विश्व ब्रेल दिवस 4 जनवरी

विश्व ब्रेल दिवस 4 जनवरी

दृष्टिबाधितो को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए शुरू किया गया है यह दिवस

– पहले आधिकारिक ब्रेल दिवस की शुरुआत 2019 से जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार देश भर में निशक्त व्यक्ति की संख्या 2.68 करोड़ है यह देश की कुल जनसंख्या का 2.21% है निशक्त जनों में दृष्टिबाधित श्रवण बाधित वाकबाधित अस्थिबाधित  और मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति शामिल है निशक्त से ऐसा कोई व्यक्ति अभिप्रेत है जो किसी चिकित्सा प्राधिकारी द्वारा यथा प्रमाणित किसी निशक्तता से कम से कम 40% ग्रस्त है दिव्यांगों की कई श्रेणियां हैं उन्हीं में से एक है Hindi international world braille day celebrated on january 4

दृष्टिबाधित दिव्यांगजन श्रेणी 2011 की जनगणना के अनुसार देश में दृष्टिबाधित लोगों की कुल संख्या 50,33431 है इसमें से 2639028 पुरुष और 23 लाख 94403 महिला है दिव्यांगजन अधिनियम 1995 की धारा 2 में दृष्टि हीनता की परिभाषा इस तरह प्रस्तुत की गई है दृष्टिहीनता उस अवस्था के प्रति निर्देश करता है जहां कोई व्यक्ति निम्न दशाओं में से किसी से ग्रसित है अर्थात दृष्टिगोचरता का पूर्ण स्वभाव या सुधारक लेंसों के साथ बेहतर आंख में 6/60 या 20/200 स्नेलन में अनधिक क्षमता या दृष्टि क्षेत्र की सीमा का 20 डिग्री के कोण के कक्षान्तकारी होना या अधिक खराब होना वही कम दृष्टि वाले व्यक्ति की परिभाषा ऐसा कोई व्यक्ति जिसके उपचार या मानक उप वर्धनीय सुधार से शोधन के बावजूद दृष्टि संबंधी कृत्य का ह्रास हो गया है और जो समुचित सहायक युक्ति से किसी कार्य की योजना या निष्पादन के लिए दृष्टि का उपयोग करता है या उपयोग करने में संभावित रूप से समर्थ है ।

-विश्व ब्रेल दिवस दृष्टिबाधित और आंशिक रूप से देखने वाले लोगों के लिए मानव अधिकारों का पूर्ण प्राप्ति में संचार के साधन के रूप में ब्रेल के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है संयुक्त राष्ट्र के तत्वाधान में पहला आधिकारिक विश्व ब्रेल दिवस 4 जनवरी 2019 को मनाया जाएगा । Hindi international world braille day celebrated on january 4

-ब्रेल लिपि क्या है

ब्रेल लिपि दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए संचार का एक साधन है जैसा कि दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों के कन्वर्शन के अनुच्छेद 2 में परिलक्षित होता है यह शिक्षा अभिव्यक्ति और राय की स्वतंत्रता और सूचना और लिखित संचार तक पहुंच के लिए आवश्यक है इससे दृष्टिबाधित व्यक्तियों का सामाजिक समावेश सुनिश्चित किया जा सकता है जैसा कि कन्वर्शन के अनुच्छेद 21 और 24 में परिलक्षित होता है

ब्रेल लिपि प्रत्येक अक्षर और संज्ञा यहां तक कि संगीत गणितीय और वैज्ञानिक प्रतीकों का निरूपण करता है इसमें छह डॉट्स का उपयोग करते हुए अक्षर और संख्यात्मक प्रतीकों का एक स्पर्श पूर्ण निरूपण किया जाता है ब्रेल लिपि का नाम 19वीं शताब्दी के फ्रांस के महान आविष्कारक लुई ब्रेल के नाम पर रखा गया है इस लिपि का उपयोग दृष्टिबाधित और आंशिक रूप से देखने वाले लोगों द्वारा दृश्य फोंट में मुद्रित पुस्तकों और पत्रिकाओं को पढ़ने के लिए किया जाता है ब्रेल का उपयोग पूर्ण या आंशिक रूप से दृष्टिहीन व्यक्तियों से महत्वपूर्ण जानकारी के संचार के लिए किया जाता है जिससे की योग्यता स्वतंत्रता और समानता सुनिश्चित की जा सके ब्रेल पद्धति नेत्रहीनों द्वारा पढ़ने लिखने में इस्तेमाल की जाने वाली विद्या है जिसमें स्पर्श प्रणाली का इस्तेमाल होता है इस अनोखी कला को 1821 में खोजा गया था वर्ष 1825 में इसी विश्व भर में प्रयोग में लाया जाने लगा लुई ब्रेल ने सर्वप्रथम 6 बिंदुओं के उपयोग से 64 अक्षर और चिन्ह वाली लिपि बनाई इस लिपि का उपयोग कर विराम चिन्ह गणित और संगीत मैं नोटेशन भी लिखी जा सकते थे परंपरिक ब्रेल लिपि में प्रत्येक आयताकार स्लेट में बिंदु यानी 6 डॉट्स होते हैं जो थोड़े थोड़े उभरे होते हैं ।

ब्रेल लिपि में बने डॉट्स की ऊंचाई 0.02 इंच होती है ब्रेल लिपि को स्लेट पर या ब्रेल टाइपराइटर पर भी प्रस्तुत किया जा सकता है । Hindi international world braille day celebrated on january 4

आधुनिक ब्रेल लिपि  में 8 डॉट्स के -मेल का प्रयोग किया जाता है जिससे कि अधिक से अधिक शब्दों को पढ़ने की सुविधा उपलब्ध हो सके 8 डॉट्स वाली ब्रेल लिपि को अब 64 की जगह 256 अक्षर संख्या और विराम चिन्ह को पढ़ने के लिए उपयोग में लाया जाता है ।

-हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार दृष्टिबाधित मतदाता के लिए ब्रेल लिपि की फोटो पर्ची दी गई ।



-भारत के संविधान को ब्रेल लिपि में उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है यह पहला मौका है जब संविधान को ब्रेल लिपि में उपलब्ध कराया जा रहा है ब्रेल लिपि में मुद्रित संविधान दिवस के 1 दिन पहले यानी 25 नवंबर 2018 को प्रस्तुत किया गया था ब्रेल लिपि में मुद्रित दृष्टि बाधित लोगों के लिए पांच खंडों में प्रस्तुत किया गया सबीफाउंडेशन और स्वागत थोरात के साथ दृष्टिबाधित हेतु बुद्धिस्ट एसोसिएशन ने संयुक्त रूप से इस योजना का दायित्व लिया है संविधान की आधिकारिक प्रति जिसका ब्रेल से अनुवाद किया गया है उसको डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान से लिखा गया है संविधान में प्रकाशन के साथ ही ब्रेल लिपि में कई अन्य पुस्तकों को भी प्रकाशित किया जाएगा जो दृष्टिबाधित समुदाय से आने वाले यूपीएससी अभ्यार्थियों तथा वकीलों के लिए सहायक होंगी स्वागत थोरात ने भारत का पहला ब्रेल न्यूज़लेटर स्पर्शदनयन शुरू किया था जबकि बुद्धिस्ट एसोसिएशन ने दृष्टि बाधित हेतु बुद्ध वंदना को पहली बार ब्रेल लिपि में प्रकाशित किया था। Hindi international world braille day celebrated on january 4

– भारत सरकार ने लुई के सम्मान में साल 2009 में डाक टिकट और 2010 में ₹2 का सिक्का जारी किया वर्ष 2010 में अंग्रेजी में एटलस फॉर विजुअली इंपेयर्ड का विशेष संस्करण जारी किया गया था ब्रेल एटलस को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन राष्ट्रीय अटलस और थीमैटिक मानचित्र संगठन ने तैयार किया था ब्रेल एटलस में मानचित्र की रेखाओं को उभारा गया है और ऐसे संकेत दिए गए हैं जिनका स्पर्श करके स्थान की जानकारी मिल सकती है लगभग 20 मानचित्र में भारत की भौगोलिक सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक पक्षों के अलावा नदियां महानगर सड़कों रेलवे फसलों आदि की जानकारी दी गई है ।

-ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

फ्रांस की राजधानी पेरिस में 40 किलोमीटर दूर कोपरे नामक गांव में 4 जनवरी 1809 को लुइ ब्रेल का जन्म हुआ था लुइ की मां मोनिक ब्रेल घर का कामकाज संभालती थी और पिता साइमन ब्रेल घोड़ों की जिन बनाने का एक कारखाना चलाते थे 3 साल की छोटी उम्र में पिता साइमन ब्रेल के साथ काम करते हुए उनकी एक आंख की रोशनी चली गई धीरे-धीरे संक्रमण के बाद उनकी दूसरी आंख की रोशनी चली गई और वह पूरी तरह दृष्टिहीन हो गए लुई की शिक्षा के प्रति रुचि को देखते हुए 10 वर्ष की उम्र में उनके पिता ने एक स्थानीय पादरी की मदद से उन्हें पैरिस के रॉयल नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ब्लाइंड चिल्ड्रन में भर्ती करवा दिया पेरिस के इस इंस्टीट्यूट valenteen hau द्वारा बनाई गई लिपि से पढ़ाई होती थी इस इंस्टीट्यूट में पढ़ते हुए मात्र 15 वर्ष की आयु में लुई ब्रेल ने अपनी योग्यता से इतिहास भूगोल और गणित विषय में महारत हासिल कर ली इंस्टीट्यूट में अध्ययन के दौरान हुए फ्रांसीसी सेना के कप्तान चार्ल्स वाईवीयर से मिले और सोनोग्राफी तथा नाईट राइटिंग तकनीक के बारे में जाना यह लिपि कागज पर अक्षरों को उभार कर बनाई जाती थी और इसमें 12 बिंदुओं को 6- 6 की 2 पंक्तियों में रखा जाता था पर इसमें विराम चिन्ह संख्या गणितीय चिन्ह आदि का अभाव था इस तकनीक को आधार बनाकर वर्ष 1821 में उन्होंने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया जिसने नेत्रहीनों की शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति ला दी । Hindi international world braille day celebrated on january 4

-12 डॉट्स वाली लिपि की जगह उन्होंने ब्रेल लिपि में छह डॉट्स का प्रयोग किया जिससे कि यह भाषा नेत्रहीनों के लिए ज्यादा आसान हो सके लुई ने अक्षरों और अंकों के साथ ही सभी चिन्हों को भी लिपि में सहेज कर लोगों के सामने प्रस्तुत किया वर्ष 1852 में टीबी की बीमारी के कारण मात्र 43 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया निधन उपरांत वर्ष 1868 में रॉयल इंस्टीट्यूट फॉर ब्लाइंड यूथ ने इस लिपि को मान्यता दे दी। Hindi international world braille day celebrated on january 4


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