विश्व डाक दिवस 9 अक्टूबर

-विश्व डाक दिवस 9 अक्टूबर

– World Post Day

– डाक सेवाओं का डाकघर से पोस्ट पेमेंट बैंक तक का सफर

– डाकिया यानी चिठी अथवा संदेश के आदान-प्रदान की एक लंबी परंपरा और इतिहास रहा है इंटरनेट और सोशल मीडिया जैसे फेसबुक व्हाट्सएप टि्वटर इंस्टाग्राम मैसेंजर और ईमेल के इस युग में आज भी डाक का वजूद संचार के शाश्वत माध्यम के रूप में बरकरार है जल प्रवाह में तैरते फूलों में रखकर भेजने और फिर कबूतरों या बाज के पैरों में बांधकर खत भेजने और अंत में ऊँट या़ घोड़े पर सवार डाकिए और अब साइकिल पर डाक बांटते पोस्टमैन तक डाक सेवा ने सदियों का एक लंबा सफर तय किया है डाक सेवक इस गौरवशाली इतिहास के  स्मरण के लिए विश्व के लगभग सभी देशों में 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस मनाया जाता है । World Post Day in hindi

-विश्व डाक संघ ने की संचार क्रांति की शुरुआत स्विट्जरलैंड में 9 अक्टूबर 1874 को हुई वैश्विक डाक संघ यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की स्थापना को संचार क्रांति की शुरुआत माना जाता है यू पी यू का गठन स्विट्जरलैंड के बर्न शहर में 22 देशों द्वारा एक संधि पत्र पर हस्ताक्षर के साथ हुआ था वैश्विक डाक संघ के स्थापना दिवस 9 अक्टूबर को समूचे विश्व में विश्व डाक दिवस के रूप में मनाया जाता है इस दिवस के आयोजन का निर्णय 1969 में जापान की राजधानी टोक्यो में लिया गया था।

इसे एक संयोग ही कहा जाएगा कि इस दिवस के आयोजन का प्रस्ताव भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य आनंद मोहन नरूला ने रखा था। विश्व डाक संघ का एक महत्वपूर्ण उपक्रम है डाक संचालन परिषद जिसे अंग्रेजी में पोस्टल ऑपरेशनल काउंसिल कहते हैं यह विश्व डाक संघ  का तकनीकी और संचालन संबंधी निकाय है इस परिषद के सदस्य राष्ट्रों की संख्या 40 है जिसमें भारत भी शामिल है परिषद के सभी सदस्य राष्ट्र परस्पर डाक व्यापार के संचालन और आर्थिक और व्यावसायिक मामलों में विमर्श करते हैं। World Post Day in hindi




-भारत में डेढ़ सौ साल से सेवारत है भारतीय डाक

विभाग भारत में डाक सेवाओं का आरंभ 1764 से 1766 के बीच हुआ था भारत के पहले गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स ने 1774 में कोलकाता में पहले डाकघर का शुभारंभ किया था। कोलकाता के बाद दो महानगरों मद्रास में 1786 और मुंबई में 1793 में डाकघर की स्थापना की गई भारत में पहली बार चिट्ठी पर डाक टिकट लगाने की शुरुआत सन 1852 में हुई थी और महारानी विक्टोरिया के चित्र वाला विशेष डाक टिकट 1 अक्टूबर 1854 को जारी किया गया था।

आरंभ में डाक विभाग को पृथक से विभाग का दर्जा प्राप्त नहीं था भारत में 1 विभाग के रूप में भारतीय डाक विभाग की स्थापना सन 1854 में हुई थी डेढ़ सौ वर्ष से भी अधिक पुराने इस विभाग की सेवाएं डेढ़ लाख से भी अधिक डाकघरों के माध्यम से उपलब्ध है इन डेढ़ लाख डाकघरों में से 89.87 फ़ीसदी डाकघर ग्रामीण है, औसत रूप से एक डाकघर 21.56 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 7753 की आबादी को अपनी सेवाएं प्रदान करता है। World Post Day in hindi

-1911 में शुरू हुई एयर मेल सेवा

ब्रिटिश इंडिया के गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग ने कोलकाता में पहला डाकघर स्थापित किया था डाक सेवा के सफर की शुरुआत ई पोस्ट से होते हुए वर्ष 2020 में पोस्ट पेमेंट बैंक तक पहुंच गई है

वर्ष 1863 में रेल डाक सेवा, रेलवे मेल सर्विस (RMS) आरंभ की गई।

वर्ष 1873 में पहली बार नक्काशीदार लिफाफों की बिक्री की गई।

1876 में डाक विभाग यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन में शामिल हुआ।

1877 में डाक विभाग ने वीपीपी (VPP) और पार्सल सेवा प्रारंभ की

धनादेश यानी मनीआर्डर सेवा वर्ष 1880 में आरंभ हुई थी

हवाई मार्ग से डाक भेजने की एयर मेल सेवा वर्ष 1911 में आरंभ हुई

इंडियन पोस्टल ऑर्डर सेवा का आरंभ 1935 में हुआ

डाक त्वरित सुगम और सही पते पर पहुंचे इसके लिए डाकघर को पोस्टल इंडेक्स नंबर व्यवस्था से वर्ष 1972 में जोड़ा गया इस इंडेक्स नंबर को पिन कोड कहा गया 6 अंकों की इस कोड में पहला अंक पोस्टल जॉन दूसरा अंक पोस्टल डिवीजन और तीसरा अंक पोस्टल डिस्ट्रिक्ट और शेष तीन अंक पोस्ट ऑफिस को दर्शाते हैं।

1884 में शुरू की गई डाक जीवन बीमा सरकारी और अर्ध सरकारी कर्मचारियों की लाभ के लिए सबसे पुरानी बीमा योजनाओं में से एक है मल्होत्रा समिति की सिफारिश पर 24 मार्च 1995 को ग्रामीण डाक जीवन बीमा शुरू की गई। World Post Day in hindi

इसके जरिए ग्रामीण क्षेत्रों विशेष रूप से इन क्षेत्रों में रहने वाले वंचित वर्ग और महिलाओं को बीमा कवर प्रदान किया जाता है वर्ष 1986 में निजी कोरियर सेवाओं के मुकाबले डाक विभाग ने अपेक्षाकृत ज्यादा विश्वसनीय स्पीड पोस्ट सेवा आरंभ की गई बदलती प्रौद्योगिकी से हमकदम होते भारतीय डाक विभाग ने 1990 में मुंबई और चेन्नई में स्वचालित डाक प्रसंस्करण केंद्र भी आरंभ किया। 1996 में मीडिया डाक सेवा और वर्ष 1997 में बिजनेस डाक सेवा आरंभ की गई थी। सेटेलाइट के माध्यम से संचार सुविधा के विस्तार के साथ ही वर्ष 1998 में उपग्रह डाक सेवा आरंभ की गई और वर्ष 1999 में डाटा डाक और एक्सप्रेस डाक सेवा शुरू हुई। वर्ष 2000 में ग्रीटिंग पोस्ट सेवा की शुरुआत की गई और धन के भुगतान के आधुनिकतम प्रणाली इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर वर्ष 2001 में आरंभ की गई इंटरनेट पर आधारित ट्रैक और टैक्स सेवा का आरंभ 3 जनवरी 2002 को हुआ और 15 सितंबर 2003 को बिल मेल पोस्ट सेवा आरंभ की गई हाथ की लिखी गई चिट्ठी के प्रेक्षण के पारस्परिक दायित्व के स्थान पर 30 जनवरी 2004 को कंप्यूटर आधारित ई पोस्ट सेवा का आरंभ डाक इतिहास का एक बड़ा और क्रांतिकारी कदम था इसी सिलसिले में 10 अगस्त 2004 को लॉजिस्टिक पोस्ट पार्सल सेवा भी शुरू की गई। World Post Day in hindi

– भारतीय डाक विभाग प्रतिवर्ष बनाता है डाक सप्ताह भारतीय डाक विभाग प्रतिवर्ष 9 से 15 अक्टूबर तक डाक सप्ताह का आयोजन करता है विभाग 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस पर विभाग के अवदान की मीमांसा करता है। डाकघर बचत बैंक की उपलब्धियों पर 10 अक्टूबर को चर्चा होती है इसके साथ ही पत्र दिवस डाक टिकट संग्रह दिवस व्यापार और ग्राहक दिवस और डाक बीमा दिवस मनाया जाता है, इस दौरान बचत योजनाओं डाक और पार्सल सेवाओं और विभाग के अन्य सेवाओं के प्रति जनसामान्य की जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए सार्थक आयोजनों पहल की जाती है। World Post Day in hindi

-जारी हुए स्मारक टिकट डाक टिकटों की स्थाई और स्मारक दो श्रेणियां हैं स्थाई डाक टिकटें प्रतिदिन की डाक भेजने के लिए इस्तेमाल की जाती है जबकि स्मारक टिकटें प्रतिदिन की डाक के लिए उपयोग नहीं की जाती उन्हें बेहतर कलात्मक दृष्टि से डिजाइन और प्रिंट किया जाता है इसका निर्माण भी सीमित मात्रा में किया जाता है अप्रैल 2016 से मार्च 2017 के दौरान 46 विषय पर 153 स्मारक डाक टिकट जारी की गई इन टिकटों में सूर्य नमस्कार, रियो ओलंपिक खेल, आर्किड भारत में पर्यटन स्वच्छ भारत, C-130 का प्रवेश, वाराणसी शहर, हरियाणा की स्वर्ण जयंती आदि शामिल है इसके साथ ही रामानुजाचार्य चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष बनारस हिंदू विश्वविद्यालय आदिपुर टिकट जारी किए गए । World Post Day in hindi

-महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है फिलेटली फिलेटली डाक टिकट के संग्रह इतिहास और अन्य संबंध वस्तुओं के अध्ययन को कहते हैं यह टिकट संग्रह के साथ साथ महत्वपूर्ण अवसर को मनाने महान व्यक्तियों को याद करने राष्ट्रीय विरासत संस्कृति और घटनाओं को प्रोत्साहित करने का तरीका है गौरतलब है कि स्वतंत्रता के बाद डाक टिकटों के माध्यम से विज्ञान और तकनीकी में देश की उपलब्धियों को दर्शाया गया है।


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