हिरोशिमा दिवस 6 अगस्त :संपूर्ण जानकारी

-हिरोशिमा दिवस 6 अगस्त

– युद्ध की विभीषिका का एक ऐसा अध्याय जिसने मानवता को कलंकित किया विश्व युद्ध के इतिहास में 6 अगस्त 1945 का दिन एक शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इसी तिथि को अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा शहर पर बम हमला किया था अमेरिका ने इस दिन हिरोशिमा नगर पर लिटिल बॉय नामक यूरेनियम बम गिराया था इस बम के प्रभाव से 13 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में तबाही मच गई थी हिरोशिमा को 3.5 लाख की आबादी में से एक लाख 40 हजार लोग पलक झपकते ही मारे गए थे यह सब सैनिक नहीं थी इनमें से अधिकांश साधारण नागरिक बच्चे बूढ़े तथा स्त्रियां थी इस 1 दिन के बाद भी हिरोशिमा में अनेक वर्षों तक अनगिनत लोग विकिरण के प्रभाव में मरते रहे अमेरिकन विनाश के 3 दिन बाद ही 9 अगस्त 1945 को फैट मैन नामक प्लूटोनियम बम जापान के शहर नागासाकी पर भी गिराया था जिसमें लगभग 74000 लोग विस्फोट और गर्मी के कारण मारे गए थे इनमें से भी अधिकांश नागरिक ही थे। Hiroshima day in hindi

– परमाणु हमलों के प्रति आगाह करता है हिरोशिमा दिवस

परमाणु बम का निर्माण 1941 में तब शुरू हुआ जब नोबेल विजेता वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट को इस परियोजना के लिए वित्तीय सहायता के लिए राजी कर लिया था उस समय को आइंस्टीन ने भी नहीं सोचा होगा कि उसकी इतनी घातक परिणाम होंगे हिरोशिमा दिवस को विश्व में परमाणु हमले के प्रति आगाह करने वाले दिन के रूप में याद किया जाता है साथ ही साथ परमाणु हथियारों के खतरे और परमाणु ऊर्जा के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी इसे याद किया जाता है 21वीं सदी के वैज्ञानिक विकास ने पूरी मानवता को परमाणु युद्ध की आशंका से भी रखा है क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के साथ-साथ कई ऐसे राष्ट्र हैं जिनके पास हजारों परमाणु हथियार हैं इनमें से लगभग 9000 को परिचालन योग्य माना जाता है और 2000 से ज्यादा उच्च अलर्ट पर हैं जो मिनटों के भीतर उपयोग के लिए तैयार हैं इसी वैज्ञानिक विकास का जीता जागता स्मारक है हिरोशिमा और नागासाकी क्योंकि 6 अगस्त 1945 को सामरिक वैमनस्य ने मानवता को शर्मसार कर दिया था। Hiroshima day in hindi

– एक जीवंत शहर का पलक झपकते नष्ट हो जाना अकल्पनीय था

6 अगस्त 1945 को विनाशकारी हादसे के पहले तक हिरोशिमा जापान की एक औद्योगिक नगर के रूप में जाना जाता था कभी किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक जीवंत शहर यू पलक झपकते नष्ट हो जाएगा सब कुछ अकल्पनीय था विश्वयुद्ध के समय जापानी सेना की पांचवी डिवीजन का यह मुख्यालय था यहां सैनिक छावनी भी थी और यह सैनिक आपूर्ति मार्ग का महत्वपूर्ण पड़ाव था दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 6 अगस्त 1945 से पूर्व इस नगर पर अमेरिका ने बमबारी नहीं की थी ताकि बम से होने वाले नुकसान का सटीक आकलन किया जा सके विश्व में पहली बार 6 अगस्त 1945 को जब इस शहर पर लिटिल बॉय नाम का बम गिराया गया तब जापान सरकार के राशन आपूर्ति के आंकड़ों के अनुसार शहर में कुल आबादी 2,55000 थी लेकिन इस शहर में लगातार सैनिक और सहायक मजदूर आ जा रहे थे गैर आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार नगर की तत्कालीन आबादी 3,81000 के आसपास थी । Hiroshima day in hindi

-द्वितीय विश्व युद्ध के दौर में हिरोशिमा नेस्तनाबूद हुआ था

द्वितीय विश्वयुद्ध का दौर था ईसदी वर्ष 1939 से इस वर्ष 1945 तक 6 साल चले इस विश्व युद्ध में पूरा विश्व 3 हिस्सो में बंटा हुआ था सहयोगी देश ऐक्सिस ब्लॉक और तटस्थ देश विचारधारा संघर्ष इस युद्ध का मुख्य कारण था लाखों लोग इस युद्ध की बलि चढ़ रहे थी लेकिन युद्ध की खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था फिर वह दिन आया जिसमें ना सिर्फ इस युद्ध को रोका अपितु मानव इतिहास को नरसंहार के कटघरे में खड़ा कर दिया वह वर्ष था 1945 और इस वर्ष की अगस्त माह की 6 तारीख को एनोला गे नामक एक अमेरिकी बी-29 बमवर्षक ने लिटिल बॉय नामक बम हिरोशिमा पर बरसाया था अमेरिकी बॉम्बर प्लेन बी-29 ने जमीन से 31000 फीट की ऊंचाई से बम गिराया था जिस जगह पर बम गिराया गया था उसके आसपास की हर जगह जलकर खाक हो गई थी जमीन लगभग 4000 डिग्री सेल्सियस गर्म हो उठी थी उस परमाणु हमले में 1.4 लोग मारे गए थे जो लोग बम हमले से बच गए थे रेडिएशन की चपेट में आने के कारण मर हिरोशिमा को तबाह करने के बाद अमेरिका ने नागासाकी पर फैट मैन नामक प्लूटोनियम बम गिराया जिसमें अनुमान 74 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। Hiroshima day in hindi


– एक दिन सहसा सूरज निकला अरे क्षितिज पर नहीं नगर की चौक धूप बरसी पर अंतरिक्ष से नहीं फटी मिट्टी से छायाएँ मानव जन की दिशाहीन सब और पड़ी वह सूरज नहीं उगा था वह में वह बरसा सहसा बीचो-बीच नगर के काल सूर्य के रथ के पहियों के ज्यो अरे टूट कर बिखर गए हो दसो दिशा में कुछ क्षण का यह उदय अस्त केवल एक प्रज्वलित क्षण की दृश्य सोख लेने वाली एक दुपहरी फिर छायाए  मानव जन की नहीं मिटी लंबी हो हो कर मानव ही सब भाप हो गए छायाए तो अभी लिखी है झुलसे हुए पत्थरों पर उजरी सड़कों की गच पर मानव का रचा हुआ सूरज मानव को भाप बनाकर सोख गया पत्थर पर लिखी हुई यह जली हुई छाया मानव की साखी है । Hiroshima day in hindi

-हिरोशिमा की हादसे के बाद से जापान में परमाणु हथियारों से तौबा की हिरोशिमा दिवस मानवता के इतिहास का एक काला दिन था क्योंकि इस दिन मानवता को कलंकित करने वाला एक ऐसा हादसा हुआ था जिसमें 1 लाख से अधिक आत्माओं का अनुस्मारक बना दिया था इसलिए या दिवस परमाणु हथियारों के खतरे और परमाणु ऊर्जा के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए याद किया जाता है ताकि हम फिर से वह गलती ना करें इस मानवीय संहार और विनाशता को ध्यान में रखते हुए ही हिरोशिमा दिवस मनाया जाता है इस अमानवीय आपदा का परिणाम आज भी इस नगर के लोग भुगत रहे हैं जापान की एक दूसरी नगर नागासाकी पर भी परमाणु बम से हमला किया गया था इसी का परिणाम है कि जापान में परमाणु हथियार कभी ना बनाने की विधि स्थापित की और आज जापान आर्थिक और सामरिक संबंधों का नया अध्याय जोड़ने में लगा है जापान ने इस हादसे से जो सबक सीखा और खुद को परमाणु युद्ध की होड़ से जिस प्रकार अलग किया उसका अनुगमन किया जाना चाहिए। Hiroshima day in hindi

– भयावह थीं हिरोशिमा के विनाश की पटकथा

हिरोशिमा की विनाश की पटकथा बताती है कि उस दिन वहां जो कुछ घटा वह आकस्मिक नहीं था उस विनाश की पटकथा बहुत सोच समझकर विनाश के लिए ही लिखी गई थी कमांडर कर्नल पोल टीबेट्स की कमान में 6 अगस्त 1945 को अमेरिकी सेना के विमान एनोला गे B29 ने दक्षिण प्रशांत के वायु सैनिक अड्डे टीनियन से दो अन्य B29 विमानों के साथ उड़ान भरी विमान का नाम एनोला गे  उसके पायलट पॉल टीवेट्स की मां के नाम पर रखा गया था साथ उड़ान भरने वाले विमान में एक का नाम था ग्रेट आर्टिस्ट बम का प्रभाव नापने वाले यंत्रों उपकरणों से सज्जित इस विमान को मेजर चार्ल्स स्वीनी उड़ा रहे थे दूसरे अनाम विमान बाद में जिसका नाम नेसेसरी ईविल रखा गया मैं दुनिया को बम की संहारक क्षमता और अमेरिकी शक्ति के प्रमाण जुटाने के लिए उच्च क्षमता के कैमरे लगे हुए थे इसके पायलट थे कैप्टन जॉर्ज मेकवार्ड टिनियन से  उड़ान भरने के बाद तीनों विमान ने इवोजिमा होते हुए जापान की हवाई सीमा में प्रवेश किया उस वक्त विमान 8000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहे थे हिरोशिमा के पास पहुंचकर विमान की ऊंचाई  32,300 फीट हो गई उड़ान के दौरान जल सेना के कैप्टन विलियम पार्सन्स ने विमान में लिटिल ब्वॉय को फिट किया और लक्ष्य पर पहुंचाने के 30 मिनट पूर्व उनके सहायक सेकंड लेफ्टिनेंट टेनेट मोरिस जेपसन ने उस बम पर लगे सुरक्षा उपकरणों का को हटाकर  उसे सक्रिय किया  पलक झपकते ही वह हादसा हो गया जो शर्मनाक इतिहास बन गया। Hiroshima day in hindi


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