थियों के लिए चुनौती पेश नहीं करते।

3 . बिंदुओं के एकत्रित हो जाने के बाद अगली चुनौती होती है उन्हें व्यवस्थित करने की। इस व्यवस्थित ढांचे को हम निबंध की रूपरेखा (Synopsis) कह सकते हैं। इसका उद्देश्य होता है कि आपने जिन बिंदुओं को तलाशा है, उन्हें महत्व और विषय की मांग की दृष्टि से सही क्रम में समायोजित कर लिया जाए। इसका एक उद्देश यह भी होता है कि की हम महत्त्व की दृष्टि से सभी बिंदुओं का अनुपात तय कर ले कि यह स्पष्ट हो जाए की हमे कुल 1000 – 1200 शब्दों में से कितने शब्द किस हिस्से पर खर्च करने है? ऐसा नहीं है की आप जो रूपरेखा तैयार करेंगे, आपका पूरा निबंध ज्यों का त्यों उसी के अनुसार होगा। सृजनात्मक लेखन की प्रक्रिया में यह बहुत स्वभाविक होता है कि लिखते लिखते आपको कुछ बेहतरीन बिंदु  मिलते जाते है और कभी कभी  चिंतन लेखन में ऐसा प्रभाव आ जाता है कि बंधी – बंधाई रूपरेखा डगमगाने लगती है। अगर आप अपनी रूपरेखा से 15 से 20% तक विचलित होते हैं तो उसकी बिल्कुल चिंता ना करें। ऐसा होना स्वभाविक और जरूरी भी बना रहता है।

4 . एक अर्थ में भूमिका निबंध का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होती है, क्योंकि इसी से तय होता है कि परीक्षक या पाठक को आपके निबंध में रुचि महसूस होगी या नहीं? अगर भूमिका कमजोर हो तो इस बात का पूरा खतरा होता है कि या तो परीक्षक आगे का निबंध पड़ेगा नहीं और अगर पढ़ेगा तो अनमने ढंग से। हम पहले यही समझने का प्रयास करते हैं की भूमिका में क्या लिखा जाए। परीक्षक आपसे किस तरह की भूमिका चाहता है? वहां किसी नकारात्मक धारणा के खंडन से शुरुआत करें या अपनी निजी अनुभव से भी निबंध आरंभ करना उचित होगा। 

5 . भूमिका लिखने के बाद निबंध लेखन का कार्य पूरे प्रवाह में आने के बाद हमें निष्कर्ष से पहले का लगभग 70 से 80% भाग मुख्य विषय – वस्तु के तौर पर लिखना होता है। अतः हमें निबंध की रूपरेखा और मुख्य विषय वस्तु के लिए हमें पहले से ही कुछ बिंदुओं का एक निश्चित कार्यक्रम बना लेना चाहिए और यथासंभव उसी के अनुसार लेखन कार्य को आगे बढ़ाते जाना चाहिए। भूमिका और निष्कर्ष की तुलना में मुख्य विषय वस्तु लिखना आसान कार्य है। इसमें केवल एक दो बातों पर ही विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। 

6 . मुख्य विषय वस्तु लिखते समय सबसे बड़ी चुनौती प्रवाह को बनाए रखने की होती है। हमें अपनी बात इस तरह रखनी चाहिए कि अगला वाक्य पिछले वाक्य का तार्किक परिणाम लगे और हर नया अनुच्छेद पिछले अनुच्छेद का स्वभाविक अगला पड़ाव दिखाई दे।

7. निष्कर्ष भी भूमिका की तरह अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। एक अर्थ में तो निष्कर्ष का महत्व भूमिका से भी अधिक होता है, क्योंकि निबंध के अंत तक पहुंचते-पहुंचते प्राय परीक्षक निबंध के शुरुआती हिस्से की बातों को भूल चुका होता है। उसे शुरुआती हिस्से कि सिर्फ वही बातें याद रहती है जिन्होंने उसे संतुष्ट या उदास किया हो निष्कर्ष पढ़ने के तुरंत बाद उसे समग्र मूल्यांकन करते हुए अंक देने होते हैं। एक अच्छा निष्कर्ष आपके अंको में 10 से 15% तक का हेरफेर करने में सक्षम होता है। MPPSC mains essay strategy tips how to topper content answers in hindi

1 . समाधान या संभावना पर आधारित निष्कर्ष निकालना ज्यादा सही होता है।

2 . कभी-कभी चेतावनी या संभावित खतरों पर आधारित निष्कर्ष भी निकाला जा सकता है।

3 . कविता या प्रसिद्ध कथन पर आधारित निष्कर्ष निकालना सही होता है।

4 . हम भूमिका विषय की प्रसंगिकता से संबंधित निष्कर्ष भी प्रस्तुत कर एक श्रेष्ठ निबंध की रचना कर सकते  हैं। 

5 . हमेशा सकारात्मक एवं आशावादी रूप में ही निबंध का अंत करना चाहिए , भले ही निबंध का शीर्षक कितना ही निराशा से परिपूर्ण या भड़काऊ क्यों ना दिया गया हो।

1 . विषय का चयन कैसे करें? 

दिए गए विषयों में से उसी विषय पर निबंध लिखना चाहिए जिस पर हम अपनी सर्वाधिक मौलिक सोच रखते हैं। ऐसे निबंध में किसी अन्य व्यक्ति की नकल की संभावना ना के बराबर होती है। अगर दो या अधिक विषयों में आप खुद को लगभग बराबर स्थिति में पाते हैं तो उनमें से उस विषय को चुनना चाहिए जो सबसे अटपटा तथा कठिन लग रहा हो।

अगर एक विषय बहुत कठिन है और दूसरा बहुत आसान है और दोनों पर आपकी समझ में थोड़ा बहुत अंतर है तो आप कठिन विषय को कुछ कम समय के बावजूद प्राथमिकता देकर एक चुनौती के रूप में अप्रत्याशित निबंध की रचना कर जाएंगे सामान्यतः बहुत कठिन विषय पर लिखा गया समान निबंध और सामान्य विषय पर लिखा गया बहुत अच्छा निबंध आमतौर पर आंखों की दृष्टि से एक दूसरे के आसपास ही ठहरते हैं।

2 . परीक्षा भवन में समय का उपयोग कैसे करें? 

शुरुआती 5 मिनट में हमें दोनों विषय निश्चित कर लेने चाहिए। उसके बाद जब रफ पृष्ठ  पर दोनों विषयों के शीर्षक  बना लेने चाहिए और पहले विषय पर उपयुक्त बिंदुओं की खोज शुरू कर देनी चाहिए । 10 से 15 मिनट तक चिंतन करने पर आपको इतने बिंदु अवश्य मिल जाएंगे कि आप  1000 – 1200 शब्दों का निबंध लिख सके।

3 . भाषा शैली के स्तर पर किन बातों का ध्यान रखें? 

आपकी भाषा शैली में जो सबसे महत्वपूर्ण गुण अपेक्षित है, वह है प्रवाह। इसका अर्थ है कि जब परीक्षक आपका निबंध पढ़े तो वह लगभग बहते हुए आगे बढ़े। प्रवाह का गुण तभी पैदा होता है जब आप ठीक उस भाषा शैली में लिखने लगे, जिसमे आपका चिंतन चल रहा है। वर्तनी (स्पेलिंग) संबंधी गलतियों पर विशेष ध्यान दें। वर्तनी संबंधी दोषों को दूर करना कोई बहुत कठिन कार्य नहीं है। रोज 1 – 2  पृष्ठ लिखकर किसी अध्यापक या सफल प्रतियोगी को दिखाएं तथा उनके द्वारा लिखित की गई गलतियों को सुधारने जाए।

4 . उत्तर पुस्तिका को आकर्षक दिखाने के संबंध में इन सावधानियों को ध्यान में रखें –

आकर्षक उत्तर पुस्तिका का पहला गुण होता है – सुंदर हस्तलेख। सुंदर हस्त लेख परीक्षक को अत्यधिक सुविधा और सहजता प्रदान करता है, जिसके  प्रत्युत्तर में वह उम्मीदवार को अनायास ही लाभ पहुंचा देता है। अगर आपका हस्तलेख सुंदर नहीं है तो कुछ युक्तियों के प्रयोग तथा निरंतर अभ्यास से उसे निश्चय ही सुधारा जा सकता है। 

सबसे पहले, उत्तर पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ के सबसे ऊपरी हिस्से में आपको यह विषय लिखना चाहिए जो आपने निबंध के लिए चुना है। बेहतर होगा कि विषय का शीर्षक काली स्याही से लिखें और उसे रेखांकित भी कर दें।

आपको यह प्रयास एवं अभ्यास ही करना चाहिए कि हर पृष्ठ पर कम से कम एक नया अनुच्छेद/ पैराग्राफ जरूर शुरू हो । छोटे अनुच्छेदों को देखकर परीक्षक के मन में उन्हें पढ़ने की स्वभाविक इच्छा होती है। इसलिए जहां तक संभव हो, हर पृष्ठ पर कम से कम एक अनुच्छेद बदलें और पूर्व में नोट किए गए आवश्यक तथ्यों/कथनों/नवीनतम आंकड़ों/काव्य पंक्तियों को यथास्थान लिखते भी रहिए। MPPSC mains essay strategy tips how to topper content answers in hindi

भारतीय शिक्षा की चुनौतियां समस्याएं (लघु निबंध) मानव जीवन की सफलता एवं किसी देश के विकास का अर्थ अच्छी शिक्षा व्यवस्था को सदैव आधारभूत तत्व के रूप में स्वीकार किया जाता रहा है , सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक विकास कर शिक्षा ही सर्वाधिक निर्णायक प्रभाव डालती रही है। यह प्रबुद्ध नागरिक वर्ग के सीजन में भी मदद करती है जिससे एक लोकतांत्रिक या लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना संभव होती है शिक्षा की इतनी महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए ही प्राचीन भारत की शैक्षणिक व्यवस्था को अत्यंत गौरवमई बनाया गया था। तब शिक्षा केंद्रों को मंदिर के समान महत्व दिया जाता था। भारतीय शिक्षा को आज निम्नलिखित समस्याओं की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। MPPSC mains essay strategy tips how to topper content answers in hindi

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