विश्व मानवतावादी दिवस 19 August

विश्व मानवतावादी दिवस

विश्व बंधुत्व के लिए वसुधैव कुटुंबकम के आदर्श पर कार्य करते हैं ‘मानवतावादी’ 

हर कोई महान हो सकता है, क्योंकि कोई भी सेवा कर सकता है। सेवा करने के लिए आपके पास कॉलेज की डिग्री के होने की जरूरत नहीं है। आपको सेवा का कोई विषय नहीं चुनना होगा और ना ही क्रिया को सेवा के लिए सहमत होना होगा। आपको बस एक दया से भरे दिल और प्रेम से उत्पन्न एक आत्मा की आवश्यकता है।”

मार्टिन लूथर किंग जूनियर का यह संदेश हम सभी को मानव सेवा करने के लिए प्रेरित करता है। “नर सेवा, नारायण सेवा” अर्थात मानव की सेवा में ही भगवान की सेवा निहित है। सेवा का मूल मंत्र हर धर्म में बताया गया है। वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो आज हमें मानवता की सेवा के अलग अलग मायने देखने को मिलते हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार विश्व भर में फैली अशांति और संघर्ष में लाखों लोग अपने मूल स्थान से विस्थापित हुए हैं, ऐसे लोगों की संख्या 6.5 करोड़ से अधिक है। विस्थापितों में सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होता है, क्योंकि बच्चों को सशस्त्र समूह में भर्ती किया जाता है और उन्हें लड़ाई  में झोंक दिया जाता है। वहीं महिलाओं का उत्पीड़न और अपमान किया जाता है। दुनिया भर में अलग-अलग तरह की मुसीबतों और समस्याओं का सामना करने वालों की मदद करने के लिए कई राहतकर्मी और सहृदयी लोग आते हैं। ये लोग जरूरतमंदों को राहत भी पहुंचाते हैं, इसलिए कुछ विध्वंसकारियो  द्वारा अक्सर इन्हें निशाना बनाया जाता है और धमकियां दी जाती है। world humantrian day 19 august

मानवतावादी कार्यों में जान गवाने वाले की स्मृति में मनाया जाता है दिवस

प्रत्येक वर्ष अगस्त माह की 19 तारीख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व मानवतावादी दिवस मनाया जाता है। यह दिवस उन लोगों की स्मृति में मनाया जाता है, जिन्होंने वैश्विक स्तर पर मानवतावादी संकट में अपनी जान गवा दी या मानवीय  उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अपने प्राणों को दांव पर लगा दिया। इस दिन उन सहायता कर्मियों और लोगों को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिन्होंने बाधाओं के बावजूद जीवन रक्षक कार्य किए और लोगों को सुरक्षा और सेवा प्रदान की।

वर्ष 2020 के बाद यह दिवस और भी खास हो गया है, क्योंकि दुनिया के सामने कोराना जैसी वैश्विक महामारी के रूप में एक विकराल संकट खड़ा है। पूरा विश्व कोविड-19 नामक इस संकट से जूझ रहा है। ऐसे में कई देशों में सहायताकर्मी लोगों की सहायता करने के लिए तमाम बाधाओं को तोड़ते हुए अभूतपूर्व पहुंच बना रहे हैं और समुचित सहायता प्रदान कर रहे हैं। world humantrian day 19 august


विश्व मानवतावादी दिवस बगदाद में हुए बम ब्लास्ट की याद दिलाता है। दरअसल वर्ष 2003 में 19 अगस्त को इराक के बगदाद में भयानक बम हमला हुआ था, इस विस्फोट में इराक में तैनात मुख्य मानवतावादी सर्जियो विएरा डी मेलो
(Sérgio Vieira de Mello) सहित 22 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद वर्ष 2009 में संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने इस तारीख को औपचारिक रूप से मानवतावादी दिवस के तौर पर मानने की मान्यता दी। बगदाद की त्रासदी के बाद अब तक हजारों राहत कर्मियों को निशाना बनाया गया है, जिसमें कई मृत्यु का शिकार हुए, कई घायल हुए तथा कईयों को गिरफ्तार और अपहृत किया गया। संयुक्त राष्ट्र द्वारा कहा गया है कि हम विश्वस्तरीय संघर्षों से प्रभावित होने वाले नागरिकों और उन राहत कर्मियों की सहायता के लिए एकजुट है जो दूसरों की मदद करने के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने को तत्पर रहते हैं। संयुक्त राष्ट्र इस बात पर जोर देता है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत सभी मानवीय  कार्यकर्ताओं को सुरक्षित किया जाना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दिन प्रतिदिन बढ़ते हुए आतंक और हिंसा के वैश्विक खतरो के बीच मानवीय कर्मियों का काम काफी अहम है। सीरिया से लेकर दक्षिण सूडान और मालदीव से लेकर अफ्रीका के भुखमरी वाले इलाकों तक मानवता कर्मियों का कार्य काफी महत्वपूर्ण है। आतंक और हिंसा के संकट के बीच दुनिया भर के लोगों के लिए भोजन, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतों को हासिल करने के लिए लाखों लोग हर दिन जूझते हैं इनकी सहायता के लिए और उसे नया आयाम देने के लिए विश्व मानवतावादी दिवस जैसे आयोजनों का महत्व बढ़ जाता है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानवतावादी मिशन भी चलाया जाता है। यह मिशन दया, सहानुभूति, निष्पक्षता तटस्थता और स्वतंत्रता सहित कई संस्थापक सिद्धांतों पर आधारित होते हैं। मानवतावादी सहायता कर भी आपदा प्रभावित समूह को राष्ट्रीयता सामाजिक समूह, धर्म, लिंग, जाति या किसी अन्य आधार पर भेदभाव के बिना जीवन बचाने में सहायता करने के साथ-साथ उनके दीर्घकालिक पुनर्वास का प्रयास करते है। यह मिशन इस बात का भी संदेश देते हैं कि मानवीय सहायता कर्मियों का सम्मान किया जाना चाहिए। world humantrian day 19 august


संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कार्यों की संयोजन एजेंसी

संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा दिसंबर 1991 में 46/182 संकल्प को अपनाया गया था। जिसे संयुक्त राष्ट्र की जटिल आपात स्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं की प्रतिक्रिया को मजबूत करने के लिए डिजाइन किया गया था, इससे मानवीय कार्यों की समग्र प्रभावशीलता में सुधार हुआ है। इस संकल्प ने आपातकालीन राहत समन्वयक (ERC) उच्च स्तरीय स्थिति बनाई थी। इस संकल्प प्रस्ताव को अपनाने के तुरंत बाद महासचिव ने मानवीय मामलों के विभाग (DHA) की स्थापना की। उन्होंने ERC को मानवीय मामलों के लिए अवर-महासचिव का दर्जा भी दिया। वर्ष 1998 में महासचिव के सुधार कार्यक्रम के एक भाग के रूप में  डी एच ए (D H A) को मानवीय मामलों के समन्वय (OC HA) के कार्यालय में पुनर्गठित किया गया और मानवीय प्रतिक्रिया, नीति विकास तथा मानवीय वकालत के समन्वय को शामिल करने के लिए इसके जनादेश का विस्तार किया गया। वर्तमान में इस एजेंसी के प्रमुख मार्क लोकाक (2021) है।

विश्व मानवतावादी शिखर सम्मेलन में तय हुआ था मानवता के लिए एजेंडा

मई 2016 में इस्तांबुल शहर में विश्व मानवतावादी शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था। यह दिन वैश्विक समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था। इस शिखर सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के 180 सदस्यों के 700 से अधिक स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले 9,000 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। सभी प्रतिभागियों ने एजेंडा फॉर ह्यूमैनिटी के परिवर्तनों का समर्थन किया था। एजेंडा में पांच मुख्य जिम्मेदारियों और 24 परिवर्तन शामिल थे, इसकी विस्तार से जानकारी के लिए आप वेबसाइट agendaforhumanity.org पर विजिट कर सकते है।

इस सम्मेलन में बताया गया था कि दुनिया एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। दुनिया भर में लगभग 132 मिलियन लोगों को मानवीय सहायता और सुरक्षा की तत्काल आवश्यकता है, ये संख्या द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की उच्चतम संख्या थी। यही कारण है कि पूर्व महासचिव Ban Ki-moon (बान की मून) ने मानवता के लिए एक नया एजेंडा सामने रखा, वैश्विक नेताओं से मानवता के लिए खड़े होने और मानवीय पीड़ा को कम करने का आवाहन किया।

इस दिवस से जुड़े संयुक्त राष्ट्र के कुछ प्रमुख तथ्य 

वर्ष 2019 में 483 राहत कर्मियों पर हमला हुआ। इनमे से  125 की मौत हो गई, 234 जख्मी हुए और 277 अलग अलग घटनाओं में 124 लोगों का अपहरण हो गया। 

सीरिया में सबसे ज्यादा हमले हुए, इसके बाद इस सूची में दक्षिण सूडान, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, अफगानिस्तान, सेंट्रल अफ्रीकन, रिपब्लिक, यमन और माली जैसे देश शामिल है। 

WHO ने स्वास्थ्य कर्मचारियों और सुविधाओं के खिलाफ 1,009 हमलों की सूचना दी। 

दुनिया भर में हुए सभी हमलों का 90% हमला राष्ट्रीय कर्मचारियों पर हुआ। 

वर्ष 2019 में भी मानवीय सहायता विश्व स्तर पर दी गई। खसरे से लड़ने और बचाव के लिए वैश्विक स्तर पर 28.9 मिलियन बच्चों को इस का टीका लगाया गया। 

वैश्विक स्तर पर 6.9 मिलियन बच्चे (6-59 महीने के बच्चे), गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में कुपोषण के शिकार बच्चों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया।

32.2 मिलियन लोगों को पीने, खाना पकाने और व्यक्तिगत स्वच्छता के लिए सुरक्षित पानी तक पहुंच प्रदान की गई। 

दुनिया भर में 92.6 मिलियन बच्चों और देखभाल करने वालों को मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक सहायता जैसी सुविधा प्रदान की गई।

42.0 मिलियन पशुधन का टीकाकरण और उपचार अभियानों के द्वारा किया गया।

संयुक्त राष्ट्र की आपदा राहत एजेंसी के प्रमुख ने कहा है कि वर्ष 2020 में दुनिया भर में लगभग 16 करोड़ 80 लाख लोगों को मदद की जरूरत होगी और यह लोग 50 से भी अधिक देशों में मौजूद होंगे।

यूनिसेफ की पहली सद्भावना दूत डैनी काये के नाम पर दिया जाता है मानवतावादी पुरस्कार।

प्रसिद्ध अमेरिकी मनोरंजक अभिनेता मानवतावादी और दुनिया भर के बच्चों के लिए यूनिसेफ के पहले सद्भावना दूत डैनी काये  के नाम पर यूनिसेफ द्वारा मानवतावादी पुरस्कार प्रदान किया जाता है। डेनी काए का जन्म 18 जनवरी 1913 को न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में हुआ था (उनके जन्म का वास्तविक वर्ष 1911 था, लेकिन उनका जन्मदिन 1913 को मनाया गया था)।

1954 में वह यूनिसेफ के पहले सद्भावना राजदूत बने। काये चैरिटी का समर्थन करने के लिए मशहूर हस्तियों के लिए एक रोल मॉडल थे। उन्हें अपने मालवीय कार्यों के लिए दो मानद आस्कर मिले थे। डैनी काये को वर्ष 1974 में लायंस क्लब से मानवतावादी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 3 मार्च 1987 को उनका निधन हो गया। world humantrian day 19 august

बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा को यूनिसेफ की ओर से डैनी काये मानवतावादी पुरस्कार वर्ष 2019 में सम्मानित किया गया है। प्रियंका चोपड़ा पिछले कई वर्षों से सद्भावना राजदूत के रूप में यूनिसेफ से जुड़ी हुई है। पुरस्कार ग्रहण करने के बाद प्रियंका ने कहा था कि “समाजसेवा अब कोई विकल्प नहीं रह गया है, समाज सेवा जीवन का एक माध्यम बन गया है।”

मानवता की परिभाषा 

मानवतावाद को अंग्रेजी में Humanism कहते हैं, यह मूल रूप हमोनिटीज शब्द से निकला है, जिसका अर्थ मनुष्य को संस्कारित करने से है। मानवतावाद शब्द मानव को परिष्कृत करता है।विभिन्न विधियों द्वारा मनुष्य की उत्पत्ति प्राकृतिक परिवेश में उसके विकास ब्रह्मांड के साथ उसके संबंध उसके व्यक्तित्व स्वभाव तथा आचरण का निष्पक्ष एवं वस्तुपरक वैज्ञानिक अध्ययन संकाय के अंतर्गत किया जाता है, उसे मानवतावाद कहते हैं।

मानवतावाद के तीन भाग व रुप बताए जाते है भौतिक मानवतावाद, आध्यात्मिक मानवतावाद, और एकात्म मानवतावाद। 

मानवता वाद वह दार्शनिक विचारधारा है जिसमें मानव तथा उसकी समस्याओं के विवेचन को प्रमुखता प्रदान की जाती है। 

ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार मानवतावाद ईश्वर से संबंधित होकर मनुष्य के हितों से संबंधित है। 

 मानवेंद्र नाथ राय, (एम एन राय) के अनुसार मानवतावाद की परिभाषा “नवीन मानवतावाद व्यक्ति को संप्रभुता की घोषणा करता है। इस मान्यता को लेकर चलता है कि एक ऐसे समाज का निर्माण करना संभव है जो तर्क पर आधारित हो तथा नैतिक हो, मनुष्य प्रकृति से ही तर्कशील विवेकी एवं नैतिक प्राणी है नवीन मानवतावाद विश्वव्यापी है।world humantrian day 19 august

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