सिकंदर का आक्रमण या  यूनानी आक्रमण परिणाम और प्रभाव

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका Upsc Ias Guru .Com की वेबसाइट पर फिर से पिछले कुछ पोस्टों से हम आपको प्राचीन भारत के नोट्स को टू द प्वाइंट प्रदान कर रहे हैं। पिछले अंक में हमने आपको छठी शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान आर्थिक सामाजिक व धार्मिक स्थितिमगध साम्राज्य के उदय के कारणों के बारे में चर्चा की थी। इस पोस्ट में हम आपको यूनानी आक्रमण के बारे में संक्षिप्त चर्चा करेंगे तो चलिए शुरू करते है

सिकंदर का आक्रमण Alexander’s Invasion या  यूनानी आक्रमण परिणाम और प्रभाव

सिकंदर का जन्म 356 ईस्वी पूर्व में यूनान के मकदूनिया/ मेसिडोनिया प्रांत में हुआ था। वह 336 ईसवी पूर्व में अपने पिता पिलीप की मृत्यु के पश्चात यूनान का शासक बना। सिकंदर के गुरु का नाम अरस्तु था। सिकंदर विश्व विजेता बनने की इच्छा की पूर्ति हेतु विजय अभियान पर निकला। इस क्रम में उसने भारत पर 326 ईसवी पूर्व में आक्रमण किया। इस समय मगध का शासक घनानंद था। भारत में सर्वप्रथम सिकंदर के सम्मुख सिंध व झेलम  नदी के बीच स्थित तक्षशिला के राजा आम्भी ने आत्मसमर्पण कर दिया तथा आगे के विजय अभियान में सिकंदर की सहायता की।

झेलम/ वितस्ता का युद्ध (326 ईसवी पूर्व)

सिकंदर का भारत में सबसे सशक्त विरोध झेलम तथा चिनाब के मध्यवर्ती प्रदेश के शासक पोरस ( पुरू) ने किया। युद्ध में अद्भुत वीरता दिखाने के बावजूद भी पोरस पराजित हुआ। बाद में सिकंदर ने पोरस को उसका राज्य वापस कर दिया। सिकंदर की सेना ने ब्यास नदी से आगे बढ़ने से इनकार कर दिया। 19 महीने भारत में रहने के पश्चात वापस लौटते हुए 323 इसवी पूर्व में बेबीलोन ( ईराक) में सिकंदर की मृत्यु हो गई। Sikandar ka bharat par aakraman or unani aakraman

सिकंदर के आक्रमण का प्रभाव

वास्तव में सिकंदर जितनी तीव्र गति से भारत आया, उतनी ही तीव्र गति से वह लौट गया। अतः सिकंदर के आक्रमण का भारत पर कोई स्थाई प्रभाव नहीं पड़ा, किंतु सिकंदर कुछ प्रभाव अवश्य पड़े, जिन्हें निम्नलिखित बिंदुओं के अंतर्गत  देखा जा सकता है –
1) सिकंदर ने भारत में कुछ महत्वपूर्ण नगरों की स्थापना की, जैसे निकैया ( विजयनगर), बुकेफाल (अपने घोड़े के नाम पर) तथा सिकंदरिया ( सिंध)।
2) सिकंदर के आक्रमण की तिथि 326 ईस्वी पूर्व ने भारत के क्रमागत इतिहास को लिखने में बड़ी सहायता की।
3) भारत में यूनानी संपर्क के परिणाम स्वरूप यूनानी मुद्राओं के अनुकरण पर उलूक शैली के सिक्के भी ढाले जाने लगे।  Sikandar ka bharat par aakraman or unani aakraman
4) सिकंदर के आगमन के साथ ही मध्य एशिया एवं यूरोप जाने वाले नवीन व्यापारिक मार्गों की खोज हुई।
5) सिकंदर के आक्रमण के दौरान उत्तर पश्चिम सीमा प्रांत में स्थित कुछ गणतंत्र जैसे मालवा, शुद्रक, कठ आदि की शक्तियां कमजोर हो गई, जिससे इस क्षेत्र में चंद्रगुप्त मौर्य का अधिकार करने में बड़ी सफलता हासिल हुई।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सिकंदर के भारत आक्रमण के प्रभाव तत्कालिक रूप से नहीं बल्कि दीर्घकालिक रूप में दिखाई दिए। Sikandar ka bharat par aakraman or unani aakraman
अगली पोस्ट में जैन और बौद्ध धर्म के उदय के कारण के नए नोट्स ले कर आएंगे ताकि आपको एक सुनियोजित नोट्स बनाने में सहायता हो और आप अपने सपनो की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सके तो बने रहिये Upsc Ias Guru .Com के साथ 🙂

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