जल शक्ति अभियान : संचय जल बेहतर कल 

-जल शक्ति अभियान संचय जल बेहतर कल 

जल शक्ति अभियान क्या है?

-आर्थिक विकास की अंधी दौड़ में भारत सहित विश्व के अनेक देश स्वच्छ जल की कमी के संकट से जूझ रहे हैं जून का महीना समाप्त हो गया है और भारत में 2019 के मानसून सत्र में सारे देश में औसतन 33% बरसात कम हुई है देश के 30 मौसम विज्ञानी क्षेत्र लाल संवर्ग सामान्य से काफी कम वर्षा तथा पांच क्षेत्र सामान्य मानसूनी वर्षा वाले संवर्ग में है केवल अंडमान निकोबार दीप समूह अधिशेष वर्षा वाला क्षेत्र है स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से कृषि और उद्योग के विकास तथा जनसंख्या की वृद्धि दर के चलते ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ जल संसाधनों की खोज और दोहन की जो नीति अपनाई गई उसमें किसी भी स्तर पर विशेष तौर पर स्थानीय सूक्ष्म स्तर पर वर्षा जल संग्रहण एक भूमिगत जल स्त्रोतों के पुनर्भरण पर ध्यान नहीं दिया गया किसी भी स्तर पर इस बात का आकलन भी नहीं किया गया कि भूमिगत जल स्रोतों की कमी वाले क्षेत्रों में स्थानीय शासकों ने अपनी प्रजा की पेयजल सिंचाई की समस्या का समाधान स्थानीय स्तर तालाबों का निर्माण करने में खोजा स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्री काल में भाखड़ा नांगल बांध और हीराकुंड बांध जैसी बहुउद्देश्यीय नदी घाटी परियोजनाओं का विकास और उसी क्रम में दक्षिण राज्यों में कालांतर में कृष्णा सागर बांध परियोजना और सरदार सरोवर परियोजनाओं में भी सारा जोर नदियों के जल के उपयोग पर ही अधिक रहा इसी से नदियों के जल बंटवारे को लेकर राज्यों में विवाद उत्पन्न हुए जल संग्रहण की उपेक्षा और जल का उपयोग ना किए जाने का ही दुष्परिणाम है कि आज भारत जल की कमी का सामना कर रहा है पंजाब हरियाणा राजस्थान उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश तमिलनाडु के अनेक विकास खंडों में भूमिगत जल इस स्तर तक नीचे चला गया है कि सामान्य पंपिंग सेट से जल खींचना असंभव सा है । Jal shakti abhiyan

-जल संरक्षण हेतु प्रधानमंत्री की पहल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के प्रारंभ में ही एक बड़ी पहल करते हुए पूर्व के जल संसाधन और पेयजल मंत्रालय तथा स्वच्छता मंत्रालय को एक साथ मिलाकर जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया राजस्थान के नेता राजेंद्र सिंह शेखावत को जल शक्ति मंत्री बनाया गया है प्रधानमंत्री ने नई सरकार के गठन के बाद अपने पहले मन की बात कार्यक्रम में देश में जल की कमी का उल्लेख किया और देशवासियों से स्वच्छता आंदोलन की भांति जल संरक्षण आंदोलन को अपनाने का आग्रह किया इस बारे में प्रधानमंत्री ने नागरिकों से तीन अनुरोध किये।

 -पहला मेरा पहला अनुरोध है कि जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जनांदोलन का रूप दिया आइए वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें देशवासियों से मेरा दूसरा अनुरोध है कि देश में पानी के संरक्षण के लिए कई पारंपरिक तौर-तरीके सदियों से उपयोग में लाए जा रहे हैं आप सभी से जल संरक्षण के तरीकों को साझा करने का आग्रह करता हूं जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों का स्वयंसेवी संस्थाओं का और इस क्षेत्र में काम करने वाले हर किसी का उनकी जो जानकारी आपके पास है उसे आप ई जल शक्ति के साथ साझा करें ताकि उनका डाटा बेस बनाया जा सके प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से अलग-अलग क्षेत्र की हस्तियों को जल संरक्षण के क्षेत्र में नवोन्मेष अभियान चलाने का भी आग्रह किया । Jal shakti abhiyan

-जल शक्ति अभियान

देश में पानी की भारी किल्लत और 2019 में कमजोर मानसून से उत्पन्न परिस्थितियों के बीच पूरे देश में जल शक्ति अभियान का शुभारंभ किया गया केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 1 जुलाई 2019 को इस अभियान का शुभारंभ नई दिल्ली में किया उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य देश के प्रत्येक परिवार को संपोषणीय आधार पर प्राथमिकता के साथ पेयजल उपलब्ध कराना है । Jal shakti abhiyan

जल शक्ति अभियान का लक्ष्य

    • – जल शक्ति अभियान का लक्ष्य जल की कमी वाले क्षेत्रों में जल संचय और जल संरक्षण की पहल पर काम करना है।
    • – कार्यनीति इस अभियान में देश के 256 जिलों के 1592 विकास खंडों को शामिल किया गया है जल शक्ति अभियान के तहत 5 पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
    • – जल संरक्षण और वर्षा जल संचय 
    • -पारंपरिक और अन्य जल स्रोतों का कायाकल्प 
    • -जल का पुनः उपयोग
    • – जलोदसारण क्षेत्रों का निर्माण
  • – वनीकरण

जल की कमी वाले प्रत्येक जिले के हिसाब से उनकी टीम में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से कुल 255 अधिकारी नामित किए गए हैं जिला प्रशासन इन टीमों के लिए 2 सदस्यों को नामित करेगा यह सभी अधिकारी स्थानीय स्तर पर जल संरक्षण के लिए कार्य करेंगे जल संचय के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करना तथा स्थानीय नागरिकों को जल संरक्षण अभियान में भागीदारी हेतु प्रेरित करना है बांध तालाब वनीकरण के माध्यम से जल की कमी वाले क्षेत्रों में भूमिगत जलस्तर में बढ़ोतरी करना है जल भंडार स्थलों विशेषकर पुराने और उपेक्षित तलाब आदि की सफाई जल शक्ति अभियान को सार्वजनिक पहल बनाए जाने हेतु केंद्र सरकार और स्थानीय स्तर के अधिकारियों का एक दल जल की कमी वाले इलाकों में जाएगा तथा स्थानीय समुदाय और विशेष रूप से छात्रों को इस अभियान में शामिल करने के लिए प्रेरित करेगा सबसे पहले कदम के तौर पर जल संसाधनों की सूची बनाना तथा उन क्षेत्रों में भूजल की उपलब्धता का आकलन करना इस अभियान को जुलाई और सितंबर 2019 के बीच 2 चरणों में चला जाएगा मॉनसून सत्र में सरकारी अधिकारियों को कम से कम 3 बार संबंधित क्षेत्र में भ्रमण करना होगा जल शक्ति अभियान दो चरणों में चलाया जाएगा। Jal shakti abhiyan

– पहला चरण 1 जुलाई से 15 सितंबर 2019 सहभागीता करने वाले सभी राज्य ।

-दूसरा चरण 1 अक्टूबर से 30 नवंबर 2019 कमजोर मॉनसून वाले राज्य ।

विकास और जिला स्तर की जल सरंक्षण परीयोजनाओं और कृषि विज्ञान केंद्र मेला जैसे पहल से सिंचाई और बेहतर फसल के लिए जल के उपयुक्त इस्तेमाल में मदद मिलेगी अभियान के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में लक्ष्य के साथ योजनाएं चलाई जाएगी ये योजनाएं उद्योगों और कृषि गत उद्देश्य के लिए बेकार पानी की पुनः उपयोग से संबंधित होगी विकासखंड या शहर में भूजल रिचार्ज के लिए कम से कम एक शहरी जल स्त्रोत के लिए योजनाएं चलाई जाएंगी वैज्ञानिक और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के विशेषज्ञों को भी संबंध टीमों की सहायतार्थ राष्ट्रीय स्तर पर शामिल किया जाएगा जल शक्ति अभियान के साथ-साथ वृहद स्तरीय संपर्कता अभियान भी चलाया जाएगा इसमें विद्यार्थियों कॉलेज जाने वाले युवाओं स्वयं सहायता समूह पंचायती राज संस्थाओं के सदस्य राष्ट्रीय सेवा योजना एनसीसी एनवाईकेएस सैनिकों भूतपूर्व सैनिकों तथा पेंशन आदि की बड़ी सहभागीता होगी। Jal shakti abhiyan


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