बिहार इंटरमीडिएट दर्शनशास्त्र तैयारी की रणनीति

Bihar intermediate Philosophy Darshanashastr exam tips

बेहतर अंक के लिए अवधारणा की स्पष्टता जरूरी इंटरमीडिएट की परीक्षा छात्रों के लिए अहम होती है । दर्शन शास्त्र का अध्ययन मानव विकास के लिए अति आवश्यक होता है आधुनिक युग में छात्रों के बीच तर्क करने की कला और उन में नैतिक मूल्यों का बीजा रोपण से ही एक स्वस्थ समाज का निर्माण संभव हो सकता है। दर्शनशास्त्र समाज में फैली विषमताओं की व्याख्या से जुड़ा हुआ विज्ञान है कम समय में तैयारी कर दर्शनशास्त्र में अधिकतम अंक पाए जा सकते हैं। इस में बेहतर अंक लाने के लिए इसकी अवधारणाओं की स्पष्टता आवश्यक होती है । तथ्यों का तुलनात्मक और विश्लेषणात्मक अध्ययन प्रस्तुत करना चाहिए साथ ही अवधारणाओं को स्पष्ट करने के लिए यदि सटीक उदाहरण दिए जाए तो ऐसा कोई कारण नहीं है कि आप को सर्वोत्तम अंक ना मिले । Bihar intermediate Philosophy Darshanashastr exam tips

बिहार इंटरमीडिएट दर्शनशास्त्र परीक्षा प्रारूप

प्रश्न पत्र का प्रारूप पिछले वर्ष की तरह ही होगा इसके लिए कुल 100 अंक निर्धारित है दर्शनशास्त्र के पाठ्यक्रम को तीन भागों में बांटा गया है भारतीय दर्शन के लिए 50 अंक पाश्चात्य दर्शन के लिए 40 अंक तथा व्यवहारिक दर्शन के लिए 10 अंक निर्धारित होते हैं। Bihar intermediate Philosophy Darshanashastr exam tips

– दर्शन शास्त्र के प्रश्न पत्र में तीन खंडों से प्रश्न पूछे जाते हैं खण्ड ए में 40 अंक के बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे इसमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 4 विकल्पों में से एक सही उत्तर का चयन करना होगा प्रत्येक प्रश्न के लिए एक अंक निर्धारित है । Bihar intermediate Philosophy Darshanashastr exam tips

-खंड ब में 10 लघु उत्तरीय प्रश्न होंगे जिनमें प्रत्येक के लिए 3 अंक निर्धारित हैं ।

-खंड स में 5 तक उत्तरी प्रश्न होंगे जिनमें प्रत्येक के लिए 6 अंक निर्धारित है। इसका उत्तर विस्तार से देना होता है ।

बिहार इंटरमीडिएट दर्शनशास्त्र परीक्षा महत्वपूर्ण बिंदु लघु उत्तरीय प्रश्न के लिए

इस खंड का उत्तर 100 से 150 शब्दों में लिखना होगा इसमें ज्यादातर प्रश्न भारतीय दर्शन की बौद्ध दर्शन जैन दर्शन सांख्य दर्शन दर्शन वेदांत दर्शन योग दर्शन वेद उपनिषद न्याय से होंगे। पाश्चात्य दर्शन तत्व मीमांसा सत्य ज्ञान देकार्त स्पिनोजा लेबनीतज कांट तत्व विज्ञान दर्शन का स्वरूप ऋतु की अवधारणा पुरुषार्थ अनुमान गीता के स्वधर्म बौद्ध धर्म के आर्य सत्य जैन दर्शन का स्यादवाद अरस्तु का कारण सिद्धांत ज्ञान शास्त्री सिद्धांत रूप में अनुभववाद वस्तुवाद संख्या दर्शन में प्रकृति और पुरुष देकार्त के मन और शरीर संबंधी विचार परम तत्व संबंधी भौतिकवाद की व्याख्या निष्काम कर्म योग व्यावसायिक नीति शास्त्र ईश्वर के अस्तित्व संबंधी प्रमाण आस्तिक दर्शन और नास्तिक दर्शन में भेद शंकर के ब्रह्म संबंधी विचार कांट का समीक्षा वाद स्वार्थ अनुमान और परार्थअनुमान में अंतर का अध्ययन लाभदायक होगा। Bihar intermediate Philosophy Darshanashastr exam tips

-बिहार इंटरमीडिएट दर्शनशास्त्र परीक्षा दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के लिए

इस खंड का उत्तर 200 से 300 शब्दों में लिखना होगा इसमें भारतीय दर्शन पर सत्य दर्शन तथा व्यवहारिक दर्शन से प्रश्न पूछे जाएंगे साथ ही भारतीय दर्शन क्या निराशावादी दर्शन है शंकर के जगत संबंधी विचार अनेकांतवाद संख्या दर्शन का त्रिगुण सिद्धांत स्पिनोज का मन शरीर से सम्बन्धी विचार ज्ञान सिद्धांत वस्तुवाद और प्रत्यय वाद में अंतर जैन के जीव संबंधी विचार की व्याख्या बौद्ध धर्म का अष्टांगिक मार्ग परम तत्व संबंधी सिद्धांत ईश्वर के अस्तित्व संबंधी सत्ता मूल प्रमाण नित्य कर्म और नीति शुन्य कर्म में अंतर शिक्षा का उद्देश्य योग दर्शन में अष्टांगिक मार्ग तथा भारतीय दर्शन में ईश्वर की अवधारणा आदि का विशेष अध्ययन करना लाभदायक होगा।

– बिहार इंटरमीडिएट दर्शनशास्त्र तैयारी की रणनीति

सबसे पहले दर्शनशास्त्र के पाठ्यक्रम से अवगत हो ले इसमें बेहतर अंक पाने के लिए टाइम टेबल बनाकर नियमित रूप से अध्ययन करें पूरे पाठ्यक्रम को गहराई से पढ़ने प्रतिदिन कम से कम 2 घंटे की अवधि दर्शनशास्त्र की तैयारी हेतु अवश्य दें । Bihar intermediate Philosophy Darshanashastr exam tips

-परीक्षा की तैयारी योजनाबद्ध तरीके से करें

टाइम मैनेजमेंट कांसेप्ट एग्जाम से अवगत होने के लिए बिहार इंटरमीडिएट परीक्षा में पूछे गए प्रश्न पत्र को अवश्य करें बिहार बोर्ड से प्रकाशित मॉडल प्रश्न को विशेष रूप से हल कर ले दैनिक जागरण में प्रकाशित आदर्श प्रश्न को हल करने को केवल रटने की कोशिश न करें बल्कि दर्शनशास्त्र की विभिन्न अवधारणाओं को स्पष्ट करें ।

-वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को हल करने के लिए पूरे सिलेबस अध्ययन जरूरी होता है प्रश्नों के उत्तर बार-बार लिखने का अभ्यास करें ।

-पाश्चात्य दर्शन में ज्ञान सत्य कारणता सिद्धांत ईश्वर के अस्तित्व संबंधी सिद्धांत बुद्धि वाद अनुभववाद संवादवाद भौतिकवाद प्रतिवाद तत्व शास्त्रीय सिद्धांत आदि को आत्मसात करें ।

-व्यवहारिक दर्शन में पर्यावरणीय नीति शास्त्र व्यावसायिक नीति शास्त्र आदि को पढ़ ले।

– अपनी बातों को टू द पॉइंट लिखने की कला विकसित करें प्रत्येक इकाई से संबंधित दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों को तैयार करते समय अलग से प्रमुख बिंदुओं को लिखिए।

– मानक पुस्तकें दर्शनशास्त्र की बेहतर तैयारी के लिए डॉक्टर केदारनाथ तिवारी अशोक कुमार वर्मा और डॉक्टर विमल अग्रवाल की पुस्तकों को अपना आधार बनाएं विगत वर्षो में पूछे गए प्रश्न अत्यंत ही उपयोगी है इसे अवश्य तैयार कर ले । Bihar intermediate Philosophy Darshanashastr exam tips

– बिहार इंटरमीडिएट दर्शनशास्त्र परीक्षा क्या करें क्या ना करें

वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के लिए पूरे पाठ्यक्रम को गहराई से पढ़े इन में शत प्रतिशत अंक लाए जा सकते हैं बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को हल करने के लिए मॉडल प्रश्न पत्र को हल कर उसे दोहराते रहे लघु उत्तरीय प्रश्नों के स्वरूप को समझ कर ही उनके उत्तर लिखें परीक्षा के दौरान जिन प्रश्नों का उत्तर आपको ज्ञात हो उन्हें पहले हल कर ले प्रश्न में जो पूछा जा रहा है उसे समझकर मौलिक उत्तर लिखे प्रश्नों के उत्तर स्टेपवाईज लिखने पर बेहतर अंक मिलते हैं ।

-उत्तर तथ्यों पर आधारित हो। Bihar intermediate Philosophy Darshanashastr exam tips

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