संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद

-दुनिया का सबसे अधिक सार्वभौम दस्तावेज है संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार घोषणा

– कुछ दिनों पहले ही मदुरै की 21 वर्षीय प्रेमलता ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सामाजिक मंच में भारत का प्रतिनिधित्व किया संयुक्त राष्ट्र का सोशल फोरम एक सालाना बैठक है इसमें संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा चयनित किसी विषय पर खुली चर्चा की जाती है संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से जुड़े प्रश्न विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं इसी को ध्यान में रखते हुए  इस अंक में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रकाशित की जा रही है जो निश्चित तौर पर आपके लिए उपयोगी साबित होगी । know about un human rights council

-मानव अधिकार क्या है ?

सभी मानव जन्म से स्वतंत्र और गरिमा और अधिकारों में बराबर है अनुच्छेद एक मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा ।

– परिभाषा

मानव अधिकार वास्तव में हमारे लिए इंसान के नाते जीने के लिए आवश्यक अधिकार हैं यह नस्ल रंग लिंग भाषा धर्म राजनीतिक अथवा अन्य विचारधारा राष्ट्रीय अथवा समाजिक मूल संपत्ति जन्म अथवा किसी अन्य हैसियत कि भेदभाव के बिना मानव मात्र के जन्मजात अधिकार है मानव अधिकारों की बिना हम ना तो पूरी तरह विकसित हो सकते हैं और ना ही अपने मानवीय गुणों अपनी बुद्धिमता प्रतिभा और रचनात्मकता का उपयोग कर सकते हैं सभी मानव अधिकार अविभाज्य परस्पर जुड़े हुए और परस्पर निर्भर हैं चाहे वह जीने का अधिकार कानून के समक्ष बराबरी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे नागरिक और राजनीतिक अधिकार काम करने सामाजिक सुरक्षा और शिक्षा पाने जैसे आर्थिक सामाजिक सांस्कृतिक अधिकार हो या विकास और आत्म निर्णय के अधिकार जैसे सामूहिक अधिकार मानव अधिकारों के बिना देश अपनी क्षमता का पूर्ण विकास नहीं कर सकता और इसलिए जीवन की बेहतर स्तर तक नहीं पहुंच सकते । know about un human rights council

-मानव अधिकार कानून

संयुक्त राष्ट्र 80 से अधिक मानव अधिकार सन्धियों और महिलाओं बच्चों दिव्यांगों अल्पसंख्यकों मूल निवासियों तथा समूह के अधिकारों के लिए घोषणाओं के पीछे की प्रेरणा शक्ति रहा है इन समझौतों ने मिलकर दुनिया भर में एक मानव अधिकार संस्कृति पैदा करने में मदद की है जो दुर्व्यवहार रोकने और विशेषकर हममें से कम ताक़तवर लोगों के लिए अधिक न्यायोचित व्यवस्था स्थापित करने में ताकतवर हथियार साबित हुई है अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार कानून में ऐसे तत्व तय किए गए हैं जिनके सम्मान करने के लिए देश बाध्य है अंतरराष्ट्रीय संधियों के पक्षकार बनकर देश मानव अधिकारों के उपभोग में हस्तक्षेप से बाज आने और व्यक्तियों तथा समूह को दुर्व्यवहार से बचाने की सहमति देते हैं संधियों का अनुसमर्थन करके सरकारें उन्हें निर्धारित शर्तों के अनुरूप राष्ट्रीय उपाय और कानून अपनाने का संकल्प लेती है इसलिए किसी भी देश की घरेलू कानून प्रणाली अंतरराष्ट्रीय कानून के अंतर्गत गारंटी शुदा मानव अधिकारों को सिद्धांत कानून संरक्षण प्रदान करती है जब देश के भीतर कानूनी कार्यवाही से मानवाधिकारों के उल्लंघन की समस्या दूर नहीं होती तो क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यक्तिगत या सामूहिक शिकायतें के लिए तंत्र उपलब्ध है गोपनीय संदेश प्रक्रिया के तहत मानव अधिकारों के विषय और सोचे समझे उल्लंघन के आरोप स्थिति में संयुक्त राष्ट्र को भेजे जा सकते हैं जब समाधान के घरेलू उपाय अपना लिए गए हो और अपने देश के भीतर न्याय पाने की कोई संभावना ना बची हो। know about un human rights council

-संयुक्त राष्ट्र में मानव अधिकारों के लिए जिम्मेदार कौन ?

संयुक्त राष्ट्र की प्रत्येक संस्था और एजेंसी किसी न किसी हद तक मानव अधिकारों के संरक्षण में शामिल है मानव अधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए जिम्मेदार संयुक्त राष्ट्र की मुख्य संस्था मानव अधिकार परिषद है ।

-मानव अधिकार परिषद

मानव अधिकार परिषद की स्थापना जून 2006 में की गई इस ने 1946 से काम कर रहे मानव अधिकार आयोग की जगह ली।

– दायित्व

मानव अधिकार परिषद मानव अधिकारों के बारे में संवाद और सहयोग के लिए संयुक्त राष्ट्र का मुख्य मंच है इसे दूर व्यवहार असमानता और भेदभाव रोकने सबसे लाचार लोगों और समूह को संरक्षण देने तथा दुनिया भर में ऐसा करने वालों को सबके सामने लाने का अधिकार है।

– मानवाधिकार परिषद और महासभा

महासभा की अनुषंगी संस्था के रूप में मानव अधिकार परिषद सभी देशों में मानव अधिकारों की स्थिति की निगरानी करती है और संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों के समक्ष सीधे जवाब देती है किंतु उसका प्रशासन संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त के हाथ में है मानव अधिकार परिषद को महासभा से सिफारिश करनी होती है कि वह मानव अधिकारों के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून और विकसित करें और प्रत्येक देश द्वारा अपनी मानव अधिकार दायित्व और संकल्प समीक्षा करें परिषद को महासभा से यह सिफारिश करने का अधिकार है कि जो सदस्य देश लगातार मानव अधिकारों का घनघोर और सोच समझकर उल्लंघन करते रहे हैं उनके अधिकार और विशेष सुविधाएं निलंबित कर दी जाए निलंबन की इस प्रक्रिया के लिए महासभा के दो तिहाई बहुमत का समर्थन आवश्यक है  ।

-संरचना और बैठके

मानव अधिकार परिषद की बैठक हर वर्ष जिनेवा में 10 सप्ताह के लिए होती है इसमें संयुक्त राष्ट्र के 47 निर्वाचित सदस्य देश हैं जिनमें से प्रत्येक शुरू में 3 वर्ष के लिए चुना जाता है और लगातार दो कार्यकाल से अधिक नहीं चुना जा सकता । know about un human rights council

-मानवाधिकार उच्चायुक्त

मानवाधिकार उच्चायुक्त मानव अधिकारों के लिए जिम्मेदार संयुक्त राष्ट्र के प्रधान अधिकारी हैं वे सीधे महासचिव के अंतर्गत काम करते हैं मानव अधिकार उच्चायुक्त कार्यालय वैश्विक मानव अधिकार प्रयास का नेतृत्व करता है और मानव अधिकारों की सार्वभौम आदर्शों के प्रति विश्व के संकल्प का प्रतिनिधित्व करता है वह दुनियाभर में उल्लंघन की निंदा करता है मानव अधिकार की चुनौतियों की पहचान उन्हें उजागर करने और उन पर कार्यवाही के लिए मंच प्रदान करता है और संयुक्त राष्ट्र तंत्र के भीतर मानव अधिकार शोध शिक्षा सूचना और हिमायत का मुख्य केंद्र बिंदु है मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय सरकार समाज और संयुक्त राष्ट्र की अन्य संस्थाओं और संगठनों को जमीनी स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार मानक अपनाने में मदद देने के लिए अक्सर न्याय व्यवस्था कानून सुझाव और चुनाव प्रक्रिया में विशेषज्ञता और तकनीकी प्रशिक्षण जैसी सहायता प्रदान करता है यह कार्यालय मानव अधिकार परिषद और मूल मानव अधिकार संधियों के क्रियान्वयन की निगरानी समितियों को भी सहायता देता है यह समितियां सरकार से आग्रह कर सकती है कि वे मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप का जवाब दे।

– विशेष रेपोटीयर और कार्य दल

मानव अधिकारों के बारे में विशेष रेपोटियर और कार्य दल उल्लंघन की जांच करते हैं और अलग-अलग मामलों तथा आपात स्थिति में हस्तक्षेप करते हैं उन्हें विशेष प्रक्रिया कहा जाता है संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार विशेषज्ञ स्वतंत्र रूप से काम करते हैं वह अधिकतम 6 वर्ष के लिए अपने पद पर रह सकते हैं और उन्हें इस काम के लिए कोई भुगतान नहीं किया जाता है समय के साथ-साथ ऐसे विशेषज्ञों की संख्या निरंतर बढ़ी है 2017 में विषय संबंधी 44 और देश संबंधी 12 विशेषज्ञ थे इसलिए विशेष रेपोटियर और कार्य दलों को या तो किसी देश अथवा किसी क्षेत्र विशेष या किसी विषय के बारे में रिपोर्ट करने की जिम्मेदारी दी जाती है । know about un human rights council

-कैसे बनता है अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार बिल ?

संयुक्त राष्ट्र ने अनेक अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संधियों और समझौतों का अनुमोदन किया है इनमें सबसे महत्वपूर्ण 2 अंतर्राष्ट्रीय कोवनेट है एक आर्थिक सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों से संबंध तो दूसरा नागरिक और राजनीतिक अधिकारों से संबंध है सार्वभौमिक घोषणा 2 कोवनेट और उनके वैकल्पिक प्रोटोकॉल को मिलाकर अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार बिल बनता है ।

-सभी को दिए गए हैं निम्न अधिकार

जीवन स्वतंत्रता और सुरक्षा का अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गुलामी से मुक्ति का निष्पक्ष सुनवाई का कानून के समक्ष बराबरी सरंक्षण का  मनमानी गिरफ्तारी और नजरबंदी और निर्वासन से स्वतंत्रता का आवाजाही की स्वतंत्रता का निजी जीवन के संरक्षण का एक राष्ट्रीयता का स्वतंत्र रूप से विवाह और परिवार शुरू करने का सोच चेतना और धर्म की स्वतंत्रता का राय की स्वतंत्रता का संघ बनाने की स्वतंत्रता का सामाजिक सुरक्षा का काम का समान काम के लिए समान वेतन आराम और आमोद प्रमोद स्वास्थ्य और खुशहाली की गारंटी के लिए रहन-सहन के समुचित स्तर का शिक्षा का समुदाय के सांस्कृतिक जीवन में भागीदारी करने का अपने बौद्धिक संपदा के संरक्षण का। know about un human rights council

-सबके लिए विकास का अधिकार

– विकास का अधिकार मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों के मूल में स्थित है 1986 की विकास का अधिकार घोषणा इसी पर केंद्रित है इसके अलावा 1992 की रियो पर्यावरण और विकास घोषणा 2000 की सहस्त्रबदी घोषणा और 2030 एजेंडा सहित अनेक अन्य दस्तावेज में भी इस अधिकार को उजागर किया गया है विकास लक्ष्यों का विकास के अधिकार के साथ सहोदर संबंध है विकास एक मानव अधिकार है अमीरी और गरीबी की चौड़ी खाई आहार की कमी जलवायु परिवर्तन आर्थिक संकट सशस्त्र संघर्ष बढ़ती बेरोजगारी जनाक्रोश संपन्न वर्गों का भ्रष्टाचार और अन्य अनेक भीषण चुनौतियां दुनिया के सामने हैं इनसे असरदार ढंग से निपटने के लिए सयुक्त राष्ट्र ने विकास का अधिकार घोषणा का अनुमोदन किया है घोषणा में कहा गया है कि हर व्यक्ति को आर्थिक सामाजिक सांस्कृतिक और राजनीतिक विकास में भागीदारी और योगदान करने और उसका उपभोग करने का अधिकार है जिसमें सभी मानव अधिकार और बुनियादी स्वतंत्रताए पूरी तरह साकार हो सकती है।

– मानव अधिकारों की विशेषताएं

– सार्वभौम सभी सीमाओं और सभ्यताओं में सभी व्यक्तियों के लिए इनका सम्मान किया जाना चाहिए।

– अहरणीय उन्हें विशेष परिस्थितियों को छोड़कर छीना नहीं जाना चाहिए और उन परिस्थितियों में भी उचित प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए ऐसे यदि कोई व्यक्ति निष्पक्ष सुनवाई के बाद किसी अपराध का दोषी पाया जाए।

– परस्पर निर्भर और अविभाज्य एक अधिकार में सुधार से दूसरे को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है इसी तरह एक अधिकार से बाकी अधिकारों पर विपरीत असर पड़ता है।

– बराबर और भेदभाव मुक्त सभी व्यक्तियों के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए चाहे उनकी रंग लिंग भाषा धर्म राय मूल्य हैसियत कुछ भी हो।

– अधिकार और दायित्व दोनों अंतरराष्ट्रीय कानून के अंतर्गत राष्ट्रीय दायित्व है कि यह मानव अधिकारों का संरक्षण और पूर्ति करेंगे व्यक्तिगत स्तर पर हम अपने मानव अधिकार पाने के हकदार हैं पर हमें दूसरों के मानव अधिकारों का भी सम्मान करना चाहिए । know about un human rights council

-मानव अधिकारों से जुड़े संक्षिप्त तथ्य

मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दस्तावेज है जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर 1948 को पेरिस में अपनाया गया था हर साल 10 दिसंबर को यूडीएचआर की सालगिरह के रूप में मनाया जाता है मानवाधिकार दिवस संयुक्त राष्ट्र चार्टर 24 अक्टूबर 1945 को लागू हुआ और मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा का अनुमोदन 1948 में हुआ दोनों में सभी पुरुषों और महिलाओं तथा बड़े और छोटे सभी देशों के लिए बराबर अधिकार की घोषणा की गई।

– बाल अधिकार समझौता 1989 में लागू हुआ जो दुनिया में हर जगह लड़कियों और लड़कों के अधिकारों का संरक्षण और संवर्धन करता है संयुक्त राष्ट्र ने नागरिक सांस्कृतिक आर्थिक राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य व्यापक अधिकार निर्धारित किए हैं उसमें अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण तथा इन दायित्वों के निर्वहन के लिए देशों को सहायता देने के तंत्र भी स्थापित किए हैं संयुक्त राष्ट्र के कानूनी समझौतों में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के सशस्त्र संघर्ष में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध और बच्चों की तस्करी का निषेध है ।

-विश्व में सबसे अधिक अनुवादित दस्तावेज मानव अधिकार उच्चायुक्त कार्यालय को मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा को 380 भाषाओं और बोलियों में संकलित अनुवादित और प्रसारित करने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड सम्मान मिला है मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा दुनिया में सबसे अधिक अनुवादित वास्तव में सबसे अधिक सार्वभौम दस्तावेज है  सभी अनुवाद www.ohchr.org पर उपलब्ध है । know about un human rights council

-अन्य अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संधि समझौते विवाह के लिए सहमति विवाह के लिए न्यूनतम आयु और विवाह के पंजीकरण संबंधी समझौता 1962 सभी प्रकार के नस्लीय भेदभाव के उन्मूलन संबंधी अंतरराष्ट्रीय समझौता 1965 महिलाओं के प्रति सभी प्रकार का भेदभाव उन्मुलन 1979 यातना और अमानवीय अथवा अपमानजनक व्यवहार या दंड निषेध समझौता 1984 बाल अधिकार समझौता 1989 सभी प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों के अधिकारों के संरक्षण संबंधी अंतरराष्ट्रीय समझौता 1990 संयुक्त राष्ट्र वृद्धजन सिद्धांत 1991 एचआईवी एड्स के बारे में संकल्प की घोषणा 2001 सभी व्यक्तियों को जबरन गुमशुदगी से संरक्षण संबंधित अंतरराष्ट्रीय समझौता 2006 दिव्यांगजन अधिकार समझौता 2006 इन समझौतों की कानूनी हैसियत अलग अलग है एक तरफ घोषणाओं सिद्धांतों दिशानिर्देशों मानक नियम और सिफारिशों में कोई बाध्यकारी कानूनी शक्ति नहीं है हालांकि इनमें नकारी ना जा सकने वाली नैतिक शक्ति है और वे सरकारों का व्यवहारिक मार्गदर्शन करते हैं दूसरी तरफ कोंबनेट विधान प्रोटोकॉल और समझौते उन देशों के लिए कार्य है जो इनका समर्थन करते हैं या इनमें शामिल होते हैं। know about un human rights council


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