UPPSC सिलेबस को बारीकी से समझें 

–  UPPSC सिलेबस को बारीकी से समझें 

-राज्य सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए हाल ही में एक खुशखबरी आई की उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने सम्मिलित राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा की परीक्षा के लिए नई विज्ञप्ति जारी कर दी है इसके लिए आवेदन प्रक्रिया भी जारी है जो कि 13 नवंबर तक चलेगी इस बार इस परीक्षा के लिए आयोग ने कई तरह के बदलाव किए हैं जो कि संपूर्ण परीक्षा परिणाम को जल्द से जल्द जारी करने में मददगार साबित हो सकते हैं आइए नजर डालते हैं यूपीपीसीएस और संपूर्ण पाठ्यक्रम पर सम्मिलित राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा सामान्य चयन विशेष चयन परीक्षा 2019 तथा सहायक वन संरक्षक क्षेत्रीय वन अधिकारी परीक्षा 2019 हेतु प्रतियोगिता परीक्षा में क्रमवार तीन स्तर शामिल है प्रारंभिक शिक्षा वस्तुनिष्ठ और बहुविकल्पीय मुख्य परीक्षा लिखित परीक्षा और मौखिक परीक्षा व्यक्तित्व परीक्षा । uppsc exam pattern syllabus in hindi

-मुख्य परीक्षा पैटर्न

UPPSC अनिवार्य विषय 

    1. -सामान्य हिंदी 150 अंक 
    1. -निबंध 150 
    1. -सामान्य अध्ययन प्रथम प्रश्न पत्र 200 अंक
    1. – सामान्य अध्ययन द्वितीय प्रश्न पत्र 200 अंक 
    1. -सामान्य अध्ययन तृतीय प्रश्नपत्र 200 अंक
  1. – सामान्य अध्ययन चतुर्थ प्रश्न पत्र 200 अंक 

–  UPPSC प्रारंभिक परीक्षा

गौर करने वाली बात यह है कि उत्तर प्रदेश की सम्मिलित राज्य अधीनस्थ सेवा परीक्षा के साथ-साथ सहायक वन संरक्षक क्षेत्रीय वन अधिकारी सेवा की प्रारंभिक परीक्षा का भी आयोजन किया जाएगा इसकी प्रारंभिक परीक्षा में दो अनिवार्य प्रश्न पत्र होंगे क्योंकि इस परीक्षा के उत्तर पत्रको की जांच कंप्यूटर द्वारा की जाती है इसलिए परीक्षा में ओएमआर शीट पर ही उत्तर देने होते हैं यानी गोले भरने होते हैं परीक्षा का प्रत्येक प्रश्न पत्र 200 अंकों का होता है अवधि 2 घंटे की होगी। uppsc exam pattern syllabus in hindi

दोनों प्रश्नपत्र वस्तुनिष्ठ और बहु विकल्प प्रकार के होंगे जिनमें 150 और 100 प्रश्न पूछे जाएंगे इसके लिए आयोग विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर निर्धारित तिथि को एक ही दिन प्रथम प्रश्न पत्र प्रातः 9:30 बजे से 11:30 बजे तक तथा द्वितीय प्रश्न पत्र अपराहन 2:30 बजे से सांय 4:30 बजे तक का आयोजन किया जाएगा क्योंकि आयोग ने इस साल की परीक्षा कैलेंडर को पहले ही जारी कर दिया था इसलिए परीक्षा कैलेंडर के अनुसार यह परीक्षा 15 दिसंबर को सुनिश्चित है प्रारंभिक परीक्षा में यह भी ध्यान देने वाली बात है कि परीक्षा का द्वितीय प्रश्न पत्र अहरकारी यानी क्वालीफाइंग प्रकार का होगा जिस में न्यूनतम 33% अंक प्राप्त किए जाना अनिवार्य होगा अभ्यर्थियों की योग्यता क्रम का निर्धारण उनके प्रारंभिक परीक्षा के प्रथम प्रश्न पत्र में प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाएगा। uppsc exam pattern syllabus in hindi

-मुख्य लिखित परीक्षा
– यूपीपीएससी की मुख्य लिखित परीक्षा में अनिवार्य तथा वैकल्पिक दोनों प्रकार से विषय को शामिल किया गया है इसके अलावा एक अन्य महत्वपूर्ण सुधार के तहत मुख्य परीक्षा से अरबी फारसी सोशल वर्क डिफेंस और कृषि अभियांत्रिकी विषय को हटा दिया गया है पहले मुख्य परीक्षा में 33 विषय होते थे जो अब घटकर 28 रह गए हैं अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा हेतु आयोग द्वारा निर्धारित वैकल्पिक विषयों की सूची में से ही कोई एक विषय चुनना होगा जिसके दो प्रश्नपत्र होंगे यह सूची इस प्रकार है ।

-वैकल्पिक विषय

  1. कृषि
  2. प्राणी विज्ञान
  3. रसायन विज्ञान
  4. भौतिक विज्ञान
  5. गणित
  6. भूगोल
  7. अर्थशास्त्र
  8. समाजशास्त्र
  9. दर्शनशास्त्र
  10. भू विज्ञान
  11. मनोविज्ञान
  12. वनस्पति विज्ञान
  13. विधि
  14. पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान
  15. सांख्यिकी
  16. प्रबंध राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध
  17. इतिहास
  18. विज्ञान
  19. सिविल अभियांत्रिकी
  20. यांत्रिक अभियांत्रिकी
  21. विद्युत अभियांत्रिकी
  22. अंग्रेजी साहित्य
  23. उर्दू साहित्य
  24. हिंदी साहित्य
  25. संस्कृत साहित्य
  26. वाणिज्य और लेखांकन
  27. लोक प्रशासन
  28. चिकित्सा विज्ञान
अनिवार्य विषय जैसे सामान्य हिंदी निबंध तथा सामान्य अध्ययन प्रथम प्रश्न पत्र द्वितीय प्रश्न पत्र तृतीय प्रश्न पत्र और चतुर्थ प्रश्न पत्र परंपरागत प्रकार के होंगे प्रश्न पत्रों के हल करने की अवधि 3 घंटे होगी इसके अतिरिक्त वैकल्पिक विषय का प्रश्न पत्र 200 अंकों का होगा अभियर्थियों से सामान्य हिंदी के अनिवार्य प्रश्न पत्र में न्यूनतम अंक प्राप्त करने की अपेक्षा की जाएगी जो यथास्थिति शासन या आयोग द्वारा अवधारित किए जाएंगे वैकल्पिक विषय के सभी प्रश्न पत्रों में दो खंड होंगे प्रत्येक खंड में से चार चार प्रश्न होंगे अभ्यर्थी को कुल 5 प्रश्नों के उत्तर लिखने होंगे प्रत्येक खंड से कम से कम 2 प्रश्न करना आवश्यक है ।
-इंटरव्यू
इंटरव्यू यानी व्यक्तित्व परीक्षा कुल 100 अंकों की निर्धारित की गई है यह परीक्षा अभ्यर्थियों की सामान्य जागरूकता बुद्ध चरित्र अभिव्यक्ति की क्षमता व्यक्तित्व और सेवा के लिए सामान्य उपयुक्तता को दृष्टि में रखते हुए सामान्य अभिरुचि के विषय से संबंधित होगी इस बार के इंटरव्यू की खास बात यह है कि साक्षात्कार में भी तीन की बजाय 2 गुना अभ्यर्थियों को मौका दिया जाएगा ।
-नए बदलाव
प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम में नया बदलाव आयोग ने परीक्षा प्रक्रिया में बदलाव करते हुए मुख्य परीक्षा के लिए 1 पद के सापेक्ष 13 गुना अभ्यर्थी सफल करने का निर्णय लिया है पहले यह संख्या 18 गुना थी लेकिन अंतिम कटऑफ अंक तक यह कभी-कभी 20 गुना तक हो जाती थी अब इसकी मुख्य परीक्षा के लिए 13 गुना अभ्यर्थी सफल होंगे तो इसका सबसे बड़ा फायदा मुख्य परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन में होगा परीक्षार्थियों की संख्या कम होने से कॉपियों की संख्या घट जाएगी इसलिए मूल्यांकन में कम वक्त लगेगा इसके अलावा आयोग ने पहली बार आर्थिक रूप से कमजोर ईडब्ल्यूएस वर्ग के अभ्यर्थियों को 10% आरक्षण प्रदान किया है जिससे भी परिणाम में कुछ असर होने की संभावना है ।
-मुख्य परीक्षा के पैटर्न में भी हुआ सुधार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा के नए पैटर्न में वैकल्पिक विषयों की संख्या 2 की बजाय एक की गई है उसके दो प्रश्नपत्र होंगे जबकि सामान्य अध्ययन के प्रश्न पत्रों की संख्या 2 से बढ़कर 4 कर दी गई है इसलिए मुख्य परीक्षा सिर्फ 4 दिन में ही समाप्त हो रही है पूर्व में शिक्षा में 18 से 20 दिन लग जाते थे इसकी वजह यह है कि मूल्यांकन जल्द पूरा करने में पहले की अपेक्षा आसानी होगी क्योंकि अब पहले की तुलना में मूल्यांकन के लिए कम विषय विशेषज्ञों की जरूरत होगी इसी तरह एक पद के सापेक्ष तीन की बजाय 2 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में बुलाए जाने के आयोग के निर्णय से इंटरव्यू भी कम वक्त में समाप्त हो जाएगा।
– पिछले दो परिणामों से हो रही थी देरी पीसीएस की पिछली दो भर्तियों की बात करें तो 2016 का परिणाम मुख्य परीक्षा संपन्न होने के दो साल बाद 16 नवंबर 2018 को घोषित किया गया था वहीं 2017 का परिणाम 1 साल 2 माह बाद 7 सितंबर 2019 को घोषित किया था हालांकि इन दोनों ही भर्तियों का परिणाम देरी से आने की एक वजह यह भी रही कि दोनों भर्तियों में प्री में पूछे प्रश्नों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी हाईकोर्ट ने परिणाम संशोधित करने के आदेश दिए थे जिसके खिलाफ आयोग को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करनी पड़ी थी वहां से राहत मिलने के बाद कापियों का मूल्यांकन शुरू किया गया था।

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